“जहाँ बलिदान हुए मुखर्जी वह काश्मीर हमारा है” सतिन्दर सिंह

 

डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक नेता, जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाने के पवित्र कार्य करते हुए ,अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर योद्धा थे । स्वतंत्र भारत में जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा, अलग संविधान ओर वहाँ का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आज़म) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था।
उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।

उनका बलिदान हर भारतीय के लिए प्ररेणा दायक है।

 

।। भारत माता की जय।।

सतिन्दर सिंह

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