दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा जिससे कि वह दिल्ली में सत्ता टकराव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह कर सकें. केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत खतरनाक है कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सत्ता टकराव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने की सलाह दे रही है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल को सलाह दी है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उस हिस्से को नजरअंदाज करें जो उपराज्यपाल की शक्तियों को केवल तीन विषयों तक सीमित करता है. यह खतरनाक है कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन न करने की सलाह दे रही है.’
उपराज्यपाल की शक्तियों में कटौती करने वाले न्यायालय के आदेश के बाद भी उनके कार्यालय और दिल्ली सरकार के बीच सेवा विभाग के नियंत्रण को लेकर विवाद लगातार बना हुआ है. केजरीवाल पर जवाबी हमला करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि गृह मंत्रालय की 2015 की यह अधिसूचना लगातार वैध बनी हुई है कि सेवाओं संबंधी विषय दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं.
इस हफ्ते की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के चंद घंटे बाद दिल्ली सरकार नौकरशाहों के तबादलों और तैनाती के लिए एक नई व्यवस्था लेकर आई और मुख्यमंत्री को स्वीकृति देने वाला प्राधिकार बना दिया था.
हालांकि सेवा विभाग ने यह कहते हुए इसे मानने से इनकार कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में जारी अधिसूचना को निरस्त नहीं किया है जिसमें तबादलों और तैनाती के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्राधिकार बनाया गया था.