विरोधी विरोध करते रह गए पूर्व बीजेपी प्रधान सूद ने एक बार फिर दिखाई पावर   

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 29 दिसम्बर  :

चंडीगढ़ बीजेपी के पूर्व प्रधान अरुण सूद ने विरोधियो के तमाम विरोध के बीच एक बार फिर अपनी पावर का अहसास करा दिया। शुक्रवार को शहर की श्री गुग्गा जाहर पीर शोभा यात्रा कमेटी ने नव वर्ष के कैलेंडर का विमोचन करवाना था, जिसमे उन्होंने चंडीगढ़ भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा को छोड़ भाजपा के पूर्व स्थानीय अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर अरुण  सूद को काबिल समझ उन्हीं से  कैलेंडर का विमोचन करवाया। संस्था के अध्यक्ष संदीप प्रधान ने बताया कि अरुण सूद ने इस मौके पर शहरवासियों को नए साल की बधाई व शुभकामनाएं भी दीं  उनके साथ परवीन व प्रिंस आदि भी मौजूद रहे।  

 शहर के पूर्व मेयर सूद जो सोचते और चाहते है वो कर दिखा देते है l अपने नए ऑफिस के शुभारम्भ से उन्होने यह साबित कर दिया की उनकी इच्छा शक्ति को कोई डिगा नहीं सकता है l अब राजनीति के गलियारों में सूद को लेकर उनके विरोधी खेमे के बीच तमाम खबरे उड़ाई जा रही है l लेकिन सूद अर्जुन की भाति अपने लक्ष्य पर अडिग है l आने वाले दिनों में सूद और भी चौकने वाले कदम उठा सकते है l उनके राजनीतिक जीवन में सूद ने अपनी बुद्धमानी सोच और मजबूत इच्छा से जो चाहा वो उन्हें मिला l प्रदेश प्रधान पद से हटने के बाद भी उनकी खासी लोकप्रियता कायम है l उनके साथ पार्टी का अच्छा खासा खेमा है l उनकी सक्रियता बढ़ती जा रही है l सूद के एक एक कदम पर उनकी अपनी बीजेपी पार्टी से लेकर विपक्ष भी नजरे गढ़े रहता है l सूद कब किसी भी समय कोई चौकने वाला कदम उठा दे l पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मेयर और निगम चुनाव जीत कर दो बार पार्षद की भूमिका निभाने वाले सूद के हाई प्रोफाइल बायोडाटा उनके विरोधियो पर भारी भारी है l सूद के बारे में  हमेशा अटकाले रही है की  वह पार्षद रहते पर्दे के पीछे मेयर को सुपर मेयर की गुप्त   भूमिका में चलाते थे l फिर प्रदेश अध्यक्ष बने तो निगम में ना केवल  अपने मेयर बना कर सदन को  चलाया बल्कि निगम अधिकारी भी उनके आगे नतमस्तक रहे l

मां भंगायनी देवी की न्यायप्रियता से खौफ खाते हैं लोग

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 29 दिसम्बर  :

हिमालय पर्वत शृंखलाओं की शिवालिक पहाडि़यों में समुद्रतल से लगभग 8000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, उत्तरी भारत का सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ मां भंगायनी देवी का मंदिर। यह प्राचीन मंदिर सिरमौर जिला के हरिपुरधार में शिमला की सीमा पर अवस्थित है। सिरमौर की देवी के नाम से विख्यात यह मंदिर विगत कई दशकों से लाखों श्रद्धालुओं की असीम आस्था व श्रद्धा का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

यहां पूरा वर्ष भर भक्तों का तांता लगा रहता है, वहीं विशेषकर नवरात्रों के पावन पर्व, संक्रांति, अमावस्या, पूर्णमासी के अतिरिक्त मास के ज्येष्ठ मंगलवार, शनिवार और रविवार को असंख्य लोग अपनी मनौती पूर्ण होने पर मां के दरबार में पहुंचते है।  इस दिव्य शक्ति मां भंगायणी को इन्साफ  की देवी भी माना जाता है।  कोर्ट-कचहरी में न्याय न मिलने पर पीडि़त व्यक्ति इस माता के मंदिर में आकर इन्साफ  की गुहार करते है और लोगों का विश्वास है कि मंदिर में उन्हें निश्चित रूप से न्याय मिल जाएगा।

