Sunday, December 22

चंडीगढ,9जून:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को राज्य सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवर खेलो और विज्ञापन आदि से होने वाली आय में से एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद को देने के सेवा नियम को स्थगित करने का भले ही ऐलान कर दिया है लेकिन खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका का कहना है कि अभी नियम विधिवत लागू है। उन्होंने इस सम्बन्ध में जारी अधिसूचना को भी न्याय संगत बताया है।

हरियाणा सरकार की सेवा में रहते हुए पेशेवर कमाई करने वाले खिलाडियों की कमाई से एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद को देने के नियम लागू करने के लिए अधिसूचना तो पिछले 30 अप्रेल को जारी की गई थी। लेकिन पिछले शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर पेशेवर खेलने वाले हरियाणा के खिलाडियों के साथ विपक्ष ने भी कडा विरोध दर्ज करवाया था। विरोध के चलते मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि इस नियम को अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है।

बहरहाल खेल विभाग के प्रमुख सचिव अशोक खेमका के बयान से बयान से इस बात के संकेत मिले हैं कि सरकार को जल्दी ही नियम में बदलाव के कदम उठाने होंगे। खेमका ने कहा है कि मैंने मुख्यमंत्री का बयान नहीं देखा और मात्र मीडिया रिपोर्ट के आधार पर वे प्रतिक्रिया भी नहीं देगें लेकिन इस नियम की अधिसूचना काफी विचार-विमर्श के बाद जारी की गई थी। यह अधिसूचना अभी लागू है। पंजाब सिविल सेवा नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें साफ है कि यदि कोई कर्मचारी अन्य स्रोत से आय हासिल करता है तो इस पर सरकार का अधिकार है। यदि राज्य सरकार की सेवा में नियुक्त खिलाडी को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने या विज्ञापन में प्रस्तुति की अनुमति दी जाती है और उससे होने वाली कमाई का हिस्सा खेलों के विकास में लगाने की बात की जाती है तो इसमें गलत भी क्या है। उन्होंने कहा कि एक तिहाई हिस्सा तो काफी कम है और यह हिस्सा पचास फीसदी तक जा सकता है।