मैं कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे। लोगों के बीच रहने से मुझे ताकत मिलती है।’ मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खुलकर बात की है। मोदी ने कहा है कि वह कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं हैं, जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ संवाद करने से उन्हें ताकत मिलती है। पीएम रोड शो के दौरान अपनी निजी सुरक्षा के बारे में शुभचिंतकों के मन में उठते आशंकाओं से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह सडक़ों पर काफी संख्या में लोगों को उनका अभिनंदन और स्वागत करने के लिए खड़े देखते हैं तब वह अपनी कार में बैठे नहीं रह सकते। मोदी ने कहा, ‘मैं कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे। लोगों के बीच रहने से मुझे ताकत मिलती है।’

प्रधानमंत्री रोडशो के दौरान उनकी निजी सुरक्षा के बारे में उनके शुभचिंतकों के मन में उत्पन्न आशंकाओं से जुड़े एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं यात्रा कर रहा होता हूं, मैं समाज के सभी आयु वर्ग और क्षेत्र के लोगों को सडक़ों पर मेरा अभिनंदन और स्वागत करते देखता हूं। तब मैं अपनी कार में बैठा नहीं रह सकता, उनके स्नेह को नजरंदाज नहीं कर सकता। और इसलिए मैं बाहर आ जाता हूं और लोगों से जितना बात कर सकता हूं, करता हूं।’

उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने हाल में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के संबंध में नये दिशानिर्देश तैयार किए थे। गृह मंत्रालय ने अपने खुफिया इनपुट के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नक्सलियों से जान का खतरा बताया था। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पीएम के रोड शो को नक्सली निशाना बना सकते हैं। इस इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने राज्यों के साथ पीएम की सुरक्षा करने वाली एसपीजी को भी एडवायजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि पीएम के दौरों में सुरक्षा इंतजाम और मजबूत किया जाए। रोड शो या कार्यक्रमों में किसी को पीएम के पास ना आने दिया जाए।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री का सुरक्षा घेरा इतना मजबूत होता है कि उनके आस-पास परिंदा भी पर नहीं मार सकता। पीएम मोदी दुनिया के सबसे आधुनिक और कड़े सुरक्षा घेरे में रहते हैं। जिनके आसपास सुरक्षा का एक अभेद किला हर वक्त उनकी हिफाजत करता है। आज हम इसी बारे में बताते है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा कैसी होती है।

पीएम मोदी के सुरक्षा का पहला लेयर एसपीजी का होता है। देश या देश से बाहर पीएम मोदी जहां भी जाते हैं। वहां एसपीजी का सुरक्षा घेरा उनके साथ मौजूद होता है। ये एसपीजी जवान फुर्तीले और आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस होते हैं। आंखों पर यह टैक्टिकल लेंस यानी काला चश्मा पहनते है, जिससे वह किसे देख रहे है। यह मालूम नहीं चल पता है। इनके कानों में कम्यूनिकेशन के लिए इयर प्लग लगा होता है। इनके पास अत्याधुनिक पी-90 ऑटोमेटेड गन होता है। सूट के भीतर एसपीजी जवान बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए होते है। फिसलन से खुद को बचाने के लिए कॉम्बैट शूज का प्रयोग करते हैं।

पीएम के सुरक्षा घेरे में दूसरा लेयर एसपीजी के स्पेशल कमांडो देते हैं। आपस में बातचीत के लिए ये कमांडोज अत्याधुनिक कम्यूनिकेशन डिवाइस से लैस होते हैं। पीएम की हर मूवमेंट और संदिग्धों को लेकर कंट्रोल रूम से ये पूरे वक्त जुड़े रहते हैं। इनके जूते भी खास किस्म के होते हैं, जो किसी भी सतह पर नहीं फिसलते है। पीएम के साथ मौजूद एसपीजी के जवान अपने हाथ में काला ब्रीफकेस लेकर चलते हैं। दरअसल ये काला ब्रीफकेस पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड होती है, जो पूरी तरह खुल जाती है। प्रधानमंत्री पर किसी तरह के हमले की नौबत आने पर कमांडोज तुरंत इसे खोलकर उन्हें कवर कर लेंगे। ये एक बार में इतना बड़ा हो जाता है कि प्रधानमंत्री को पूरी तरह से ढक सकता है।

पीएम मोदी का देश में जहां कहीं भी जाने का कार्यक्रम होता है। एसपीजी के कमांडो का एक दस्ता पहले ही वहां पहुंच जाता है। ये दस्ता पहले कार्यक्रम स्थल को अपने कब्जे में लेकर पूरी जांच पड़ताल करता है। जब पूरी तसल्ली हो जाती है। तभी इस कार्यक्रम के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस दी जाती है। पीएम का हर कार्यक्रम एसपीजी क्लियरेंस के बाद तय होता है।

सुरक्षा वजहों से एसपीजी के कमांडो को मीडिया से बात करने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है। इसके अलावा इन्हें किसी भी तरह की कोई किताब, लेटर या दूसरा डॉक्यूमेंट ना तो पब्लिश करने की इजाजत होती है ना ही पब्लिश करने में मदद करने की। पीएम मोदी जहां कहीं भी जाते हैं। वहां हर एक स्टेप पर कुछ अदृश्य कमांडोज भी तैनात होते हैं। जो कार्यक्रम स्थल के आसपास ऊंची इमारतों पर तैनात होते हैं।

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