यात्रीगण कृपया ध्यान दें चंडीगढ़ से चल कर दिल्ली जाने वाली तेजस एक्सप्रेस तैयार है


भारतीय रेलवे दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर नई तेजस एक्सप्रेस जल्द ही शुरू करने जा रहा है. इस ट्रेन की यात्रा हवाई जहाज की तरह लग्जरी और आरामदायक होगी.


भारतीय रेल नयी समय सारिणी 2018:

दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच की दूरी अब महज तीन घंटे में पूरी होगी. भारतीय रेलवे की नई लग्जरी ट्रेन से यह मुमकिन होगा. दरअसल, भारतीय रेलवे नई दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर नई तेजस एक्सप्रेस जल्द ही शुरू करने जा रहा है. इस ट्रेन की यात्रा हवाई जहाज की तरह लग्जरी और आरामदायक होगी.

15 अगस्त से प्रभावी भारतीय रेलवे के नए टाइम टेबल के अनुसार, दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर जल्द ही एक नई तेजस एक्सप्रेस शुरू की जाएगी. इस ट्रेन से दोनों शहरों के बीच का ट्रैवल टाइम घटकर महज तीन घंटे रह जाएगा. बता दें, तेजस एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की नई लग्जरी ट्रेनें हैं, जो धीरे-धीरे प्रमुख रुटों पर शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेंगी. पहली बार इस ट्रेन को 2017 में मुंबई-गोवा रूट पर शुरू किया गया था. रेलवे ने तेजस एक्सप्रेस के लिए तीन रूट निर्धारित किए हैं. इनमें मुंबई-गोवा, दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-लखनऊ रूट शामिल हैं.

दिल्ली-चंडीगढ़ तेजस एक्सप्रेस का समय

नई दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर तेज एक्सप्रेस को पिछले साल चलाया जाना था, लेकिन रैक नहीं तैयार होने के चलते संभव नहीं हुआ. रेलवे के नए टाइम टेबल के अनुसार, ट्रेन नंबर 22425 नई दिल्ली से रोज सुबह (बुधवार को छोड़कर) 9:30 AM पर रवाना होगी जो 12:40 AM पर पहुंचेगी. वापसी में ट्रेन नंबर 22426 चंडीगढ़ से 2:35 PM से चलकर नई दिल्ली 5:30 PM (बुधवार को छोड़कर) पहुंचेगी.

दिल्ली-चंडीगढ़ तेजस एक्सप्रेस की खासियतें:

सेमी हाई-स्पीड तेजस एक्सप्रेस में एयरक्रॉफ्ट जैसी कई सुविधाएं हैं. इसमें हर यात्री की सीट पर सूचना और मनोरंजन के लिए स्क्रीन लगी है. अटैंडडेंट कॉलिंग बटन, पढ़ने की लाइट, एग्जीक्यूटिव चेयर कार के अलावा आॅटोमैटिक एंट्री और एक्जिट दरवाजें हैं, जो मेट्रो ट्रेनों की तरह प्लेटफॉर्म पर पहुंचने पर ही खुलेंगे. तेजस की कोचेज को भविष्य के मुताबिक तैयार किया गया है, जिससे कि वह 200 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकते हैं.

यह हैं खूबियां

  • पूरी ट्रेन साउंड प्रूफ है, ट्रेन के गेट ऑटोमेटिक हैं।
  • वाई-फाई, सीट के पीछे टच स्क्रीन एलईडी, स्मोक डिटेक्टर, सीसीटीवी।
  • वीनीशन विंडो- यह आकार में बड़ा है। बेहतर दृश्य, धूप से बचाव के लिए लगे पर्दे पॉवर से चलेंगे।
  • ट्रेन में बायो वैक्यूम टॉयलेट, इंगेजमेंट बोर्ड, हैंड ड्रायर की सुविधा मुहैया कराई गई है।
  • एक्जीक्यूटिव क्लास में ज्यादा आराम के लिए सीट के पीछे सर टिकाने के लिए हेडरेस्ट, पैरों के लिए फूटरेस्ट दिए गए हैं। पैसेंजर सो कर जा सकते हैं। लेटने के लिए अत्यंत सुविधाजनक सीट तैयार की गई है।
  • स्टेशनों के बारे में और दूसरी सूचनाएं माइक के अलावा एलईडी पर भी मिलेगी।
  • सीट और कोच के छत के निर्माण में नारंगी और पीले रंग का इस्तेमाल किया गया है।

