Tuesday, December 24

सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर से आईना दिखाया है कि वह अपने अधिकार क्षेत्र का दुररुपयोग करते रहते हैं

 

पंचकूला,12 जुलाई। आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल् ली के उपराज्यपाल को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर से आईना दिखाया है कि वह अपने अधिकार क्षेत्र का दुररुपयोग करते रहते हैं, और जो काम करने वाले हैं, उस ओर ध्यान नहीं देते।

सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल को फटकार लगाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी के जिला पंचकूला के प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा कि देश की माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाये जाने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल को अपने पद पर बने रहने का काकेई अधिकार नहीं रह जाता,क्येांकि वह अपने संवैधानिक पद का इसतेमाल जनहित में न कर भाजपा आलाकमान को खुश करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा गंभीर बात और क्या हो सकती है कि दिल्ली में  सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कारगर कदम नहीं उठाने पर सुप्रीम कोर्ट को ही दखलअंदाजी करनी पड़ रही है और आज इसी के संदर्भ में आज अदालत ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाई।  उन्होंने कहा कि अदालत को यहां तक कहना पड़ा कि आप (एलजी) कहते हैं कि मेरे पास शक्ति है, मैं सुपरमैन हूं। लेकिन, एलजी दफ्तर कूड़े की समस्या को हल करने में गंभीरता नहीं दिखाता।  योगेश्वर शर्मा ने कहा कि दरअसल, सफाई व्यवस्था से जुड़ी एक अहम बैठक में बैजल शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद कोर्ट ने ये टिप्पणी की। उधर, एलजी दफ्तर ने अदालत में सिर्फ ये कहा कि दिल्ली में कूड़ा हटाने की जिम्मेदारी तीन नगर निगमों की है। उन्होंने कहा कि एलजी और उनका कार्यालय हमेशा अपनी सुविधा अनुसार ही बात करता है।

योगेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि देश व कई प्रदेशों में सत्ता में चल रही भाजपा अपनी सत्ता की भूख के चलते कूड़े पर भी राजनीति कर रही है। यही वजह है कि अदालत को ही बार बार दिल्ली के मामलों में दखलअंदाजी करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा नेतृत्व आज तक पिछले विधानसभा चुनावों में दिल्ली में हुई अपनी बुरी हार को आज तक हजम नहीं कर पा रहा और इसी लिए दिल्ली के हर उएक काम में अड़ंगा लगाता रहता है। इसी लिए दिल्ली के उपराज्यपाल को वह अपने मोहरे की तरह से इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा को आम आदमी की समस्याओं से कुछ लेना देना नहीं है, दिल्ली सरकार द्वारा कई तरतह के सुझाव दिए जाने के बावजूद भी इस समस्या का समाधान उपराज्यपाल नहीं कर पा रहे।