RSS – BJP Make Major Changes in Organisation in UP

 

Following recent defeats for the BJP in bypolls in Uttar Pradesh, the RSS on Saturday made some key changes in the posts of organisation secretaries of the party’s regional units in the state by replacing BJP appointees with RSS pracharaks. Sources said the decision to make the changes was taken in the ongoing meeting of organisation secretaries convened by the RSS in Surajkund, Haryana.

The organisation secretary is a key link between the party and the Sangh. The organisation secretaries replaced are Shiv Kumar Pathak (Gorakhpur region), Om Prakash (Kanpur-Bundelkhand) and Braj Bahadur (Awadh) — all three are BJP leaders. Ratnakar, who was the RSS ‘vibhag pracharak’ of Kashi (Varanasi) region and was thus far organisation secretary of Kashi region, was given additional charge of Gorakhpur region. His centre of work will remain Kashi.

Pradumn, earlier vibhag prachark in Rajasthan, was appointed organisation secretary for Awadh region. He was in-charge of different cells of the BJP in UP so far. Bhawani Singh, earlier vibhag pracharak of Agra and so far organisation secretary of Braj region, has been given charge of Kanpur-Bundelkhand too. His centre will remain Agra.

The roles of BJP leaders who were asked to step down will be decided later, it was informed. A BJP leader said that the influence of the RSS in decision-making in the party at the regional level will increase now with appointment of RSS pracharaks. “They will have a key role in BJP organisation ahead of the Lok Sabha polls. They will also have a say in restructuring of the party organisation,” the leader said.

हिन्दु विरोधी ताकतों का षडयंत्र-सीआईए की रिपोर्ट

दिनेश पाठक , वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय,एवं विश्व हिन्दू परिषद के विधि प्रमुख

 

अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी सीआईए का देश के धार्मिक, सामाजिक,सांस्कृतिक संगठनो विश्व हिन्दुपरिषद,बजरंग दल को धार्मिक आतंकी संगठन बताना किसी देश की गुप्तचर एजेंसी की क्षमताओ पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है! क्या किसी देश की इंटेलिजेंस एजेंसी ईसाई मिशनरियों के बयानो के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाती है ? किसी संगठन को आतंकी कहने से पहले क्या उस संगठन को बारीकी से परखा नही जाना चाहिये?अगर सीआईए अपनी रिपोर्ट इस तरह तैयार करती है जैसे विश्वहिन्दु परिषद,बजरंगदल के लिये की है तो अमेरिका के लिये ही नही पूरे विश्व के लिये चिंता का विषय है और सिर्फ चिंता ही नही दुनिया के घातक है! अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी सीआईए ने विगत 4 जून को एक फैक्टबुक प्रकाशित की जिसमे उसने विश्व हिन्दु परिषद,बजरंगदल को धार्मिक आतंकी संगठन घोषित किया! अपनी फैक्टबुक मे इन दोनो संगठनो को राजनैतिक दबाब वाले समूह मे रखा है जिसका राजनीति मे सीधे तौर पर असर रहता है लेकिन ये खुद कभी चुनाव का हिस्सा नही रहते! ऐसी इंटेलिजेंस एजेसी की समझ पर तरस आता है जो किसी संगठन के चुनाव का सीधा हिस्सा न होने को आतंकी कहता हो?यह सिर्फ विश्व हिन्दुपरिषद ,,बजरंगदल या हिन्दुओ के लिये ही अपमानजनक नही बल्कि पूरे देश के लिये अपमानजनक है
अपनी रिपोर्ट से पहले कथित एजेंसी को चाहिये था कि वह इन संगठनो की सोच,कार्य का गहनता से अध्ययन करता ! इस कथित एजेंसी ने आर एस एस को राष्ट्रवादी संगठन माना है जो कि विश्व हिन्दू परिषद ,बजरंगदल का मूल संगठन है!विचारणीय प्रश्न ये है जब मूल संगठन रष्ट्रवादी संगठन है तो उसके आयाम आतंकी संगठन कैसे हो सकते है? ये प्रश्न एजेंसी की योग्यता पर सवालिया निशान है! यहां यह बता देना भी आवश्यक है कि ये सीआईए वही है जिसने ओसामा बिन लादेन को खडा करके पूरे विश्व को जिहादी आतंक की आग मे ढकेल दिया था! तो सीआइए किस आधार पर किसी देश के धार्मिक संगठन को आतंकी संगठन कह सकता है? विश्व हिन्दु परिषद,बजरंगदल धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन हैं देशभक्त संगठन है तथा इनकी गतिविधियां राष्ट्र को समर्पित है!60 हजार सेज्यादा एकल विधालय एक हजार से ज्यादा अन्य सेवाकार्य करते हुये देश के समग्र विकास को समर्पित है!बजरंगल दल देश के युवाओ के बीच काम करता है,धार्मिक क्षेत्र को अपना सहयोग तथा समाज के रचनात्मक कार्यों को सहयोग प्रदान करता है ! गौरक्षा,वनवासी लोगो का जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिये काम करता है! इन संगठनो की गतिविधियो मे पुजारी,महन्त,साधूसंत,बडचढकर हिस्सा लेते है! ऐसे संगठन को आतंकी बताकर एक देश की गुप्तचर एजेंसी ने अपने आपको ही अयोग्य और फर्जी संस्था घोषित कर लिया! ऐसा नही है कि इन संगठनो की उल्लेखित जानकारी सीआईए के पास नही है फिर भी अनर्गल आरोप लगाना निहित स्वार्थ के कारण ही संभव है! चर्चो द्वारा हाल ही मे लिखे पत्र जिन्हे सीआईए ने ही लिखवाया और देश के ही कुछ हिन्दु विरोधी ताकतो जिनमे कुछ विपक्षी दल भी शामिल है जो देश की हिन्दू वादी सरकार को पचा नही पा रहे और न ही उनको 2019 के चुनाव मे हटाने की सम्भावना नजर आ रही ,इस षडयंत्र का हिस्सा है अमेरिकी सरकार को चाहिये की सीआईए को आदेश दे कि त्रुटि को शी्घ्र हटाये जिससे हिन्दूओ की भावनाएँ आहत न हो क्योंकि विश्व हिन्दु परिषद ,बजरंगदल सिर्फ भारत मे ही नही विश्व के अनेक देशो मे कार्यरत है साथ ही भारत की सरकार को अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाना चाहिये कि वो सीआईए को ऐसी टिप्पणी को हटाने का आदेश दे अन्यथा कानूनी कार्यवाही की जायेगी तथा वैश्विक स्तर पर आन्दोलन किया जायेगा

ग्रीस में राष्ट्रपति का ज़ोरदार स्वागत, वह क्यूबा और सूरीनाम भी जायेंगे

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को ग्रीस, सूरीनाम और क्यूबा की आठ दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति के तौर पर यह कोविंद की चौथी और अफ्रीका से बाहर पहली अधिकारिक यात्रा है। वह सूरीनाम और क्यूबा की यात्रा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति होंगे। वहीं राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के वर्ष 2007 में ग्रीस की यात्रा करने के बाद वह इस देश की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं।’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दौरे के पहले पड़ाव यानी ग्रीस पहुंच चुके हैं। जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनकी पत्नी सविता के अलावा, राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव, लोकसभा सदस्य दिनेश कश्यप और नित्यानंद राय और वरिष्ठ अधिकारी भी इन देशों की यात्रा पर गए हैं। ग्रीस में, कोविंद राष्ट्रपति प्रोकोपिस पावलोपोलुस, प्रधानमंत्री एलेक्सी सिप्रास और विपक्ष के नेता कायरिआको मित्सोटाकिस के साथ बैठक करेंगे।

कोविंद वहां ग्रीस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे और ग्रीस के अग्रणी थिंकटैंक, हैलेनीक फाउंडेशन फॉर यूरोप एंड फॉरेन पॉलिसी में ‘बदलते विश्व में भारत और यूरोप’ के मुद्दे पर भाषण देंगे। भारत और ग्रीस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 53 करोड़ डॉलर का है और कुछ भारतीय कंपनियां इस मध्य यूरोपीय देश में आधारभूत, फर्मास्युटिकल इस्पात क्षेत्र में मौजूद हैं।