मंदिर के पुरोहित पंडित हरिंदर भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि जनश्रुति के अनुसार इस सुप्रसिद्ध मंदिर का पौराणिक इतिहास इस क्षेत्र के आराध्य देव शिरगुल महाराज से जुड़ा हुआ है। शिरगुल देव की वीरगाथा के अनुसार जब वह कालांतर में सैकड़ों हाटियों के दल के साथ दिल्ली शहर गए थे, तो उनकी दिव्य शक्ति की लीला के प्रदर्शन से दिल्लीवासी स्तब्ध रह गए थे।  जब तत्कालीन तुर्की शासक को शिरगुल महादेव की आलौकिक शक्ति का पता चला, तो उन्होंने शिरगुल महादेव को गाय के कच्चे चमड़े की बेडि़यों में बांधकर कारावास में डाल दिया था। चमड़े के स्पर्श से शिरगुल देव की शक्ति क्षीण हो गई थी। ऐसे में कारावास से मुक्ति दिलाने हेतु सहायतार्थ आए बागड़ देश के राजा गोगापीर ने तुर्की शासक के कारावास में सफाई का कार्य करने वाली माता भंगायणी की मदद से  शिरगुल महादेव को कारावास से मुक्त करवाया गया था। तब शिरगुल महादेव व राजा गोगापीर  माता भंगायणी को अपनी धर्म बहन बनाकर अपने साथ ले आए तथा हरिपुरधार में एक टीले पर उन्हें स्थान देकर सर्वशक्तिमान होने का वरदान दिया। तभी से यह मंदिर उत्तरी भारत में सिद्धपीठ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इस सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर पहुंचकर श्रद्धालुगण जहां एक और मां भंगायणी की असीम कृपा दृष्टि व  आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, तो वहीं यहां के प्राकृतिक सौंदर्य  एवं चूड़धार की हिमाच्छादित चोटियों को निहारने का सुअवसर भी प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त मंदिर के उत्तर व पूर्व दिशा की और हिमालय पर्वत की बर्फ  की सफेद चादर ओढ़े ऊंची चोटियां मन को ठंडक का एहसास दिलाती हैं, जिससे लगता है कि प्रकृति ने इस स्थल पर सौंदर्य का अनमोल खजाना बिखेर कर स्वर्ग बनाया है। भंगायनी माता का यह मंदिर जहां क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र है, वहीं यहां का शांत वातावरण, आसपास का अनुपम अलौकिक व मनमोहक दृश्य यहां आने वाले श्रद्धालुओं को तनावपूर्ण जिंदगी से दूर हट कर शांति प्रदान करता है।

यहां पहुंचने के लिए चारों ओर से मार्ग हैं। नाहन से हरिपुरधार के लिए नाहन-रेणुका-संगड़ाह तथा पौंटा साहिब-रेणुका-संगडाह की ओर से पक्की सड़कें हैं वहीं शिमला-चौपाल-कुपवी मार्ग से भी हरिपुरधार तक पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ़ की ओर से आने वाले श्रद्धालु सोलन राजगढ़ नौहराधार मार्ग से इस मंदिर तक पहुंच कर माता के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

Chandigarh-Police

Police Files, Panchkula – 29 December, 2023

सेफ एंड सिक्योर नव वर्ष के जश्न को लेकर क्लब, रेस्ट्रोंरेट मालिको के साथ मीटिंग का आयोजन  

  • हुक्का परोसनें पर पर धारा 144 की उल्लंघना करनें पर तुरन्त होगी कार्रवाई
  • ड्रंक एंड ड्राईव के तहत लगेगें से स्पेशल नाकें, शराब पीकर वाहन चलानों वालों पर होगी कार्रवाई

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 29 दिसम्बर  :

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि आज पुलिस उपायुक्त पंचकूला सुमेर प्रताप सिंह नें सेफ एंड सिक्योर को लेकर नव वर्ष के जश्र को लेकर क्लब, रेस्ट्रोरेंट मालिको के साथ शहर के सभी नाइट क्लब बार, रेस्ट्रोंरेट के मालिको के साथ मीटिंग आयोजित की गई ।

