महाराष्ट्र के एक रिटायर्ड जज के कांग्रेस में शामिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जजों के उस पैनल से हटा दिया जिसे महाराष्ट्र सरकार और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के बीच के विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई थी.
प्रदेश सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अभय एम थिप्से के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है.
थिप्से को महाराष्ट्र सरकार और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के बीच राजकोषीय विवाद की मध्यस्थता करने के लिए मनोनीत किया गया था लेकिन बीते जून को देश में ‘बढ़ते फासीवाद और असहिष्णुता’ से लड़ने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. यहां तक की थिप्से के स्वागत में राहुल गांधी ने एक फॉर्मल पार्टी का आयोजन भी करवाया था.
अब जब इस बात की खबर जजों के बेंच को लगी तो उन्होंने स्टेट कॉउंसल से कई सवाल जवाब किए और उस लेटर की मांग की जिसमें थिप्से के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात लिखी हो. जजों को वो लेटर हैंडओवर की गई जिसमें लिखा था कि जस्टिस अभय एम थिप्से ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है. ऐसे में उनकी जगह हम पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस एस.जे.वसीफदार को बेंच में शामिल कर रहे हैं. लेटर मिलने के बाद जजों ने मुस्कुराते हुए इसे बहुत विरले ही होने वाली घटना करार दिया.