कोविंद ग्रीस में 12,000 भारतीय प्रवासी समुदाय को भी संबोधित करेंगे। ग्रीस के बाद, कोविंद 19 जून को सूरीनाम जाएंगे, जोकि भारत के राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा। कोविंद की सूरीनाम और क्यूबा दौरे को भारत के लैटिन अमेरिकी देशों को ज्यादा महत्व देने के नजरिए से देखा जा रहा है। सूरीनाम में वह स्वास्थ्य और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

सूरीनाम की 33 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। कोविंद यहां विवेकानंद संस्कृति केंद्र की आधारशिला भी रखेंगे। 21 जून को, कोविंद वहां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सूरीनाम के बाद, वह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ क्यूबा जाएंगे, जोकि किसी भी भारतीय राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा।

पॉल पोग्बा द्वारा 81वें मिनट में किए गए गोल से जीता फ्रांस

स्टार स्ट्राइकर पॉल पोग्बा द्वारा 81वें मिनट में किए गए गोल के दम पर पूर्व विजेता फ्रांस ने शनिवार को कजान एरिना स्टेडियम में खेले गए ग्रुप सी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर फीफा विश्व कप-2018 का आगाज जीत के साथ किया। फ्रांस के लिए एंटोनियो ग्रीजमैन (58वें मिनट) और पोग्बा ने गोल किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए कप्तान मिले जेडिनाक (62वें मिनट) ने गोल किया। ग्रीजमैन और जेडिनाक ने गोल पेनल्टी किक पर किए।

पहला हाफ पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा, जो फ्रांस के मजबूत आक्रमण पंक्ति को रोक पाने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस को ज्यादा मौके नहीं बनने दिए और उसके मुख्य खिलाड़ी ग्रीजमैन को खुलकर नहीं खेलने दिया, लेकिन दूसरे हाफ में वो अपन खेल को जारी नहीं रख पाई। फ्रांस का खेल हालांकि ऑस्ट्रेलिया से बेहतर था, लेकिन उसकी कमजोरी इस हाफ में मिले मौकों को अंजाम तक न पहुंचना रही।

दूसरे हाफ में नजारा पूरी तरह से अलग रहा। फ्रांस ने इस हाफ में ऑस्ट्रेलिया को डिफेंस को व्यस्त रखा। मैच के तीनों गोल दूसरे हाफ में ही आए। पहले हाफ में फ्रांस को गोल करने का सबसे करीबी मौका मैच के दूसरे मिनट में मिला था। फ्रांस के स्टार खिलाड़ी कायलिन म्बाप्पे ने ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस को भेदकर दाएं कोने से गोल करने की कोशिश की। उनके इस प्रयास को ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर मैट यार्न ने नकार दिया।

आठवें मिनट में म्बाप्पे ने ग्रीजमैन के साथ मिलकर एक और प्रयास किया लेकिन फ्री किक पर दोनों खिलाड़ी अपनी टीम को बढ़त दिलाने से चूक गए। 17वें मिनट में ऑस्ट्रेलिया के पास भी गोल करने का पहला मौका आया। एरोन मूय ने गोलपोस्ट पर निशाना लगाया लेकिन वह गोलकीपर को भेद नहीं पाए। पहले हाफ के अंत में ग्रीजमैन और पॉल पोग्बा ने कुछ मौके जरूर बनाए लेकिन वह ज्यादा करीबी नहीं थे। उन मौकों ने रोकने में मैट को परेशानी नहीं हुई। दूसरा हाफ रोमांचक रहा।

में दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी हूँ : नेमार

ब्राजीलियाई स्ट्राइकर नेमार ने कहा है कि वे दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी हैं क्योंकि अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो इस ग्रह के हैं ही नहीं। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक यूट्यूब चैनल पर जारी एक वीडियो में नेमार ने कहा, मेसी और रोनाल्डो इस ग्रह के हैं ही नहीं, वे किसी अन्य ग्रह से हैं। मैं इस ग्रह से हूं और इसलिए मैं दुनिया का सबसे अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी हूं।

