मोदी निर्मल सिंह की मुलाक़ात वादी मे क्या गुल खिलाएगी??
जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और सीनियर बीजेपी नेता निर्मल सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ गुप्त बैठक की, इस बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में बीजेपी जल्द ही सरकार का बना सकती है
जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार बनाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. प्रधानमंत्री ऑफिस के सूत्रों ने न्यूज 18 को जानकारी दी कि बुधवार शाम चार बजे जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और सीनियर बीजेपी नेता निर्मल सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ गुप्त बैठक की. इस बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में बीजेपी जल्द ही सरकार का गठन कर सकती है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक से पहले निर्मल सिंह ने जम्मू-कश्मीर के बीजेपी प्रभारी राम माधव के साथ एक लंबी मुलाकात की थी. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार खबरें आ रही हैं कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के बागी विधायकों की मदद से सरकार बनाकर राज्य में हिन्दू मुख्यमंत्री की नियुक्ति करना चाहती है.
हालांकि आधिकारिक रूप से कोई भी इस बात को नहीं मान रहा है, लेकिन बीजेपी और पीडीपी दोनों के सूत्रों कह रहे हैं कि अगस्त में अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है. बुधवार को हुई मोदी और निर्मल सिंह की बैठक भी इसी ओर इशारा कर रही है.
बता दें कि इस साल जून में बीजेपी ने खुद को महबूबा मुफ्ती की गठबंधन वाली सरकार से अलग कर लिया था. इसके बाद अन्य पार्टियों ने राज्यपाल शासन का समर्थन किया था. लेकिन शुरू से ही कयास लग रहे हैं कि बीजेपी अन्य पार्टियों के विधायकों को तोड़कर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.
महबूबा से नाराज हैं पीडीपी के विधायक
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व के खिलाफ खुले तौर पर विद्रोह करने वाले पीडीपी विधायक आबिद अंसारी ने न्यूज 18 को बताया कि पीडीपी के बागी विधायक बीजेपी के समर्थन को लेकर गंभीरता से विचार करेंगे. महबूबा मुफ्ती पर हमला बोलते हुए अंसारी ने कहा था कि या तो पार्टी टूट जाएगी या फिर लीडरशिप में बदलाव आएगा.
अंसारी ने कहा, ‘सवाल पर्याप्त नंबर का है. इस वक्त करीब एक दर्जन विधायक मेरे साथ हैं. अगर महबूबा पार्टी को बचाना चाहती हैं तो उन्हें किसी जिम्मेदार नेता को पार्टी की कमान सौंप देनी चाहिए. अन्यथा हम अलग रास्ता तय करेंगे.’
क्या बागी विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने पर विचार किया होगा? इस सवाल के जवाब में अंसारी कहते हैं, ‘क्यों नहीं? अगर हमारे पास संख्या है तो मुझे नहीं लगता कि हमारे पास सरकार नहीं बनाने का कोई कारण है, वह भी तब जब अगले चुनाव में दो साल का वक्त बाकी है.’ वहीं पीडीपी के एक सूत्र ने बताया कि महबूबा ने बागी विधायकों की मांग को खारिज कर दिया है.
पीडीपी नेता ने कहा, ‘हमने बागी विधायकों से बात करने की कोशिश की. महबूबा ने उनसे माफी भी मांगी. अब मुझे नहीं पता कि इससे ज्यादा क्या किया जा सकता है. इतिहास हमें बताता है कि नई दिल्ली जो चाहती है वह कर सकती है. लेकिन अगर वह इन कुटिल साधनों के माध्यम से सरकार का गठन कर भी लेते हैं तो भी जनता का सामना कैसे करेंगे, मुझे समझ में नहीं आता. संवाद के माध्यम से शांति का एजेंडा बीच में ही छोड़ दिया गया. यह सत्ता की कैसी भूख है.’
बीजेपी को चाहिए 19 विधायक
जम्मू कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें हैं, जिसका मतलब यह होता है कि यहां सरकार के गठन के लिए किसी भी दल को 44 सीटों की आवश्यकता होगी. राज्य में बीजेपी के पास इस वक्त 25 विधायक हैं, इसलिए उसे सरकार बनाने के लिए 19 और विधायकों की जरूरत है. सज्जाद लोन की पार्टी पीपल्स कॉन्फ्रेंस बीजेपी को सपोर्ट कर रही है इसलिए पार्टी को दो विधायकों को समर्थन यहां से मिल जाएगा, लेकिन इसके बावजूद उसे 17 विधायक जुटाने होंगे.
पीडीपी विधायकों के अलावा कोई भी दल बीजेपी के समर्थन के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में अगर बीजेपी जम्मू कश्मीर में सरकार बनाना चाहती है तो उसे पीडीपी के कम से कम 17 विधायकों के बागी होने की जरूरत होगी, हालांकि जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं लग रहा है कि ऐसा संभव हो जाएगा.
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