शुजात की हत्या का गुंडे अन्य पत्रकारों को धमकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं: ओमर

 

जम्मू कश्मीर में पत्रकारों के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं, ऐसे में भाजपा नेता और मंत्री रहे विधायक चौधरी लाल सिंह ने उन्हें ‘चेतावनी’ के रूप में सलाह देते हुए कहा है कि वे अपने लिए एक हद तय कर लें कि उन्हें यहां कैसे काम करना है.

ग्रेटर कश्मीर की खबर के मुताबिक लाल सिंह शुक्रवार को कठुआ बलात्कार और हत्या मामले की सीबीआई जांच की मांग करने को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि इस मामले में कश्मीर के पत्रकारों ने एक गलत माहौल पैदा कर दिया था.

उन्होंने कहा, ‘अब मैं कश्मीर के पत्रकारों को कहूंगा कि आप भी अपनी पत्रकारिता की लाइन ड्रा करिए कि आपको कैसे रहना है. ऐसे रहना है कि जैसे बशारत के साथ हुआ है. उसी तरह के हालात बनते रहें?’

उनका इशारा वरिष्ठ पत्रकार और राइजिंग कश्मीर अख़बार के संपादक शुजात बुखारी की ओर था, जिनकी बीते 14 जून को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. यहां बशारत से लाल सिंह का इशारा बशारत बुखारी की ओर था, जो शुजात के भाई हैं और भाजपा के पीडीपी से गठबंधन तोड़ने तक जम्मू कश्मीर सरकार में मंत्री थे.

इसके बाद लाल सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘इसीलिए अपने आप को संभाले और एक लाइन ड्रा करें ताकि ये भाईचारा बना रहे और तरक्की होती रहे.’

मालूम हो कि लाल सिंह खुद जम्मू कश्मीर सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, जिन्हें कठुआ मामले में बलात्कारियों के पक्ष में निकाली गई रैली में हिस्सा लेने के चलते इस्तीफ़ा देना पड़ा था.

मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से लाल सिंह कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर और रियासी जिले में कठुआ मामले की सीबीआई जांच करवाने के लिए 30 से ज्यादा रैलियां कर चुके हैं.

सिंह ने पहले दावा किया था, ‘हमने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि राष्ट्रीय मीडिया की ओर से बनाई गई धारणा सही नहीं थी. उसने हालात को गलत तरीके से पेश किया जबकि मामला ऐसा कुछ था ही नहीं. ऐसा पेश किया गया कि समूचा जम्मू क्षेत्र बलात्कारियों के साथ खड़ा है.’

लाल सिंह के पत्रकारों को इस तरह की सलाह देने की आलोचना शुरू हो गयी है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे ‘आक्रोशित करने वाला’ करार दिया और कहा कि राज्य पुलिस को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए.

पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस भाजपा नेता एवं विधायक चौधरी लाल सिंह द्वारा कश्मीरी पत्रकारों को धमकाने और उनकी आक्रोशित करने वाली टिप्पणियों की निंदा करती है. इस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए. हमें उम्मीद है कि कानून को कमजोर नहीं किया जा सकेगा.

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘आपके कश्मीर के साथियों को भाजपा विधायक द्वारा धमकी दी गयी है. ऐसा लग रहा है कि शुजात की हत्या का गुंडे अन्य पत्रकारों को धमकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी लिखा कि क्या जम्मू कश्मीर में रैली कर रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जवाब देंगे कि जम्मू कश्मीर के पत्रकारों को शुजात बुखारी की तरह न मारे जाने के लिए अपनी सीमाएं तय करनी होंगी और तभी वहां भाईचारा कायम होगा. पहले उन्होंने अमित शाह के बारे में दी गयी खबर हटाने के मीडिया संस्थानों को मजबूर किया और अब भाजपा विधायक खुलेआम धमकी दे रहे हैं. ये शर्मनाक है.

यह पहली बार नहीं है जब चौधरी लाल सिंह के किसी बयान को लेकर विवाद हुआ है. वे इस साल कठुआ मामले के आरोपियों के पक्ष में हुई एक रैली में शामिल हुए थे, जिसके चलते उन्हें अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था.

इससे पहले 2016 में वे कश्मीर के गुज्जर समुदाय को 1947 के बाद हुए मुस्लिम नरसंहार का हवाला देकर धमका चुके हैं.

बीते दिनों कठुआ मामले की सीबीआई जांच करने की मांग करने के लिए हीरानगर में हुई एक रैली में उनके भाई राजिंदर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के बारे में अपशब्द कहे थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. बाद में कठुआ पुलिस ने उन्हें राजस्थान सेगिरफ्तार किक्या था.

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