पुलिस उपायुक्त नें मीटिंग में नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नव वर्ष आप सभी के लिए स्वस्त व मगलंमय और सुरक्षित रहें और इसी उदेश्य से आप सभी के साथ मीटिंग का आयोजन किया गया है ताकि नव वर्ष के उत्सव पर किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधि व शरारत इत्यादि ना हो जिससे किसी व्यकित को किसी प्रकार की परेशानी ना हो । क्योकि नव वर्ष के जश्न पर लोग शराब इत्यादि का सेवन करते है जिससे किसी प्रकार का लडाई-झगडा होनें की सम्भावना रहती है इसके अलावा लोगो शराब पीकर वाहन चलाते है जिससे सडक दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है जिस पर कडी निगरानी व कार्रवाई हेतु ड्रंक एंड ड्राईव के तहत पुलिस द्वारा नाकाबंदी की जायेगी और आनें जानें वाले वाहन चालको को चेक किया जायेगा इस दौरान अगर कोई व्यकित शराब पीकर वाहन चलाता पाया गया तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक्शन लिया जायेगा ।

पुलिस उपायुक्त नें सभी क्लब बार मालिको को बताया कि क्लब बार इत्यादि में किसी प्रकार का असला हथियार इत्यादि लेकर जानें पर प्रतिबंध करें और अडर ऐज के व्यक्तियो को शराब ना परोसें इसके अलावा हुक्का पर पुर्ण रुप से प्रतिबंध किया हुआ है जिस प्रतिबंध हेतु धारा 144 लागू की हुई है । अगर कोई क्लब बार धारा 144 के तहत अवहेलना करता पाया गया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी ।

इसके अलावा पुलिस उपायुक्त नें मीटिंग के दौरान सबंधित थाना प्रभारियो को निर्देश दिए गये कि अपनें अपनें अधीन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पेट्रोलिंग गस्त रहे और शरारती तत्वो पर निगरानी रखें अगर कोई किसी प्रकार की अवैध गतिविधि तुरन्त एक्सन लें इसके साथ ही सभी क्लब बार के मालिको को बताया कि अगर कोई आपके पास भी अगर कोई अवैध गतिविधि नजर आए तो उस बारे तुरन्त पुलिस को डायल 112 पर सूचित करें ।

इसके साथ ही पुलिस उपायुक्त नें सभी थाना प्रभारियो व पुलिस अधिकारियो के साथ मीटिंग के दौरान बताया कि महिला की सुरक्षा को लेकर निर्देश देते हुए कहा कि महिला दुर्गा की टीम शहर में मौजूद रहेंगी । जो महिला की सुरक्षा को लेकर तुरन्त मौका पर पहुंचकर कार्रवाई करें ।

मीटिंग के दौरान एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन, एसीपी सुरेन्द्र सिंह, एसीपी जोगिन्द्र शर्मा, एसीपी रजनीश कुमार, एसीपी रोहताश सिंह, एसीपी आर्यन चौधरी, थाना प्रभारी सेक्टर 05 रुपेश चौधरी, सेक्टर 07 से सोमबीर ढाका, पिन्जोर कर्मबीर सिंह, मन्सा देवी से धर्मपाल तथा रजत ठाकूर दा बुडेगा बार, गुरचरण सिंह पार्क रोयल से, रानी चौहान होटल के सी क्रास, शमशेर सिंह होटल पार्क रोयल, आशिस पेनीसुआ, रमोला पल्लवी ग्राण्ड, होलीडे इन से निर्मल सिंह, पोश बार रमन सेक्टर 20, विकास प्रो रिपब्लिक , उमेद रावत स्वीस लौंज सेक्टर 05 तथा अन्य क्लब व रेस्ट्रोरोंट बार मौजूद रहे ।

नशा छोड़ खेलों की तरफ ध्यान दे युवा पीढ़ी : एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन आईपीएस

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 29 दिसम्बर  :

पुलिस प्रवक्ता पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस महानिदेशक शत्रूजीत कपूर सिंह के निर्देशानुसार पुलिस कमिश्रर शिवास कविराज के मार्गदर्शन में जिला में नशे की रोकथाम हेतु शहरी व ग्रामीण इलाको युवा पीढी को नशे से बचनें हेतु खेलो की तरफ प्रेरित कर रही है जिस अभियान के तहत पुलिस थाना प्रभारियो द्वारा अपनें अपनें अधीन क्षेत्र में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में खेल के मैदान तैयार किया जा रहा है और इसके साथ साथ युवा पीढी के साथ खेल आयोजित करवाये जा रहे है जिस आयोजन में पुलिस की अलग अलग टीमो नें करीब 20 अलग अलग स्थानों पर खेल आयोजित करवाये गये ।

एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन ने बताया कि युवा पीढी हमारे समाज का भविष्य है इसको सही राह दिखाना हमारा परम कर्तव्य है ताकि युवी पीढी नशे की तरफ ना जाकर खेलो की तरफ ध्यान देकर अपने शरीर को ध्यान रखकर शारिरिक व मानसिक तौर पर मजूबत रहेगें । इसके अलावा सूदन नें आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि अगर आपके पास नशे सबंधी किसी प्रकार की सूचना है तो उस बारे तुरन्त पुलिस को सूचित करें औऱ अगर कोई व्यकित नशे की दलदल में फंसा हुआ है परन्तु वह नशा छोडनें असक्षम है उस बारे पुलिस को सूचित करें क्योकि पुलिस की एक टीम नशे की दलदल में फसें व्यकियो का इलाज हेतु नशा मुक्त केन्द्र में इलाज हेतु भेजा जा रहा है इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति नशे तस्करी करता है तो उस बारे तुरन्त पुलिस को 708-708-1100 पर सूचित करें ।

भवन विद्यालय चंडीगढ़ के वार्षिकोत्सव में बच्चों की पेशकारी ने  भावुक  किये माता पिता 

भवन के स्टूडेंट्स ने  नाटक ,नृत्य कव्वाली, गीत, डिस्को डांस ,कृष्ण लीला की प्रस्तुतियां देकर बटोरीं तालियां

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 29 दिसम्बर  :

भवन विद्यालय, चंडीगढ़, ने 28 और 29 दिसंबर, 2023 को वार्षिकोत्सव  मनाया । शिक्षा निदेशक और वरिष्ठ प्राचार्य  विनीता अरोड़ा, प्राचार्य भवन विद्यालय, न्यू चंडीगढ़, इंद्रप्रीत कौर, उप प्राचार्य, भवन विद्यालय, चंडीगढ़,  सुपर्णा बंसल, प्राचार्य, भवन विद्यालय जूनियर,  कुनिका शर्मा, उप प्राचार्य, भवन विद्यालय, न्यू चंडीगढ़,  रमनीक कौर ने अपनी मौजूदगी से इस अवसर को समृद्ध किया।

यह दिन विद्यालय की माता-पिता समुदाय को समर्पित था, उनके निष्ठापूर्ण प्रेम, अटल समर्थन, उनके बेसहारे और बच्चों के अस्तित्व के मूल स्तम्भ को सम्मानित करने के लिए।

कार्यक्रम ने समारोहिय दीपक जलाकर शुरू किया, फिर सांस्कृतिक महोत्सव के साथ जारी रहा जिसमें कई प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जैसे फुट-टैपिंग संगीत, भव्य नृत्य और नाटक।

विद्यालय के संगीतकला समूह ने छात्रों द्वारा बजाए गए विभिन्न संगीतीय उपकरणों के प्रदर्शन से स्टेज को जीवंत किया, जो संगीतीय महारत और साझेदारी का प्रदर्शन करता था। विचित्र सोच के साथ नाटक ‘विविधता में एकता’ पर प्रस्तुत किया गया माइम ने दर्शकों को एक वातावरण में ले जाया जहां रचनात्मकता ने चुप्पी की शक्ति को स्वतंत्र किया। एक शानदार नृत्य प्रस्तुति ‘कृष्ण लीला’ में भगवान कृष्ण के प्यारे बचपन के मजेदार आटे दिखाए गए।

भवन विद्यालय द्वारा प्रस्तुत किए गए वैज्ञानिक नाटक ‘दी बुक थैट सेव्ड द अर्थ’ ने भविष्य का एक सवारी प्रस्तुत की। ‘झाँसी की रानी’ के उत्कृष्ट नृत्य और भावनात्मक कहानीसंगीतने वीरता से भरी रानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि दी।

जबकि स्कूल कोयर द्वारा गाए गए अंग्रेजी गीतों का मधुर रूप से प्रस्तुत किया गया, वहीं कव्वाली ‘कोविड की कुछ खट्टी मीठी यादें’ ने महामारी के दौरान छात्रों और शिक्षकों की मुश्किलों और शोक को याद करते हुए दर्शकों को हंसी की लहर में ले जाया। पंजाबी नाटक ‘वेहरा शगनान दा’ ने एक बेटी के जन्म का स्वागत करने और उसे उपेक्षा नहीं करने का विषय छूने का प्रयास किया। कहानी का भावनात्मक रोलरकोस्टर, मधुर गीत और तेज़ नृत्य पंजाब के पारंपरिक रंगों में भिगो दिया गया था।

