कतर में 8 भारतीयों की मौत की सजा पर रोक भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

कतर की अपीलीय कोर्ट ने दाहरा ग्लोबल केस में भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगा दी है. इससे भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. गुरुवार को कतर की अपीलीय कोर्ट में सुनवाई के बाद यह फैसला बाहर आया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए फैसले का स्वागत किया है. साथ ही मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 दिसम्बर  :

कतर (Qatar)  में कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए नेवी के 8 पूर्व कर्मियों (Former Indian Navy Personnel) को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फांसी की सजा को रोक दिया है. मौत की सजा के खिलाफ भारत की तरफ से अपील दाखिल की गयी थी. कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी. मौत की सज़ा को कारवास में बदलने के बाद इस बात की उम्मीद भी बढ़ गई है कि 2015 के समझौते के मुताबिक़ 8 भारतीयों को भारत में सज़ा पूरा करने का विकल्प भी मिल जाए. 

कतर में भारत के 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों को 30 अगस्त 2022 को दोहा से गिरफ्तार किया गया था। इन्हें गिरफ्तार करने का कारण कतर की सरकार ने आज तक नहीं बताया। हालाँकि, मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इन पूर्व सैनिकोें पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है। ये सभी पूर्व अधिकारी कतर की राजधानी दोहा की अल दाहरा नाम की एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे।

जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें शामिल हैं- कमांडर पूर्णेन्द्रु तिवारी, कमांडर नवतेज सिंह गिल, कमांडर वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और कैप्टन गोपाकुमार हैं। ये सभी पिछले 5 साल से दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे।

यह कंपनी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी देने का काम करती है। इस कंपनी को ओमानी एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल अजमी ने स्थापित किया था और वे इस कंपनी के सीईओ थे। इस मामले में खमीस को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कतर की सरकार ने उन्हें 18 नवंबर 2022 को ही रिहा कर दिया था।

इन सभी लोगों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट की जानकारी इजरायल को देने का आरोप लगाया था। कतर कोर्ट ने इन्हें 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुना दी थी। इन सारी जानकारियों के बीच एक सवाल जो खड़ा होता है कि कतर की कोर्ट ने उन लोगों को कैसे बरी कर दिया, जिन्हें अब तक देश का दुश्मन समझ कर सीधे फाँसी पर लटकाने की कार्रवाई चल रही थी?

भारत पर इन पूर्व अधिकारियों को बचाने का दबाव था। ऐसे में भारत सरकार कानूनी तौर पर इसे चुनौती दे रही थी। इसके साथ ही भारत डिप्लोमैटिक चैनल से भी बातचीत कर रहा था। नवंबर में जब इन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी, तब तक इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी कि इन 8 लोगों के साथ क्या कुछ हो रहा है। फाँसी की सजा के बाद मामला दुनिया की नजर में आया।

भारत सरकार ने इन बंधकों के लिए कतर से कान्सुलर एक्सेस की माँग की। जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक, ऐसे मामलों में कांसुलर एक्सेस (राजनयिक पहुँच) देना उस देश के लिए जरूरी हो जाता है, जहाँ दूसरे देश के नागरिक गिरफ्तार किए जाते हैं। भारत ने नवंबर माह में कांसुलर एक्सेस हासिल कर लिया और केस के बारे में पूरी जानकारी हासिल की।

राजनयिक चैनल से भारत सरकार सक्रिय थी ही, कानूनी पहलुओं पर भी विचार हो रहा था। भारत सरकार के सहयोग से इन पूर्व अधिकारियों ने कतर के उच्च न्यायालय में अपील दायर की। अपील स्वीकार होने के बाद सरकार कानूनी प्रक्रिया में लग गई। इधर, भारत कतर पर राजनयिक दबाव भी बढ़ाता जा रहा था।

इस बीच, दिसंबर माह के शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुबई में कतर के अमीर से मुलाकात हुई। पीएम मोदी COPE28 की बैठक में भाग लेने दुबई गए थे। इस मुलाकात के चार सप्ताह के भीतर ही फाँसी की सजा पलट गई। सुनवाई के समय कोर्ट में में भारत के राजदूत का मौजूद होना बताता है कि पीएम मोदी इस मामले को लेकर कितनी गंभीर थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि सभी 8 पूर्व नौसैनिकों की फाँसी की सजा टल गई है। विदेश मंत्रालय ने बताया, “हम दहरा ग्लोबल मामले में अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं। कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों के साथ अपीलीय अदालत में उपस्थित थे। हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े रहे हैं।”