बक्कफुट पर विपक्ष कर रहा अमर्यादित हमले


मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड की आड़ में निजी चारित्रिक हनन का प्रयास विद्रूप राजनीति का परिचायक है


मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न की घटना के डिटेल ज्यों-ज्यों सामने आए ये एक सेक्स स्कैंडल का रूप लेता गया. 34 नाबालिग लड़कियों के साथ लंबे समय से रेप और यातना की पराकाष्ठा ने ब्रांड बिहार पर गहरा चोट किया है. इसकी जितनी आलोचना की जाए कम है और विपक्ष का मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग भी उनका क्षेत्राधिकार है, लेकिन इस घटना की आड़ में निजी चारित्रिक हनन का प्रयास विद्रूप राजनीति का परिचायक है.

पिछले कुछ दिनों से मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेताओं ने सत्ता पक्ष को निशाना बनाने के लिए अमर्यादित तरीके से प्रहार करने की रणनीति अपनाई है. हालांकि इस मामले में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी बहती गांगा में हाथ साफ किया और तेजस्वी के निजी सचिव के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के कागजात पेश कराए.

बेटियों के साथ हुए अन्याय की आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकना सही नहीं

नेताओं की जाती राजनीतिक महत्वाकांक्षा के तहत विरोधियों की छवि धूमिल कर अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं. तर्कों और तथ्यों के सहारे तो इसे एक हद जायज ठहराया भी जा सकता है लेकिन बिना किसी बुनियाद के कतई नहीं. बिहार की बेटियों के साथ जो कुछ हुआ उसकी आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश में नीतीश कुमार और उनके सहयोगियों को चुनिंदा तरीके से ‘उत्पीड़क’ साबित करने की कोशिश बिहारी कट्टे की शक्ल ले सकती हो जो अक्सर बैकफायर करता है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जिस संजीदगी पर आक्रामकता से इस मामले पर आरजेडी का रूख सार्वजनिक किया ठीक उसके विपरीत भाई वीरेंद्र और शिवानंद तिवारी सरीखे नेताओं ने मुद्दा केंद्रित अटैक को निजी सनसनीखेज आरोपों के जरिए भटकाने की कोशिश की. तेजस्वी को अपने स्वयंभू कमांडरों को जद में लाने की जरूरत है. इसका कारण ये भी है कि शिवानंद जैसे नेता इमरजेंसी के जमाने की भूमिका गिना-गिनाकर अपने को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश करते आए हैं. इसके उलट असल राजनीतिक जीवन में ऐसे समाजवादी हर दरबार में घुटने टेक उसके मुखिया के कंधे का इस्तेमाल बंदूक चलाने के लिए करते आए हैं.

सीबीआई को मुजफ्फरपुर मामले की जांच सौंपने के बाद मंजू वर्मा का इस्तीफा हो चुका है. इसमें कोई शक नहीं कि इन दोनों फैसलों के पीछे विपक्ष का दबाव भी काम आया. विपक्ष के पास सरकार पर दबाव बनाने का मौका है. बनाए, लेकिन निजी चारित्रिक हनन से बाज आए.

विपक्ष को इन तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए

विपक्ष को तीन चीजों पर गौर करना चाहिए. पहला, आरोप मढ़ने के लिए कैमरे के सामने जाने वाली की निजी विश्वसनीयता कैसी है. दूसरा, जिस पर चारित्रिक चोट करना है उसका कोई पुराना इतिहास रहा है या ये सिर्फ पूर्वाग्रह से प्रेरित है. तीसरा, कालांतर में इस तरह के आरोपों का राजनीतिक प्रतिफल.

