जम्मू कश्मीर में बुधवार को राज्यपाल शासन लग गया है। मंगलवार को बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद देर शाम सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया। यह आठवीं बार है जब जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया है। ऐसे में राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल खत्म होने को है तो कुछ नए चेहरे हैं जो इस पद के लिए दौड़ में हैं।
जम्मू कश्मीर की राजनीति में जिस तेजी से उलट पलट हुई उसके बाद अब राज्यपाल के नाम भी सामने आने लगे हैं। खबरों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल के बदलाव से अमरनाथ यात्रा को खतरा हो सकता है। ऐसे में लग रहा है कि एनएन वोहरा को कम से कम 3 महीने का एक्सटेंशन मिल सकता है। वहीं, कुछ नाम ऐसे भी हैं जो यहां के अगले राज्यपाल की लिस्ट में शामिल हैं।
श्रीनगर स्थित चिनार कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सैय्यद अता हुसैन राज्यपाल की लिस्ट में शामिल हैं। आम जनता से जुडऩा हुसैन के पास विरासत के रूप में है। साल 2010-2011 में जम्मू-कश्मीर में जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में ऑपरेशन सद्भावना को उन्होंवे लीड किया था, जिससे घाटी में शांति लाने में कामयाबी मिली थी। इतना ही नहीं उनको अक्टूबर 2010 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग 15 कोर के रूप में तैनात किया गया था।
1978 बैच के राजस्थान काडर के राजीव महर्षि आईएएस अधिकारी हैं। खबरों की माने को राजीव भी गवर्नर की लिस्ट में शामिल हैं। उनको जम्मू-कश्मीर के संभावित गवर्नर के रूप में देखा जा रहा है। भारत के मौजदूा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) और संयुक्त राष्ट्र बोर्ड ऑफ ऑडिटर के अध्यक्ष के रुप में राजीव फिलहाल काम कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा भी राज्यपाल के नामों में शामिल बताए जा रहे हैं। आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ बातचीत करने के लिए सरकार के विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था, उन्हें दिसंबर 2014 में 2 साल की अवधि के लिए आईबी का निदेशक नियुक्त किया गया था।
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने बार-बार संकेत दिया था कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन 2018 तक नहीं टिकेगा। कश्मीर में कई राजनीतिक पंडित कहते हैं कि दुलत अगले राज्यपाल हो सकते हैं। फिलहाल इनमें से कौन अगल गवर्नर बनेगा ये अभी कहा नहीं जा सकता है।