श्री गीता भवन गोनियाना में धेनुमानस गौकथा प्रारम्भ

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 25 दिसम्बर  :

श्री गीता भवन गोनियाना में आज “धेनुमानस गौकथा” का शुभारंभ हुआ। तीन दिवसीय इस कथा के पहले दिन व्यास गद्दी प्रवक्ता आचार्य विनोद डिमरी बद्रीनाथ उत्तरा खंडवाले ने कहा कि गौ माता का हमारे धर्म में बहुत ऊंचा स्थान है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अपने जीवन में गौमाता के प्रति आस्था रखता है, गौमाता स्वयं उसके जीवन की रक्षा करती है। गौ माता के कारण ही विघ्न विनायक सर्व प्रथम गणेश जी की पूजा की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि गौमाता के दूध से ही श्रीनाथजी और गौग्रंथ अस्तित्व में आये। कथा शुरू होने से पहले गीता भवन के पुजारी आचार्य गजेंद्र दत्त शास्त्री ने विधि विधान से पूजा  करवाई व ज्योति प्रचंड की। इस अवसर पर  अन्यों के अतिरिक्त  रामधारी बांसल, लाजपत राय गोयल, नरिंदर बांसल, प्रिंस रोमाणा, राव सुरजीत सिंह, वरिंदर ढींगरा, विजय कुमार गोयल, केवल कृष्ण, बिट्टू देओन वाले, राज कुमार लिली, दीपक भगत, मुरारी लाल जिंदल, अमृतपाल टल्ली, इंद्रजीत कालडा, भारत भूषण गोयल और पुनीत शर्मा भी उपस्थित थे।

डंपिंग ग्राउंड बारे मेयर ने सरेआम झूठ बोला : दयाल कृष्ण 

वहां कचरे का तीसरा पर्वत भी बनकर तैयार हो गया है और मेयर चुनावी जुमले छोड़ रहें हैं 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

डंपिंग ग्राउंड ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष दयाल कृष्ण ने महापौर अनूप गुप्ता पर सरेआम झूठ बोलने का आरोप लगाया है। दयाल कृष्ण ने यहाँ जारी एक ब्यान में कहा कि बीते कल फोसवॉक की बैठक में मेयर ने डड्डूमाजरा से डंपिंग ग्राउंड के सारे कचरे के मार्च तक खत्म हो जाने बारे जो घोषणा की है, वो सरासर गलत है। दयाल कृष्ण ने कहा कि उन्हें पहले यह बतान चाहिए कि कौन सा कचरा  मार्च तक साफ होगा क्योंकि एक जगह बायोरिमेडियेशन प्रक्रिया द्वारा माइनिंग हो रही है और उसके पीछे कचरे का तीसरा पर्वत बनकर तैयार हो गया है जहां पर लगभग तीन से चार लाख मीट्रिक टन कचरा इकट्ठा हो चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाली नगर निगम की बैठक में महापौर यह साफ कर दें कि कौन सा कचरा मार्च तक समाप्त हो जाएगा। दयाल कृष्ण ने कहा कि मेयर ने जो कुछ भी कहा वो एक चुनावी जुमले से अधिक नहीं है क्योंकि उनके कार्यकाल का आखिरी समय चल रहा है और मेयर चुनाव के अलावा लोकसभा चुनाव भी सिर पर हैं।

सिर्फ सरकारी आयोजनों तक ही सीमित रहा इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स : डॉ. खरबंदा 

आमजन तक नहीं पहुँच पाई मुहिम 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

वर्ष 2023 इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स के तौर पर दुनियाभर में मनाया गया तथा भारत में इस अवसर को एक सशक्त मिलेट्स समुदाय के साथ अनगिनत मौकों को समर्पित किया गया। इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स 2023 ने मिलेट्स की महत्ता को समझाने और समर्थन देने का माध्यम तो बनाया लेकिन क्या कुछ जमीनी हकीकत में कितना कुछ बदलाव आया, इस पर विचार की आवश्यकता है। ये कहना है चण्डीगढ़ में मिलेट्स मुहिम के साथ जुड़े हुए डॉ. एचके खरबंदा का।  