इन सभी मानकों पर हालिया हमला आरजेडी का भटकाव है. दरअसल नीतीश कुमार पर निजी चारित्रिक हमले का प्रतिफल सर्वविदित है. तब विपक्ष की नेता राबड़ी देवी थीं. 2009 का चुनाव था. उन्होंने नीतीश पर दो ट्रेनों के नामकरण को लेकर हमला बोला. नतीजा, 40 में 32 सीटें जेडीयू-बीजेपी के पाले में गईं. अगले विधानसभा चुनाव में आरजेडी 22 पर सिमट गई. सिर्फ यही कारण था, ऐसा नहीं है, पर इससे भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि जनता के मन मस्तिष्क में हर नेता की एक छवि होती है और उसे बिगाड़ने का प्रयास विफल होने पर खामियाजा भुगतना पड़ता है. आज वो दो रेलगाड़ियां भी चल रही हैं और नीतीश की सीएम की कुर्सी भी बरकरार है.

हालांकि तेजस्वी ने खुद भी पिछले साल नवंबर में पुराना राग छेड़ा था. इसका कारण भी था. तब तेजस्वी की कुछ पुरानी तस्वीरें नीतीश के सिपहसालारों ने सामने लाई थी जिनका मौजूदा राजनीतिक पटल पर कोई औचित्य नहीं है. ऐसी स्थितियों में विपक्ष को नीतीश से सीखना चाहिए. धीरज और चुप्पी राजनीति के अकाट्य हथियार हैं. खासकर तब जब आपको अपने ऊपर लेशमात्र भी संदेह न हो.

राजनीतिक शुचिता वक्त का तकाजा है

हालिया विपक्षी हमलों में इस बात का ध्यान रखा गया कि नीतीश के निजी व्यक्तित्व को प्रहार से मुक्त रखा जाए. फिर उनके निकटवर्ती नेताओं को चुना गया. आरसीपी अपने कथित टैक्स के लिए पहले से ही निशाने पर थे. तो शिवानंद ने आनन-फानन में बुलाए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय झा पर अनर्गल आरोपों की झड़ी लगा दी. लेकिन नीरज कुमार की तरह कुछ निरर्थक और अप्रासंगिक सबूत दिए बिना.

अगर तेजस्वी ने खुद उनके कंधे पर रख बंदूक चलाई है, तो रणनीति ठीक नहीं है क्योंकि यहां पूर्वाग्रह का पुट ज्यादा दिखाई देता है. सूबे में पिछले साल आए राजनीतिक भूचाल के पीछे जिन कुछ नेताओं की भूमिका थी उनमें संजय झा भी शामिल हैं. संजय झा को पर्दे के पीछे सक्रिय रह कर महागठबंधन से नीतीश के अलग होने और बीजेपी के साथ जाने की पटकथा का सह लेखक माना जाता है. शायद इसीलिए रातों-रात सरकार बदलने के बाद लालू यादव ने संजय झा पर तीखे प्रहार किए थे. अगर हालिया हमला उस पूर्वाग्रह से प्रेरित है तो विपक्ष फिर बुनियादी चूक कर रहा है.

वहीं जेडीयू प्रवक्ताओं को भी इसका भान होना चाहिए कि युवा नेतृत्व के मानक पर उनकी टोली में सूनापन है और ये तेजस्वी की बड़ी ताकत है. ऐसे में राजनीतिक शुचिता वक्त का तकाजा है. खासकर तब जब अटलजी की याद में हमारी आंखें सजल हैं. शायद बिहार से उनके लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

Kapil Sibal strongly pitched for a coalition government

 

Former Union Minister and senior Congress leader Kapil Sibal on Saturday strongly pitched for a coalition government, insisting that they deliver much better than governments with a majority and a strong leader.

Speaking at an interactive programme organised in Nagpur by the All India Professionals Congress (AIPC) Sibal said, “The UPA coalition governments delivered much better in terms of economic growth than the current dispensation with full majority and strong leader like Narendra Modi. So, the people have to decide what kind of government they want.”

Sibal was one of the two guests, who were posed questions by moderator Sanjay Jha, Congress spokesman and Maharashtra in-charge of AIPC, on various issues. The other guest was former Maharashtra Attorney General and senior lawyer Shrihari Aney.

Sibal’s observation on coalition governments came during an answer to a questing regarding the “street violence” by lynch mobs. He said, “This violence is because the BJP is ruling the government instead of the government running the state. There is no distinction left between the party and the state. If BJP returns to power with a majority, the violence will continue. If there is a coalition government, it will end.”

He further said, “According to this government, we had no leader and yet we delivered over 8 per cent growth. So, the people will have to decide which kind of government delivers.”