भवन स्पेशल सेल के उत्साही डिस्को डांसर्स ने सभी को रेट्रो की मेट्रो पर ले जाया, सबको बॉलीवुड के सोने की युग में ले जाते हुए।

जैसे ही इस महान शो के पर्दे बंद हुए, प्रत्येक प्रतिभागी और माता-पिता यादों के साथ बड़ी देर तक सुखद विचारों के साथ वापस गए। यह उत्साहजनक कार्यक्रम राष्ट्रीय गान के साथ समाप्त हुआ।

बार एसोसिएशन ने कोर्ट कम्पलेक्स सहित अन्य मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालांवाली – 29  दिसम्बर  :

शहर की बार एसोसिएशन ने पूर्व प्रधान गुरपाल सिंह सरा की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री व गृहमन्त्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

पूर्व प्रधान गुरपाल सिंह सरा ने कहा कि  बार एसोसिएशन उप-मण्डल कालांवाली को पंजीकृत हुए लगभग 6-7 वर्ष हो चुके है। वर्ष 2016 में उप-मण्डल बनने के बाद कालांवाली सिरसा जिला की सबसे बडी उप-मण्डल है। जोकि उपरोक्त उपमण्डल में लगभग 66 गाँव शामिल है। इसके अलावा  उप-मण्डल कालांवाली में चार पुलिस थाने कालांवाली रोडी पड़ते है। जिनकी दूरी कालांवाली से करीब औढां – बडागुढा 10 से लेकर 25 किलोमीटर है। जिससे चारो थानो में शामिल गाँवो के लोगो को कालांवाली आने-जाने में कोई परेशानी ना है। इसके अलावा कालांवाली पुलिस चौकी व सिंघपुरा पुलिस चौकी भी इसमें शामिल है। उन्होनें कहा  कालांवाली उप-मण्डल की लोगो को सिविल व क्रिमिनल केसो के लिए 40 से 50 किलोमीटर का सफर तय करके मण्डी डबवाली व सिरसा में अलग-अलग गाँवो के हिसाब से दो जगह जाना पडता है।  जिससे कालांवाली क्षेत्र के लोगो का समय व पैसे की बर्बादी होती है। जबकि कालांवाली सिविल न्यायालय बनने से एक ही जगह उप-मण्डल कालांवाली में शामिल 66 गाँवो के लोगो को सुविधाए मिल सकेगी। इसके अलावा  66 गाँवो के डबवाली व सिरसा को मिलाकर हजारो केस विचाराधीन है। उप-मण्डल कालांवाली में लगभग 100 अधिवक्तागण बैठते है। उन्होनें कहा कि उप-मण्डल कालावाली में सिविल न्यायालय की व्यवस्था करवाने के लिए बार एसोसिएशन कालांवाली द्वारा पहले भी जिला बार एसोसिएशन सिरसा के मार्फत दरखास्ते भेजी गई है। जिसपर माननीय निरिक्षक न्यायधीश ने कार्यवाही करते हुए माननीय सत्र न्यायधीश श्री राजेश मल्होत्रा जी को जगह चिन्हित करने के लिए कालांवाली भेजा गया था, और उनके द्वारा जगह चिन्हित कर ली गई थी, और उनके द्वारा विश्वास दिलवाया गया था कि जल्द से जल्द कालांवाली में न्यायालय की शुरुआत की जायेगी। लेकिन

राजेश मल्होत्रा जी के आश्वासन के बाद भी सिविल न्यायालय के लिए भूमि अधिग्रहण ना करकर कालांवाली में उप-मण्डल कार्यालय के लिए वर्ष 2022 में वाका गाँव तारुआना रकबा 25 कनाल 5 गरले इंतकाल नं0 5495 व वाका कालांवाली रकबा 6 कनाल 9 मरले इंतकाल नं0 30403 कुल रकबा 31 कनाल 14 मरले जोकि लगभग 4 एकड रकबा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से नगरपालिका कालांवाली के नाम रकबा  हो चुका है।

