प्रदेश में जहाँ एक अकेली (विधवा) अध्यापिका को 20 साल की नौकरी के बाद भी मन चाहि पोस्टिंग नहीं मिलती और वह मुख्यमंत्री के गुस्से का शिकार हो कर प्रताड़ित और निलंबित की जाती है, वहीँ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी श्री मति सुनीता रावत 1996 (22 साल) से देहरादून के अजबपुर के स्कूल में कार्यरत है.
उत्तराखंड के a त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी के ट्रांसफर मामले में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने नई कड़ियां जोड़ दी हैं. आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण शर्मा का कहना है कि उन्होंने जब मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत की पोस्टिंग के बारे में जानना चाहा, तो जवाब बहुत ही चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि सुनीता रावत अपने प्रमोशन के बाद भी पिछले 22 सालों से देहरादून में ही काम कर रही हैं. प्रवीण का कहना है कि उन्हें यह कागजात हासिल करने के लिए कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा.
आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक सीएम रावत की पत्नी साल 2008 में ट्रांसफर होने के बाद भी देहरादून के अजबपुर के स्कूल में काम कर रही हैं. आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक वह 1996 से देहरादून के इस स्कूल में पदस्थ हैं. मालूम हो कि शुक्रवार को सीएम रावत की जनसभा में एक महिला ने यह मामला उठाया था, जिसके बाद यह सभी की नजरों में आ गया.
ये था पूरा मामला
मालूम हो कि एक महिला शिक्षिका उत्तरा पंत पिछले 20 साल से उत्तरकाशी के एक प्राइमरी स्कूल में तैनात हैं और लंबे समय से अपने ट्रांसफर की मांग कर रही हैं. लेकिन लगातार मांगने पर भी ट्रांसफर ना मिलने के बाद गुस्सा होकर महिला शिक्षिका ने सीएम रावत के जनता दरबार में अपना दुख जाहिर किया. इसी दौरान उन्होंने कहा था कि सीएम रावत की पत्नी सुनीता रावत ट्रांसफर के बाद भी पिछले 20 सालों से देहरादून में काम कर रही हैं.