Saturday, December 21
चित्र केवल सन्दर्भ के लिए

 

जनता का मूड और परिवर्तन की लहर का इसी से पता चलता है कि पानीपत में लोगो ने कई कई घंटे रोडो पर जेठ के महीने में हुड्डा के आने के इंतज़ार में बिताये । भूपिंदर सिंह हुड्डा की जनक्रांति यात्रा के समर्थन में शहर ,गांव व् कस्बे में होड़ लगी रही ,जनता समर्थन में गलियों और रोड पर आ गई । चारो तरफ फूलो की वर्षा और डोल नगाड़ो से स्वागत किया गया ।

आज जनता को विश्वास हो चूका है की कोई प्रदेश का भला कर सकता है तो वो केवल हुड्डा जी ही हैं क्योंकि हुड्डा जी के कार्यकाल में जितनी प्रगति और विकास हुआ उतना उनसे पहले 40 सालों में भी नहीं हुआ। हरियाणा के स्वर्णिम काल के रूप में याद किए जा रहे हैं वो साढ़े नौ साल। जिसमें ना कभी कोई बड़ा कर्मचारी आंदोलन हुआ ना ही किसान आंदोलन। हर वर्ग को साथ लेकर विकास कार्यों की रिकॉर्ड झड़ी लगी। हुड्डा सरकार ने हरियाणा को शिक्षण संस्थानों के हब के रूप में विकसित किया।लगभग हरेक जिले में विकासः कार्यो की झड़ी लगी, कोई भी जिला अछूता नहीं रहा जहा कोई ना कोई प्रोजेक्ट जरूर दिया IIM, IIT, IIIT, FDDI, NIFT, NID, AIIMS, डिफेन्स यूनिवर्सिटी आदि अनेकों राष्ट्रीय और विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों के सैकड़ों प्रदेश स्तरीय संस्थान स्थापित किए गए। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी जैसा विश्वस्तरीय संस्थान खोला गया आज ऐसा कोई शिक्षा क्षेत्र नहीं है जिसके लिए हरियाणा के बच्चों को प्रदेश से बाहर जाना पड़े। वो हुड्डा साहब के करिश्माई नेतृत्व का कमाल ही था हरियाणा के हिस्से अनेकों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आए रेल कोच फैक्टरी, परमाणु संयंत्र, विश्वस्तरीय सब्जी मंडी, कई हाईवे, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र के माइलस्टोन हरियाणा के हिस्से आए। लेकिन मौजूदा सरकार इन परियोजनाओं को गति देने की बजाय ठप्प करने पर लगी है। हुड्डा साहब ने गुड़गांव, फरीदाबाद तक मेट्रो पहुँचाकर विकास को नई गति दी। बहादुरगढ़ तक मेट्रो मंजूर करवाई। लाखों करोड़ का हरियाणा में इन्वेस्टमेंट हुआ वर्तमान सरकार 6 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के दावे कर छह हजार से भी नीचे तक इन्वेस्टमेंट में सिमट गई जिसका RTI में खुलासा हुआ जबकि इतना इन्वेस्टमेंट हुड्डा साहब के कार्यकाल में पाइपलाइन में था।
हुड्डा जी के कार्यकाल में कई मेडिकल कॉलेज, 4-4 पावर प्लांट, नई नई iti’s, हजारों स्कूलों को अपग्रेड किया हर क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुआ। मगर आज स्कूल को अपग्रेड करवाने के लिए भी बच्चियों को कई कई दिन तक भूखे प्यासे धरने पर बैठना पड़ रहा है।
हुड्डा साहब ने किसान-मजदूर के लिए 5 लाख का बीमा, 50000 का बीमा भैंस का, जो कोई सोच भी नही सकता था वो करके दिखाया। वृद्धों की सम्मान पेंशन में अभूतपूर्व 5 गुणा बढ़ोतरी की वृद्धों के लिए हरियाणा रोडवेज में किराया आधा कर सम्मान बढ़ाया। वर्तमान सरकार उसे बंद करने का आदेश दे चुकी थी पर चौतरफा विरोध के बाद आदेश को वापिस लिया। हजारों वृद्धों की पेंशन खा चुकी है। जनकल्याणकारी कार्यों को भी नफे नुकसान से तोल रही है।
1991 के बाद हुड्डा ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे जिनके कार्यकाल में नहीं हुआ किसान आंदोलन । भारतीय किसान यूनियन को बनाया था ,एक तरह से अप्रांसगिक,साढे नो साल में सरकार और किसानों के बीच नहीं हुआ किसी तरह का सीधा टकराव । जोकि भजनलाल,बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के शासनकाल में सबसे ज्यादा प्रासंगिक थी । और बहुत से आंदोलन हुए । और किसानों की जान गयी ।और बीजेपी सरकार में तो और भी बुरा हाल है सभी वर्ग ही आंदोलन की राह पर है

