50 साल से ऊपर के सुस्त कर्मचारियों पर योगी की वक्र दृष्टि
इस आदेश में सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने विभाग के कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग का काम 31 जुलाई तक जरूर पूरा कर लें
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना काम सही ढंग से नहीं करने वाले 50 साल और उससे अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को ‘अनिवार्य रिटायरमेंट’ देने के लिए स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए हैं.
कर्मचारी संगठनों ने छह जुलाई को जारी इस आदेश का विरोध किया है.
अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने राज्य के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों को रिटायरमेंट का आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि ‘वित्तीय बुकलेट के नियम-56 में व्यवस्था है कि नियुक्ति करने वाली अथॉरिटी, किसी भी समय, किसी सरकारी सेवक को (चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी), नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए, उसके 50 साल की उम्र के बाद रिटायर होने की अपेक्षा कर सकता है. ऐसे नोटिस की अवधि तीन माह होगी.’
इस आदेश में सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने विभाग के कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग का काम 31 जुलाई तक जरूर पूरा कर लें. 50 साल की उम्र तय करने के लिए कट-ऑफ डेट 31 मार्च 2018 होगी. यानी ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी उम्र 31 मार्च 2018 को 50 साल या उससे अधिक होगी, वे स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे.
कर्मचारियों ने शासन के इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार के इस तरह के कदम दरअसल, कर्मचारियों को परेशान करने के लिए हैं. इसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा.
माना जा रहा है कि प्रदेश के 16 लाख में से चार लाख सरकारी कर्मचारी इस स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे. उनके कामकाज और प्रदर्शन के बारे विस्तृत रिपोर्ट 31 जुलाई तक संबंधित आला अधिकारियों को सौंपी जाएगी.
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