Sunday, December 22

 

पुरनूर

जयपुर:

हम सभी जानते हैं कि शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है परन्तु अभी भी हमारे समाज का कुछ वर्ग इस अधिकार से वंचित है, बल्कि यह भी कहा जा सकता है कि यह वर्ग अभी भी अपने इस अधिकार से अनभिज्ञ है।हालांकि सरकार इस क्षेत्र में हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन फिर भी राजस्थान का एक घुमंतू वर्ग बंजारा अभी भी शिक्षा के मामले में पिछड़ा हुआ है।
इस वर्ग के बच्चों के सामाजिक और आर्थिक स्तर बढाने के लिए कुछ चाहिए तो वो है शिक्षा। इस क्षेत्र में जी जान से लगे ह्यूमन लाइफ फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री हेमराज चतुर्वेदी हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं कि बनजारा वर्ग को अशिक्षा के आक्रांत से बचाया जाए।
श्री हेमराज चतुर्वेदी के अनुसार ,तमाम सरकारी प्रयाशों के बाबजूद हमारे बंजारा समाज में साक्षरता दर आज भी १-२ प्रतिशत के आसपास है । किन्तु सरकार खास कर के सहयोग से इनके अशिक्षित एवं घुमंतू प्रवृति से बच्चो को हमने एक बर्ष के पढाया एवं उचित मोटीवेशन प्रदान करके सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलवा दिया है .। वहा इनको नित्य पोषाहार भी मिलेगा .। प्रताप नगर की बंजारा झुग्गी बस्ती में पहली वार कोई बच्चा सरकारी विद्यालय में पढने पहुंचा है । अब ह्यूमन लाइफ फाउंडेशन द्वारा की शिक्षिका / कार्यकर्ताओं द्वारा इन अत्यंत गरीब ३० बच्चों को झुग्गी बस्ती से २ कि.मी. दूर स्थित सरकारी विद्यालय में प्रातः काल नित्य छोडकर आने और पुनः इनका नित्य होमवर्क पूरा करवाने की व्यवस्था की जा रही है । संस्था की और से इन बच्चों की स्टेशनरी ड्रेस, बैग सहित समस्त दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जायेगी.


इसके अतिरिक्त स्कूल में प्रवेश के लिए जन्म प्रमाणपत्र आवश्यक होता है इसलिए संस्था द्वारा बच्चो के आधारकार्ड बनवा दिया है . इससे इनको एक पहचान मिलेगी और अब हमारे स्कूल नंबर – 2 के सभी ३० बच्चो को एक पहचान भी मिल गयी है . आगामी योजना में इनके जाति प्रमाणपत्र बनवाकर सरकार से मासिक वजीफा ( स्कालरशिप ) दिलवाने की संस्था की योजना है .
इसके अलावा ह्यूमन लाइफ स्कूल नंबर २ सरकारी स्कूल चूँकि जयादा दूर है इसलिये ना तो छोटे बच्चे पैदल जा पाएंगे और ना हमारी शिक्षिका इसलिये अक्षय पत्र के पास वाली स्कूल में संस्था की एक्टिविटीज पूर्ववत रहेंगी. स्कूल सुचारू संचालित होता रहेगा।
संस्था के विधि सलाहकार श्री दिनेश पाठक ने बताया कि RTE Act के तहत हर बच्चे का अधिकार है कि उसे 14 वर्ष तक मुफ्त शिक्षा मिले लेकिन विडम्बना है कि शिक्षा के ही आभाव के कारण पिछड़े वर्ग के लोग अपने मौलिक अंधकार से अनभिज्ञ हैं। संस्था शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में निरन्तर कार्यरत है।