Saturday, December 28

 

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगले प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की नियुक्ति के संबंध में सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थापित परंपरा के अनुसार, निवर्तमान सीजेआई उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित करेंगे तो कार्यपालिका इस बाबत फैसला करेगी. वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति की स्थापित परंपरा को आगे बढ़ाते हुए न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करेगी. गौरतलब है कि वर्तमान सीजेआई दीपक मिश्रा दो अक्तूबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे

कानून मंत्रालय की पिछले चार साल की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘ यह सवाल काल्पनिक है. जहां तक भारत के प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति का सवाल है तो स्थापित परंपरा बिल्कुल स्पष्ट है. प्रधान न्यायाधीश (शीर्ष न्यायालय के) वरिष्ठतम न्यायाधीश को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर नामित करता है. जब नाम हमारे पास आएगा तो हम लोग उस पर चर्चा करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि किसी को भी ‘ हमारी मंशा पर सवाल उठाने का हक नहीं है.’

इस साल जनवरी में सीजेआई के बाद शीर्ष न्यायालय के चार सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों के अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गोगोई की नियुक्ति को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था. न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर न्यायमूर्ति मिश्रा की आलोचना की थी.