हुड्डा साहब ने गेंहू का MSP 640 से 1400 तक करवाया, गन्ने का भाव 117 से 310 किया। 15वें दिन पेमेंट दी। जबकि उनसे पिछली इनेलो+भाजपा सरकार के छह साल के राज में गन्ने का भाव 95 से 117 हुआ। अब भाजपा सरकार के तीन साल में 10 रुपए बढ़ा और पेमेंट भी अपनी सहयोगी इनेलो की तर्ज़ पर छह छह आठ आठ महीने में कर रही है। जब गेंहूँ का भाव 12% सालाना दर से बढ़ रहा था तब तो वर्तमान कृषि मंत्री धनखड़ कुर्ता निकालकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल की मांग करते थे अब क्यों सांप सूंघ गया है? 2-4% सालाना बढ़ोतरी करवा के, बीमा लूट योजना शुरू करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। प्राइवेट बीमा कंपनी के एजेंट बन कर रह गए हैं । बीमा कंपनियों को अनाप शनाप शर्त लगाकर कुछ सौ करोड़ क्लेम के देने पड़ें और कई कई हजार करोड़ का फायदा हो तो ये लूट नही तो क्या है? जबकि बीमा भी बैंकों से जबरदस्ती पैसे काटकर किया गया हो।

हुड्डा साहब ने तो धान, पॉपुलर, बाजरा, मूंग आदि सभी फसलों के उचित दाम दिलवाए। धान 6000 तक बिका जिससे जनता में एक कहावत बन गई थी ।”चौटाला तेरे राज जिरी गई ब्याज में और हुड्डा तेरे राज़ में जीरी गई जहाज़ में “पर खट्टर राज में न्यूनतम समर्थन मूल्य तक नही मिला। पॉपुलर के रेट 1200 से 200-250 रुपए प्रति क्विंटल तक पिट गए पर आमजन के लिए न तो प्लाईवुड सस्ता हुआ न चावल। ना ही किसी भी फसल के पुरे ही दाम मिले, सिर्फ बड़े बड़े व्यापारियों और सत्ता के दलालों ने लूट की।। भूपिंदर सिंह हुड्डा ने किसानो का डर निकाला था । काला कानून ख़त्म किया और कर्जे माफ़ किये ,कभी कोई नीलामी नहीं होने दी किसानो की जमीन की आज इस बेदर्द सरकार में बिलकुल विपरीत हो रहा है । किसान आत्महत्या करने की नौबत तक पंहुचा दिया है और कोई सुनने वाला नहीं है , ये सब किसान के बेटे से देखा नहीं गया उनका दुःख दर्द जानने के लिए जनक्रांति यात्रा के रूप में उनके बीच आ गया है ,तभी जनता में हुड्डा साब को देखकर मायूस जनता में भी जोश आ गया है , हमने भी जनता में आम लोगो को कहते सुना की “बीजेपी की गूंगी बहरी सरकार का गारंटी सुधा इलाज़ केवल ही केवल भूपिंदर सिंह हुड्डा हैं । क्योंकि

गरीब आदमियों के लिए भी वरदान साबित हुई थी हुड्डा सरकार। अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू हुई थी गरीबों के बच्चों के लिए मुफ्त किताब, बैग और स्कॉलरशिप शुरू हुई। बीपीएल परिवार को 90000 रुपये की राशि मकान बनाने के लिए दी, पानी की टँकीया दी, मुफ्त में कनेक्शन दिए, इंदिरा गांधी आवासीय योजना शुरू कर 3.82 लाख 100-100 गज के प्लाट वितरित किए गए। वर्तमान सरकार ने एक प्लाट भी नही दिया। भोजन का अधिकार लागु करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना। लाडली योजना शुरू की जिसमें गरीब परिवार की लड़की की शादी में 51000 रुपए शगुन दिया। दूसरी लड़की के जन्म पर 5 साल तक प्रोत्साहन राशि दी।

