कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के लिए कांग्रेस के मुकाबले अपने बड़े भाई एचडी रेवन्ना को संभालना मुश्किल है. रेवन्ना, राजनीति में कुमारस्वामी से सीनियर हैं और अपने पिता एचडी देवगौड़ा के पसंदीदा हैं.
बताया जाता है कि पीडब्ल्यूडी और पावर पोर्टफोलियो के लिए गौड़ा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मना लिया है. इसके लिए कांग्रेस नेता तैयार नहीं थे, यहां तक कि जेडीएस के ‘क्राइसिस मैनेजर’ डीके शिवकुमार भी इसके खिलाफ थे. सीएम के नज़दीकी सूत्रों के मुताबिक, खुद कुमारस्वामी भी पिता के इस फैसले से नाखुश थे.
बता दें कि पीएडब्ल्यूडी और पावर रेवन्ना के पसंदीदा मंत्रालय हैं. उन्होंने 2004 से 2006 के बीच चली कांग्रेस-जेडीएस सरकार में भी यही मंत्रालय संभाले थे. यही नहीं, 2006 से 2007 तक चली बीजेपी गठबंधन वाली सरकार में भी वह इन विभागों के मंत्री थे.
इस बार भी रेवन्ना ने अपने पिता से इन मंत्रालयों की मांग की है. देवगौड़ा ने हसन जिले के होलेनारासीपुरा से पांच बार विधायक रह चुके रेवन्ना की इच्छा इस बार भी पूरी कर दी है. बता दें कि 1962 से 1989 तक देवगौड़ा भी इसी सीट से छह बार जीते थे.
कांग्रेस नाराज
गठबंधन की मुख्य पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा दोनों बड़े मंत्रालय जेडीएस को सौंपने से नाराज़ हैं. सिद्धारमैया सरकार में पावर पोर्टफोलियो संभाल चुके शिवकुमार भी कांग्रेस-जेडीएस के इस फैसले से नाराज़ हैं.
News18 से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘रेवन्ना बड़े नेता हैं. मैं उनपर टिप्पणी नहीं करूंगा. इस पार्टी ने मुझे चौकीदार की नौकरी दी है. मैं इससे खुश हूं.’
उनके करीबियों का दावा है कि विश्वासमत से पहले कांग्रेस के विधायकों को छिपाकर रखने वाले शिवकुमार ने अब बेंगलुरु डेवलपमेंट या वॉटर रिसोर्स जैसे मंत्रालय की मांग की है. स्टेट कैबिनेट का मेंबर बनाए जाने की शर्त पर उन्होंने प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग की है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, रेवन्ना ने अपने पिता और भाई से किसी भी अन्य जेडीएस विधायक को यह मंत्रालय न सौंपने को कहा था.
मैसूर के केआर नगर से जेडीएस विधायक सा रा महेश ने मीडिया को बताया कि रेवन्ना को दोनो मंत्रालय नहीं मिलने चाहिए.
कुमारस्वामी का परिवार बिगाड़ सकता है गठबंधन का खेल
रेवन्ना के बेटे प्रजवल रेवन्ना भी अपने चाचा कुमारस्वामी से नाराज हैं क्योंकि उन्हें हालिया चुनाव में टिकट नहीं दिया.
गौड़ा के एक पुराने सहयोगी ने बताया, ‘परिवार में कुछ भी ठीक नहीं है. देवगौड़ा परिवार को एक साथ रखने की कोशिश कर रहे हैं. रेवन्ना की पत्नी और उनके पोते कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं.’
रेवन्ना को चिंता है कि कुमारस्वामी उनके बेटे निखिल कुमार को उनके बेटे प्रजवल की जगह प्रमोट कर सकते हैं. मौके की नज़ाकत देखते हुए गौड़ा ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए हसन सीट से टिकट देने का वादा किया है.
अगर कुमारस्वामी पावर और पीडब्ल्यूडी मंत्रालय रेवन्ना को सौंपते हैं तो यह कांग्रेस-जेडीएस और गौड़ा परिवार के बीच तनाव की बड़ी वजह बन सकती है. हालांकि, कुमारस्वामी अपने पिता के खिलाफ नहीं जाएंगे क्योंकि अब भी उनका पार्टी पर कंट्रोल है.
कर्नाटक कैबिनेट का बुधवार को विस्तार होगा. बताया जा रहा है कि इसमें कांग्रेस के 22 और जेडीएस के 12 चेहरों को जगह मिलेगी.