यू एन की रिपोर्ट प्रायोजित है : जन. रावत
यूएन की इस रिपोर्ट में कश्मीर मे कथित मानवाधिकार हनन की बात कही गई थी
भारतीय थल सेना के अध्यक्ष बिपिन रावत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट की कड़ी निंदा की है और इसे प्रेरित बताया. रावत ने कहा कि इस मानवाधिकार रिपोर्ट के बारे में बात करने की जरूरत नहीं है. भारतीय सेना का मानवाधिकार में रिकॉर्ड बहुत ऊपर है. ऐसी रिपोर्ट्स प्रेरित होती हैं.’
दरअसल यूएन की इस रिपोर्ट में कश्मीर मे कथित मानवाधिकार हनन की बात कही गई थी. इस रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए रावत ने कहा कि ससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘भारत इस रिपोर्ट को खारिज करता है. यह भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित है. हम ऐसी रिपोर्ट की मंशा पर सवाल उठाते हैं.’
मंत्रालय ने कहा था, यह रिपोर्ट काफी हद तक अपुष्ट सूचना को चुनिंदा तरीके से एकत्र करके तैयार किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है. सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. पाकिस्तान ने भारत के इस राज्य के एक हिस्से पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है.’
यूएन ने कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर दोनों में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर अपनी तरह की पहली रिपोर्ट गुरुवार को जारी की और इन उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की. वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था ने पाकिस्तान को शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंक रोधी कानूनों का दुरूपयोग रोकने और असंतोष की आवाज के दमन को भी बंद करने को कहा.
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