पानीपत, 26 मई, 2018 :
लघु सचिवालय के द्वितीय तल सभागार में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। कई विभागों से अधिकारी मीटिंग में नहीं पहुंचे इस पर मंत्री ने कड़े शब्दों में अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगली मीटिंग से जिस अधिकारी ने भागने का प्रयास किया और मीटिंग में नहीं पहुंचा उसको सस्पेंड कर दूंगा, मेरा नाम अनिल विज है ये जान लें। मंत्री विज ने कई शिकायत में पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर पुलिस को फेल करार दे दिया। मीटिंग में भाजपा नेता व भाजपा समर्थित पार्षद हरीश शर्मा भी पहुंचे। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों की कार्रवाई पर बड़े सवाल उठाए। इस पर मंत्री विज ने कहा कि जब जन प्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं हो रही तो आम जनता का क्या हाल होगा।
इस मीटिंग में विधायक रोहिता रेवड़ी, रविंद्र मच्छरौली और महिपाल ढांडा के अलावा उपायुक्त सुमेधा कटारिया, एएसपी चन्द्रमोहन, निगम आयुक्त शिवप्रसाद शर्मा, एसडीएम विवेक चौधरी, संयुक्त आयुक्त सुमन भाखर, शुगर मिल के एमडी बीर सिंह, समालखा के एसडीएम गौरव कुमार, वरिष्ठ भाजपा नेता नितिसैन भाटिया, करनाल निगरानी कमेटी के सदस्य गजेन्द्र सलूजा मौजूद रहे।
कष्ठ निवारण समिति की बैठक में कुल 15 शिकायतों पर सुनवाई हुई। इनमें से 11 शिकायतों का मौके पर ही निपटान कर दिया गया और 4 शिकायतों को अगली मीटिंग तक लंबित रखा गया है। तदोपरांत 95 खुली शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी शिकायतों पर भी तीव्र कार्यवाही अमल में लाई जाए और की गई कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत करवाया जाए। उन्होंने एमसी हरीश शर्मा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कहा कि भविष्य में नगर निगम से संबंधित शिकायत को लेकर किसी पार्षद को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में ना आना पड़े। इसके लिए नगर निगम अधिकारी कार्यालयों में ही उनकी समस्याओं का समाधान करना सुनिश्चित करें। बैठक को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि जिला कष्ट निवारण समिति जिला का सबसे प्रतिष्ठित सदन है। इसलिए इस बैठक में सभी अधिकारी पूरी तैयारियों के साथ भाग लें। जो अधिकारी उनकी अनुमति के बिना इधर-उधर चले जाते हैं, उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के सभी प्रयास कर रही है। यही नहीं, लोगों की शिकायतों का जिला स्तर पर समाधान करने के लिए जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष खुला दरबार लगाकर भी लोगों की समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास करते हैं।
इन 15 शिकायतों पर हुई सुनवाई
प्रथम शिकायत सुरजीत कौर, प्रकाश नगर पानीपत की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में पांच साल का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाई है। इस पर करनाल निगरानी कमेटी के अध्यक्ष गजेन्द्र सलूजा ने भी पक्ष रखा और कहा कि शिकायतकर्ता की बेटी का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। इस पर अध्यक्ष अनिल विज ने कहा कि इस मामले में वे सीबीआई से जांच करवाने के लिए वे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को अनुरोध पत्र लिखेंगे। उन्होंने इस मामले में पुलिस को फेल करार दिया।
दूसरी शिकायत जितेन्द्र कुमार सिद्धार्थ नगर की थी। इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ जो धोखाधड़ी हुई थी। उस मामले को सुलझाते हुए 80 हजार रुपये की राशि रिकवरी के रूप में दिलवा दी।
तीसरी शिकायत ओमसिंह गांव महावटी तहसील समालखा की थी। इनकी शिकायत पर अध्यक्ष ने एक डीएसपी और दो जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्यों की कमेटी बनाकर नये सिरे से जांच करने के आदेश दिए ताकि शिकायतकर्ता की जमीन की रजिस्ट्री के मामले की ठीक से जांच हो सके। इस शिकायत को अगली बैठक के लिए लम्बित रख लिया गया है।
