Sunday, December 22

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने कुछ खास सहयोगियों के साथ धरने पर हैं। लेकिन ये धरना उनके पिछले धरनों से अलग है। इस दफा वो खुले मैदान से हटकर एलजी दफ्तर के एसी कमरे में न्याय की गुहार लगा रहे है। अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल के इशारे पर आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं। तो वहीँ आईएस अधिकारीयों का कहना है कि दिल्ली काम कर रही है और कहीं भी कोई हड़ताल नहीं है. अधिकारी और कुछ भी कहने से बचते रहे.

अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि यदि उपराज्यपाल चाहते तो सभी आईएएस अधिकारी काम पर लौट आते। लेकिन उनके अड़ियल रुख की वजह से दिल्ली की व्यवस्था चरमरा गई है। अधिकारियों की हड़ताल, दिल्ली में जल संकट और पीएम मोदी के मुद्दे पर उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से तफ्सील से बात की। एकतरफ उनका दर्द छलका और दूसरी तरफ गुस्सा। इन सबके बीच केजरीवाल का धरना सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है।

आप सरकार के मुखिया  ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सरकार बनने के तुरंत बाद से ही दिक्कतें शुरू हो गईं। केंद्र सरकार के इशारे पर आईएएस अधिकारी जितनी दिक्कतें पैदा कर सकते थे उसमें कोरकसर नहीं छोड़ी। अब तो हालात ये है कि अधिकारी न तो बैठकों में आते हैं। न ही फील्ड का दौरा करते हैं। दिल्ली सरकार शक्तिविहीन हो चुकी है। ​

आईएएस अधिकारियों और एलजी अनिल बैजल के रुख पर केजरीवाल ने कहा कि अधिकारियों की हड़ताल प्रायोजित है। उन्हें भड़काया गया है। इन सब मुश्किलों के बीच आप सरकार बेहतर कर रही है। दिल्ली में मुफ्त शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने के बाद लोग सवाल पूछते हैं कि मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है। इन सवालों से बीजेपी परेशान है और आप सरकार की राह में कांटे बिछा रही है। लेकिन वो भी तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक आईएएस अधिकारी हड़ताल वापस नहीं ले लेते।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर पीएम चाहें तो एक मिनट के अंदर हड़ताल खत्म हो जाएगी। वो पीएम से अपील भी करते हैं कि हड़ताल को खत्म कराने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए। वो बहुत सी बैठकों में शिरकत कर चुके हैं। लेकिन पीएम न तो उनसे बोलते हैं न ही उनकी तरफ देखते हैं। इससे भी बड़ी बात ये है कि बैठकों में दिल्ली के नुमाइंदों को बोलने का मौका नहीं मिलता है।