राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से नाराज चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा है। 5 बार से विधायक तिवारी ने अपना इस्तीफा ऐसे समय पर दिया है जब दो दिन पहले ही उनके बेटे अखिलेश ने भारत वाहिनी पार्टी नाम से अलग पार्टी बनाई है।
घनश्याम तिवारी ने कहा कि बीजेपी ने अगर वसुंधरा राजे को सीएम पद से नहीं हटाया तो अगले चुनाव में पार्टी को बुरी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। तिवारी ने दावा किया कि वसुंधरा राजे सिंधिया तानाशाह की तरह काम कर रही हैं। पार्टी के पदों को बाहरी लोगों से भरा जा रहा है। इससे पार्टी के कार्यकर्ता निराश हैं। चुनाव से ठीक पहले तिवारी के पार्टी छोड़ने से बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। तिवारी सांगनेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वह 60 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।
उधर, घनश्याम तिवारी के बेटे अखिलेश तिवारी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगी। अखिलेश ने कहा कि भारत वाहिनी पार्टी राज्य की 200 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करेगी। तीन जुलाई को पार्टी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की पहली बैठक आयोजित करने जा रही है। इस बैठक में 2000 कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। अखिलेश ने बताया कि हरेक विधानसभा सीट से 10 प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि दीन दयाल वाहिनी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता और प्रतिनिधि भी नई पार्टी में शामिल होंगे। बता दें, दीन दयाल वाहिनी की स्थापना घनश्याम तिवारी ने की थी। चुनाव आयोग ने भारत वाहिनी पार्टी को रजिस्टर कर लिया है और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने की अनुमति दे दी है। अखिलेश ने 11 दिसंबर 2017 को पंजीकरण के लिए आवेदन किया था।