इस वर्ष हमारी प्रतिबद्धता ने मिलेट्स के अधिकारों, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए एक साझा मंत्र स्थापित किया, लेकिन न तो मिलेट्स के लिए कोई एमएसपी जारी हुई, न ही कहीं मिलेट्स को व्यवहारिक रूप से इस्तेमाल किया गया। सिर्फ जी 20 के मेहमानों व सरकारी आयोजनों तक ही सीमित रहा इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स। जबकि हमारा लक्ष्य हमेशा से  एक सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रयास करना था। उन्होंने कहाकि आने वाले साल में यह उम्मीद है कि आमजन तक मिलेट्स की खूबियों का प्रचार-प्रसार पहुंचेगा व ये वर्ग इसका अधिकाधिक प्रयोग करेगा।

वर्षों से मिलेट्स के प्रसार व प्रचार में जीवन लगाने वाले डॉ खादर वली को पद्मश्री व खेती विरासत मिशन जैसी एनजीओ को भी सिर्फ सरकारी आयोजनों की भागीदारी ही मिल पाई। 

मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में वर्षों से प्रयासरत पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एच के खरबंदा ने कहा कि

किसी भी सरकारी तंत्र को आने वाले समय में कोई कंक्रीट योजना बनानी होगी तभी मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में विश्व भर में भारत अपनी भूमिका निभा पायेगा।

लोन माफी के लिए किसान चाहते हैं सूखा पड़े : शिवानंद पाटिल

हाल ही में चिक्कोडी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, पाटिल ने कहा, “कृष्णा नदी का पानी मुफ़्त है। चूंकि उत्तरी कर्नाटक के कई क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, इसलिए मुख्यमंत्री मुफ्त में बीज और उर्वरक भी दे रहे हैं। अब किसान चाह रहे हैं कि राज्य में बार-बार सूखा पड़े और उनका कर्ज माफ हो जाए, जो सही तरीका नहीं है।”  पाटिल ने यह भी कहा कि जलवायु परिस्थितियों के कारण राज्य में हर तीन या चार साल में एक बार सूखे की मार पड़ने की संभावना है। मंत्री ने कहा, राज्य में हर तीन या चार साल में सूखे जैसी स्थिति देखने को मिलेगी और सरकार किसानों की मदद के लिए हमेशा मौजूद रहेगी।

कर्नाटक के सहकारिता मंत्री शिवानंद पाटिल

सारीका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25दिसम्बर  :

कर्नाटक सरकार में सहकारिता मंत्री शिवानंद पाटिल के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। कर्नाटक बीजेपी ने पाटिल से उनके बयान वापस लेने की मांग की है। दरअसल मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा है कि जलवायु परिस्थितियों के कारण राज्य में हर तीन या चार साल में एक बार सूखे की मार पड़ने की संभावना है। चिक्कोडी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, पाटिल ने कहा, “कृष्णा नदी का पानी मुफ़्त है। चूंकि उत्तरी कर्नाटक के कई क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, इसलिए मुख्यमंत्री मुफ्त में बीज और उर्वरक भी दे रहे हैं। अब किसान चाह रहे हैं कि राज्य में बार-बार सूखा पड़े और उनका कर्ज माफ हो जाए। मंत्री ने कहा कि हलांकि ये सही तरीका नहीं है।

भाजपा ने कहा है कि कॉन्ग्रेस कर्नाटक के किसानों का मजाक उड़ा रही है। गौरतलब है कि कर्नाटक में इस बार सूखा पड़ रहा है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने इसको लेकर कर्जों में कुछ राहत का ऐलान भी किया है। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष BY विजयेन्द्र ने कहा है कि कॉन्ग्रेस ने किसानों को गाली देने की संस्कृति और किसानों का जीवन खराब करने की नीति अपना ली है। यह जिम्मेदारी शिवानंद पाटिल को दी गई है।” उन्होंने शिवानंद पाटिल से तुरंत माफ़ी माँगने को कहा है।

शिवानंद पाटिल ने सितम्बर 2023 में भी किसानों पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि किसान मुआवजे का पैसा लेने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने कहा था कि यह तबसे बढ़ा है जबसे सरकार ने मुआवजे की धनराशि बढ़ाई है

उन्होंने संवेदनहीनता दिखाते हुए कहा था कि जिन किसानों की मौत प्रेम प्रसंगों, हृदय गति रुकने या फिर शराब पीने से हो रही है उनको भी किसान आत्महत्याओं में दिखाया जा रहा है ताकि मुआवजा पाया जा सके। उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके लालची रिश्तेदार मुआवजे की धनराशि पाना चाहते हैं। यह मानव प्रकृति है कि गलत कारणों को दिखा कर मुआवजा लिया जाए।

