चण्डीगढ़, 26 जून-
हरियाणा सरकार ने पुलिस कमिश्नरेट, गुरुग्राम में नाइट डयूटी करने के लिए सेना से अतिरिक्त 1,000 भूतपूर्व सैनिकों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय किया है।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
यह निर्णय पुलिस बल को सुदृढ़ करने और अवांछित घटनाओं के साथ-साथ विशेष रूप से रात्रि के दौरान महिलाओं के विरूद्घ अपराधों को प्रभावी रूप से रोकने में पुलिस को सक्षम बनाने के लिए लिया गया है।
भूतपूर्व सैनिक सभी मौसमों में चरम परिस्थितियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते हैं और उन्हें एसपीओ के रूप में पुलिस बल का हिस्सा बनाने से निश्चित रूप से इन परिस्थितियों में पुलिस प्रदर्शन का स्तर बढ़ेगा।
उनकी नियुक्ति की पात्रता और शर्तों के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों की आयु 25 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्हें अनुशासनहीनता, दुव्र्यवहार या मेडिकल आधार पर उनकी पिछली सेवा से हटाया या बर्खास्त न किया गया हो ।
योग्य स्वैच्छिक भूतपूर्व सैनिकों को 18,000 रुपये के मासिक मानदेय पर एक वर्ष की अवधि के लिए नियोजित किया जाएगा। इस सहायक बल के सदस्यों को उनके गृह पुलिस स्टेशनों में नियुक्त नहीं किया जाएगा, लेकिन जहां तक संभव हो सके उनके निवास स्थान के निकट आस-पास के पुलिस स्टेशनों में उन्हें नियुक्त किया जाएगा। हालांकि, इच्छुक लोगों को अन्य कमीश्नरेट या जिले में भी नियुक्त किया जा सकता है।
उनकी नियुक्ति के समय उन्हें वर्दी के दो सेट, जूते की एक जोड़ी और वर्दी की अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए 3,000 रुपये का एकमुश्त वर्दी भत्ता दिया जाएगा। वे आधिकारिक दौरे के लिए 150 रुपये प्रतिदिन के टीए और डीए के लिए पात्र होंगे।
हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबलों की भांति उन्हें आकस्मिक अवकाश दिया जाएगा। वे मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये, स्थायी निशक्तता के लिए एक लाख रुपये से तीन लाख रुपये और गंभीर चोट के लिए एक लाख रुपये तक के एक्सग्रेशिया अनुदान के लिए पात्र होंगे।
उनकी नियुक्ति के लिए कोई लिखित परीक्षा या शारीरिक माप नहीं लिया जाएगा। हालांकि, भूतपूर्व सैनिकों ने सेना में कम से कम पांच साल की सेवा की हो। सेवा के निर्वहन के समय चिकित्सा श्रेणी ‘ए’ होनी चाहिए और सेवा से निवृति केसमय चरित्र अनुकरणीय या उत्कृष्ट होना चाहिए। आपूर्ति कोर, मेडिकल कोर, सिग्नल कोर और इंजीनियरिंग कोर की बजाय सेना में सक्रिय सशस्त्र डयूटी पर रहे भूतपूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
उनका चयन एक बोर्ड द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा जिसमें अध्यक्ष के रूप में पुलिस उपायुक्त, एक सहायक पुलिस आयुक्त और संबंधित कमिश्नरेट काएक निरीक्षक शामिल होगा, जिन्हें पुलिस मुख्यालय द्वारा मनोनीत किया जाएगा।
इन स्वैच्छिक एसपीओज़ को कोई भी नोटिस जारी किए बिना संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा आदेश पारित करके एक वर्ष की अवधि से पहले किसी भी समय अनुशासनहीनता, दुव्र्यवहार और असंतोषजनक प्रदर्शन या गैर-आवश्यकता के आधार पर हटाया जा सकता है। बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ किसी भी वरिष्ठ प्राधिकरण या किसी अदालत के समक्ष कोई अपील नहीं होगी। वे गुरुग्राम से बाहर अपने स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं करेंगे। इन परिस्थितियों में उनकी सेवाओं को समाप्त माना जाएगा।