हरियाणा के दो भाजपा सांसदों द्वारा नई पार्टी रजिस्टर कराने और भाजपा सांसदों के भाजपा के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ने के मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला का मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 80 प्रतिशत लोग नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अगला चुनाव भाजपा से लड़ना ही नहीं चाहते।
एक प्रश्न पर कि हरियाणा के एक सांसद ने कहा है कि हरियाणा में बीजेपी के दो सांसद अलग एक नई पार्टी रजिस्टर करवा रहे हैं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ये बात कोई नया रहस्य उद्घाटन नहीं है। राजकुमार सैनी जी जो भाजपा के सांसद हैं वो ये भी कह चुके हैं कि पूरे देश में 80 प्रतिशत से अधिक भाजपा के सांसद और विधायकगण मोदी जी के नेतृत्व में चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते। उसके बावजूद भी भाजपा ने उनको अपनी पार्टी में रखा है,इसका मतलब ये है कि वो सच ही बोल रहे होंगे। अगर झूठ बोल रहे होते तो पार्टी से निकाल दिए जाते।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि मैं फिर दोहराता हूं राज कुमार सैनी जी ने ये बयान दिया था,आपके चैनल ने चलाया भी था कि 80 प्रतिशत लोग नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अगला चुनाव भाजपा से लड़ना ही नहीं चाहते, अब मुझे नहीं पता सच क्या है,झूठ क्या है, उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है। इसलिए उन्होंने अगला कदम बढ़ाते हुए ये भी कहा कि उन्होंने कानों के हाथ लगा लिए हैं, नरेन्द्र पार्टी जी जिस पार्टी के मुखिया होंगे, चेहरे होंगे, वो उस पार्टी से कभी चुनाव नहीं लडेंगे और अपनी अलग पार्टी बनाएंगे, मोदी के खिलाफ। परंतु वो आज भी भाजपा के सांसद हैं। शायद मोदी जी की और शाह जी की छटपटाहट हम समझ सकते हैं,पहले ही वो 272 के आंकडे से गिर चुके हैं। तो इसलिए जो सच्चाई का आईना भी भाजपा का सांसद उन्हें दिखाता है, तो उन्हें लगता है कि नो-कॉन्फिडेंस मोशन आए तो कहीं अलायंस पार्टनर भाग जाए तो माईन्योरिटी गवर्मेंट में सरकार ही ना चली जाएगी, वाजपेयी जी के बराबर का टेन्योर ही पूरा ना हो। शायद इसलिए वो कार्यवाही करने से बच रहे हैं। तो अब भाजपा के सांसदों में सुगबुगाहट है,घबराहट है, ये जगजाहिर है, ये कोई रहस्य उद्घाटन नहीं। अधिकतर सांसदो में से काफी लोगों ने बोल दिया है कि वो दोबारा लोकसभा का चुनाव ही लड़ना नहीं चाहते। तो ये इस देश के लोगों का जो गुस्सा है, प्रधानमंत्री मोदी जी और भाजपा की कार्यशाली को लेकर है। ना नौकरी है, ना किसान को कीमत है, धंधा चौपट है,अर्थव्यवस्था औंधे मुँह पड़ी है। देश को 5 महीने से ये मालूम नहीं कि वित्त मंत्री कौन है? जिस देश को ये मालूम नहीं कि उनका वित्त मंत्री है कौन, वो सरकार चल क्या रही होगी? इसलिए मुद्रास्फीति चरम सीमा पर है और इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन यानि जो देश में मैन्युफैक्चरिंग है वो गिर रही है, तो ये कोई आश्यर्च की बात नहीं है, ना कोई नया रहस्य है, इसे पूरा देश जानता है। इसलिए अब देश बार-बार सोशल मीडिया पर भी लिखता है, पहले लिखते थे, बस एक साल, अब वो दिन उल्टे लिखने लगे हैं। तो मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है।