सामाजिक कार्यकर्ता व फ़ैशन मॉडल नवनीत कौर को यूनिवर्सल क्वीन के ख़िताब से नवाज़ा गया

चण्डीगढ़ :

चण्डीगढ़ में होटल इम्पीरीयल ग्लिट्ज की तरफ़ से मिस्टर एंड मिसेस ग्लोबल फ़ेम अवॉर्ड शो आयोजित किया गया। नॉर्थ इंडिया के विभिन्न शहरों से आए युवाओं और युवतियों से इस शो में हिस्सा लिया। शो की होस्ट सुरुचि दीवान ने बताया की इस शो के लिए देश भर से उन्हें एंट्रीज़ मिली थी। टैलेंट के दम पर प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रसिद्ध फ़ैशन मॉडल नवनीत कौर को यूनिवर्सल क्वीन के ख़िताब से नवाज़ा गया। नवनीत ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं से युवाओं के आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलता है और साथ ही उन्हें अपने टैलेंट के प्रदर्शन का एक अच्छा प्लैट्फ़ॉर्म भी मिलता है।

मॉडलिंग और फ़ैशन की दुनिया में अपने दम पर मुक़ाम बना चुकी नवनीत कौर एक समाज सेवी के तौर पर चण्डीगढ़, पंजाब और हरियाणा में सक्रिय रूप से काम कर रहीं हैं। ज़रूरतमंद लोगों को अपने स्तर पर यथासंभव सहायता देना नवनीत कौर की प्राथमिकताओं में से एक है। शो में प्रसिद्ध टेलिविज़न अभिनेत्री शफ़ाक नाज़ ने सिलेब्रिटी गेस्ट के रूप में शिरकत की।

कृष्णा मार्केट सेक्टर 41सी चंडीगढ़ में किया 31 युवायों ने रक्तदान

चंडीगढ़ 17 जनवरी 2022:

 कृष्णा मार्किट एसोसिएशन, विश्वास फाउंडेशन व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी पंजाब स्टेट ब्रांच, चंडीगढ़ ने आज सोमवार को कृष्णा मार्किट सेक्टर 41सी चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर लगाया। यह कैम्प कोरोना महामारी के कारण अस्पतालों में आई रक्त की कमी को पूरा करने के लिए लगाया गया। शिविर में सामाजिक दूरी, मास्क व सैनिटाईज़ेशन का ख़ास ध्यान रखा गया।

विश्वास फाउंडेशन की महासचिव साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि शिविर का उद्घाटन  वार्ड नंबर 30 के हरदिल अजीज पार्षद श्री हरदीप सिंह बटरेला जी के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर उनके साथ श्री ओम प्रकाश काका जी (प्रधान कृष्णा मार्किट) श्री सिकंदर सचदेवा जी (चेयरमैन कृष्णा मार्किट), श्री मेहर चंद जी, सुशील राणा जी, श्री दीन दयाल जी विशेष सहयोगी श्री प्रज्जवल जोशी जी, श्री सनि जी सी राजपूत जी, श्री बलराम जी, श्री नवनीत चावला जी और संजीव कुमार मास्टर जी मौजूद रहे व शिविर को सफल बनाने में सहयोग किया।

ब्लड बैंक रोटरी एण्ड ब्लड बैंक सोसाइटी रिसोर्स सेंटर सेक्टर-37 चंडीगढ़ की टीम ने डॉक्टर रोली अग्रवाल की देखरेख में 31 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया। शिविर में आये सभी रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र, मास्क, सैनिटाईजर, साबुन व गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया गया। इस मौके पर इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी पंजाब स्टेट, चंडीगढ़ से राकेश कुमारी व विश्वास फाउंडेशन से अविनाश शर्मा, विकास कालिया, वरिंद्र कुमार गांधी, नीरज यादव ब्लड बैंक के डॉक्टर्स व अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग की

समाजवादी पार्टी ने अपनी पहली सूची में कैराना से गैंगस्टर नाहिद को चुनाव मैदान में उतारा था। उधर, नाहिद को यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सपा ने उसका टिकट काट दिया है और नाहिद की बहन को टिकट दिया है।

  • सपा की पहली लिस्ट में कैराना से था नाहिद हसन का नाम
  • पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद टिकट काटा गया
  • सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर सपा की मान्यता रद्द करने की मांग
नाहिद हसन व अखिलेश यादव

नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव में उम्मीदवार तय करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सपा ने उल्लंघन किया है और इसके लिए उसकी मान्यता खत्म की जाए। यूपी के कैराना से नाहिद हसन को उतारकर सपा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। आरोप है कि सपा ने उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड अपने ट्विटर अकाउंट और वेबसाइट पर जारी नहीं किया था। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में भी कोई जानकारी नहीं दी गई।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने अपनी पहली सूची में कैराना से गैंगस्टर नाहिद को चुनाव मैदान में उतारा था। उधर, नाहिद को यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सपा ने उसका टिकट काट दिया है और नाहिद की बहन को टिकट दिया है।

याचिका में कहा गया है कि 13 जनवरी को समाजवादी पार्टी ने कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन को कैराना से मैदान में उतारा है, लेकिन शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार 48 घंटे के भीतर न तो उसके आपराधिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया और न ही उसके चयन का कारण बताया गया। याचिका में शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है।

अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया कि प्रत्येक राजनीतिक दल 48 घंटे के भीतर इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में आपराधिक मामलों को प्रकाशित करे और जिसकी पार्टी शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करती है उसके अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना ​​का मामला दर्ज किया जाए। हसन पर करीब 11 महीने पहले लगाए गए गैंगस्टर एक्ट के तहत हिरासत में है और वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नामांकन दाखिल करने वाले पहले उम्मीदवार हैं। 13 फरवरी 2021 को कैराना से दो बार विधायक रहे नाहिद हसन पर शामली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगा दिया था। उसपर कई आपराधिक मामले हैं।