Jha supplemented Sibal’s contention saying, “The data that was out yesterday – two UPA governments delivered 8.1 percent growth for ten years. The rate of crude oil had reached $150 per barrel in 2007. You had the world’s worst recession in 2007. So, you are absolutely right that just because you have majority mandate it doesn’t guarantee economic growth.”

Sibal and Aney dwelt at length on many issues, often agreeing with each other’s view rather than differing, except on Aadhaar where Aney said Aadhaar has just replaced the role played by PAN and that digital transaction of business has already exposed us all to intrusions on personal data. Sibal differed saying, “Aadhaar was meant earlier for only public distribution system. Now it can trace everything you do, right from your journeys and meetings to your address.”

Aney drew a similarity with Emergency days over Jha’s question regarding current “media gag” by the Modi government, saying that with people collectively opposing it, it will blow over. Sibal, however, sought to distinguish saying, “The Emergency was declared under the Constitutional provision of Article 356 and was subject to judicial scrutiny but now with that provision gone, it is not possible to bring it back. So now there is this undeclared emergency.”

Sibal reiterated his “presumptive loss” theory about the alleged coal and 2G spectrum scams, saying, “The CAG first and the Supreme Court later made a point regarding the government not following the auction process. This is like doing an auction for land sought for setting up a school. Nobody would come forward to take the land at such a high rate. Now see what had happened. The auctions have fetched nothing for the government and only four out of nine telecom companies have remained and they, too, are running in losses. It showed how court judgement can destroy the economic future of the country.”

About the issue of four senior SC judges holding a press confidence in January, Sibal said, “The judges didn’t approach the media but people through media. The incident underscored their objection to the Chief Justice’s methodology. It showed how the judicial mind was getting affected by what happened outside the court. This tampering of judicial mind is a matter of concern.”

On the issue of fake news, Sibal said, “Fake news has the potential to influence the outcome of next election. This is a worldwide problem.”

कांग्रेस ने किया मणिशंकर अय्यर का निलंबन रद, सदस्‍यता बहाल की

नई दिल्‍ली,

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अशोभनीय एवं विवादित टिप्‍पणी करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस ने निलंबित किया था। शनिवार को पार्टी ने उनका निलंबर रद्द करते हुए उनकी सदस्‍यता बहाल कर दी। कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने ऐन गुजरात चुनाव के बीच प्रधानमंत्री पर अपमानजनक टिप्पणी कर कांग्र्रेस को बैकफुट पर डाल दिया था।

इससे पहले अय्यर की विवादित टिप्पणी के लिए राहुल गांधी फटकार लगा चुके थे। उन्होंने ट्वीट किया, कांग्रेस की एक अलग संस्कृति और विरासत है। मैं मणिशंकर अय्यर द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा का समर्थन नहीं करता हूं। अय्यर ने जो कहा है, वह उसके लिए माफी मांगेंगे। विवाद और राहुल गांधी के बयान के बाद अय्यर ने माफी मांग ली। हालांकि बाद में मणिशंकर अय्यर का इस पर बयान आया था।

अभी कुछ दिनों पहले ही मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्‍पणी की थी। अय्यर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मित्रों में से शामिल रहे हैं। ऐसे में उनकी सदस्‍यता बहाली सिर्फ औपचारिकता ही मानी जाती है।

पिछले दिनों मणिशंकर अय्यर ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मैंने नहीं सोचा था कि 2014 से एक सीएम जो मुसलमानों को पिल्ला समझता है, वह पीएम बनेगा। जब उनसे पूछा गया कि आपको उस घटना का दुख है तो उन्होंने कहा था कि एक पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाए तो दिल में चोट लगती है। मैंने सोचा कि जिस आदमी ने ऐसा कहा, जो दंगों के 24 दिन तक मुस्लिमों के कैंप में नहीं गया। अहमदाबाद मस्जिद उस दिन पहुंचा जब पीएम वाजपेयी आए। उस दिन जाना मजबूरी थी। मैंने सोचा ही नहीं था कि ऐसा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।

मणिशंकर अय्यर के अन्य विवादित बयान

– 2017 में मणिशंकर ने कहा कि पीएम मोदी नीच किस्म के हैं। अय्यर का बयान सामने आने के कुछ ही देर बाद सियासी घमासान शुरू हो गया था।

