अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने कहा है कि भारत के इतिहास में पहली बार एलजी साहब ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है
दिल्ली, जुलाई 6:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है. अरविंद केजरीवाल ने एलजी के बहाने ही सही केंद्र पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की. एलजी से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलजी के साथ मुलाकात का पूरा ब्यौरा दिया.
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गुरुवार को मैंने एलजी साहब को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में बताया गया था. पत्र में लिखा था कि अब हर फाइल एलजी साहब को भेजने की जरूरत नहीं है. दिल्ली सरकार के द्वारा लिए गए हर फैसले की जानाकारी एलजी साहब को जरूर बता दिया जाएगा. इस पर एलजी साहब तैयार हो गए हैं. हालांकि एलजी साहब सर्विसेज को लेकर अभी भी तैयार नहीं हुए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने कहा है कि भारत के इतिहास में पहली बार एलजी साहब सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में कह था कि तीन विषय छोड़ कर बाकी सभी मसलों पर फैसले लेने का अधिकार दिल्ली सरकार के पास है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में बिजली-पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार के पास है, लेकिन इन चीजों को लागू करने का अधिकार केंद्र के पास है? केंद्र सरकार अफसर तैनात करेगी और हम लोग काम करवाएंगे? देखिए केंद्र की बीजेपी सरकार नहीं चाहती है कि दिल्ली सरकार अच्छा काम करे.
जितनी फाइलें अटकी पड़ी थी उन पर काम शुरू
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक जितनी भी फाइलें अटकी पड़ी थी उस पर हमलोगों ने काम करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को दो-तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. हमारी सरकार चाहती है कि दिल्ली में घर-घर राशन पहुंचे. यह मामला कई महीनों से एलजी साहब के कारण अटका हुआ था आज ही मैंने ऑर्डर जारी कर दिया है.
दूसरा, दिल्ली के स्कूल-कॉलेजों और अन्य जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रपोजल भी अटका पड़ा था, जिसे मंगलवार तक पास कर दिया जाएगा. दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सिग्नेचर ब्रिज के आखिरी इन्सटॉलमेंट को भी आज पास कर दिया गया है. यह ब्रिज इसी साल अक्टूबर महीने तक बन कर तैयार हो जाएगा.
सर्विसेज के मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकरार अभी कायम रहेगा. बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि चुनी हुई सरकार लोकतंत्र में काफी अहम है. इसलिए कैबिनेट के पास फैसले लेने का अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली सरकार के हक में नहीं
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से कहा था कि एलजी के पास कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. पीठ ने साफ कहा था कि हर मामले पर एलजी की सहमति की जरूरत नहीं है. इसके बावजूद कैबिनट के फैसले की जानकारी एलजी को देनी होगी.
कुलमिलाकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भी दिल्ली सरकार और एलजी के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस फैसले के कानूनी पहलुओं पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील अरुण जेटली ने भी इस फैसले पर अपनी राय रखी थी.
अरुण जेटली ने साफ कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली सरकार के हक में नहीं गया है. दिल्ली सरकार के पास पुलिस का अधिकार नहीं है ऐसे में वह पूर्व में हुए अपराध के लिए जांच एजेंसी गठित नहीं कर सकती.
ऐसे में एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल की सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में लग गई है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच का विवाद थम गया है वह विवाद अब अगले कुछ दिनों तक और बरकरार रह सकता है.