हरियाणा में पुराने नियमों पर नया विवाद खिलाडियों को नहीं मंज़ूर
चंडीगढ,8जून।
हरियाणा में पुराने नियमों पर नया विवाद सामने आया है। सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवराना खेलों या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए धन कमाने वाले खिलाडियों पर राज्य सरकार ने पहले से शर्तें लागू की हैं और इनके अनुसार खिलाडियों को इस आमदनी का हिस्सा हरियाणा खेल परिषद में जमा कराना होगा। सरकार का कहना है कि इस धन को प्रदेश में खेलों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इन नियमों पर नया विवाद सामने आया है। प्रदेश के प्रमुख खिलाडी इन शर्तों का विरोध कर रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार की अपील की है।
राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रेल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि खिलाडी को पेशेवराना खेलों या आमदनी से जुडी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बगैर वेतन असाधारण अवकाश प्रदान किया जाता है तो खिलाडी को आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा करवाना होगा। वहीं यदि खिलाडी को ऐसी गतिविधि में शामिल होने के दौरान सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति से ड््यूटी पर माना जाता है तो उसे पूरी आय राज्य खेल परिषद को देनी होगी।
इन दो शर्तों पर प्रदेश के प्रमुख खिलाडियों ने कडा विरोध जताया है। रेसलर गीता फोगाट और उनकी बहिन बबीता फोगाट ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है। डनहोंने कहा है कि राज्य सरकार जो कर रही है वह खिलाडियों के हित में नहीं है। गीता फोगाट अभी हरियाणा पुलिस में उपअधीक्षक के पद पर नियुक्त है। गीता ने कहा कि मैं राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार की अपील करती हूं। गीता की छोटी बहिन बबीता ने कहा कि सरकार इस बात को नहीं समझ रही कि देश के लिए पदक लाने पर खिलाडी को कितनी मेहनत करना होती है। मैं इन शर्तों का समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को नियम बनाने से पहले खिलाडियों से राय लेना चाहिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार इस तरह के तुगलकी फरमान आये दिन जारी कर रही है। वह अप्रिय सख्त आदेश जारी करने में होड की तरह काम कर रही है। खेल मंत्री ने इस बारे में कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के सेवा नियमों में यह शर्त पहले से लागू है। नियम है कि यदि राज्य सरकार का कर्मचारी आय हासिल करता है तो उसे एक तिहाई सरकार को जमा कराना होगा। खिलाडियों के मामले में यह मुद्दा तब सामने आया था जबकि बाॅक्सर विजेंन्द्र को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने की अनुमति दी गई थी और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे मामलों के नियम बनाने को कहा था। उन्होंने कहा कि शर्ते उन खिलाडियों पर लागू होंगी जो कि व्यावसायिक खेल स्पद्र्धाओं में खेलकर आय हासिल करेंगे। ओलम्पिक,एशियाई खेल और काॅमनवैल्थ खेलों के लिए ये शर्ते लागू नहीं है।
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