2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने की वकालत की थी.
नाम बदलने की परंपरा में अब इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. अगर सब कुछ सही रहा तो संगम नगरी इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ हो जाएगा. इसकी कवायद के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखा है और उनसे इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने में मदद का अनुरोध किया है.
योगी सरकार काफी पहले से ही इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की कोशिश में है. इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की बात रख चुके हैं. इस सम्बन्ध में सिद्धार्थनाथ ने कहा कि राज्यपाल राम नाईक जब महाराष्ट्र के सांसद थे तब उन्होंने ‘बॉम्बे’ को ‘मुंबई’ के नाम से बदलने में मदद की थी. उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ करने पर विचार करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है. उम्मीद है वह इस पत्र को गंभीरता से लेकर मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ करने के सम्बन्ध में बयान दिया था. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि इलाहाबाद की पहचान यहां तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम ‘प्रयागराज’ होना चाहिए.
उन्होंने कुंभ आयोजन से पहले इस काम को पूरा करने का आश्वासन भी दिया था. अब स्वास्थ्य मंत्री का राज्यपाल को लिखा पत्र भी इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि 2019 में होने वाले कुंभ से पहले योगी सरकार इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ कर देगी.
स्वास्थ्य मंत्री के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग की है. अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कहा कि कुंभ मेला से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयाग कर देना चाहिए. बता दें कि 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने की वकालत की थी.