Friday, December 27


  • पंजाब-हरियाणा में फैले हैं दर्जनों फर्जी वैल्यूअर्स

  • उत्तरी भारत के वेल्यूअर्स ने केंद्र सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल


चंडीगढ़, 15 जुलाई। देशभर में आए दिन हो रहे बैंक घोटालों के लिए कथित तौर पर फर्जी वैल्यूअर्स जिम्मेदार हैं जो अज्ञानता के चलते चल-अचल संपत्ति की वैल्यू तय करके इस तरह के घोटालों को कारण बन रहे हैं। इन फर्जी वैल्यूअर्स के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। 
यह दावा पैन-इंडिया वैल्यूअर्स फैडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव कपिल अरोड़ा ने आज यहां देशभर के करीब एक दर्जन राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। रविवार को यहां आयोजित वैल्यूअर्स की बैठक में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, गुजरात समेत कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कपिल अरोड़ा व रमनदीप सिंह ने केंद्र सरकार के कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कंपनी रूल्स पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि हजारों प्रतिनिधियों द्वारा भेजी गई आपत्तियों पर विचार-विमर्श के बगैर ही नियमों को जारी कर दिया गया। केंद्र सरकार के यही नियम देश में बैंकिंग और वित्तीय भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में जहां 500, हरियाणा में 850, दिल्ली में 1500, उत्तराखंड में 150 तथा हिमाचल में करीब 60 वैल्यूअर्स सरकारी मान्यता प्राप्त हैं वहीं इन राज्यों में वास्तविक संख्या के मुकाबले 15 फीसदी फर्जी वैल्यूअर्स पैदा भी सक्रिय हो गए हैं। जिनके पास अनुभव नहीं होने के कारण वह चल-अचल संपत्ति की गलत वैल्यू बताकर बैंक घोटालों के लिए बड़ा कारण बन रहे हैं। एनबीसी के नियमों का उलंघन करके कार्य करने वाले इन वैल्यूअर्स के कारण ही बैंकों में एनपीए बढ़ रहा है। क्योंकि एनपीए के बाद ऐसी संपत्तियां फर्जी व अवांछित पाई जाती हैं।
पैन-इंडिया वैल्यूअर्स फैडरेशन की पंजाब इकाई के महासचिव मोहित जैन तथा हरियाणा के इंजीनियर सुनील पुरी ने बताया कि इस समय पंजाब व हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में बैंकों द्वारा फर्जी डिग्री वाले वैल्यूअर्स को इंपैनल किया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से तकनीकी कार्य है जिसे सरकारी पंजीकृत वैल्यूअर सिर्फ ग्रैजुएट इंजीनियर, आर्किटैक्ट और टाऊन प्लान अपने दस के प्रैक्टिकल अनुभव के साथ ही कर सकते हैं। दूसरी तरफ सरकार के नए नियमों के बाद महज 50 घंटे के प्रशिक्षण व महज एक निजी संस्था द्वारा आयोजित परीक्षा देने वाले लोग वैल्यूअर बन रहे हैं। जिस कारण इस क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है। चंडीगढ़ के कर्नल श्रीराम बख्शी व एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलवंत सिंह राय ने कहा कि सरकार ने बगैर सुझाव लिए ही नया कानून पास कर दिया है। केंद्र सरकार को इस नियम में संशोधन करके आम जनता के साथ हो रही लूट को खत्म करना चाहिए। इस अवसर पर पैन-इंडिया वैल्यूअर्स की राजस्थान इकाई के दीपक सूद, बिहार के इंजीनियर संजीव कुमार, दिल्ली एनसीआर के प्रतिनिधि एच पी मित्तल, उत्तराखंड के प्रतिनिधि सौरभ सुमन समेत कई प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नय नियम के विरूद्ध अपनी आवाज उठाई।