गीता भारत का गौरव ग्रंथ है

  • गीता भारत का गौरव ग्रंथ है : गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज जी 
  • मंदिरों में श्रद्धालुओं ने एक मिनट एक साथ गीता पाठ पढ़कर सद्भावना प्रेम और शांति का संदेश दिया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज जी के आह्वान पर गीता जयंती का पर्व बड़े धूमधाम से चण्डीगढ़ के सभी मंदिरों में मनाया गया। हिंदू पर्व महासभा, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष बीपी अरोड़ा व महासचिव कमलेश चंद्र सूरी ने बताया कि सभी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने एक मिनट एक साथ गीता पाठ पढ़कर सदभावना प्रेम और शांति का संदेश  दिया। उन्होंने बताया कि गीता हिंदुओं की आस्था का ग्रंथ ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता  के कल्याण का ग्रंथ है। इस दौरान तीनों  शलोको का भी पाठ किया गया। गीता जयंती के शुभ अवसर पर  शहर के प्रबुद्धजनों के साथ भी चर्चा हुई। अष्टादश  श्लोकी गीता पाठ का उच्चारण किया गया और उसके पम्फ्लेट्स भी श्रद्धालुओं में वितरित किए गए।

स्वामी ज्ञानानंद जी ने बताया था कि गीता ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें सभी प्राणियों के हित की बात कही गई है । यह भारत का गौरव ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि गीता उपदेश 5160 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में कौरवों व पांडवों के बीच चले युद्ध में युद्ध भूमि पर दिया गया। आज पूरे विश्व में जब चारों ओर प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध और तनाव की स्थिति, अराजकता  पैर पसारे हुए है और छोटे बच्चों में संस्कारों का अभाव है, विश्व में अशांति  छाई हुई है, ऐसे में भागवत गीता जी के उपदेश  ही एकमात्र उपाय हैं जिससे शांति बहाल हो सकती है। यदि विश्व में शांति चाहते हैं  तो भागवत गीता के उपदेश जीवन में स्वीकारने होंगे। न्यायालय में गीता हो, कार्यक्षेत्र में गीता हो, विद्यालय में गीता हो और घर-घर में गीता हो।

इस अवसर पर संस्था के सभी पदाधिकारी रमेश मल्होत्रा मुख्य संरक्षक, वाई के सरना, लक्ष्मी नारायण सिंगला, एलसी बजाज, रामधन अग्रवाल ,अजय कौशिक, अरुणेश अग्रवाल, जेएल गुप्ता, मोहनलाल गौड़, एल सी बजाज, पदम राय, राजेंद्र गुप्ता, अनुज कुमार सहगल, पंकज गुप्ता, धर्मपाल  शर्मा, अश्विनी ऋषि, आदर्श कुमार, रतनलाल व सभी मंदिरों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

जिन्हें श्री राम से प्रेम नहीं, उन्हें नहीं समझ आती श्री राम कथाः महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद जी

 श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में महाराज जी ने कहा-श्रद्धा, सत्संग और परमात्मा प्रति प्रेम जरुरी, तभी समझ आएगी श्री राम कथा 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 25 दिसम्बर  :

देवभूमि हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि जब तक तीन चीजें एक साथ न हों तब तक श्री राम कथा समझ में नहीं आती है। सबसे पहले श्रद्धा, दूसरा सत्संग और तीसरा परमात्मा प्रति प्रेम होना। श्रद्धा, सत्संग और ईष्ट प्रेम जब मिले तो श्री राम कथा समझ में आती है। ऐसा रामायण में लिखा है। जिन्हें श्री राम के प्रति प्रेम नहीं है। प्रीति भाव नहीं है। सत्संग में प्रीति व श्रद्धा नहीं है, उन्हें ये कथा समझ नहीं आती है।महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज ने ये विचार रोज एनक्लेव स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में आयोजित दिव्य श्री राम कथा एवं आध्यात्मिक प्रवचन कार्यक्रम के दौरान प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह के समक्ष व्यक्त किए। 