लेकिन अभी तक सिविल न्यायालय की शुरूआत कालांवाली में नही हुई है। उप-मण्डल कालांवाली में सिविल न्यायालय की व्यवस्था की जाती है तो उप-मण्डल कालांवाली की जनता को न्याय के लिए डबवाली व सिरसा जाने की जरूरत नही पड़ेगी और न्याय शहर में ही मिलने लगेगा। उप-मण्डल कालांवाली के लिए अधिग्रहण भूमि के साथ सिवित न्यायालय के लिए भूमि अधिग्रहण कर सिरसा, डबवाली व ऐलनाबाद की तर्ज पर सभी कार्याल के भवन न्यायालय के भवन के साथ बनाये जाये। हमारी उपरोक्त दरखास्त पर संज्ञान लेते जल्द से जल्द कालांवाली में सिविल न्यायालय की शुरूआत करवाई जायें।

वन विभाग से रिटायर्ड चौकीदार को स्टाफ ने दी विदाई

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली – 29 दिसम्बर  :

वन विभाग में 31 साल सेवा करने उपरांत विभाग ने चौकीदार निर्मल को विदाई दी। इस मौके पर छछरौली रेंज के सभी स्टाफ ने निर्मल को बधाई दे उनके बेहतर भविष्य की कामना की गई।

छछरौली वन रेंजर दिनेश पुनिया ने बताया कि चौकीदार निर्मल सन 1991 में वन विभाग में चौकीदार भर्ती हुआ था। निर्मल ने अपनी सेवा कार्य के दौरान कार्यालय में हमेशा सभी स्टाफ के साथ पारिवारिक रिश्ता बनाकर रखा है। निर्मल ने अपना काम पूरी लगन मेहनत जिम्मेवारी से किया है। कार्यालय में हमेशा उनकी कमी बनी रहेगी। सारे स्टाफ की तरफ से उनको उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इस मौके पर वन दरोगा संजीव, वन दरोगा अनुज रावल,सचिन आदि मौजूद रहे।

बस स्टैंड छछरौली पर गुरमत सेवा समागम सोसायटी ने लगाया लंगर

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली – 29 दिसम्बर  :

कस्बा छछरौली में गुरमत सेवा समागम सोसायटी व साध संगत समूह छछरौली की तरफ से विशाल लंगर लगाया गया। जिसमें कस्बा के युवाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लेकर सेवा कार्य किया।

लंगर में सेवा कार्य कर रहे जसजीत सिंह, प्रीत्विंदर सिंह,जैसजीत सिंह, अमनदीप सिंह, जसजीत सिंह, जसमीत सिंह, 

त्रिलोक सिंह,उपकार सिंह,

अमनदीप सिंह,

राजिन्द्र सिंह,कमलदीप सिंह ने बताया कि हर वर्ष की भातिं साहिबजादों के शहीदी दिवस पर लंगर का आयोजन किया जाता है। इसी तरह इस वर्ष भी बस स्टैंड छछरौली परिसर में समागम सेवा सोसायटी व साध संगत के सहयोग से गुरू के अटूट लंगर का आयोजन किया गया। छह पौह से बारह पौह तक गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपना परिवार साहिबजादे हिंदुस्तान के लिए कुर्बान किए थे। चारों साहिबजादों की कुर्बानी का कर्ज हम जीवन भर नहीं उतार सकते। हम सभी को गुरू महाराज के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

चारों साहिबजादों ने हिंदुस्तान के लिए दी कुर्बानी : दिलबाग सिंह 

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली – 29 दिसम्बर  :

पूर्व विधायक दिलबाग सिंह ने सरणी चौंक पर आयोजित सेवा समागम कार्यकम में भाग लेने पहुंचे। कार्यक्रम में उनके द्वारा बच्चों को सम्मानित भी किया गया।

पूर्व विधायक दिलबाग सिंह ने इस मौके पर कहा कि गुरू गोबिंद सिंह व उनके परिवार चारों साहिबजादों ने हिंदुस्तान के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी थी। चारों साहिबजादों द्वार दी गई कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अपने देश धर्म की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होने कहा कि हमें भी अपने जीवन में गुरूओं के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा सबसे बड़ी सेवा है। इसलिए हमें सबसे ज्यादा इंसानियत की सेवा करनी चाहिए। कार्यक्रम के मौके पर बच्चों को भी सम्मानित किया गया।

संसार में कोई बड़ा धर्म है तो वह है मानवता का धर्म : डा.साध्वी सुयशा शशि जी महाराज

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 29 दिसम्बर  :

स्वर्ण कुल गौरव, जिनशासन पारसमनी श्री समता जी महाराज, संगीतमयी प्रवचन शिरोमणि राष्ट्र ज्योति डा.साध्वी श्री सुयशा शशि महाराज,स्वर्ण संघ प्रभाविता, वीर शिरोमणि श्री प्रगति जी महाराज ठाणे -7  स्वर्ण सुधा समता सुयशा जैन साधक केंद्र आर. वी.शांति नगर जैतो में विराजमान हैं। जानी-मानी जैन साध्वी डा.साध्वी श्री सुयशाजी महाराज ने बताया कि 

संसार में कोई सबसे बड़ा धर्म है तो वह है मानवता का धर्म। जिन इंसान के अंदर मानवता है वह सब धर्मों में श्रेष्ठ है। मानवता कभी भी किसी कि जाति या धर्म नहीं देखता बल्कि निःस्वार्थ भाव से हर मानव की सेवा करना ही अपना धर्मसमझता है। नागार्जुन प्राचीन समय में एक महान रसायनशास्त्री हुए हैं।उन्होंने ने दिन-रात काम कर के कईअसाध्य रोगों की दवा बनाई। काम इतना बढ़ गया कि उन्हें अब एकसहायक की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने राजा से विनती की किकाम बढ़ जाने के कारन अब उन्हें एक सहायक की आवश्यकता है। राजा ने उन्हें कहा कि अगली सुबहवह दो नौजवानों को भेज देंगे।उनमे से जो ज्यादा योग्य हो उसे वे अपना सहायक बना लें। अगली सुबह नागार्जुन के पास दो नौजवान आये। दोनों ने बराबर ही शिक्षा प्राप्त की हुई थी। दोनों की योग्यता भी एक जैसी ही थी। लेकिन नागार्जुन को तो बस एक ही सहायक चाहिए था। यह देख नागार्जुन सोच में पड़ गए कि वे किसे अपना सहायक बनायें और किसे नहीं। कुछ देर सोचकर उन्होंने दोनों को एक पदार्थ दिया और कहाये कौन सा पदार्थ है इस बारे में आपको खुद ही जानकरी प्राप्त करनी है और एक रसायन बना कर लाना है। रसायन देखने के बाद मैं यह निर्णय लूँगा कि कौन मेरा साहयक बनेगा।” दोनों नौजवान नागार्जुन को नमस्कार करने के बाद चलने ही वाले थे कि नागार्जुन ने कहा,”जातेसमय राजमार्ग से होते हुए जाना।”नागार्जुन ने ऐसा क्यों कहायह तो दोनों को नहीं पता लगा। फिर भी दोनों चले गए।कुछ दिन बीते, दोनों फिर एकसाथ नागार्जुन के पास पहुंचे। राजा भी नागार्जुन के साथ ही थे। उननौजवानों में से एक उत्साहित और प्रसन्न नजर आ रहा था वहीं दूसराउदास था। नागार्जुन ने जब रसायन दिखने को कहा तो पहले नौजवानने अपना रसायन दिखाया। उसके गुण-दोष बताये। नागार्जुन उसनौजवान से प्रभावित हुए। सब कुछ पूछ लेने के बाद नागार्जुन ने दुसरेनौजवान से अपना रसायन दिखनेको कहा। इस पर उस नौजवान ने बताया कि वह रसायन तैयार नहींकर सका। नागार्जुन ने जब कारन पूछा तो उसने बताया,आपकेकहे,अनुसार मैं राजमार्ग से जा रहा था। वहां पर मैने एक बीमार व्यक्ति को देखा।जिसकी हालत बहुत ख़राब थी। कोई भी उस व्यक्ति की सहायता नहीं कर रहा था। मुझे उस व्यक्ति पर तरस आ गया। फिर मैं उसे अपने साथ ले गया। उसकी देखभाल की। ये सब करते हुए मुझे इस पदार्थ से रसायन बनाने का समय ही नहीं मिला।”ये सब सुनने के बाद नागार्जुन ने कहा, “ठीक है कल से तुम मेरे साथ काम करोगे। मैं तुम्हें अपना सहायक नियुक्त करता हूँ।”यह सुन राजा तुरंत बोले,”लेकिन नागार्जुन इस नौजवान ने तो रसायन बनाया ही नहीं। तो फिर तुम इसे अपना सहायक क्यों नियुक्त कर रहे हो।”इस पर नागार्जुन ने उतर दिया हे हो।”इस पर नागार्जुन ने उत्तर दिया, महाराज मुझे पहले से इसबात का बोध था कि राजमार्ग पर एक बीमार व्यक्ति है।इसीलिए मैंनेदोनों को राजमार्ग से होकर जाने के लिए कहा था। पहले नौजवानने उस पर ध्यान नहीं दिया जबकि दूसरे नौजवान ने निःस्वार्थ भाव से उसकी सेवा की और मानवता धर्मनिभाया। ऐसे रसायन का क्या लाभजो किसी के प्राण न बचा सके। चिकित्सा करने के लिए मानव बनना बहुत आवश्यक है। जिस व्यक्तिमें मानवता नहीं है वह किसी की चिकित्सा कैसे करेगा? इसीलिए मैंनेदूसरे नौजवान को अपना सहायकनियुक्त किया।”राजा नागार्जुन काउत्तर सुनकर और उनकी सोच देखकर बहुत प्रसन्न हुए।

सम्मेलन में जिंदल स्टेनलेस ने जीता स्वर्ण पुरस्कार  : विजय कुमार बिंदलिश

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 29 दिसम्बर  :

 जिंदल स्टेनलेस नेइस्पात श्रेणी में 15वीं एक्सीड व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं रक्षा पुरस्कार तथा सम्मेलन 2023 में स्वर्ण पुरस्कार प्राप्त किया।कंपनी को यह पुरस्कार उत्कृष्ट व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रयासों के क्रियान्वयन हेतु दिया गया है। इस सम्मान समारोह का आयोजन हाल ही में सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा केरल के तिरुवनंतपुरम में किया गया था। राष्ट्रीय परिदृश्य में बदलाव लाने की दृष्टि से 2007 से सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन सामाजिक उत्थान के लिए काम कर रही है।

भारतीय उद्योग में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण संस्कृति का निर्माणह्ण विषय पर आयोजित इस सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्र जैसे सिमेन्ट, इस्पात, फर्टिलाइजर, आॅइल एंड गैस, औटोमोबाइल आदि की कॉम्पनियों ने भाग लिया था।  इस उपलब्धि पर अपनी टिप्पणी देते हुए, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं इकाई प्रमुख विजय कुमार बिंदलिश ने कहा कि जिंदल स्टेनलेस में हम एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति निर्मित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। स्टेनलेस परिवार का प्रत्येक सदस्य व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रमुख नियमों का पालन करके कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे विश्वास है कि हमारे संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप सुरक्षा-प्रथम संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग जगत में हम एकबेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करने में सफल होंगे।

विजय कुमार बिंदलिश ने कहा कि व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को मजबूत करने एवं एक सुरक्षित कार्यस्थल के निर्माण के उद्देश्य से कंपनी ने उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू किया है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं- शॉपफलोर में सुरक्षा संबंधित विषयों पर आंतरिक एवं बाह्य प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण सत्र जिनका आयोजन हर सप्ताह किया जाता है। वार्षिक सुरक्षा कैलंडर पर आधारित जागरूकता गतिविधियाँ जैसे क्विज, पोस्टर एवं सुरक्षा नाटक प्रतियोगिता, आपातकालीन मॉक ड्रिल प्रदर्शन, अज्ञात जोखिमोंकी पहचान,उनके सुझावऔर उनके उपयुक्त नियंत्रण उपाय। विजय कुमार बिंदलिश ने कहा कि  यह प्रयास एक जागरूक एवं सशक्त कार्यबल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और एक सुरक्षित समाज नींव रख रहे हैं। भारत की अग्रणी स्टेनलेस स्टील निमार्ता कंपनी जिंदल स्टेनलेस का वित्त वर्ष 2023 में वार्षिक टर्नओवर 35,700 करोड़ रुपये (4.30 अरब अमेरिकी डॉलर) रहा है और यह वित्त वर्ष 2024 में 30 लाख टन वार्षिक मेल्ट क्षमता तक पहुंचने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। भारत में ओडिशा और हरियाणा राज्यों में इसकी दो इस्पात निर्माण इकाईयां हैं और विदेश में इंडोनेशिया में एक इकाई है, जो दक्षिण-पूर्वी एशिया और आसपास के क्षेत्रों के बाजारों के लिए काम करती है।