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा, “हम सभी को (कतर की अदालत में बंद 8 पूर्व नौसैनिकों को) कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाना जारी रखेंगे। इस मामले की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।”

विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने एएनआई से बातचीत में कहा, “कतर की अदालत का फैसला वास्तव में पीड़ित परिवारों के लिए बड़ी राहत है। हालाँकि कितनी सजा हुई है, इस बात की जानकारी मिलने तक इंतजार करना होगा। लेकिन, हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जो भी सजा होगी, वह सजा शायद कम भी की जा सकती है।”

सचदेव ने आगे कहा, “मुझे कोई संदेह नहीं है कि इसमें कूटनीति ने बड़ा काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में कतर के अमीर से मिले थे और उन्होंने जरूर ये मुद्दा कतर के अमीर के सामने उठाया होगा।” बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी के निर्देश के बाद इस मामले में हर कूटनीतिक दाँव-पेंच का इस्तेमाल किया।

वाइस एडमिरल अनिल चावला (सेवानिवृत्त) ने कहा, “यह खबर (फाँसी की सजा रुकने की) पूरे देश के साथ-साथ नौसैनिक समुदाय के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आई है। हम मृत्युदंड को कम करने के लिए कतर के अमीर के आभारी हैं और साथ ही भारत सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के लिए भी आभारी हैं। हमें उम्मीद है कि अधिकारियों को जल्द से जल्द रिहा कर भारत वापस भेजा जाएगा।”

कतर में आठ पूर्व नौसैनिक अधिकारियों को फाँसी के फंदे से बचाना हो, यूक्रेन युद्ध को रुकवाकर हजारों लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना हो या फिर गाजा-इजरायल से भारतीयों को वापस लाना हो, सूडान से भारतीयों को सुरक्षित भारत लाना हो या फिर मानव तस्करी के आरोप में फ्रांस में रोके गए 303 भारतीयों में से 280 को भारत वापस लाना हो… ये भारत सरकार की बढ़ती ताकत का प्रतीक है।

आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। हर समस्या का समाधान पाने के लिए दुनिया भारत की ओर देखती है। रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने की गुहार हो, वैक्सीन पाने की लालसा हो या हमास-इजरायल युद्ध… हर तरफ से भारत से हस्तक्षेप की गुजारिश की जाती है।

ऐसा इसलिए, क्योंकि देश की कमान उस नरेंद्र मोदी के हाथों में है, जो राष्ट्र प्रथम की अवधारणा के दम पर भारत का मस्तक पूरी दुनिया में ऊँचा उठाए हुए हैं। तभी तो रूस हो या अमेरिका, सभी भारत के साथ सहयोग की भावना लेकर चलते हैं। यही तो आज का भारत है, जो दूसरों की दिखाई राह पर चलने की जगह खुद के बनाए रास्ते पर निडरता से आगे बढ़ रहा है।

उद्धव ठाकरे ने माँगे 23 सीट तो कॉन्ग्रेस ने याद दिलाई ‘औकात’, कहा- इनके पास नेता ही नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए INDI गठबंधन ‘मिट्टी का माधो’ ही साबित हो रहे हैं। विपक्षी दल अपने-अपने फायदे को लेकर अड़े हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, ‘हम 23 सीट पर चुनाव लड़ेंगे क्योंकि हम हमेशा इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ते हैं।’ शिवसेना (यूबीटी), महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है जिसमें कांग्रेस और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) घटक हैं। तीनों दल विपक्षी गठबंधन ‘INDI’ अलाएंस का भी हिस्सा हैं।हालांकि उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि कांग्रेस और राकांपा कितनी-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

  • शिवसेना ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 पर दावा किया
  • महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में हो सकती है फूट
  • लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे का फंसेगा पेंच
  • 2019 में शिवसेना जीती थी 18 सीटें, 13 सांसद शिंदे संग
  • शिवसेना दो गुटों में बँट गई है, एक गुट उद्धव ठाकरे का है तो दूसरा एकनाथ शिंदे का है
  • एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना में बगावत होने के बाद कांग्रेस ही राज्य में सबसे पुरानी पार्टी बची है

