Monday, December 23

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन , एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा के शासन में प्रदेश के 10 लाख छात्रो का भविष्य खतरे में है-वही 2 लाख लोगों का रोजगार भी खतरे में है ,चूंकि हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 3200 स्कूलों को शैक्षिक सत्र शुरू होने के तीन माह बाद भी अस्थाई मान्यता का लेटर जारी नही किया है।दीपांशु ने कहा कि सरकार की इस जनविरोधी व छात्रविरोधी नीति से छात्रो के अभिभावक परेशान है, साथ ही प्रदेश में 3200 प्राइवेट शिक्षण संस्थान के संचालक भी परेशान है जिसके द्वारा लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है व प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग 5 लोग निर्भर होते है।दीपांशु ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि, एक तरफ भाजपा सरकार प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने की बात करते है,वही सरकार रोजगार व्यक्तियों से रोजगार छीनने का काम कर रही है।साथ ही सरकार छात्रो के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए लापरवाही बरत रही है , जिससे छात्र स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।दीपांशु ने कहा की एनएसयूआई हमेशा से छात्रो के हितों की आवाज उठाती रही है।हरियाणा सरकार के हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने इस वर्ष उचित समय पर मान्यता संबंधित लेटर जारी नही किया व इस साल बोर्ड द्वारा मान्यता संबंधित निर्धारित करी गई 6 जुलाई की तारीख नजदीक आगई है ,जिसके कारण प्रदेश के 10 लाख छात्र-2 लाख (टीचर्स,चालक,परिचालक आदि स्टाफ के सदस्य)-3200 विद्यालयों के संचालक अपने भविष्य को अंधकार में देखते हुए परेशान है।गौरतलब है कि इन 3200 विद्यालयों में वह अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल शामिल है,जो सरकार के रिकॉर्डनुसार 2003 से पूर्व से शिक्षा देने का काम कर रहे है,उसी आधार पर सरकार की तरफ से इन स्कूलों को अस्थाई मान्यता दी गई थी।वह स्कूल भी काफी संख्या में है जिन्हें सरकार ने 2007 के नियमो के तहत स्कूल चलाने की परमिशन दी हुई है और बोर्ड से अस्थाई मान्यता मिली हुई है।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपांशु बंसल ने मांग करी है कि प्रदेश के 10 लाख छात्रो के भविष्य को सुरक्षित करते हुए,2 लाख (टीचर्स-चालक-परिचालक आदि स्टाफ के सदस्यों)व 3200 स्कूलों के संचालकों के रोजगार आदि को ध्यान में रखते हुए इन स्कूलों को तुरन्त प्रभाव से अस्थाई मान्यता दी जाए व परमिशन वाले निजी स्कूलो को परमिशन संबंधित एक्सटेंशन लेटर निकालते हुए राहत दी जाए।