त्रयोदशी मौके स्वामी जी ने सुनाई शिव महिमा भी स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने त्रयोदशी के चलते शिव महिमा सुनाते हुए कहा कि ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं समेत भगवान श्री राम और श्री कृष्ण भी शिव भक्त हैं। पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कैलाश पर्वत पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी तो भगवान श्री राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी। देवों के देव महादेव की भक्ति करने वाले भक्त पर कभी कोई संकट नहीं आ सकता। उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इसलिए जब भी कोई बड़ा संकट आए तो भगवान शिव की शरण में जाएं।स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने श्रद्धालुओं को मानव जीवन का महत्व बताते हुए कहा कि जिंदगी तीन पन्ने की किताब का नाम है। उसमें पहला पृष्ठ है जन्म का, जो मनुष्य को लिखा हुआ ही मिला है। तीसरे पृष्ठ का नाम है मृत्यु, वे भी लिखा हुआ ही मिला है। दूसरे नंबर का पन्ना है जीवन का, जो मनुष्य को कोरा ही मिलता है उस पर क्या लिखना है ये मनुष्य पर खुद निर्भर करता है। मजे की बात तो ये है कि उस पृष्ठ पर मनुष्य जो लिखेगा, जैसा लिखेगा उसी के आधार पर तीसरे नंबर का पन्ना मिलने वाला है। अर्थात मृत्यु का ये पृष्ठ निश्चित है, मगर ये पृष्ठ उज्जवल मिलेगा या मलिन, इसका निर्णय मनुष्य खुद जीवन के दूसरे पन्ने में लिखकर कर सकता है। अर्थात मनुष्य को कोरे जीवन में खुशियों का रंग खुद ही भरना पड़ता है।

कथा दौरान रोजाना स्वामी श्री सुशांतानंद जी महाराज भी श्रद्धालुओं को प्रवचनों की अमृतवर्षा में स्नान कराने के साथ-साथ सुमधुर भजनों की गंगा में डुबकियां लगवा रहे हैं। कथा में बड़ी गिनती में श्रद्धालु उमड़कर पुण्य-लाभ कमा रहे हैं। मंदिर में स्थापित शिवलिंग का त्रयोदशी मौके श्रृंगार भी किया गया था, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहा। बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने शिवलिंग के त्रयोदशी श्रृंगार के दर्शन कर जीवन को सफल बनाया। 

फरीदकोट स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में श्री राम कथा करते हुए स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज एवं उपस्थित श्रद्धालु।फरीदकोट स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में त्रयोदशी मौके किया गया शिवलिंग का भव्य श्रृंगार।

शहीदी सप्ताह के उपलक्ष्य में लगाए गए रक्तदान शिविर में 60 ने दिया खून 

आजकल के समय में रक्तदान से बड़ा पुण्य कार्य और नहीं हो सकता : डॉ. संदीप संधू  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

शहर में चण्डीगढ़ विकास समिति द्वारा यह सप्ताह शहीदी सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। इस सप्ताह शहर में विभिन्न सामाजिक व धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। आयोजनों की इस कड़ी में आज चार साहिबजादों तथा माता गुजरी जी के परम बलिदान तथा भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और महामना आदरणीय पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के उपलक्ष में सेक्टर 37, परशुराम भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि इस रक्तदान शिविर में विश्वास फाउंडेशन, रेड क्रॉस सोसायटी तथा परशुराम भवन का विशेष सहयोग रहा। रक्तदान हेतु 99 लोगों ने पंजीकरण करवाया और 60 लोग रक्तदान करने के योग्य पाए गए।  

चण्डीगढ़ विकास समिति की अध्यक्ष डॉक्टर संदीप संधू ने बताया कि यह सप्ताह देश व प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा इसके महत्व को समझते हुए आज रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। साथ ही रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है, क्योंकि रक्तदान करके हम कई जिंदगियां बचा सकते हैं और इससे बड़ा पुण्य कार्य और नहीं हो सकता। शिविर में रक्तदान करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न भेंट किए गए।

उक्त रक्तदान शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में भूतपूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी एसके शर्मा, जो कि केंद्र और राज्य सरकारों में विभिन्न पदों पर आसीन रहे हैं, उपस्थित रहे। साथ ही चंडीगढ़ विकास समिति के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे जिनमें संरक्षक प्रदीप शर्मा, अध्यक्ष ब्रह्मजीत कालिया, अध्यक्ष डॉ संदीप संधू, महासचिव अभिषेक सरथा, वरिष्ठ उप प्रधान डॉक्टर आरके शर्मा, उप प्रधान प्रतीक मलिक, उप प्रधान अमिताभ द्विवेदी, कोषाध्यक्ष अधीश जिंदल, महिला संयोजिका फार्मिला तथा महिला सहसंयोजिका उमंग बिश्नोई शामिल थे।