याचिका में कहा गया है कि नाहिद पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली सहित कई आपराधिक मामले हैं और विशेष विधायक-एमपी कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया था। याचिका में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भी खूंखार अपराधियों को टिकट दे रहे हैं, और इसलिए मतदाताओं को अपना वोट स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से डालना मुश्किल लगता है। हालांकि, नाहिद हसन को यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी उनका टिकट भी काट चुकी है। विरोध के बाद सपा ने नाहिद हसन की बहन को टिकट दिया है।

कॉलरवाली बाघिन का सनातन रीति-रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की विश्व विख्यात कॉलरवाली बाघिन की मृत्यु हो गई है। उसने अपने पूरे जीवन काल में 29 टाइगरों को जन्म दिया जो एक विश्व रिकॉर्ड बताया जाता है। … पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी की मादा टाइगर टी 15 की पहचान कॉलरवाली बाघिन के रूप में थी।

मध्यप्रदेश (ब्यूरो) :

पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी की मादा टाइगर टी 15 की पहचान कॉलरवाली बाघिन के रूप में थी। वह वन्यप्राणी प्रेंमियों के बीच काफी चर्चित थी और कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। सोलह साल से ज्यादा उम्र की कॉलरवाली बाघिन को 2005 में उस समय की विख्यात बाघिन बड़ी मादा ने जन्म दिया था। मां की मौत के बाद उसकी विरासत को कॉलरवाली बाघिन टी 15 ने संभालकर अपनी पहचान बनाई और उसने पूरे जीवन काम में 2008 से लेकर 2018 के बीच आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया। उनसे पेंच में टाइगर के कुनबे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

कॉलरवाली बाघिन के 25 शावक जीवित रहे
सोलह साल से ज्यादा उम्र वाली कॉलरवाली बाघिन ने जिन 29 शावकों को जन्म दिया, उनमें से 25 शावक जीवित रहे थे। वन्यप्राणी विशेषज्ञों के मुताबिक एक बाघिन के जीवनकाल में इतनी बढ़ी संख्या में टाइगर शावकों को जन्म देने और उनमें से 25 शावकों के जीवित रहने का अनोखा रिकॉर्ड कॉलरवाली बाघिन के नाम है। उसने सबसे पहले 2008 में तीन शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद उसी साल अक्टूबर में चार, अक्टूबर 2010 में पांच, मई 2012 में तीन, अक्टूबर 2013 में तीन, अप्रैल 2015 में चार, 2017 में तीन और दिसंबर 2018 में चार शावकों को कॉलरवाली बाघिन ने जन्म दिया। 

मध्य प्रदेश को टाइगर्स स्टेट का दर्जा दिलाने में 29 शावकों को जन्म देने वाली कॉलरवाली बाघिन की भूमिका अहम थी। कॉलरवाली बाघिन का जन्म सितम्बर 2005 में हुआ था। इस बाघिन को ‘पेंच की रानी’ व ‘सुपर मॉम’ के नाम से भी जाना जाता था। ‘कॉलरवाली’ बाघिन ने मई 2008 से दिसंबर 2018 के मध्य कुल आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया और पेंच में बाघों का कुनबा बढ़ाने में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। 29 शावकों में से 25 शावकों को जन्म पश्चात एक बाघिन द्वारा जीवित रख पाना भी अपने आप में अभूतपूर्व कीर्तिमान है। साल 2011 में इस बाघिन ने एक साथ पाँच बच्चों को जन्म दिया था, जो अपने आप में दुर्लभ है।

बाघिन की मौत के बाद से वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी चहेती बाघिन के लिए शोक संदेश लिख रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर दुख जताया।

शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्य प्रदेश की शान व 29 शावकों की माता पेंच टाइगर रिजर्व की ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि। पेंच टाइगर रिजर्व की ‘रानी’ के शावकों की दहाड़ से मध्य प्रदेश के जंगल सदैव गुँजायमान रहेंगे।”

आईएफएस परवीन कासवान ने अपने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “पेंच की कॉलरवाली बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया। आपको भारत के अलावा ऐसा कहाँ देखने को मिलेगा।”

एक यूजर ने ‘सुपर मॉम’ के निधन पर लिखा, “हम आज भी ऐसे भारत में रहते हैं, जहाँ बाघों का अंतिम संस्कार किया जाता है। पेंच की कॉलरवाली को अलविदा। ऐसी बाघिन जिसने शावकों की पुश्तों को जन्म दिया। एक ऐसी बाघिन जिसने जीवन पर्यंत शावकों का ध्यान रखा, लेकिन मृत्यु के समय अकेली रही।”

शिवानंद द्विवेदी ने ट्विटर पर लिखा, “यह हिंदू संस्कृति में ही संभव है।”

‘मैं चाहता हूँ कि हमारे संस्कार हमारे बच्चे भी देखें’

लोगों ने कॉलरवाली बाघिन का शुक्रिया भी किया

दरअसल पेंच नेशनल पार्क में इस बाघिन के गले में सबसे पहले रेडियो कॉलर लगाया गया था, ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके बाद से ही बाघिन को कॉलरवाली के नाम से जाना जाने लगा था। जनवरी 2019 में बाघिन की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वह अपने शावकों को मुँह में दबाकर ले जाती हुई दिखी थी। उसकी माँ को टी-7 बाघिन (बड़ी मादा) और पिता को चार्जर के नाम से जाना जाता था।

पंजाब में अब 14 फरवरी की बजाय 20 फरवरी को मतदान होगा

16 फरवरी को गुरु रविदास की जयंती है। लिहाजा राजनीतिक दलों का कहना था कि अनुसूचित जाति समुदाय के लोग इस दिन बनारस जाएंगे। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने निर्वाचन आयोग से चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की थी।

 पंजाब में अब 20 फरवरी को विधानसभा के चुनाव होंगे पहले ये चुनाव 14 फरवरी को होने थे. चुनाव आयोग ने आज बैठक के बाद ये फैसला किया।

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग से रविदास जयंती के मद्देनजर चुनाव छह दिनों के लिए टालने का आग्रह किया था। इसके बाद बीजेपी और बसपा समेत अन्य पार्टियों ने भी एक चरण में होने वाले चुनाव को स्थगित करने का अनुरोध किया था।