नेमार ने कहा कि मजाक अपनी जगह है लेकिन वे अपने खेल और रूस में जारी विश्व कप में अपनी टीम के अभियान को लेकर संजीदा हैं और वे चाहते हैं कि ब्राजील रूस में छठी बार विश्व कप खिताब अपने नाम करे। चोट से उबरने के बाद टीम में वापसी करते हुए विश्व कप में टीम की कमान संभाल रहे नेमार ने कहा कि अब वे पहले से काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं।

सलाह खेल रहे होते तो हमारी टीम अच्छी होती : कूपर

मिस्र की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच हेक्टर कूपर को उरुग्वे के साथ हुए फीफा विश्व कप के पहले मुकाबले में अपने स्टार खिलाड़ी मोहम्मद सलाह के नहीं खेल पाने का अफसोस है। उरुग्वे ने यह मैच 1-0 से जीता। कूपर ने कहा, उम्मीद है कि सलाह हमारे अगले मैच में खेलेंगे। वे हमारे लिए बहुत अहम खिलाड़ी हैं। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता। अगर वे खेल रहे होते तो हमारी टीम अच्छी होती।

हमें उम्मीद है कि अगले मैचों में वे हमारे लिए अहम योगदान देंगे। मिस्र का अगला मैच मेजबान रूस से है, जिसने अपने पहले मैच में सउदी अरब को 5-0 से हराया था। कूपर ने कहा कि रूस के खिलाफ उनकी टीम हर हाल में जीत के लिए प्रयास करेगी। सलाह खेलेंगे तो हमारी टीम के लिए अच्छा रहेगा। उरुग्वे के खिलाफ उन्हें नहीं खिलाया गया, क्योंकि इसमें जोखिम था।

लड़की बन कर कैब ड्राईवर छल रहा था लड़कियों को, धरा गया

 

चंडीगढ़ पुलिस ने उबर कैब ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। वह वॉट्सऐप पर लड़की को काफी समय से अश्‍लील मैसेज भेज रहा था। जिस लड़की को कैब ड्राइवर मैसेज भेज रहा था, उसने करीब एक महीने पहले उबर कैब बुक कराई थी। उसी वक्‍त कैब ड्राइवर ने लड़की का नंबर सेव कर लिया और लड़की बनकर उससे चैट करने लगा। आरोपी कैब ड्राइवर का नाम जसवीर सिंह है, जिसकी उम्र 38 साल है और वह मोहाली का रहने वाला है।

पीडि़त लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि वह उनकी बेटी के साथ लड़की बनकर बात कर रहा था। हैरानी की बात यह है कि कैब ड्राइवर पीडि़त लड़की के साथ खुद को उसकी सहेली बताकर बात कर रहा था। वॉट्सऐप पर उसने वही नाम रखा हुआ था, जो पीडि़ता की सहेली का था।

बीते गुरुवार को जब उसी नाम वाली सहेली पीडि़त लड़की से मिलने के लिए आई तो उसने रिजल्‍ट के बारे में पूछा। पीडि़त लड़की ने कहा कि उसने तो वॉट्सऐप पर रिजल्‍ट बताया था। जब दोनों ने वॉट्सऐप नंबर देखा तो पता चला कि वह नंबर तो किसी और का है। पीडि़त लड़की के सामने जब यह राज खुला तो उसने परिवार के साथ प्‍लानिंग की और लड़की बनकर बात कर रहे कैब ड्राइवर को मिलने के लिए डड्डूमाजरा में बुलाया। लड़की के साथ मुलाकात को कैब ड्राइवर के एक मौके के तौर पर देख रहा था और वह झट से मिलने के लिए राजी हो गया। जैसे ही वह मिलने के लिए लड़की के परिवार वालों ने पहले तो उसकी जमकर धुनाई की और बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया। मलोया पुलिस स्‍टेशन के इंस्‍पेक्‍टर बलदेव कुमार ने बताया कि उन्‍होंने कैब ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।