स्पोर्ट्स में SPAT, मेडल पर नगद पुरस्कार योजना और सरकारी नौकरी का प्रावधान कर पूरी दुनियां में हरियाणा का ढंका बजवाया। हुड्डा सरकार ने 700 से जयादा खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी वर्तमान सरकार ने एक को भी नही सिर्फ गीता फौगाट कोर्ट के आदेश पर पदोन्नति हुई।

प्रति व्यक्ति आयऔर प्रति व्यक्ति निवेश में हरियाणा को 14वें नँबर से बड़े राज्यों में न.1 पर पहुंचाया।

1999 के चुनावों में इनेलो किसानों के कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में आई पर कर्जमाफी नहीं की पर हुड्डा साहब ने इनेलो के वादे को खुद पूरा कर कीर्तिमान स्थापित किया 1600 करोड़ के किसानों के कर्ज माफ किये जबकि सत्ता संभाली उस समय हरियाणा का वार्षिक बजट ही 2250 करोड़ था। बजट को बढ़ाकर 32000 करोड़ तक ले गए। तब से हरियाणा बना तब से केवल 60हज़ार करोड़ कर्ज़ा था ,साथ में हज़ारो प्रोजेक्ट लगे लेकिन बीजेपी सरकार ने कोई नया प्रोजेक्ट तो दिया नहीं ,लेकिन आज पौने चार साल में क़र्ज़ 160000 करोड़ कर दिया जिससे हरियाणा पूर्ण रूप से क़र्ज़ में डुबो दिया है बिना कोई नया बड़ा प्रोजेक्ट लगाये हुड्डा साहब के कार्यकाल में हर जिले को विकास कार्यों के लिए चौटाला से कई कई गुणा बजट दिया। पर अब खट्टर सरकार में तो गांव में विकास कार्यों के लिए एक एक रुपये को मोहताज होना पड़ रहा है। पंचायत की इनकम से छुट पुट काम हो रहे हैं।
मैं और मेरे जैसे लाखों युवा हुड्डा साहब की इन्ही नीति और नीतियों के कारण फैन हैं। हम क्या हरियाणा का हर आदमी हुड्डा जी का फैन हो जाएगा जो हुड्डा जी के द्वारा किए गए विकास और जनकल्याणकारी कार्यो की हुड्डा जी से पूर्व व वर्तमान सरकार के कार्यो से तुलना कर लेगा। वो हुड्डा जी के अलावा किसी और के बारे में नही सोचेगा। वर्तमान सरकार का तो एक ही फंडा है विपक्षियों को झूठा बदनाम करो समाज को बांटो और चंद झूठी घोषणाएं करो राज करो काम से कोई लेना देना नही। वोटों की राजनीति के चक्कर में ही खट्टर सरकार ने हरियाणा को तीन बार लहूलुहान किया, हालात बेकाबू किए गए सेना बुलानी पड़ी 80 से ज्यादा जानें गई पर हरियाणा का सदियों पुराना भाईचारा अब भी इन पर भारी पड़ रहा है इनके लाख यत्न के बाद नही टूट रहा है कामों की तुलना करके हुड्डा साहब को दोबारा हरियाणा की बागडोर सौंपने के लिए हरियाणा बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रहा है। ये विपक्षियों को भी पता है तभी अपनी दुकानदारी चालु रखने के लिए दिन रात हुड्डा साहब को निशाने पर रखते हैं। हुड्डा साहब का नाम लिए बिना हरियाणा के किसी भी विपक्षी की सभा न तो शुरू होती है और न ही खत्म।

हुड्डा साहब ने अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में हरियाणा को जितना आगे बढ़ाया ।इस झूठी सरकार ने तो पीछे ही धकेला है। तभी तो हुड्डा साहब को हर वर्ग याद कर रहा है। इसका जोश और जूनून हमे जनक्रांति यात्रा में दिखा ।जहां भी जिस गाव व् शहर एवम क़स्बे से तपती धुप में गुज़रे ढोल नगाड़ों के साथ समाज के सभी वर्गों ने फूलों की वर्षा से स्वागत किया । अब लगता हरियाणा में परिवर्तन की लहर चल चुकी , हमारे जैसे लाखों चाहने वाले हुड्डा जी के साथ जुड़ चुके है ।आनेवाला समय हुड्डा जी का है जो हमारे प्रदेश वासियों के पुराने अच्छे दिन लौटायेंगे ।