पंजाब में मतदान की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। अब 20 फरवरी को मतदान होगा। सोमवार सुबह आयोग की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दरअसल पंजाब में पहले 14 फरवरी को मतदान होना था वहीं 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती है। गुरु रविदास जयंती पर पंजाब के एससी समुदाय के लोग वाराणसी जाते हैं। इसी कारण मतदान को टालने की मांग तेज हो रही थी। 

पहले मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने चुनाव आयोग से मतदान छह दिन टालने की मांग की थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी रविवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान टालने की मांग की। भाजपा ने पत्र में लिखा है कि 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती का पावन पर्व होने के कारण राज्य का एक बड़ा वर्ग वाराणसी जा सकता है। ऐसे में यदि राज्य में मतदान हुआ तो वह लोग वोट देने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में भाजपा पंजाब चुनाव आयोग से राज्य में 14 फरवरी को होने वाले मतदान को कुछ दिन आगे बढ़ाने की मांग करती है। 

हरक सिंह पुन: कॉंग्रेस में जाएँगे

प्रदेश की सियासत में उठापटक के प्रतीक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस बार भाजपा के लिए किरकिरी का सबब बने हैं। नौ कांग्रेसी विधायकों के साथ हरक सिंह रावत 2016 में हरीश रावत का साथ छोड़ भाजपा में आने की वजह से चर्चा में आए थे। भाजपा ने न सिर्फ उन्हें कोटद्वार से टिकट देकर उम्मीदवार बनाया बल्कि कैबिनेट मंत्री से भी नवाजा। पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके लगभग चार साल के कार्यकाल में हरक का छत्तीस का आंकड़ा बना रहा। 

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट – उत्तराखंड/चंडीगढ़ :

उत्तराखंड में भाजपा में खींचतान लगातार जारी है। कुछ दिन पहले कैबिनेट मीटिंग में इस्तीफा देने के बाद मना लिए गए वरिष्ठ मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी ने रविवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने देर रात बयान जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है और इसकी जानकारी राज्यपाल को भी भेज दी है। वहीं, रावत को 6 साल के लिए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी बर्खास्त कर दिया गया है।

दावेदारों के पैनल के सिलसिले में दिल्ली में हुई पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की। बताया जा रहा कि हरक परिवार के लिए तीन टिकट मांग रहे थे, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने खारिज कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना बेहतर समझा। हरक रविवार को ही विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ दिल्ली पहुंचे थे। हरक का कहना था कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।

हरक सिंह रावत पिछले पांच साल से भाजपा को समय-समय पर असहज करते आए हैं। अब तक पार्टी वर्ष 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान दिए गए सहयोग के लिए उनकी हर बात को मानती आई है। ऐसे में पार्टी संगठन के बीच से भी हरक के विरोध में सुर उभर रहे थे। अब जबकि विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है तो नाराज बताए जा रहे हरक ने पार्टी के सामने अपनी सीट बदलने के साथ ही पुत्रवधू के लिए लैंसडौन से टिकट समेत तीन टिकटों की मांग रख दी। हाल में उन्होंने केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी से बंद कमरे में बातचीत की थी। तब पार्टी की ओर से साफ कर दिया गया था एक परिवार को एक ही टिकट दिया जाएगा।

अब चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु होने से चंद घण्टे पहले उनकी कांग्रेस में वापसी की प्रबल संभावना को देखते हुए आखिरकार भाजपा को आखिरकार उनसे अपने रिश्ते फिर से परिभाषित करने पड़ गए हैं। इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी को उन्हें सरकार से बर्खास्त करने के साथ ही पार्टी ने भी उन्हें निलंबित कर दिया है। जबकि अब तक हर बार पार्टी उनकी मनोव्वल करती आ रही थी। हरक के तेवरों के आगे नरम पड़ती पार्टी के रवैये से भाजपा का मूल कैडर भी हैरान था, इस कारण पार्टी ने अब तकरीबन बेअसर हो चुकी इस कार्यवाही से अपने कैडर की भावनाओं पर मरहम लगाने का प्रयास किया है।

1991 पौड़ी से भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित
1991 कल्याण सिंह सरकार में सबसे युवा मंत्री बने
1993 में फिर पौडी सीट से निर्वाचित हुए
1995 विवादों के बीच भाजपा का साथ छोड़ा
1997 मायावती के नेतृत्व वाली बसपा में शामिल
1997 यूपी खादी ग्रामोद्योग में उपाध्यक्ष बने
2002 कांग्रेस से लैंसडाउन के विधायक बन
2002 तिवारी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने
2003 जेनी प्रकरण में इस्ती़फा देना पड़ा
2007 फिर से लैंसडाउन के विधायक बने
2007 में कांग्रेस से नेता विपक्ष बनाए गए
2012 रुद्रप्रयाग से विधायक निर्वाचित हुए
2016 कांग्रेस से इस्तीफा दिया, भाजपा में वापसी
2017 भाजपा से कोटद्वार से विधायक बने
2017 भाजपा सरकार में फिर मंत्री बनाए गए

2022 भाजपा सरकार से बर्खास्त किए गए

हरक सिंह शनिवार को एक बार फिर चर्चा में तब आए, जब वह प्रदेश भाजपा कार्यालय में कोर ग्रुप की बैठक में शामिल नहीं हुए। इसे उनकी तीन टिकट की मांग का समाधान न होने से पैदा नाराजगी से जोड़कर देखा गया। रविवार शाम को हरक अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं और विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने बताया था कि वह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।

