Sunday, December 22

नीति आयोग की चौथी गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा दिलाया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों की केंद्र हर संभव मदद करेगा. उन्होंने कहा कि गवर्निंग काउंसिल गवर्नेंस से संबंधित जटिल मुद्दों को हैंडल करता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जीएसटी को लागू किया जाना. मुख्यमंत्रियों के लिए उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल ट्रांजैक्शन और कौशल विकास के मामले में उन्होंने काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

पीएम ने कहा कि 2017-18 के चौथे क्वार्टर में अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.7 फीसदी रही. उन्होंने कहा कि अभी चुनौती ये है कि विकास दर को डबल-डिजिट तक ले जाया जाए. इसके लिए तमाम कदम उठाने पड़ेंगे. उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने, जिलों के विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष और महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर बात की.

पीएम ने कहा कि पूरे देश में ‘आयुष्मान भारत’ के तहत डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं. इससे करीब 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख का हेल्थ इंश्योंरेंस दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए प्रावधान किए जाएंगे.

मुद्रा योजना, जनधन योजना और स्टैंड-अप योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन में इसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मानवीय विकास को बेहतर करने की ज़रूरत है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्कीमों को लागू करने के लिए ग्राम स्वराज अभियान एक नए मॉडल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि इसका प्रसार 45,000 गांवों तक हो चुका है. उज्जवला, सौभाग्य, उजाला, जन धन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और मिशन इंद्रधनुष जैसी सात योजनाओं में यूनिवर्सल कवरेज का प्लान है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं है. वर्तमान में राज्यों को केंद्र से करीब 11 लाख करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं जो कि पिछले साल की तुलना में 6 लाख करोड़ अधिक है. उन्होंने कहा कि ये मीटिंग जनता की उम्मीदों और अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए यहां मौजूद लोगों का भी कर्तव्य है कि वो लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे.