Sunday, December 22

 

इस मेट्रो लाइन के चालू होने से बहादुरगढ़ वासियों को कामकाज और व्यापार के सिलसिले में दिल्ली आने जाने में काफी आराम हो जायेगा। जहाँ जहाँ मेट्रो पहुँचती है वहाँ विकास और रोजगार के नये साधनों का सृजन होता है।

जानिए, बहादुरगढ़-वासियों का मेट्रो का सपना कैसे हुआ साकार :

7 अगस्त 2012 – यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्रिमंडल से सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर बहादुरगढ़ मेट्रो विस्तार परियोजना को मंजूरी मिली।

2 फरवरी 2013 – तत्कालीन केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री कमल नाथ जी ने हरियाणा के तब के मुख्यमंत्री चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी की उपस्तिथि में इस मेट्रो विस्तार का शिलान्यास किया।

अप्रैल 2013 – इसपर जोरशोर से काम शुरू करवा दिया था और मार्च 2016 तक इसका काम पूरा हो जाना चाहिये था।

लेकिन, मई 2014 के बाद से भाजपा सरकार ने इस पूरे काम का श्रेय लूटने के लिए ढाई साल की देरी करा दी और बहादुरगढ़ वासियों को ढाई साल मेट्रो शुरू होने का इंतज़ार करना पड़ा।

इस परियोजना में एक और विशेष बात यह है कि यह पहली ऐसी परियोजना थी जिसके हरियाणा में आने वाले हिस्से की लागत (रुपये 788 करोड़) और दिल्ली के मुंडका से आगे हरियाणा तक के सेक्शन की लागत (रुपये 152 करोड़) भी चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के कार्यकाल में ही हरियाणा सरकार ने वहन करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। 2000 करोड़ की कुल लागत में से हरियाणा सरकार ने 940 करोड़ रूपए वहन किये थे।