– 2017 में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि हथियार उठाकर गलत नहीं करते कश्मीरी युवक, भाजपा के लोग उन्हें मजबूर करते हैं।

– 2015 में अय्यर ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को मजबूत करने के लिए मोदी को हटाना होगा, नहीं तो वार्ता आगे नहीं बढ़ेगी।

– 2014 में अय्यर ने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री कभी नहीं बन पाएंगे, लेकिन अगर वो यहां आकर चाय बेचना चाहते हैं, तो हम उन्हें इसके लिए जगह दिला सकते हैं।

– मार्च 2013 को जब नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी को ‘दीमक’ बुलाया तो अय्यर ने कहा, मोदी ने हमें दीमक बुलाया है, तो मैं तो कहता हूं कि वो एक सांप हैं, बिच्छू हैं।

– दिसंबर 2013 में अय्यर ने नरेंद्र मोदी को ‘जोकर’ बताया और कहा, चार-पांच भाषण देकर उन्होंने बता दिया है कि कितने गंदे-गंदे शब्द उनके मुंह में हैं।

मारीशस ने अपने साइबर ओवर का नाम अटल जी के नाम पर रखा ओर ध्वज भी झुका दिया


मॉरीशस ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में अपने साइबर टावर का नाम अटल बिहारी वाजपेयी करने का फैसला किया है। इससे पहले मॉरीशस ने अपने देश का राष्ट्र ध्वज आधा झुकाया था।


नई दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे। अब सिर्फ उनकी यादें हीं हमारे साथ हैं। हर किसी ने उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। देश ही नहीं बल्कि कई दूसरे देशों के नेता भी उनको अंतिम विदाई देने के लिए भारत आए। मॉरीशस में वाजपेयी जी के सम्मान में देश के सभी सरकारी भवनों में मॉरीशस और भारत के राष्ट्र ध्वज आधे झुके रहे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट किया और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अब उन्होंने वाजपेयी जी के सम्मान में साइबर टावर को अटल बिहारी वाजपेयी टावर नाम देने का ऐलान किया है। पोर्ट लुई में वर्ल्ड हिन्दी कॉन्फ्रेंस के मौके पर प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि साइबर टावर जिसे मॉरीशस में स्थापित करने में अटल जी ने योगदान दिया था अब से अटल बिहारी वाजपेयी टावर के नाम पर जाना जाएगा।

मॉरीशस के पोर्ट लुई में हो रहे वर्ल्ड हिन्दी कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गौरतलब है कि यहां स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में 18 अगस्त से तीन दिवसीय 11 वां विश्व हिंदी सम्मेलन शुरू हो रहा है। आयोजन स्थल को गोस्वामी तुलसी दास नगर नाम दिया गया है।

जगन्नाथ ने कहा कि जब मॉरीशस 11 वें विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, हम हिन्दी भाषा में वाजपेयी की महारत को याद कर रहे हैं, जो उनके भाषणों और कविताओं में बखूबी जाहिर हुई है। वह एकता, इतिहास को जोड़ने के साधन, साझा मूल्यों और साझा संस्कृति के प्रतीक के तौर पर हिंदी की शक्ति में पूरा यकीन रखते

5चवां अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन सफल हुआ

[18/08 6:29 pm] Satya narayan Gupta:

5चवां अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन सफल हुआ इस कार्यक्रम का आयोजन अग्रवाल परिवार संगठन ट्रस्ट रजिस्टर्ड द्वारा पम्रशांत बिहार सैक्टर 14 रोहिणी दिल्ली के तत्वावधान में किया गया इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष श्री जगमोहन गुप्ता ने बताया कि परिचय सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली,यू पी, राजस्थान, उत्तराखंड, चंडीगढ़, तथा मध्य प्रदेश के 800 के लगभग बच्चों एवं उनके परिजनों ने भाग लिया। -। उन्होंने ने बताया कि इस से पुर्व चार परिचय सम्मेलन करवा चुके हैं और उक्त सम्मेलनों के माध्यम से 40% रिश्ते हो चुकें है इसलिए इस पांचवें अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आकार बढ़ाने का प्रयास किया है और सफल भी हुए जिस कारण 800 के लगभग शादी के लायक युवक युवतियों ने और उनके परिवारजनों ने कार्यक्रम में शिरकत की -। श्री जगमोहन ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में 10%के आस पास परिवारवालों के रिश्ते हो गय और कुछ की बात चित चल रही है
[इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहिंदर गोयल विधायक ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की तथा उक्त परिचय सम्मेलन में 600 युवक युवतियों के बायोडाटा उपलब्ध करवाए तथा परिचय पुस्तिका का विमोचन किया इस अवसर अग्रवाल विकास ट्रस्ट पंचकूला के प्रधान सत्यनारायण गुप्ता विशेष अतिथि थे और अग्रवाल समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे

PM salutes ‘fighting spirit’ of people of flood-hit Kerala

The Prime Minister, Shri Narendra Modi conducting an aerial survey of flood affected areas, in Kerala on August 18, 2018.


The prime minister said his thoughts were with those who have lost their lives in the deluge and hoped that the injured would recover soon.


Prime Minister Narendra Modi saluted the people of the rain-ravaged Kerala for their “fighting spirit” and said today the nation stands firmly with the state in this hour.

He conducted an aerial survey of some of the areas affected by flood.

Kerala Governor P Sathasivam and Chief Minister Pinarayi Vijayan and Union Minister K J Alphons accompanied the prime minister during the aerial survey.

“I salute the people of Kerala for their fighting spirit… the nation stands firmly with Kerala in this hour,” Modi said in a series of tweets after chairing a high-level meeting to review the flood situation.

The prime minister said his thoughts were with those who have lost their lives in the deluge and hoped that the injured would recover soon.

“My thoughts are with the families of those who have lost their lives due to incessant flooding across Kerala. I hope the injured recover at the earliest. We all pray for the safety and well-being of the people of Kerala,” he tweeted.

Modi also complimented the authorities for their efforts in the adverse situation and appreciated the wide support and solidarity extended by people from across the country for Kerala during the “unprecedented” situation.

As per information from the control room of the State Disaster Management, since August 8, 194 people have lost their lives and 36 are missing.

Over 3.14 lakh people have been moved to relief camps.

नई दिल्ली कार लूटने का प्रयास सीआईएसएफ़ जवान ने किया असफल

नई दिल्ली:-

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बृहस्पतिवार की रात एक बदमाश ने चालक से कार  लूटने का प्रयास किया लेकिन सीआईएसएफ के जवानों की सतर्कता के चलते वह अपने नापाक इरादे में सफल नहीं हो पाया चेक नाका के समीप बदमाश को काबू में करने के लिए जवानों ने पहले तो हवा में 2 राउंड गोली चलाई चलानी पड़ी बाद में बदमाश को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया उसकी पहचान संगम विहार निवासी शंकर उर्फ अमित के रूप में हुई है उस पर पहले से ही हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज है.

घटना के वक्त आरोपी ड्रग्स के नशे में धुत था इंदिरा गांधी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है बाद में उसे जेल भेज दिया गया है उसकी मानसिक हालत कमजोर बताई जा रही है उधर एयरपोर्ट से चंद मीटर की दूरी पर हुई गोलाबारी से आतंकी हमला होने की असंका के चलते एयरपोर्ट के पास अफरा-तफरी का माहौल बन गया , घटना की सूचना पाकर मौके पर तुरंत दिल्ली पुलिस CISF डायल वाहन सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी पहुंच गए पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि 16 अगस्त की रात अनिल नाम का एक चालक अपनी एसेंट कार से यात्री को लेने एयरपोर्ट जा रहा था इसी दौरान महिपालपुर के समीप एयरपोर्ट जाने के की बात कह 27 वर्षीय युवक उसकी कार में सवार हो गया रात करीब 11:00 बजे कार जब चेक नाका के समीप पहुंची तो सीआरपीएफ के जवानों ने जांच के लिए चालक को रुकने का इशारा किया लेकिन कार में बैठे युवक ने चालक को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और खुद कार ले कर भागने लगा जवानों ने बदमाश को नीचे उतारा लेकिन उसने जवानों के साथ मारपीट शुरु कर दी और एक जवान के प्रयास से काबू करने के लिए जवानों ने हवा में गोली भी चलाई मारपीट के दौरान जवान और बदमाशों को हल्की चोटें आई हैं ,

तिलक नगर निवासी प्रत्याशी कमलजीत सिंह ने बताया कि उसे एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

सिद्धू का पाकिस्तान के पीएम की पार्टी में जश्न मनाना शर्म की बात: विज


भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा- देश से माफी मांगे सिद्धू


इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। समारोह से पहले नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले। उनके इस अंदाज पर सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा- सिद्धू और कांग्रेस को देश से माफी मांगना चाहिए। कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि सिद्धू ने पाकिस्तान जाने के लिए पार्टी की मंजूरी ली थी या नहीं?