ममता, चंद्रबाबू नायडू सहित चार मुख्यमंत्रियों को नहीं मिली केजरीवाल से मिलने की इजाजत

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात की अनुमति नहीं दी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल छह दिनों से उपराज्यपाल के कार्यालय सह आवास ‘राजनिवास’ में धरने पर बैठे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी आज केजरीवाल से मिलने वाले थे। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने शनिवार को ट्वीट किया कि उपराज्यपाल ने मिलने की इजाजत नहीं दी।

राघव के ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह अत्यंत विचित्र होता जा रहा है। इससे पहले चड्ढा ने ट्वीट किया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार रात आठ बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के लिए उपराज्यपाल से समय मांगा है।

केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन व गोपाल राय सोमवार से ही राजनिवास में धरने पर हैं। इनकी मांग है कि उपराज्यपाल दिल्ली में प्रशासन चलाने वाले आईएएस अधिकारियों को अघोषित हड़ताल खत्म कर काम करने का निर्देश दें।

उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा केजरीवाल से मुलाकात की मंजूरी नहीं मिलने के बाद ये चारों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर से राज निवास तक पैदल जाएंगे. आम आदमी पार्टी ने यह जानकारी दी है. सभी मुख्यमंत्री रविवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आए हुए हैं.

अरविंद केजरीवाल पिछले छह दिनों से धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा था कि, हम तब तक यहां से नहीं जाएंगे, जब तक LG साब IAS अधिकारियों को मेरी सरकार के साथ फिर सहयोग शुरू करने का निर्देश नहीं देते. तीन महीने से वे हमारे द्वारा आहूत की गई बैठकों में आने से इंकार कर रहे हैं, और किसी भी निर्देश का पालन करने से भी. क्या आपने देश के किसी भी हिस्से में IAS अधिकारियों के काम करना छोड़ देने के बारे में सुना है…?

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के आंदोलन को अपना समर्थन दिया था. ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से उप राज्यपाल के कार्यालय में बैठे हैं. निर्वाचित मुख्यमंत्री को अवश्य ही उचित सम्मान मिलना चाहिए.’ ममता ने ट्विटर पर लिखा था, ‘मैं भारत सरकार एवं दिल्ली के उप राज्यपाल से समस्या का तत्काल समाधान करने की अपील करती हूं ताकि लोगों को परेशानी न हो.’

इन सबके बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मुझे नहीं लगता माननीय उप-राज्यपाल ने खुद ये फ़ैसला लिया होगा. साफ़ है पीएमओ ने उन्हें इजाज़त नहीं देने के निर्देश दिए होंगे. बिल्कुल उसी तरह जैसे आईएएस हड़ताल पीएमओ ने करवाई है.’

वहीं उन्होंने दूसरा ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘हम एक लोकतंत्र में रहते हैं. क्या पीएम दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सीएम से मिलने से रोकेंगे? राजभवन किसी की व्यक्तिगत संपति नहीं है. ये भारत की जनता का है.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया है कि, ‘ आखिर कैसे पीएमओ दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने से रोक सकते हैं. क्या ये दिल्ली में अघोषित आपातकाल है?

गौरतलब है कि इससे पहले भी अनिल बैजल ने यशवंत सिन्हा, संजय सिंह को मिलने की अनुमति नहीं दी थी. इसके अलावा केजरीवाल की पत्नी, उनके भाई और उनकी मां को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया था. एलजी कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के परिजन उपराज्यपाल कार्यालय से बाहर उनसे मुलाकात कर सकते हैं, क्योंकि ऐसी मुलाकातों पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

भाजपा दबाव में है, क्योंकि दिल्ली में ‘आप’ सरकार कड़ी मेहनत कर रही है: अरविन्द

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगियों का उपराज्यपाल निवास पर धरना शनिवार को भी जारी रहा। आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से रविवार को प्रधानमंत्री आवास तक मार्च निकाला जाएगा, क्योंकि दिल्ली में जारी भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की हड़ताल को लेकर सरकार में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।