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 दिसम्बर  :

लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सीट बंटवारे को लेकर खींचतान से विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी, खासकर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) तनाव में हैं। शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की 48 में से 23 सीटों की बड़ी हिस्सेदारी की मांग की है, जिससे कांग्रेस और यहां तक कि शरद पवार की अध्यक्षता वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में भी घबराहट है। सांसद और शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ने की पार्टी की इच्छा दोहराई है – जिससे कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के लिए सिर्फ 25 सीटें बचेंगी। साथ ही, अन्य सहयोगी छोटी पार्टियों को भी समायोजित करनी पड़ सकती है।

कॉन्ग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को बेहद कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी पार्टी में विभाजन के कारण उनके पास उम्मीदवारों की कमी है। बता दें कि शिवसेना दो गुटों में बँट गई है। एक गुट उद्धव ठाकरे का है तो दूसरा एकनाथ शिंदे का है, जो महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सत्ता में है। शिवसेना के अधिकांश नेता शिंदे गुट के साथ हैं।

दो गुटों में बंटी शिवसेना ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 पर दावा किया है, लेकिन अधिकांश सदस्य एकनाथ शिंदे के पक्ष में रहे हैं। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि नेताओं को जीतने वाली सीटों पर विवाद से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, “शिवसेना 23 सीटों की माँग कर सकती है, लेकिन वे उनका क्या करेंगे? उनके पास नेता नहीं हैं।” बैठक में कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन हो गया है। इसके बाद राज्य में स्थिर वोट शेयर वाली एकमात्र पार्टी अभी कॉन्ग्रेस ही है।

वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच समायोजन की जरूरत है। चव्हाण ने कहा, “हर पार्टी सीटों में बड़ी हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए शिवसेना की 23 सीटों की माँग बहुत अधिक है।”

पिछले हफ्ते शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा था कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ हाल ही में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के साथ-साथ एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ INDI अलाएंस की बैठक में बातचीत की थी। हालाँकि, कॉन्ग्रेस और एनसीपी कितने सीटों पर लड़ेगी, इसको लेकर राउत ने कुछ नहीं कहा।

बताते चलें कि साल 2019 से पहले शिवसेना बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी। इसके बाद उद्धव ठाकरे कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन बनाए और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने 40 अन्य विधायकों के साथ मिलकर ठाकरे से विद्रोह कर दिया और अलग शिवसेना बना ली। इसके बाद MVA सरकार गिर गई।

वीरेश शांडिल्य कुलदीप बिशनोई के बेटों के विवाह समारोह में आशीर्वाद देने पहुंचे

  • वीरेश शांडिल्य परिवार सहित कुलदीप बिशनोई के बेटों व चंद्रमोहन के भतीजों के विवाह समारोह में आशीर्वाद देने पहुंचे
  • शांडिल्य बोले भजन लाल परिवार का रूतबा देश की राजनीति में कायम, कुलदीप बिश्नोई के दोनों बेटों भव्य व चैतन्य को आशीर्वाद देने दो लाख से अधिक लोग पहुंचे, वीवीआई का रहा जमावड़ा
  • चंद्रमोहन ने वीरेश शांडिल्य को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से करवाई मुलाकात

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 28दिसम्बर  :