चौथी शिकायत के माध्यम से भगत सिंह अध्यक्ष एजूकेशन सोसाइटी समालखा की शिकायत पर पुन: जांच करवाने के निर्देश दिए गए।
पांचवीं शिकायत एमसी हरीश शर्मा की थी, जो शहर की सफाई से संबंधित थी। इस शिकायत का भी मौके पर ही समाधान कर दिया गया।
छठवीं शिकायत गांव डाढौला के पंच बच्चन सिंह व हरिओम की थी। इस पर अधिकारियों ने बताया कि गांव डाढौला के ग्राम सचिव को चार्जशीट कर दिया गया है और जांच की जा रही है। इस शिकायत को अगली बैठक के लिए लंबित रख लिया गया है।
सातवीं शिकायत चांद सिंह गांव नारा की थी। इस पर मंत्री ने निर्देश दिए कि इस मामले की पुन: जांच करके एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
आठवीं शिकायत गांव लोहारी के धनसिंह की थी, जिस पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि पानीपत पीडब्लयूडी विभाग के एक्सईएन इस मामले की पुन: जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को दें ताकि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
नौवी शिकायत अजमेर सिंह की थी, जिस पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि तहसीलदार समालखा इस मामले की जांच करें, उचित कार्यवाही अमल में लाएं।
दसवीं शिकायत गांव शिमला मौलाना के मोहन सिंह की शिकायत पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि शिमला मौलाना में संबंधित विभाग के अधिकारी निकासी नाला बनवाएं।
ग्यारहवीं शिकायत विजय नगर समालखा की बिमला वर्मा की शिकायत का भी समाधान मौके पर ही कर दिया गया।
बारहवीं शिकायत शिवकरण सेक्टर 25 पानीपत की थी। उन्होंने सीवर में अवैध कनेक्शन जोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इस पर अध्यक्ष ने नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाने के आदेश दिए।
तेरहवीं शिकायत गांव उझा के राजकुमार की शिकायत पर अध्यक्ष ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस गांव में एक कैम्प लगाकर लोगों के राशनकार्ड बनवाए जाएं।
चौदहवीं शिकायत गांव बिहौली के जगदीप सिंह की शिकायत पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि इस शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
पंद्रहवीं शिकायत मडलौडा निवासी महाबीर सिंह ने मांग की थी कि पंचायती जमीन से अवैध कब्जे हटवाए जाएं। इस बार मंत्री विज ने बाहर खड़े शिकायतकर्ताओं को भी अंदर बुला लिया और उनकी समस्याएं सुनकर अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस मीटिंग में विधायक रोहिता रेवड़ी, रविंद्र मच्छरौली और महिपाल ढांडा के अलावा उपायुक्त सुमेधा कटारिया, एएसपी चन्द्रमोहन, निगम आयुक्त शिवप्रसाद शर्मा, एसडीएम विवेक चौधरी, संयुक्त आयुक्त सुमन भाखर, शुगर मिल के एमडी बीर सिंह, समालखा के एसडीएम गौरव कुमार, वरिष्ठ भाजपा नेता नितिसैन भाटिया, करनाल निगरानी कमेटी के सदस्य गजेन्द्र सलूजा मौजूद रहे।
कष्ठ निवारण समिति की बैठक में कुल 15 शिकायतों पर सुनवाई हुई। इनमें से 11 शिकायतों का मौके पर ही निपटान कर दिया गया और 4 शिकायतों को अगली मीटिंग तक लंबित रखा गया है। तदोपरांत 95 खुली शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी शिकायतों पर भी तीव्र कार्यवाही अमल में लाई जाए और की गई कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत करवाया जाए। उन्होंने एमसी हरीश शर्मा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कहा कि भविष्य में नगर निगम से संबंधित शिकायत को लेकर किसी पार्षद को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में ना आना पड़े। इसके लिए नगर निगम अधिकारी कार्यालयों में ही उनकी समस्याओं का समाधान करना सुनिश्चित करें। बैठक को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि जिला कष्ट निवारण समिति जिला का सबसे प्रतिष्ठित सदन है। इसलिए इस बैठक में सभी अधिकारी पूरी तैयारियों के साथ भाग लें। जो अधिकारी उनकी अनुमति के बिना इधर-उधर चले जाते हैं, उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के सभी प्रयास कर रही है। यही नहीं, लोगों की शिकायतों का जिला स्तर पर समाधान करने के लिए जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष खुला दरबार लगाकर भी लोगों की समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास करते हैं।