विश्वमोहन भट्ट,सलिल भट्ट की वीणा का चला जादु, श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

  • सात सुरों की सरगम श्रोताओं की रूह तक जाती है – पंडित हरीश तिवारी
  •  पटियाला के संगीत प्रेमियों के कारण समारोह कामयाब  – फुरकान

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

पटियाला में नार्थ जोन कल्चर सेंटर के कालीदास आडिटोरियम में चल रहे चार दिवसीय  शास्त्रीय संगीत समारोह के अंतिम दिन ग्रैमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट की मोहन वीणा और पंडित सलिल भट्ट की सात्विक वीणा का जादू सिर चढ़कर बोला । समारोह में बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध हो तालियां बजाते  रहे। सबसे पहले उन्होंने राग श्याम कल्याण में आलाप जोड़-झाला बजाया। उसके बाद द्रुत की बंदिश में तीन ताल प्रस्तुत किया और आखिर में सुनाई राग जोग पर आधारित अपनी रचना – मीटिंग विथ द रिवर जिसके लिए उन्हें ग्रैमी अवार्ड मिला था। पंडित विश्वमोहन भट्ट ने स्वयं द्वारा गिटार एवं वीणा से निर्मित मोहन वीणा की धुनों से फिज़ां को संगीतमयी बनाया।पंडित विश्वमोहन भट्ट ने श्रताओं को संबोधित करते हुए उन्हें क्लासिकल म्यजूिक से जुड़ने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कहा कि  आज तकनीकी विकास व परिवर्तन से संगीत जगत अछूता नहीं है। इंटरनेट की तकनीक से हम यू ट्यूब के माध्यम से पुराने गानों व रागों को बड़ी आसानी से सुन पा रहे हैं व  भारतीय संगीत के धरोहर स्वर्गीय कलाकारों की आवाज़ें भी तकनीक के कारण ही  सुरक्षित है। हम जब चाहें उन्हें यू ट्यूब के माध्यम से सुन सकते हैं। पंडित विश्व मोहन भट्ट एक ऐसे अद्वितीय कलाकार है जिन्होंने मोहन वीणा का  सृजन किया, वर्ष 1994 में भारत के लिए विश्व का सर्वोत्तम सम्मान ग्रैमी अवार्ड जीतकर भारतीय संगीत को विश्व में शीर्षस्थ स्थान दिलाया।

हरीश तिवारी की गायकी का भरपूर आनंद लिया लोगों ने

ख़याल गायक हरीश तिवारी ने राग दरबारी कान्हड़ा पर बंदिशे पेश कर  ऐसा समां  बांधा कि  दर्शक गायकी में खो गए । उन्होंने राग दरबारी कान्हड़ा से गायन की शुरुआत की। इस राग में आपने दो बन्दिशें पेश की। एक ताल में निबद्ध विलंबित बंदिश के बोल- “और नहीं कछु काम के” जबकि तीन ताल में द्रुत बंदिश के बोल – “किन बैरन कान भरे” थे। उन्होंने राग सुहा कान्हड़ा से गायन को आगे बढाते हुए द्रुत एकताल में बंदिश पेश की- “पियरवा मोरे आए” इस बंदिश को भी आपने बड़े सहज अंदाज़ में ओजपूर्ण ढंग से पेश किया।

ज्ञात रहे कि  पंडित हरीश तिवारी किराना घराने  के प्रमुख हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक हैं। किराना घराना भारतीय शास्त्रीय ख्याल घरानों में से एक महत्वपूर्ण घराना  है । किराना शैली की मुख्य चिंता स्वरों, यानी व्यक्तिगत स्वरों के संदर्भ में है, विशेषकर स्वरों की निर्देशिका और उनके अभिव्यक्ति में सटीकता। किराना गायकी में, राग के व्यक्तिगत स्वर (स्वर) सिर्फ स्केल में कुछ यादृच्छिक बिंदु नहीं होते, बल्कि संगीत के स्वतंत्र क्षेत्र होते हैं जो क्षैतिज विस्तार के लिए सक्षम होते हैं। हरीश तिवारी, प्रख्यात शास्त्रीय गायक ने अपनी शिक्षा ठाकुर चौबे, देवरिया यूपी, पीडीटी से प्राप्त की।  उन्होंने महान भारत रत्न भीमसेन जोशी के मार्गदर्शन में गुरु-शिष्य परंपरा में किराना घराने के ख्याल का अध्ययन किया। डॉ. तिवारी आईसीसीआर की कलाकारों की सूची में सूचीबद्ध हैं।