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी भजन लाल के परिवार को राजनीतिक रूतबा, देश की राजनीति व जनता में कायम है। चौधरी भजन लाल के पोते व कुलदीप बिश्नोई के दोनों बेटों भव्य व चैतन्य के विवाह समारोह के बाद आदमपुर मंडी में रखे भोज में दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए व देश के उपराष्टÑपति जगदीप धनखड़ व उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ सहित वीवीआईपी पहुंचे। इस मौके पर एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य परिजनों के साथ शादी समारोह में शामिल हुए व बेटे भव्य, चैतन्य व पुत्रवधु परी व सृष्टि को आशीर्वाद दिया और कुलदीप बिश्नोई, रेणुका बिश्नोई व पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन व उनकी पत्नी सीमा बिश्नोई सहित माता जस्मा देवी को बधाई दी। इस मौके पर समारोह में विशेष तौर पर पहुंचे देश के उपराष्टÑपति जगदीप धनखड़ व उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ को रिसेप्शन मौके पर पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने रिसीव किया। इस मौके पर पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करवाई और पांच मिनट मुख्य द्वार पर ही उपराष्ट्रपति से वीरेश शांडिल्य की चर्चा हुई। वीरेश शांडिल्य ने बताया कि शादी समारोह में फाइव स्टार नुमा होटल का टेंट लगा हुआ था और वीवीआईपी सहित सभी लोगों के लिए एक जैसा भोजन था। इस मौक पर शादी समारोह में वीरेश शांडिल्य से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, कृषिमंत्री जेपी दलाल, ट्रांसपोर्ट मंत्री मूलचंद शर्मा, जेलमंत्री रणजीत सिंह, सांसद डीपी वत्स, सांसद धर्मवीर सिंह, राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल, सांसद बरजिंदर सिंह, विधायक बीबी बत्रा, विधायक गोलन, विधायक रामकुमार गौतम, पूर्व मंत्री छतरपाल सिंह व डीजीपी आरसी मिश्रा, एडीजीपी श्रीकांत जाधव सहित कई सांसदों, विधायकों व मंत्रियों से मुलाकात हुई। वीरेश शांडिल्य के साथ शिव रंजन, दिनेश गौड आदि भी मौजूद थे। वीेरेश शांडिल्य ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के दोनों बेटों की शादी समारोह में पिता कुलदीप बिश्नोई व ताऊ चंद्रमोहन ने तमाम अतिथियों का स्वागत किया और कुलदीप बिश्नोई ने चौधरी भजन लाल के समय का रूतबा लोगों को याद दिलाया। लोगों में चर्चा थी कि आज चौधरी भजन लाल परिवार का रूतबा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, हिमाचल सहित उत्तर भारत में हैं और आज भी भजन लाल परिवार की राजनीतिक पकड़ जमीन के अंदर तक है। शांडिल्य ने इस मौक पर न केवल भव्य बिश्नोई व चैतन्य को अयोध्या से मंगवाई चुनरी पहनाकर आशीर्वाद दिया जबकि भव्य बिश्नोई की धर्मपत्नी आईएएस परी व चैतन्य की धर्मपत्नी सृष्टि को आशीर्वाद दिया।

स्वामी श्यामानंद महाराज को मिला श्री राम मंदिर ट्रस्ट, अयोध्या का निमंत्रण 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 दिसम्बर  :

प्रणामी परमार्थ सेवा ट्रस्ट, मलोया के संस्थापक और विश्व हिन्दू परिषद् के मार्गदर्शक स्वामी श्यामानंद महाराज को श्री राम मंदिर ट्रस्ट, अयोध्या द्वारा श्री राम लला के मंदिर के उद्घाटन के शुभ अवसर पर साक्षी बनने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। इस अवसर पर जसबीर सिंह शीरा, प्रांत संयोजक, बजरंग दल, प्रदीप शर्मा, विभाग मंत्री विहिप, अशोक चक्रवती, प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख, ताजिंदर सिंह नामधारी, प्रांत सह धर्म प्रसार प्रमुख, मोहित गर्ग प्रांत उपासना प्रमुख बजरंग दल आदि ने स्वामी जी को निमंत्रण पत्र भेंट किया।

श्री गुरु तेग बहादुर द्वारा प्रचारित मानवीय जीवनशैली को अपनाएं : बनवारी लाल पुरोहित

विनोद कुमार/परमजीत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़  –  28 दिसम्बर  :

गुजरांवाला गुरु नानक खालसा कॉलेज, लुधियाना के प्रिंसिपल डॉ. अरविंदर सिंह भल्ला द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘श्री गुरु तेग बहादुरः द सेवियर ऑफ डेमोक्रेटिक वैल्यूज’का विमोचन आज पंजाब राजभवन, चंडीगढ़ में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारी लाल पुरोहित द्वारा किया गया। इस पुस्तक में श्री गुरु तेग बहादुर की शिक्षाएँ, ईश्वरीय संदेश, अतुलनीय बलिदान और लोकतांत्रिक सरोकारों पर प्रकाश डाला गया है। 

श्री बनवारी लाल पुरोहित ने भारतीय संस्कृति, मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग बहादुर द्वारा किए गए बलिदान को याद करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि सभी को श्री गुरु तेग बहादुर द्वारा प्रचारित लोकतांत्रिक जीवन शैली को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में श्री गुरु तेग बहादुर की दिव्य शिक्षाओं, लोकतांत्रिक सरोकारों और अद्वितीय बलिदान से प्रेरणा लेने की बहुत जरूरत है। उन्होंने इस पुस्तक के लिए प्राचार्य डॉ. भल्ला को बधाई दी। उन्होंने डॉ. भल्ला के शोध कार्यों की सराहना की और कहा कि यह पुस्तक श्री गुरु तेग बहादुर के जीवन, शिक्षाओं और सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से योगदान की गहन समझ हासिल करने में बहुत सहायक होगी।