दरअसल, रविवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के संबंध में भाजपा नेता मंथन में जुटे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने देर रात बताया कि बैठक में हरक के विषय पर भी मंथन हुआ। इसके बाद पार्टी ने हरक को छह साल के लिए भाजपा से बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया। उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के संबंध में भी सरकार की ओर से राजभवन को सूचना भेज दी गई। राजभवन ने इसकी पुष्टि की है। उधर, देर रात यह जानकारी सामने आई कि हरक सिंह रावत सोमवार को विधिवत कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत का कहना है कि भाजपा ने मेरे संबंध में जो निर्णय लिया है, उसकी जानकारी मुझे मीडिया से मिली। पार्टी ने मुझे अपनी बात रखने का अवसर भी नहीं दिया, जबकि मैं दिल्ली में ही मौजूद हूं। पार्टी नेताओं को इसकी जानकारी भी थी। अब सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद अगला कदम तय करूंगा।

हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर तकरीबन बीते दो महीने से मुखर थे। इस मामले में लग रही अड़चन से नाराज हरक सिंह रावत इस्तीफा देने की धमकी देते हुए बीती 24 दिसंबर को कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री रावत की नाराजगी दूर करने को सक्रिय हुए। उन्होंने मेडिकल कालेज के संबंध में ठोस निर्णय के संकेत दिए। मान-मनुहार के प्रयास कामयाब हुए।

दिल्‍ली रवाना होने के दौरान हरक सिंह रावत के साथ देहरादून के रायपुर विधानसभा सीट से उमेश शर्मा काऊ भी हैं। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत देर रात को कांग्रेस की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहे हैं। कल यानी सोमवार को उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी चर्चा चल रही है। हालांकि माना जा रहा है कि जिस तरह से हरक सिंह रावत ने भाजपा के समक्ष टिकटों की शर्त रखी थी, यद‍ि वह कांग्रेस के सामने भी यह शर्त रखते हैं तो यह कांग्रेस के लिए भी मुश्किल हो सकती है।

भाजपा के बदरीनाथ विधानसभा सीट से विधायक महेंद्र भट्ट ने ट्वीट कर कहा कि देर से ही सही पार्टी का अच्‍छा निर्णय। हरक सिंह रावत भाजपा से बर्खास्‍त हुए। मंत्रीमंडल से भी बर्खास्‍त।

माँ शाकंभरी देवी की जयंती, आइये जानें अधिक …….

जानिए की कौन हैं देवी शाकम्भरी और क्यों मनाये शाकम्भरी जयंती..????

आज ( सोमवार—17जनवरी 2022) शाकम्भरी जयंती है आज सूर्योदय से अत्यंत शुभ रवि योग रहेगा | आज दक्षिण भारत में मट्टू पोंगल नामक पर्व मनाया जायेगा |शाकम्भरी जयंती 15 जनवरी को देवी शाकम्भरी की याद में मनायी जाती है।देवी शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं।ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।

मां शाकम्भरी की महिमा के बाबत सत्य ही वर्णित है

शारणागत दीनात् परित्राण परायणे, सर्वस्यर्ति हरे देवी नारायणी नामोस्तुते।

       शाकम्भरी नवरात्री पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी से पूर्णिमा तक होती हैं। पौष माह की पूर्णिमा को ही पूराणों के अनुसार शाकम्भरी माताजी का प्रार्दुभाव हुआ था अतः पूर्णिमा के दिन शाकम्भरी जयन्ती (जन्मोत्सव) महोत्सव मनाया जाता हैं।



माँ शाकम्भरी देवी मन्दिर—भक्तों की श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास का केन्द्र—-

प्राचीन समय की बात है – दुर्गम नाम का एक महान्‌ दैत्य था। उस दुष्टात्मा दानव के पिता राजारूरू थे। ‘देवताओं का बल देव है। वेदों के लुप्त हो जाने पर देवता भी नहीं रहेंगे, इसमें कोई संशय नहीं है। अतः पहले वेदों को ही नष्ट कर देना चाहिये’। यह सोचकर वह दैत्य तपस्या करने के विचार से हिमालय पर्वत पर गया। मन में ब्रह्मा जी का ध्यान करके उसने आसन जमा लिया। वह केवल वायु पीकर रहता था। उसने एक हजार वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की। उसके तेज से देवताओं और दानवों सहित सम्पूर्ण प्राणी सन्तप्त हो उठे। तब विकसित कमल के सामन सुन्दर मुख की शोभा वाले चतुर्मुख भगवान ब्रह्मा प्रसन्नतापूर्वक हंस पर बेडकर वर देने के लिये दुर्गम के सम्मुख प्रकट हो गये और बोले – ‘तुम्हारा कल्याण हो ! तुम्हारे मन में जो वर पाने की इच्छा हो, मांग लो। आज तुम्हारी तपस्या से सन्तुष्ट होकर मैं यहाँ आया हूँ।’ ब्रह्माजी के मुख से यह वाणी सुनकर दुर्गम ने कहा – सुरे, र! मुझे सम्पूर्ण वेद प्रदान करने की कृपा कीजिये। साथ ही मुझे वह बल दीजिये, जिससे मैं देवताओं को परास्त कर सकूँ।

दुर्गम की यह बात सुनकर चारों वेदों के परम अधिष्ठाता ब्रह्माजी ‘ऐसा ही हो’ कहते हुए सत्यलोक की ओर चले गये। ब्रह्माजी को समस्त वेद विस्मृत हो गये।

इस प्रकार सारे संसार में घोर अनर्थ उत्पन्न करने वाली अत्यन्त भयंकर स्थिति हो गयी। इस प्रकार का भीषण अनिष्टप्रद समय उपस्थित होने पर कल्याणस्वरूपिणी भगवती जगदम्बा की उपासना करने के विचार से ब्राह्मण लोग हिमालय पर्वत पर चले गये। समाधि, ध्यान और पूजा के द्वारा उन्होंने देवी की स्तुति की। वे निराहार रहते थे। उनका मन एकमात्र भगवती में लगा था। वे बोले – ‘सबके भीतर निवास करने वाली देवेश्वरी ! तुम्हारी प्रेरणा के अनुसार ही यह दुष्ट दैत्यसब कुछ करता है। तुम बारम्बार क्या देख रही हो ? तुम जैसा चाहो वैसा ही करने में पूर्ण समर्थ हो। कल्याणी! जगदम्बिके प्रसन्न हो जाओ, प्रसन्न हो जाओ, प्रसन्न हो जाओ! हम तुम्हें प्रणाम करते हैं।’

‘इस प्रकार ब्राह्मणों के प्रार्थना करने पर भगवती पार्वती, जो ‘भुवनेश्वरी’ एवं महेश्वरी’ के नाम से विखयात हैं।, साक्षात्‌ प्रकट हो गई। उनका यह विग्रह कज्जल के पर्वत की तुलना कर रहा था। आँखें ऐसी थी, मानों विकसित नील कमल हो। कमल के पुष्प पल्लव और मूल सुशोभित थे। सम्पूर्ण सुन्दरता का सारभूत भगवती का यह स्वरूप बड़ा ही कमनीय था। करोडो सूर्यों के समान चमकने वाला यह विग्रह करूण रस का अथाह समुद्र था। ऐसी झांकी सामने उपस्थित करने के पश्चात्‌ जगत्‌ की रक्षा में तत्पर रहने वाली करूण हृदया भगवती अपनी अनन्त आँखों से सहस्रों जलधारायें गिराने लगी। उनके नेत्रों से निकले हुए जल के द्वारा नौ रात तक त्रिलोकी पर महान्‌ वृष्टि होती रही। वे देवता व ब्राह्मण सब एक साथ मिलकर भगवती का स्तवन करने लगे।

देवी ! तुम्हें नमस्कार है। देवी ! तुमने हमारा संकट दूर करने के लिये सहस्रों नेत्रों से सम्पन्न अनुपम रूप धारण किया है। हे मात ! भूख से अत्यन्त पीडि त होने के कारण तुम्हारी विशेष स्तुति करने में हम असमर्थ हैं। अम्बे ! महेशानी ! तुम दुर्गम नामक दैत्य से वेदों को छुड़ा लाने की कृपा करो।

व्यास जी कहते हैं – राजन ! ब्राह्मणों और देवताओं का यह वचन सुनकर भगवती शिवा ने अनेक प्रकार के शाक तथा स्वादिष्ट फल अपने हाथ से उन्हें खाने के लिये दिये। भाँति-भाँति के अन्न सामने उपस्थित कर दिये। पशुओं के खाने योग्य कोमल एवं अनेक रस से सम्पन्न नवीन तृण भी उन्हें देने की कृपा की। राजन ! उसी दिन से भगवती का नाम ”शाकम्भरी” पड गया।

जगत में कोलाहल मच जाने पर दूत के कहने पर दुर्गम नामक स्थान दैत्य स्थिति को समझ गया। उसने अपनी सेना सजायी और अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित होकर वह युद्ध के लिये चल पड़ा। उसके पास एक अक्षोहिणी सेना थी। तदनन्तर भगवती शिवा ने उससे रक्षा के लिये चारों ओर तेजोमय चक्रखड़ा कर दिया। तदनन्तर देवी और दैत्य-दोनों की लड़ाई ठन गयी। धनुष की प्रचण्ड टंकार से दिशाएँ गूँज उठी।

भगवती की माया से प्रेरित शक्तियों ने दानवों की बहुत बड़ी सेना नष्ट कर दी। तब सेनाध्यक्ष दुर्गम स्वयं शक्तियों के सामने उपस्थित होकर उनसे युद्ध करने लगा। दस दिनों में राक्षस की सम्पूर्ण अक्षोहिणी सेनाएँ देवी का द्वारा वध कर कदी गयी।

अब भगवती जगदम्बा और दुर्गम दैत्य इन दोनों में भीषण युद्ध होने लगा। जगदम्बा के पाँच बाण दुर्गम की छाती में जाकर घुस गये। फिर तो रूधिर वमन करता हुआ वह दैत्य भगवती परमेश्वरी के सामने प्राणहीन होकर गिर पड़ा।

देवगण बोले- परिवर्तनशील जगत की एकमात्र कारण भगवती परमेश्वरी! शाकम्भरी! शतलोचने! तुम्ळें शतशः नमस्कार है। सम्पूर्ण उपनिषदों से प्रशंसित तथा दुर्गम नामक दैत्य की संहारिणी एवं पंचकोश में रहने वाली कल्याण-स्वरूपिणी भगवती महेश्वर! तुम्हें नमस्कार है।

व्यासजी कहते हैं – राजन! ब्रह्मा, विष्णु आदि आदरणीय देवताओं के इस प्रकार स्तवन एवं विविध द्रव्यों के पूजन करने पर भगवती जगदम्बा तुरन्त संतुष्ट हो गयीं। कोयल के समान मधुरभाषिणी उस देवी ने प्रसन्नतापूर्वक उस राक्षस से वेदों को त्राण दिलाकर देवताओं को सौंप दिया। वे बोलीं कि मेरे इस उत्तम महात्म्य का निरन्तर पाठ करना चाहिए। मैं उससे प्रसन्न होकर सदैव तुम्हारे समस्त संकट दूर करती रहूँगी।

व्यासजी कहते हैं – राजन ! जो भक्ति परायण बड भागी स्त्री पुरूष निरन्तर इस अध्याय का श्रवण करते हैं, उनकी सम्पूर्ण कामनाएँ सिद्ध हो जाती हैं और अन्त में वे देवी के परमधाम को प्राप्त हो जाते हैं।

============================================================



यह मन्दिर उदयपुर खाटी (राजस्थान), जिला सीकर के निकट है तथा प्रकृति की अनुपम छटा लिये हुए सुन्दर मनोहर घाटी पर विद्यमान है जहाँ आज भी गंगा बहती है।
उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर से करीब 40 कि.मी. की दूरी पर शिवालिक की पर्वतमालाओं में स्थित आदिशक्ति विश्वकल्याणी मां शाकम्भरी देवी के प्राचीन सिद्धपीठ की छटा ही निराली है।

