Saturday, December 21

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आज मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने बताया की किसानों के प्रति सहानुभूति रखने की बजाये नीतियों का विरोध कर रहे  किसानों के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं जोकि बहुत निंदनीय है.

सुरजेवाला के अनुसार अपने घोषणा पत्र में भाजपा  ने   किसानों को स्वामी नाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार  ही लागत अक ५० प्रतिशत के ऊपर समर्थन मूल्य देने का वादा किया था परन्तु  ऐसा नहीं किया गया जबकि कांग्रेस शासनकाल में स्वामी नाथन समिति की 201 सिफारिशों में से १७५ लागू कर दी गई थी.

कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश के गन्ना किसानों की परेशानी पर ध्यान देने की बजाय पाकिस्तान से चीनी का आयात कर रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘देश भर के 130 से अधिक किसान संगठन मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते एक से दस जून तक ‘गांव बंदी’ आंदोलन कर रहे हैं. यह पहला अवसर नहीं है कि किसानों ने बीजेपी सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट किया हो. बीते चार सालों से यही हालत है.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को धोखा देते हुए देश के सुपईम कोर्ट में 6 फरवरी, 2015 को शपथ पत्र दिया कि अगर स्वामीनाथन कमीशन की ‘लागत का 50 फीसदी से ज्यादा समर्थन मूल्य’ देने की सिफारिश को स्वीकार किया गया तो बाजार बिगड़ जाएगा. इसका मतलब यह है कि मोदी सरकार किसानों की अपेक्षा जमाखोरों और बिचौलियों के पक्ष में खड़ी हो गई.

उन्होंने कहा, ‘गन्ना किसानों की दुर्दशा का भी यही हाल है. देश के गन्ना किसानों का लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपया बकाया है. मूल कारण यह है कि शक्कर के अच्छे उत्पादन के बाद भी शक्कर का भाव धराशाई हो गया है. मोदी जी ने पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में शक्कर का आयात करवा कर देश के गन्ना किसानों के जीवन में कड़वाहट घोल दी है.’ सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार जब अपने कुछ धनपतियों का लाखों करोड़ रूपए का कर्ज माफ़ कर सकती है तो फ़िर किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ़ कर सकती ?