इस अवसर पर भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एवं पर्व सांसद श्री सत्य पाल जैन ने कहा है कि चार सौ साल पहले श्री गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की धार्मिक कट्टरता, राजनीतिक निरंकुशता और असहिष्णुता की नीति का कड़ा विरोध किया तथा लोगों को सभी की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए भी प्रेरित किया। श्री जैन ने कहा कि डॉ. भल्ला की पुस्तक उन लोगों के लिए अविश्वसनीय रूप से मूल्यवान है जो सिख अध्ययन के क्षेत्र से निकटता से जुड़े हुए हैं तथा लोकतांत्रिक विचारों के प्रचार-प्रसार में श्री गुरु तेग बहादुर के योगदान को डॉ. भल्ला ने इस पुस्तक में उत्कृष्टता से चित्रित किया है।

अपनी पुस्तक के बारे में अपने विचार साझा करते हुए, डॉ. भल्ला ने उल्लेख किया कि सत्रहवीं शताब्दी में, श्री गुरु तेग बहादुर ने मुगल शासक औरंगजेब द्वारा अपनाई गई धार्मिक असहिष्णुता की नीति की कठोर निंदा की थी। श्री गुरु तेग बहादुर ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता, सामुदायिक एकता, मानवाधिकार और बहुसांस्कृतिक समाज के विचार की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने आम जनता को लोकतांत्रिक आदर्शों और लोकतांत्रिक जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं को पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपनाना चाहिए।

उन्होंने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के पूर्व कुलपति डॉ. एस.पी. सिंह और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर पद्मश्री डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी से मिले समर्थन और मार्गदर्शन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्राचार्य डॉ. अरविंदर सिंह भल्ला अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने के साथ-साथ शोध के प्रति भी पूरी तरह समर्पित हैं। अब तक अस्सी से अधिक शोध पत्र और पंद्रह पुस्तकें लिखने के अलावा, उन्होंने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली (आईसीएसएसआर) द्वारा वित्त पोषित दो शोध परियोजनाओं को भी सफलतापूर्वक पूरा किया है।

कांग्रेस ने चुनावी अभियान की शुरुआत की

विनोद कुमार/परमजीत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़  – 28 दिसम्बर  :

अभियान के लिए आज कांग्रेस का 139वा स्थापना दिवस खासतौर पर चुना,

कांग्रेस आज लोकतंत्र एवं संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं ,  चंडीगढ़ कांग्रेस ने 2024 के संसद चुनाव के लिए “हैं तैयार हम” थीम पर आधारित नारे के साथ आज शहर से अपना चुनावी अभियान शुरू किया। अभियान की शुरुआत के लिए आज का दिन खासतौर पर चुना गया, जब दुनिया की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अपनी 139वीं वर्षगांठ मना रही है, इस अवसर पर यहां जारी एक बयान में, चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि पार्टी ने आज का ऐतिहासिक दिन अपने उन सभी नेताओं को श्रद्धांजलि देकर  मनाया, जिन्होंने अतीत में देश के सामने आए बड़े मुश्किल और संघर्ष भरे समयों में देश को सफ़ल नेतृत्व प्रदान किया। पूर्व मेयर हरफूल चंद कल्याण ने एक प्रभावशाली समारोह में देशभक्ति के गीतों की प्रस्तुति के बीच सेक्टर 35 स्थित कार्यालय में पार्टी का झंडा फहराया, जिसकी अध्यक्षता सामूहिक तौर पर पूर्व मेयर सुरेंद्र सिंह एवं कमलेश तथा पार्टी के महासचिवों राजीव मोदगिल, अच्छे लाल गौड़ और जा़हिद परवेज खान ने की। 