प्राकृतिक सौंदर्य व हरीतिमा से परिपूर्ण यह क्षेत्र उपासक का मन मोह लेता है तथा बरबस ही मस्तक उस जगतजननी के समक्ष श्रद्धा से झुक जाता है जो दस महाविद्याओं के विभिन्न स्वरूपों में एक सौ आठ नाम से वंदनीय हैं व दिव्य ज्योति रूप बनकर भौतिक जगत को प्रकाशित करती हैं। मां शाकम्भरी की महिमा से ही प्रकृति सुरक्षित है। वे न केवल प्राणियों की क्षुधा शांत करती हैं बल्कि प्रण-प्राण से रक्षा भी करती हैं। देवीपुराण के अनुसार शताक्षी, शाकम्भरी व दुर्गा एक ही देवी के नाम हैं।
नवरात्रि तथा दुर्गा अष्टमी के अलावा विभिन्न पुनीत अवसरों पर मां शाकम्भरी पीठ पर उपासकों का तांता लगा रहता है। हालांकि वर्षा ऋतु के दौरान यहां उपासकों को बाढ़ की सी स्थिति का सामना करना पड़ता है लेकिन भक्ति में शक्ति होने के कारण यहां सदैव भक्तों का जमावड़ा बना रहता है।

पुराण में वर्णित है कि इसी पवित्र स्थल पर मां जगदम्बा ने रक्तबीज का संहार किया था तथा सती का सिर भी इसी स्थल पर गिरा था। जनश्रुति है कि जगतजननी मां शाकम्भरी देवी की कृपा से उपासक के यहां खाद्य सामग्री की कमी नहीं रहती। शाक की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण वे शाकम्भरी देवी के नाम से लोको में जानी जाती हैं। श्री दुर्गा सप्तशती में वर्णित रूप के अनुसार मां शाकम्भरी देवी नीलवर्ण, नयन नीलकमल की भांति, नीची नाभि एवं त्रिवली हैं। कमल पर विराजमान रहने वाली मां शाकम्भरी देवी धनुष धारणी हैं। देवी पुराण में उनकी महिमा का वर्णन करते हुये उल्लेख किया गया है कि वे ही देवी शाकम्भरी हैं, शताक्षी हैं व दुर्गा नाम से जानी जाती हैं। यह भी सत्य है कि वे ही अनंत रूपों में विभक्त महाशक्ति हैं।

सिद्धपीठ मां शाकम्भरी देवी में मुख्य प्रतिमा मां शाकम्भरी के दाई ओर भीमादेवी व भ्रामरी तथा बायीं ओर शीताक्षी देवी प्रतिष्ठित हैं। मंदिर प्रांगण में ही भैरव आदि देवों के लघु मंदिर स्थापित हैं। सिद्धपीठ के समीप ही दस महाविधाओं में से एक मां छिन्न-मस्ता का प्राचीन मंदिर है। पुराण के अनुसार जब राक्षसों के अत्याचारों से पीडि़त देवतागण शिवालिक पर्वतमालाओं में छिप गये तथा उनके द्वारा जगदम्बा की स्तुति करने पर मातेश्वरी ने इसी स्थल पर प्रकट होकर उन्हें भयमुक्त किया व उनकी क्षुधा मिटाने हेतु साग व फलादि का प्रबंध किया। इसी कारण वह शाकम्भरी नाम से प्रसिद्ध हुईं। तत्पश्चात् वह शुम्भ-निशुम्भ राक्षसों को रिझाने के लिये सुंदर रूप धारण कर शिवालिक पहाड़ी पर आसन लगाकर बैठ गयीं। इसी स्थल पर मां जगदम्बा ने शुम्भ-निशुम्भ, रक्तबीज व महिषासुर आदि दैत्यों का संहार किया व भक्त भूरेदेव को आशीर्वाद दिया। सिद्धपीठ के समीपस्थ स्थित भूरेदेव के मंदिर से भी इस तथ्य की पुष्टि होती है। मां की असीम अनुकम्पा से वर्तमान में भी सर्वप्रथम उपासक भूरेदेव के दर्शन करते हैं तत्पश्चात पथरीले रास्ते से गुजरते हुये मां शाकम्भरी देवी के दर्शन हेतु जाते हैं। जिस स्थल पर माता ने रक्तबीज नामक राक्षस का वध किया था, वर्तमान में उसी स्थल पर मां शाकम्भरी का सिद्धपीठ गौरव से मस्तक ऊंचा किये खड़ा है।

Rashifal

राशिफल, 17 जनवरी 2022

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा कोअपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

aries
मेष/aries

17 जनवरी 2022:     लाभ लेने के लिए बड़ों को अपनी अतिरिक्त ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। अपने ख़र्चों पर क़ाबू रखें और आज हाथ खोलकर व्यय करने से बचें। आपकी ज्ञान की प्यास आपको नए दोस्त बनाने में मददगार साबित होगी। आप आज प्यार की मनोदशा में होंगे- और आपके लिए काफ़ी मौक़े भी होंगे। कुछ सहकर्मी कई अहम मुद्दों पर आपकी कार्यशैली से नाख़ुश होंगे, लेकिन यह वे आपको बताएंगे नहीं। अगर आपको लगता है कि परिणाम आपकी उम्मीद के मुताबिक़ नहीं आ रहे हैं, तो अपनी योजनाओं का फिर से विश्लेषण कर उनमें सुधार लाना बेहतर रहेगा। आज आपको अपने कामों को समय पर निपटाने की कोशिश करनी चाहिए। ख्याल रखें कि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है जिसको आपकी जरुरत है। जीवनसाथी के साथ थोड़ा हँसी-मज़ाक़, थोड़ी छेड़-छाड़ आपको किशोरावस्था के दिनों की याद दिला देंगे।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

