हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं एवं चिकित्सकों की सहज उपलब्धता के लिए प्रशासनिक पदों पर तैनात हरियाणा नागरिक चिकित्सा सेवा, हरियाणा दंत सेवा तथा जिला आयुर्वेदिक चिकित्सकों को अब सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त क्लिनिकल ड्यूटी देनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केवल प्रशासनिक कार्य कर रहे चिकित्सकों द्वारा ओपीडी करने से न केवल डॉक्टर्स की कमी दूर की जा सकेगी बल्कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी इंतजार नही करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य विभागों में कार्यरत या प्रतिनियुक्ति पर गए चिकित्सकों पर यह आदेश लागू नही होगा। यदि किन्हीं कारणों से कोई चिकित्सक यह ड्यूटी करने मे असमर्थ रहता है तो उसे अगले सप्ताह अतिरिक्त कार्य दिया जाएगा।
विज ने बताया कि इसके तहत स्वास्थ्य महानिदेशक एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य महानिदेशक को सप्ताह के किसी भी दिन 2 घंटे तथा राज्य के सभी सिविल सर्जन एवं समकक्ष अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन चिकित्सीय कार्य करना होगा। इसी प्रकार प्रधान चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिक्षक, उप सिविल सर्जन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी तथा समकक्ष अधिकारियों को भी सप्ताह में दो दिन चिकित्सीय ड्यूटी करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इनके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशालय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एचएमएससीएल, एचएसएचआरसी, एड्स कंट्रोल सोसाएटी तथा एसआईएचएफडब्ल्यू में तैनात उपनिदेशक (सीनियर स्केल), उपनिदेशक, वरिष्ठï चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारियों तथा दंत चिकित्सकों को सप्ताह में 2 दिन क्लिनिकल ड्यूटी करनी होगी। इसी प्रकार आयुष विभाग के जिला आयुर्वेदिक अधिकारियों को भी सप्ताह में 2 दिन चिकित्सीय कार्य करना होगा।
विज ने बताया कि प्रशासनिक पदों पर तैनात चिकित्सकों को चिकित्सकीय कार्यों के लिए अपना अस्पताल चयन करने की छूट होगी। इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा चिकित्सीय ड्यूटी का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा तथा क्लिनिकल ड्यूटी नही करने वाले चिकित्सक के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए चिकित्सकों को अलग से कोई मानदेय नही दिया जाएगा परन्तु अन्य स्थान पर ड्यूटी के लिए टीए/डीए के हकदार होंगे। इस संबंध में निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह संकलित की जाएगी।