कांग्रेस प्रवक्ता ने पार्टी की तरफ़ से सभी देशवासियों और खासकर पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से देश की दशा और दिशा तय करने और इसके भविष्य को  एक सार्थक और जनहितैषी आकार देने में देश के लोगों का नेतृत्व किया है। पार्टी ने हमेशा ही बदलते समय की मांग के अनुरूप अपने आप को ढाला है और समय के साथ आती नई नई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।  प्रवक्ता ने आगे कहा कि आज जब वर्तमान भाजपा सरकार देश के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रही है, तब कांग्रेस देश के लोकतन्त्र एवं संविधान को बचाने की लड़ाई का नेतृत्व कर रही है ताकि देश के सभी नागरिकों को उनके धर्म, क्षेत्र, जाति या लिंग की परवाह किए बिना सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके, आज के कार्यक्रम में भाग लेने वालों में प्रमुख जतिन्दर भाटिया, धर्मवीर, बृज मोहन खन्ना, प्रवीण नारंग बंटी, मुकेश राय, रवि ठाकुर, दिलावर सिंह, विक्टर सिद्धू, अशीष गजनवी, हाकम सरहदी, रामेश्वर गिरी, रमेश आहूजा, आनंद वालिया, रानो, अभय चंदेल, नसीब जाखड़, राहुल कुमार मलोया, सुभाष पाल,  जतिन्दर यादव, वासु, मोहम्मद सुलेमान, गुरचरण सिंह, अल्ताफ, किशोर कुमार, नरेश पाल कौर, मिहिर गुलेरिया और मनीष लंबा आदि शामिल थे।

 चंडीगढ़ के वरिष्ठ फोटोग्राफर संतोख सिंह ‘ताया जी’ को विभिन्न हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 दिसम्बर  :

वरिष्ठ फोटोग्राफर संतोख सिंह ‘ताया जी’ को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुवार को चंडीगढ़ सेक्टर-19 डी स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में अंतिम संस्कार की प्रार्थना की गई। इस अवसर पर सबसे पहले शबद गायन किया गया और फिर  संतोख सिंह की आत्मा की शांति के लिए गुरु चरणों में प्रार्थना की गई।

पूर्व मंत्री अकाली नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा, भाजपा नेता विनीत जोशी, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों, शिरोमणि कमेटी के पूर्व सदस्य अमरेंद्र सिंह, खुशाल सिंह और सेंट्रल सिंह सभा के अन्य पदाधिकारी, पार्षद हरदीप सिंह और कमलेश चंडीगढ़ से श्रद्धांजलि देने पहुंचे। दिवंगत आत्मा, मोहाली से पार्षद अमरीक सिंह, चंडीगढ़ कांग्रेस से हरमेल केसरी, भारतीय पत्रकार संघ के पूर्व सचिव बलविंदर जम्मू, मीडिया क्षेत्र के प्रतिष्ठित पत्रकार, कर्मचारी नेता और थिएटर कलाकार  पहुंचे।

इस मौके पर संतोख सिंह को याद करते हुए मॉडरेटर जय सिंह छिब्बर ने कहा कि ‘ताया जी’ अपने आखिरी दिनों तक फोटो जर्नलिज्म के लिए समर्पित रहे और पंजाब और हरियाणा के कई पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल उन्हें केवल एस नाम से जानते थे। संतोख सिंह इतने साहसी थे कि किसी भी शख्सियत को रोककर उसकी फोटो खींच लेते थे. यह उल्लेखनीय है संतोख सिंह ने कई संस्थानों में फोटोग्राफर के रूप में कार्य किया और पिछले डेढ़ दशक से वह दैनिक प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थे और हाल ही में पेट की गंभीर बीमारी के कारण 21 दिसंबर को उनका निधन हो गया।

आज उनकी अंतिम अरदास के अवसर पर गुरुद्वारा साहिब की महिला परिषद. संतोख सिंह के बेटे इंदरजीत सिंह, बेटी सरबजीत कौर और बहू राजिंदर कौर ने सिरोपा पेश किया. अंत में पुत्र इंदरजीत सिंह एवं समायरा प्रवक्ता एमडी बीबी जगजीत कौर के शोक संदेश के साथ श्रद्धांजलि देने आये महानुभावों को धन्यवाद दिया गया।

दसवें गुरू गोबिंद सिंह व साहिबजादों की बेअदबी करने वाले असीम गोयल ने माफी न मांगी तो विश्व हिंदू तख्त देगा एसपी को शिकायत: वीरेश शांडिल्य 