इन 15 शिकायतों पर हुई सुनवाई
प्रथम शिकायत सुरजीत कौर, प्रकाश नगर पानीपत की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में पांच साल का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाई है। इस पर करनाल निगरानी कमेटी के अध्यक्ष गजेन्द्र सलूजा ने भी पक्ष रखा और कहा कि शिकायतकर्ता की बेटी का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। इस पर अध्यक्ष अनिल विज ने कहा कि इस मामले में वे सीबीआई से जांच करवाने के लिए वे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को अनुरोध पत्र लिखेंगे। उन्होंने इस मामले में पुलिस को फेल करार दिया।
दूसरी शिकायत जितेन्द्र कुमार सिद्धार्थ नगर की थी। इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ जो धोखाधड़ी हुई थी। उस मामले को सुलझाते हुए 80 हजार रुपये की राशि रिकवरी के रूप में दिलवा दी।
तीसरी शिकायत ओमसिंह गांव महावटी तहसील समालखा की थी। इनकी शिकायत पर अध्यक्ष ने एक डीएसपी और दो जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्यों की कमेटी बनाकर नये सिरे से जांच करने के आदेश दिए ताकि शिकायतकर्ता की जमीन की रजिस्ट्री के मामले की ठीक से जांच हो सके। इस शिकायत को अगली बैठक के लिए लम्बित रख लिया गया है।
चौथी शिकायत के माध्यम से भगत सिंह अध्यक्ष एजूकेशन सोसाइटी समालखा की शिकायत पर पुन: जांच करवाने के निर्देश दिए गए।
पांचवीं शिकायत एमसी हरीश शर्मा की थी, जो शहर की सफाई से संबंधित थी। इस शिकायत का भी मौके पर ही समाधान कर दिया गया।
छठवीं शिकायत गांव डाढौला के पंच बच्चन सिंह व हरिओम की थी। इस पर अधिकारियों ने बताया कि गांव डाढौला के ग्राम सचिव को चार्जशीट कर दिया गया है और जांच की जा रही है। इस शिकायत को अगली बैठक के लिए लंबित रख लिया गया है।
सातवीं शिकायत चांद सिंह गांव नारा की थी। इस पर मंत्री ने निर्देश दिए कि इस मामले की पुन: जांच करके एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
आठवीं शिकायत गांव लोहारी के धनसिंह की थी, जिस पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि पानीपत पीडब्लयूडी विभाग के एक्सईएन इस मामले की पुन: जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को दें ताकि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
नौवी शिकायत अजमेर सिंह की थी, जिस पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि तहसीलदार समालखा इस मामले की जांच करें, उचित कार्यवाही अमल में लाएं।
दसवीं शिकायत गांव शिमला मौलाना के मोहन सिंह की शिकायत पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि शिमला मौलाना में संबंधित विभाग के अधिकारी निकासी नाला बनवाएं।
ग्यारहवीं शिकायत विजय नगर समालखा की बिमला वर्मा की शिकायत का भी समाधान मौके पर ही कर दिया गया।
बारहवीं शिकायत शिवकरण सेक्टर 25 पानीपत की थी। उन्होंने सीवर में अवैध कनेक्शन जोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इस पर अध्यक्ष ने नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाने के आदेश दिए।
तेरहवीं शिकायत गांव उझा के राजकुमार की शिकायत पर अध्यक्ष ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस गांव में एक कैम्प लगाकर लोगों के राशनकार्ड बनवाए जाएं।
चौदहवीं शिकायत गांव बिहौली के जगदीप सिंह की शिकायत पर अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि इस शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
पंद्रहवीं शिकायत मडलौडा निवासी महाबीर सिंह ने मांग की थी कि पंचायती जमीन से अवैध कब्जे हटवाए जाएं। इस बार मंत्री विज ने बाहर खड़े शिकायतकर्ताओं को भी अंदर बुला लिया और उनकी समस्याएं सुनकर अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।