Wednesday, January 15


चौंकाने वाली बात यह है कि बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को इस मीटिंग की भनक तक नहीं लगी और वहां के नेता सोनिया गांधी के समक्ष अपनी मांग रख गए


बंगाल में एक अहम घटनाक्रम के तहत यहां के कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मिलकर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से गठजोड़ करने की गुहार लगाई है. गठजोड़ की बात न सिर्फ 2019 चुनावों के लिए है, बल्कि 2028 तक इसे बनाए रखने की मांग की गई है.

चौंकाने वाली बात यह है कि बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को इस मीटिंग की भनक तक नहीं लगी और वहां के नेता सोनिया गांधी के समक्ष अपनी मांग रख गए.

पत्रकारों से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव और फरक्का से विधायक मइनूल हक ने कहा, हमारे मालदा से सांसद अबु हसीम खान ने शुक्रवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की और टीएमसी से गठजोड़ का प्रस्ताव रखा. मैं भी इस प्रस्ताव से सहमत हूं क्योंकि हमने लेफ्ट के साथ गठबंधन का नतीजा देख लिया है. मुझे लगता है कि बंगाल में बीजेपी को रोकने का एक यही जरिया है कि कांग्रेस और टीएमसी में गठबंधन हो.

हक ने कहा, सिर्फ संसदीय चुनावों के लिए नहीं बल्कि 2018 तक के सभी चुनावों के लिए हम गठबंधन करना चाहते हैं. एक यही रास्ता है बीजेपी को बंगाल में रोकने का.

एक सवाल कि इस प्रस्ताव के बारे में बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को क्यों अंधेरे में रखा गया, हक ने जवाब में कहा, यह महज एक प्रस्ताव है. हम फैसले लेने वाले लोग नहीं हैं. अंतिम निर्णय तो राहुल और सोनिया गांधी को लेना है.

अधीर रंजन चौधरी से भी इस बाबत पूछा गया कि क्या बंगाल कांग्रेस में किसी प्रकार की फूट है, तो उन्होंने जवाब में कहा, टीएमसी से गठजोड़ के बारे में राहुल गांधी और न ही सोनिया गांधी ने हमसे कुछ पूछा है. अगर वे मेरी राय पूछेंगे तो मैं उन्हें अवगत करा दूंगा. यह तथ्य कौन नहीं जानता कि हालिया पंचायत चुनाव में टीएमसी काडरों ने हमारे नेताओं को नामांकन तक नहीं करने दिया और उलटे उनपर हमले भी किए.