 प्रधानमंत्री मोदी की फोटो साहिबजादों के चित्रों के साथ सिर ढके हुए जबकि अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल ने बिना सर ढके दसवें गुरू व साहिबजादों के चित्र के साथ अपना चित्र लगा दिया 

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 28 दिसम्बर  :

विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा करने वाले दसवें गुरू गोबिंद सिंह, माता गुजरी व साहिबजादों की बेअदबी करने पर 24 घंटे में असीम गोयल ने माफी न मांगी तो विश्व हिंदू तख्त एसपी अंबाला को धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने पर असीम गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर शिकायत देगा। शांडिल्य ने कहा कि साहिबजादों की शहीदी दिवस पर दसवें गुरू गोबिंद सिंह, माता गुजरी व साहिबजादों के चित्र लगाकर बिना सिर ढके असीम गोयल ने अपनी फोटो लगाकर शहर में होर्डिंग लगाकर दसवें गुरू व साहिबजादों की बेअदबी की जिसे विश्व हिंदू तख्त बर्दास्त नहीं करेगा। वहीं वीरेश शांडिल्य ने कहा कि असीम गोयल ने ऐसा कर भाजपा को भी सिख समाज में बदनाम किया है। 

विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने आज मीडिया को दो फोटो जारी की जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस पर साहिबजादों के साथ फोटो जारी की उसपर सिर पीले पटके के साथ ढका हुआ है यही नहीं शांडिल्य ने कहा कि मोदी ने साहिबजादों के कार्यक्रम में दो घंटे सिर ढक कर रखा जिससे हिंदू सिख भाई चारा पूरे विश्व में मजबूत हुआ वहीं अंबाला शहर के विधायक जो हर वक्त किसी न किसी विवाद में रहते हैं उन्होंने न केवल दसवें गुरू का अपमान किया बल्कि माता गुजरी व साहिबजादों के फोटो के साथ अपनी बिना सिर ढकी फोटो लगाकर साहिबजादों व दसवें गुरू साहिब का अपमान किया। यदि 24 घंटे के अंदर विधायक असीम गोयल ने गुरूद्वारा में जाकर माफी न मांगी तो वह एसपी अंबाला को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत देंगे।

 विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने वहीं अपने आप को एसजीपीसी का सदस्य बताने वाले हरपाल सिंह पाली को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पाली ने राजनीतिक फायदे के कारण दसवें गुरू व साहिबजादों की बेअदबी करने वाले विधायक के खिलाफ कोई शिकायत न देकर इस मामले को अनदेखा किया और हरपाल पाली ने भी दसवें गुरू व साहिबजादों का अपमान किया। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यह वहीं हरपाल सिंह पाली है जब उन्होंने पंजाब में खालिस्तान की मुहिम चलाने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाला का 2018 में पुतला जलाने की घोषणा की थी जिसके बाद न केवल हरपाल सिंह पाली ने उनके खिलाफ धार्मिंक भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज करवाया वहीं भिंडरावाला समर्थक हरपाल सिंह पाली ने कट्टरपंथियों के साथ मिलकर उनके दफ्तर को भी आग लगाई जो हरपाल पाली भिंडरावाला के खिलाफ बोलने वाले के विरूद्ध केस दर्ज करवा सकता है तो वह पाली असीम गोयल के खिलाफ शिकायत देने से पीछे क्यों हट गया। क्या ब्यान देकर हरपाल पाली की ड्यूटी पूरी हो गई। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी से भी मांग की है कि ऐसे नेताओं के खिलाफ पार्टी अपने स्तर पर काम करे क्योंकि जिस भाजपा को मोदी खून से सींच रहे हैं उसी भाजपा को असीम गोयल जैसे विधायक बदनाम कर रहे हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया कांग्रेस पार्टी का 139 वां स्थापना दिवस 

  • कांग्रेस कार्यकर्ता मजबूती से पार्टी के साथ खड़ा है:-श्याम सुन्दर बतरा 
  • कांग्रेस का उद्देश्य जनकल्याण और भारतीय लोगों की उन्नति – श्याम सुन्दर बतरा

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर -28 दिसम्बर  :