वृष/Taurus

17 जनवरी 2022:   प्रभावशाली लोगों का सहयोग आपके उत्साह को दोगुना कर देगा। जिन लोगों ने किसी अनजान शख्स की सलाह पर कहीं निवेश किया था आज उन्हें उस निवेश से फायदा होने की पूरी संभावना है। अपनी पत्नी/पति के साथ पिकनिक पर जाने का बेहतरीन दिन है। यह न केवल आपका मन हल्का करेगा, बल्कि आप दोनों के बीच मतभेद दूर करने में भी मदद करेगा। काम के दबाव के चलते मानसिक उथल-पुथल और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दिन के उत्तरार्ध में ज़्यादा तनाव न लें और आराम करें। अपनी नौकरी से चिपके रहिए और दूसरों से उम्मीद मत कीजिए कि वे आकर आपकी मदद करेंगे। आज आपको अपनेे ससुराल पक्ष से कोई बुरी खबर मिल सकती है जिसके कारण आपका मन दुखी हो सकता है और आप काफी समय सोच विचार करने में गंवा सकते हैं। जीवनसाथी का स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ हो सकता है।   अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

मिथुन/Gemini

17 जनवरी 2022 :     कोई दोस्त आपकी सहनशक्ति और समझ की परीक्षा ले सकता है। अपने मूल्यों को दरकिनार करने से बचें और हर फ़ैसला तार्किक तरीक़े से लें। जिन लोगों ने किसी अनजान शख्स की सलाह पर कहीं निवेश किया था आज उन्हें उस निवेश से फायदा होने की पूरी संभावना है। किसी धार्मिक स्थल या संबंधी के यहाँ जाने की संभावना है। प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे। आज के दिन आपका कठिन परिश्रम फलदायी सिद्ध होगा। लोगों के साथ बात करने में आज आप अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर सकते हैं। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। इस बात की प्रबल सम्भावना है कि आपके आस-पास के लोग आप दोनों के बीच मतभेद पैदा करने का प्रयास करेंगे। अत: बाहरी लोंगों के कहने पर अमल करना ठीक नहीं होगा।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कर्क/Cancer

17 जनवरी 2022 :   बहुत ज़्यादा चिंता और तनाव की आदत आपकी सेहत बर्बाद कर सकती है। मानसिक स्पष्टता बनाए रखने के लिए शंका और झुंझलाहट से निजात पाएँ। आर्थिक रुप से आज आप काफी मजबूत नजर आएंगे, ग्रह नक्षत्रों की चाल से आज आपके लिए धन कमाने के कई मौके बनेंगे. परिवार में किसी सदस्य की ख़राब सेहत की वजह से घूमने का कार्यक्रम टल सकता है। आज आपके दिल की धड़कनें अपने प्रिय के साथ ताल-से-ताल मिलाती मालूम होंगी। जी हाँ, यह प्यार का ही ख़ुमार है। अपने चारों ओर होने वाली गतिविधियों का ध्यान रखें, क्योंकि आपके काम का श्रेय कोई दूसरा ले सकता है। घर के छोटे सदस्यों को साथ लेकर आज आप किसी पार्क या शॉपिंग मॉल में जा सकते हैं। कई लोग साथ तो रहते हैं, लेकिन उनके जीवन में रोमांस नहीं होता। लेकिन यह दिन आपके लिए बेहद रोमानी होने वाला है।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

Leo
सिंह/Leo

17 जनवरी 2022 :   सेहत के नज़रिए से यह वक़्त थोड़ा ठीक नहीं है, इसलिए जो आप खाएँ उसके प्रति सावधान रहें। धन की आवाजाही आज दिन भर होती रहेगी और दिन ढलने के बाद आप बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। आज के दिन किसी के साथ छेड़खानी करने से बचें। आपका जीवनसाथी सहयोगी और मददगार रहेगा। कारोबारी आज करोबार से ज्यादा अपने परिवार के लोगों के बीच समय बिताना पसंद करेंगे। इससे आपके परिवार में सामंजस्य बनेगा। ख़राब मिज़ाज के चलते आप महसूस कर सकते हैं कि आपका जीवनसाथी आपको बेवजह तंग कर रहा है।      अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कन्या/Virgo

17 जनवरी 2022 :   आपमें से कुछ लोगों को आज महत्वपूर्ण फ़ैसला लेने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है, जिससे आप तनावग्रस्त और चिंतित हो सकते हैं। ख़र्चों में इज़ाफ़ा होगा, लेकिन साथ ही आमदनी में हुई बढ़ोत्तरी इसको संतुलित कर देगी। कोई पुराना परिचित आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ज़रा संभल कर, क्योंकि आपका प्रिय रूमानी तौर पर आपको मक्खन लगा सकता है – मैं तुम्हारे बग़ैर इस दुनिया में नहीं रह सकता/सकती। ख़ुद को अभिव्यक्त करने के लिए अच्छा समय है- और ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कीजिए, जो रचनात्मक हों। ऐसे बदलाव लाएँ जो आपके रूप-रंग में निखार ला सके और संभावित साथियों को आपकी ओर आकर्षित करे। आप अपने जीवनसाथी के प्यार की मदद से ज़िन्दगी की मुश्किलों का आसानी से सामना कर सकते हैं।      अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

Libra
तुला/Libra

17 जनवरी 2022 :    दूसरों के सफलता को सराहकर आप उसका लुत्फ़ ले सकते हैं। आज के दिन आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है लेकिन इसके साथ ही आपको दान-पुण्य भी करना चाहिए क्योंकि इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। ऐसा कोई जिसके साथ आप रहते हैं, आज आपके किसी काम की वजह से बहुत झुंझलाहट महसूस करेगा। अपने दिल की बात ज़ाहिर करके आप ख़ुद को काफ़ी हल्का और रोमांचित महसूस करेंगे। अगर आपको एक दिन की छुट्टी पर जाना है तो चिंता न करें, आपकी ग़ैरहाज़िरी में सभी काम ठीक से चलते रहेंगे। और अगर किसी ख़ास वजह से कोई परेशानी खड़ी भी हो जाए, तो आप लौटने पर उसे आसानी से हल कर लेंगे। शहर से बाहर यात्रा ज़्यादा आरामदेह नहीं रहेगी, लेकिन आवश्यक जान-पहचान बनाने के लिहाज़ से फ़ायदेमंद साबित होगी। आज आपको और आपके जीवनसाथी को प्यार-मुहब्बत के लिए पर्याप्त समय मिल सकता है।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