— केंद्र द्वारा आगे भी संगीत, नाटक और नृत्य की सेवा जारी रहेगी –फुरकान खान

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने कहा कि चार दिवसीय समारोह बड़ी आशा और संकोच के बीच शुरू किया गया था लेकिन पटियाला की संगीत प्रेमी  जनता  के सहयोग से ये उम्मीद से ज़्यादा सफल रहा । उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत अदब और तहज़ीब की नुमाइंदगी करता है । यही कारण है कि हर शास्त्रीय कलाकार अपनी प्रस्तुति से पहले अपने गुरुओं को बड़े अदब से स्मरण करता है और अच्छी प्रस्तुति को गुरुओं के नाम व किसी कमी को अपने नाम करता है । उन्होंने आगे कहा कि हमें शास्त्रीय कलाकारों के साथ साथ इसके दर्शक भी पैदा करने होंगे । इसके लिए स्कूलों और कॉलेज में मेहनत करनी होगी ।

निदेशक फुरकान खान ने समारोह को सफल बनाने वाली पटियाला की जनता और  विशेष भूमिका निभाने वाले महानुभावों  का भी  धन्यवाद किया।

प्रधानमंत्री आज  ‘वीर बाल दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे

साहिबज़ादों के अनुकरणीय साहस के बारे में नागरिकों को जानकारी देने और शिक्षित करने के लिए पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 25 दिसम्बर  :

प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 26 दिसंबर, 2023 को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री दिल्ली में युवाओं द्वारा मार्च-पास्ट को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इस दिन को चिह्नित करने के लिए सरकार नागरिकों, विशेषकर छोटे बच्चों को इसकी कहानी के बारे में सूचित करने और शिक्षित करने के लिए पूरे देश में भागीदारी कार्यक्रम आयोजित कर रही है। साहिबज़ादों का अनुकरणीय साहस। साहिबजादों की जीवन कहानी और बलिदान का विवरण देने वाली एक डिजिटल प्रदर्शनी देश भर के स्कूलों और बाल देखभाल संस्थानों में प्रदर्शित की जाएगी। ‘वीर बाल दिवस’ पर एक फिल्म भी देशभर में प्रदर्शित की जाएगी। साथ ही इंटरैक्टिव क्विज़ जैसी विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताएं भी होंगी जो माईभारत और माईगो पोर्टल के माध्यम से आयोजित की जाएंगी। 9 जनवरी 2022 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को मनाया जाएगा। श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को चिह्नित करने के लिए ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में।

मिलेट्स सेशन : लाइव कुकिंग से मिलेट खिचड़ी

मिलेट्स सेशन : लाइव कुकिंग से मिलेट खिचड़ी, किनोआ सैलेड, स्वांग की खीर बनाकर खिलाई

प्रशासन के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने सीआईएचएम के साथ मिलकर चण्डीगढ़ स्कूल्स मिलेट मिशन कैंंपेन तैयार किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

चण्डीगढ़ प्रशासन के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने चण्डीगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल  मैनेजमेंट (सीआईएचएम) के साथ मिलकर चण्डीगढ़ स्कूल्स मिलेट मिशन कैंंपेन तैयार किया है। इसका मकसद स्कूलों में मिलेट्स को प्रमोट करना है। इस मिशन के तहत सेफ फूड, न्यूट्रिशन और मिलेट्स के बारे में चण्डीगढ़ के स्कूलों में बच्चों को जागरूक बनाया जा रहा है। साथ ही मिलेट्स की रेसिपीज लाइव बनाकर डिस्प्ले होंगी। इस सीरीज के तहत भवन विद्यालय जूनियर विंग-33 में सेशन का आयोजन हुआ जहां टीचर्स-स्टूडेंट्स इसका हिस्सा बने। इसमें पहले बच्चों को खाने की सेफ्टी पर डीओ सुखविंदर सिंह ने बताया, फिर सीआईएचएम के शेफ अशोक और उनकी टीम के सदस्यों ने विभिन्न मिलेट्स को लाइव कुक किया। मिलेट खिचड़ी, किनोआ सैलेड व स्वांग के चावल की खीर बनाई।