कोर्डिनेटर जिला काँग्रेस एवं पूर्व चेयरमैन जिला परिषद यमुनानगर श्याम सुन्दर बतरा ने अपने काँग्रेस कार्यालय पर पारंपरिक ध्वजारोहण किया और कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी का स्थापना दिवस मनाया काँग्रेस कार्यालय पर भारी संख्या मे कार्यकर्ता एकत्रित हुए और भारी जोश के साथ कांग्रेस पार्टी का 139 वां स्थापना दिवस कांग्रेस पार्टी का ध्वज फहरा कर और लड्डू बांटकर मनाया गया  

कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद श्री मलिक्कार्जून खडगे जिंदाबाद श्री राहुल गांधी जिंदाबाद बहन कुमारी सैलजा जिंदाबाद के नारे लगाए  
इस मौके पर बोलते हुए सभी अग्रणी  काँग्रेस नेताओं ने कहा कांग्रेस एक आंदोलन का नाम है देश की आज़ादी के लिए लाखों शहीदों ने बलिदान दिया जिसके कारण ही आज हम खुली हवा मे सांस ले पा रहे हैं बतरा ने कहा हमे गर्व है हम कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं जो पार्टी 138 वर्षों से पूरी ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण मे संघर्षरत है और पूरी ईमानदारी से सत्ता मे रहते हुए जनता की आवाज सुनती है और विपक्ष मे रहते हुए जनता की पुरजोर तरीके से आवाज उठती है हमारे नेता राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर और राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी उत्तराखंड कुमारी सैलजा जनता की सशक्त आवाज बनकर खड़े हैं  हमारा विश्वास समता समानता एवं एकरूपता में है हमारा उदेश्य भेदभाव रहित भारत के निर्माण मे है, हमारी आस्था भारतीय लोकतन्त्र मे निहित है जन सेवा एवं जन कल्याण की विचारधारा ही कांग्रेस है 
सभी कांग्रेस जनो ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आज 138 वर्ष पूर्ण हुए इस गौरवमयी क्षण की सभी भारतवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें 

इस मौके पर कोर्डिनेटर जिला काँग्रेस एवम पूर्व चेयरमैन जिला परिषद यमुनानगर श्याम सुन्दर बतरा एडवोकेट वेद महरमपुर,राय सिंह गुर्जर प्र्वक्ता , पूर्व चेयरमैन मोहन जयरामपुर , विक्रम सैनी , नरेश वाल्मीकि, जिला पार्षद नरवैल सिंह , अशोक कुमार पूर्व जिला पार्षद , मधु चौधरी युवा जिलाध्यक्ष , रमेश चौधरी,पंकज शुक्ला ,इस्लाम गुर्जर , रिंकू  मलिमाजरा ,दीप सुघ , हार्दिक सखुजा , हरीश खरबन्दा ,इकराम खान ,राजू सपरा , विपिन कंबोज , केसर सिंह , अंग्रेज़ गाबा , अमनदीप सिंह , दलजीत भल्ला , आकाश बतरा युवा कांग्रेस नेता , रोहित गोयल ,गोपाल काम्बोज ,  जय सिंह , फुलचंद ,लछमन अंसल , ओमपाल , देसराज, धर्मपाल सैनी , मनप्रीत सिंह लवली , रजिन्दर कुमार , कुलजीत सिंह , युसुफ खान ,  राजेश दयालगढ़ , शम्मी पाल , सतनाम सिंह सन्धु आदि मौजूद रहे।

अवंतिका वर्मा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-2023 में दर्ज

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार –  28 दिसम्बर  :

उम्र महज 6 साल और दिमाग ऐसा कि बड़े-बड़े दांतों तले अंगुली दबा लें। हिसार के निकटवर्ती गांव आर्य नगर निवासी अंवतिका वर्मा ने मात्र 44 सैंकिंड और 63 मिलि सैकिंड में भारत के 28 राज्यों के नाम और उनके वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम सिर्फ बांउड्री मेप से बताकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-2023 में अपना नाम दर्ज करवाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अवंतिका वर्मा की इस उपलब्धि पर पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है और चहुं ओर से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

       अंवतिका के पिता प्रदीप कुमार राजस्थन के भिवाड़ी में एक नामी कम्पनी में जॉब करते हैं, जबकि उनकी माता नीलम वर्मा हाऊस वाईफ हैं। अंवतिका वर्मा के दादा शंकर लाल वर्मा ने अपनी पौत्री को प्रोत्सहित किया और उसका पेप माइंड ऐकडमी में दाखिला करवाया तथा अवंतिका वर्मा ने किताबों का अध्ययन करके यह कीर्तिमान स्थापित किया।