पीओके के राष्ट्रपति के बगल में बैठे सिद्धू : सिद्धू शपथ ग्रहण समारोह में पहली कतार में बैठे थे। उनके पास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति (सदर) मसूद खान बैठे थे। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत मान्यता नहीं देता।

मसूद खान के साथ सिद्धू के बैठने को लेकर पूछे गए सवाल पर जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने कहा, “वे जिम्मेदार व्यक्ति और मंत्री हैं। सिर्फ वे ही इसका जवाब दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इससे बचना चाहिए था।”

आडवाणी की अंतरव्यथा क्या कभी कोई जान पाएगा???


वाजपेयी के निधन की खबर मिलने के बाद से ही आडवाणी अपने कमरे में सिमट गए. उन्होंने काफी वक्त तक किसी से बात नहीं की 

आडवाणी ने कहा कि वह अटल को बहुत याद करेंगे 


अटल और लालकृष्ण आडवाणी को दशकों तक बीजेपी के दाएं और बाएं हाथ की तरह देखा जाता था. पूर्व प्रधानमंत्री के निधन को लालकृष्ण आडवाणी ने अपना व्यक्तिगत नुकसान कहा है. आडवाणी ने कहा कि अटल पिछले 65 सालों से उनके सबसे करीबी दोस्त थे और अब वह उन्हें बहुत याद करेंगे.

वाजपेयी के निधन की खबर मिलने के बाद से ही आडवाणी अपने कमरे में सिमट गए. उन्होंने काफी वक्त तक किसी से बात नहीं की. न ही किसी से मिले. वो तभी बाहर निकले, जब उन्हें कृष्ण मेनन मार्ग पर अटल जी को श्रद्धांजलि देने जाना था.

आडवाणी की ओर से जारी किए गए बयान में इस अपूरणीय क्षति पर शोक व्यक्त किया गया. बयान में कहा गया कि ‘आज अपने गहरे दुख और उदासी को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है, हम सभी भारत के सबसे बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. अटलजी मेरे लिए वरिष्ठ सहयोगी से अधिक थे. असल में वह पिछले 65 सालों से मेरे सबसे करीबी दोस्त थे.’

अटल,आडवाणी ओर शेखावत

आरएसएस प्रचारक के तौर पर काम करने के दिनों में याद करते हुए आडवाणी ने कहा, ‘मैं आरएसएस के लिए प्रचार के दिनों से लेकर, भारतीय जनसंघ की शुरुआत, इमरजेंसी का विरोध और 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन तक उनके साथ अपने लंबे सहयोग की यादों की सराहना करता हूं.’

‘अटलजी को केंद्र में पहली स्थिर गैर-कांग्रेस गठबंधन सरकार के अग्रणी के रूप में याद किया जाएगा और मुझे छह साल तक उनके डिप्टी के रूप में काम करने का विशेषाधिकार मिला. मेरे सीनियर के तौर पर उन्होंने हमेशा मुझे हर संभव तरीके से प्रोत्साहित किया और निर्देशित किया,’ उन्होंने आगे कहा.

आडवाणी ने कहा कि वाजपेयी की मनोरम नेतृत्व क्षमता, मंत्रमुग्ध करने वाली वाक् क्षमता, देशभक्ति और सबसे अधिक उनकी वास्तिवक मानवीय विशेषताएं जैसे दया, नम्रता और उनकी उल्लेखनीय क्षमता और राजनीतिक विरोधों के बाद भी दूसरों का दिल जीतने की क्षमता ने उनके सार्वजनिक जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव डाला. आडवाणी ने कहा कि वह अटल को बहुत याद करेंगे