चंडीगढ़ 25 मई 2018. यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी चण्डीगढ के महासचिव डॉ० धर्मेन्द्र ने चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को फिर से चेतावनी देते हुए कहा कि इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के तहत बनने वाले फ्लैटों के सम्बन्ध में किसी भी किस्म की छेड़छाड़ करने से बाज आएं. अन्यथा यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी चण्डीगढ के लीडर सभी कर्मचारियों को साथ लेकर हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों का घेराव करने से पीछे नहीं हटेगे। हाईकोर्ट सैक्टर 53 में यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के *ए* कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए 11.79 एकड़ जमीन पर फ्लैट बनाने के लिए काम तुरन्त शुरू करने के लिए आदेश पहले ही जारी कर चुका है, परन्तु हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी अपने ही कर्मचारियों की स्कीम के साथ बदनीयती से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसकी यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी चण्डीगढ सख़्त निन्दा करती है।
वहीँ विश्वस्त सूत्रों की माने तो चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी जमीन की कमी दिखाकर इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के फ्लैटों के साइज़ और एफएआर में बदलाव करने कोशिश कर रहा है। डॉ० धर्मेन्द्र ने कहा कि हमें इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम तहत बनने वाले फ्लैटों के साइज़ में किसी भी किस्म की छेड़छाड़ मंजूर नहीं है। अधिकारी वैसे तो जमीन की कमी बताते हैं फिर सरकारी जमीन पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों के मकान बनाने के लिए जमीन कहाँ से आ जाती है । इस समय चण्डीगढ में लगभग 600 एकड़ जमीन प्रशासन के पास खाली पड़ी है और यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम पिछले दस साल से लम्बित पड़ी है । अधिकारी चाहे चण्डीगढ प्रशासन के हों या चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के वो कानून से ऊपर नहीं हैं। पहले ही अधिकारी कर्मचारियों के साथ धोखा कर चुके हैं पर अब हम अपने साथ और ज्यादा धोखा नहीं होने देंगे।
यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान सरदार बलविंदर सिंह ने कहा कि कर्मचारियों ने चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के पास 57.82 करोड़ रुपए जमा करवा करवा रखे हैं हमें उस पैसे का पिछले दस साल का 18% की दर से ब्याज भी चाहिए। प्रधान श्री बलविंदर सिंह ने केन्द्र सरकार से मांग की कि इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के लिए 61.5 एकड़ जमीन जल्द से जल्द अलाट करने का आदेश जारी किया जाए ताकि कर्मचारियों के फ्लैट जल्द से जल्द बन सकें और कर्मचारियों को उनके फ्लैट भी जल्द मिल जाएं । फ्लैट मिलने के बाद कर्मचारियों को किराए के मकानों में रहने से भी छुटकारा मिल जाएगा । सोसायटी के महासचिव डॉ धर्मेन्द्र ने कहा कि सैक्टर 53 में इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के तहत *ए कैटेगरी* के जो फ्लैट बनाए जाने हैं यदि हाउसिंग बोर्ड उस 11.79 एकड़ जमीन पर और ज्यादा इम्प्लाइज को एडजस्ट करने की कोशिश करता भी है तो पढ़े लिखे लोगों को सब समझ में आता है कि एफ ए आर बढ़ने से कुछ एक इम्प्लाइज के लिए फ्लैट तो बनाए जा सकते हैं परन्तु सब इम्प्लाइज के लिए उस 11.79 एकड़ जमीन पर फ्लैट नहीं बनाए जा सकते । फिर बाकी के बचे लोग कहाँ जाएंगे ? ये अधिकारी केन्द्र सरकार पर क्यों नहीं दबाव बनाते कि इस स्कीम के लिए जमीन का मामला जल्द हल करे ताकि इम्प्लाइज को फ्लैट बनाकर जल्दी दिये जा सकें। पर इनकी एफ ए आर के साथ छेड़छाड़ और रीप्लान करने का दुस्साहस केवल इस इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम को और अधिक लटकाने की केवल तरकीब मात्र है। इन अधिकारियों पर केन्द्र सरकार का दबाव पडता है तो ये अवैध रूप से झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों के लिए काम करने में ज्यादा रुचि लेते दिखाई देते हैं। इन अधिकारियों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना नहीं करनी चाहिए और जल्द से जल्द एफ ए आर के साथ छेड़छाड़ करने की बजाय पहले से बने *ले आउट प्लान* पर ही कार्य करते हुए फ्लैट बनाने की ओर कदम बढाने चाहिए।
अन्यथा यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी चण्डीगढ को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होना पडेगा और इस सबकी जिम्मेदारी केवल और केवल अधिकारियों की होगी। चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा *माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना का केस भी जल्द ही न्यायालय में डाला जाएगा और न्यायालय को बताया जाएगा कि किस तरह अधिकारी अपने आपको कोर्ट से भी ऊपर समझने लगे हैं।* डॉ० धर्मेन्द्र ने बताया कि माननीय न्यायमूर्ति श्री सूर्यकांत जी ने आदेश जारी किए थे कि सैक्टर 53 की 11.79 एकड़ जमीन पर इम्प्लाइज के मकान बनाने का काम तुरन्त शुरू किया जाए परन्तु बोर्ड के अधिकारियों ने सीएचबी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम का मामला लटकाने के लिए केवल यह कहते हुए डैफर कर दिया कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है जबकि माननीय हाईकोर्ट तो फ्लैट बनाना शुरू करने का आदेश दे चुका है ।