वृश्चिक/Scorpio

17 जनवरी 2022 :   नफ़रत की भावना महंगी पड़ सकती है। यह न केवल आपकी सहन-शक्ति घटाती है, बल्कि आपके विवेक को भी ज़ंग लगा देती है और रिश्तों में हमेशा के लिए दरार डाल देती है। लम्बे समय से अटके मुआवज़े और कर्ज़ आदि आख़िरकार आपको मिल जाएंगे। दोस्त आपके निजी जीवन में ज़रूरत से ज़्यादा दख़लअंदाज़ी करेंगे। मुमकिन है कि आज आपकी आँखें किसी से चार हो जाएँ- अगर आप अपने सामाजिक दायरे में उठेंगे-बैठेंगे तो। संतोषजनक परिणाम पाने के लिए काम को योजनाबद्ध तरीक़े से करें, दफ़्तर की परेशानियों को हल करने में आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। ज़रूरतमंदों की मदद करने की आपकी ख़ासियत आपको सम्मान दिलाएगी। आज के दिन कुछ भी करने के लिए अपने साथी पर दबाव न डाले, अन्यथा आपके दिलों में दूरियां आ सकती हैं। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

धनु/Sagittarius

17 जनवरी 2022 :     आप जो शारीरिक बदलाव आज करेंगे, वे निश्चित तौर पर आपके रूप-रंग को आकर्षक बनाएगा। दूसरों को प्रभावित करने के लिए ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें। आज का दिन ख़ुशियों से भरा रहेगा, क्योंकि आपका जीवन-साथी आपको ख़ुशी देने का हर प्रयास करेगा। आप अपने प्रिय की बांहों में आराम महसूस करेंगे। आज के दिन कार्यक्षेत्र में चीज़ें वाक़ई बेहतरी की ओर बढ़ सकेंगी, अगर आप आगे बढ़कर उन लोगों से भी दुआ-सलाम करें जो आपको ज़्यादा पसंद नहीं करते। जिन रिश्तों को आप अहमियत देते हैं उन्हें समय देना भी आपको सीखना होगा नहीं तो रिश्ते टूट सकते हैं। आपका जीवनसाथी हाल में हुई खटपट को भुलाकर अपने अच्छे स्वभाव का परिचय देगा।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

1मकर/Capricorn

17 जनवरी 2022 :   किसी पुराने दोस्त से मुलाक़ात आपका मन ख़ुश कर देगी। बोलते समय और वित्तीय लेन-देन करते समय सावधानी बरतने की ज़रूरत है। दोस्तों के साथ शाम को घूमने बाहर जाएँ, इससे आपको बहुत फ़ायदा होगा। ख़ुशमिज़ाज रहें और प्यार की राह में बाधाओं का सामना करने के लिए तैयार रहें। अगर आप अपनी योजनाओं को सबके सामने खोलने में बिल्कुल नहीं हिचकते, तो आप अपनी परियोजना को ख़राब कर सकते हैं। अगर आज आप यात्रा कर रहे हैं तो आपको अपने सामान की अतिरिक्त सुरक्षा करने की ज़रूरत है। बिजली कटौती या फिर किसी अन्य वजह से आपको सुबह तैयार होने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जीवनसाथी की ओर से इससे निबटने में काफ़ी मदद मिलेगी।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कुम्भ/Aquarius

17 जनवरी 2022 :   अपने काम के लिए दूसरों पर दबाव न डालें। दूसरे लोगों की इच्छाओं और दिलचस्पियों पर भी ग़ौर करें, इससे आपको दिली ख़ुशी हासिल होगी। आपके पिता की कोई सलाह आज कार्यक्षेत्र में आपको धन लाभ करा सकती है. दोस्त मददगार और सहयोगी रहेंगे। आज आपके प्रिय को आपके अस्थिर रवैये के चलते आपसे तालमेल बिठाने में काफ़ी दिक़्क़त का सामना करना पड़ेगा। आज के दिन आपका कठिन परिश्रम फलदायी सिद्ध होगा। यात्रा के मौक़ों को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। आपका जीवनसाथी आपकी ज़रूरतों को अनदेखा कर सकता है, जिसके चलते आप चिड़चिड़े हो सकते हैं।    अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

मीन/Pisces

17 जनवरी 2022 :    अगर आपकी योजना बाहर घूमने-फिरने की है तो आपका वक़्त हँसी-ख़ुशी और सुकून भरा रहेगा। यदि आप किसी से उधार वापस मांग रहे थे और अब तक वो आपकी बात को टाल रहा था तो आज बिना बोले ही वो आपको पैसा लौटा सकता है। क़रीबी दोस्त और साझीदार नाराज़ होकर आपकी ज़िंदगी मुश्किल बना सकते हैं। प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे। कार्यक्षेत्र में आप ख़ुद को ख़ास महसूस करेंगे। जो लोग बीते कुछ दिनों से काफी व्यस्त थे उन्हें आज अपने लिए फुर्सत के पल मिल सकते हैं। जीवनसाथी से निकटता आज आपको ख़ुशी देगी।     अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 819495932

panchang

पंचांग, 17 जनवरी 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज पौष मास की पूर्णिमा है तथा माघ स्नान प्रारम्भ, व श्री सत्यनारायण व्रत है। और भगवती शाकम्भरी जयंती है।

शारणागत दीनात् परित्राण परायणे, सर्वस्यर्ति हरे देवी नारायणी नामोस्तुते।

शाकम्भरी नवरात्री पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी से पूर्णिमा तक होती हैं। पौष माह की पूर्णिमा को ही पूराणों के अनुसार शाकम्भरी माताजी का प्रार्दुभाव हुआ था अतः पूर्णिमा के दिन शाकम्भरी जयन्ती (जन्मोत्सव) महोत्सव मनाया जाता हैं।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः पौष़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पूर्णिमा  प्रातः 05.18 तक है,

वारः सोमवार।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पुनर्वसु रात्रिः 04.37 तक है, 

योगः वैधृति अपराहन्ः काल 03.52 तक, 

करणः विष्टि 

सूर्य राशिः मकर,  चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19,  सूर्यास्तः 05.44 बजे।