घरेलू हिंसा और ट्रिपल तलाक की पीड़िता बानो तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला के खिलाफ 2016 में सुप्रीम कोर्ट गई थीं. उन्होंने अपनी याचिक 5 अन्य लोगों के साथ दायर की थी
ट्रिपल तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने संकेत दिया कि वह बीजेपी जॉइन कर सकती हैं. शायरा बानो ने ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की है. शायरा बानो ने सबसे पहले ट्रिपल तलाक के खिलाफ पहली याचिका दायर की थी.
बानो ने कहा ‘हमारी सरकार एक समान नागरिक संहिता और बहुविवाह के प्रभावों के बारे में सोचने के बारे में चिंतित है. मुसलमानों के प्रति बीजेपी सरकार की चिंता को देखते हुए मैंने फैसला किया है कि अगर मुझे बीजेपी में शामिल होने का मौका मिलता है तो मैं निश्चित रूप से इसमें शामिल हो जाऊंगा,’
घरेलू हिंसा और ट्रिपल तलाक की पीड़िता बानो तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला के खिलाफ 2016 में सुप्रीम कोर्ट गई थीं. उन्होंने अपनी याचिक 5 अन्य लोगों के साथ दायर की थी. इसमें इशरत जहां, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन, गुलशन परवीन, आफरीन रहमान और अतिया साबरी का नाम शामिल है.
क्या है निकाह हलाला ?
निकाह हलाला को समझना जरूरी है. अगर कोई पुरुष तीन सिटिंग में पत्नी को तलाक देता है तो तलाक मान लिया जाता है. लेकिन फिर पूर्व पत्नी से दोबारा शादी करना चाहता है तो निकाह हलाला की प्रकिया से गुजरना होगा. ये मुसलमानों के सभी मसलकों में माना जाता है, इस्लामिक कानून के जानकारों की राय है कि ये इसलिए है कि समाज में तलाक जैसी बीमारी ना फैलने पाए. पुरुष महिला को तलाक देने से पहले सोचे समझे. निकाह हलाला एक सबक के तौर पर देखा जाना चाहिए. हालांकि सवाल ये उठता है कि सिर्फ महिला को ही इस तरह के कष्ट से क्यों गुजरना पड़ता है? पुरूष को सजा के तौर पर क्या मिल रहा है?