‘आप’ प्रवक्ता पंकज गुप्ता ने कहा कि दिल्ली उसी तरह का जनांदोलन शुरू करने जा रही है, जैसा कि हमने पहले किया था और दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर बदल गई। उन्होंने कहा कि न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता, बल्कि दिल्ली की आम जनता भी रविवार चार बजे शाम मार्च में हिस्सा लेगी। उन्होंने आगे कहा कि हमने पूरी कोशिश की, मगर वे सुनने को तैयार नहीं हैं।

इस घोषणा से पहले केजरीवाल ने कहा कि आईएएस अधिकारी दबाव में हैं और उनकी हड़ताल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से प्रेरित है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनका रुख स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह भाजपा के साथ हैं या दिल्ली की जनता के साथ। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार के पास उतना अधिकार नहीं है, जितना पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पास था।

उन्होंने कहा कि मेरे पास एक चपरासी का भी तबादला करने की शक्ति नहीं है, लेकिन दीक्षित के पास अधिकारियों का तबादला करने और भ्रष्टाचार के आरोपों में उनकी गिरफ्तारी भी करवाने की शक्ति थी।

भाजपा पर आईएएस अधिकारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अधिकारियों पर हड़ताल करने के लिए दबाव डाल रही है। भाजपा दबाव में है, क्योंकि दिल्ली में ‘आप’ सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। मैं यहां दिल्ली की जनता के लिए बैठा हूं और उन्हें यह सुनिश्चत करता हूं कि स्थिति बदलेगी।

57 हज़ार लीटर पानी की बर्बादी के बाद भी नहीं छंटा पंचकुला की धूल का ग़ुबार कुदरती बारिश ने दिया आराम

नगर निगम को शायद उम्मीद ही नहीं थी कि आसमान में उमड़ा धूल का गुब्बार मौसम विभाग के मुताबिक बारिश से थमने वाला है। शायद यही वजह है कि नगर निगम प्रशासन के फरमान के बाद पंचकूला में धूल के कणों को आसमान से जमीन पर उतारने के लिए करीब 57 हजार लीटर पानी बर्बाद कर दिया। हालांकि नगर निगम के मेयर ने निगम प्रशासन के इस फैसले का विरोध भी किया था। इसके बावजूद धूल के कणों को बिठाने के लिए पानी की बोछारों का इस्तेमाल किया गया। उससे हल तो नहीं निकला और कुदरत की इस आफत को शनिवार सुबह कुदरत ने ही निपट लिया। शनिवार तड़के हुई भारी बारिश से पंचकूला ही नहीं अपितु उत्तर भारत के कई राज्यों की समस्या हल हुई।

 

बीते वीरवार को जब पंचकूला में एअर पॉल्युशन चंडीगढ़ से अधिक बढ़ रहा था, तो निगम प्रशासन ने इससे निपटने की अपने स्तर पर तैयारी कर ली। फरमान के मुताबिक फायर विभाग ने पंचकूला के विभिन्न हिस्सों में करीब 20 हजार लीटर पानी का छिड़काव किया। इसके बाद शुक्रवार को जब एअर पाल्यूशन का स्तर 649 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर पहुंच गया तो निगम प्रशासन के फरमान पर बीते शुक्रवार को 37 हलार लीटर पानी की और बौछारें की गई। निगम प्रशासन का सब्र का पैमाना टूट चुका था, जिसकी वजह से ये सब हुआ।

 

हालांकि फायर विभाग के अधिकारियों का भी यही मानना था कि यह कुदरत की मार है और कुदरत ही इसे ठीक कर सकती थी। फायर विभाग के अधिकारियों के पास आदेश मामने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। बहरहाल उन्होंने निगम प्रशासन के आदेशों पर अमल किया और वे कुछ कर भी नहीं सकते थे। आखिर में वही हुआ शनिवार को बारिश ने इस गंभीर समस्या का हल किया। नगर निगम की मेयर उपिंद्र कौर ने प्रशासन के इस निर्णय का कड़ा विरोध किया था और कहा था कि गर्मी में शहर में ऐसे भी पानी की किल्लत रहती है और पानी को इस तरह वेस्ट करना ठीक नहीं है।