राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की उठ सकती है मांग, एक बार फिर मुखर हो सकती है पार्टी की अंदरूनी राजनीति

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट पर प्रस्ताव की एक प्रति साझा करते हुए कहा कि ‘भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में, यूथ कांग्रेस ने संयुक्त रूप से एक प्रस्ताव पारित किया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के अनुसार राहुल गांधी को AICC अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। यह लाखों कार्यकर्ताओं की कामना है कि वह बड़ी विपत्ति के समय में हमारा नेतृत्व करें।’ श्रीनिवास बीसी ने आगे कहा कि ‘आने वाले दिनों में युवा कांग्रेस देश हित में सभी ज्वलंत मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरेगी और इस संघर्ष को लोगों तक ले जाएगी। रविवार को शुरू हुई यूथ कांग्रेस की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नेताओं ने संगठन के सामने चुनौतियों और उन चुनौतियों पर सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है, संगठन के प्रमुख कार्यक्रम, आंतरिक चुनाव, सदस्यता सहित सभी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।’

राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की उठ सकती है मांग, एक बार फिर मुखर हो सकती है पार्टी की अंदरूनी राजनीति

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट : 

उदयपुर में कांग्रेस पार्टी में चिंतन शिविर को लेकर बड़ी तैयारियां हैं। लागातर चुनावी हार का सामना कर रही पार्टी इस शिविर के माध्यम से कई बड़ी रणनीति तैयार करेगी। इसके साथ ही माना जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेता पार्टी के ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान सौंपने की मांग उठा सकते हैं। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

लेकिन सूत्रों की मानें तो अब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी की वापसी का रास्ता कठिन हो गया है। वजह है, पांच राज्यों के चुनाव नतीजों में मिली करारी हार। पार्टी में भीतरी लोकतंत्र की मांग कर रहे 23 वरिष्ठ नेताओं का गुट यानी जी-23 इस मौके की तलाश में था। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का चुनाव 21 अगस्त से 20 सितम्बर के बीच होना है।

पार्टी अपने AICC सदस्यों की लिस्ट जारी करेगी, इसके एक महीने के भीतर ब्लाॅक कमेटी के चुनाव होंगे। जिला अध्यक्षों के चुनाव जुलाई में पूरे होंगे। कांग्रेस को गैर गांधी परिवार के सुपुर्द करने के हिमायती गुट की आवाज मुखर होगी। साथ ही राहुल गांधी का अध्यक्ष बनने का नैतिक बल कमजोर होगा।

कांग्रेस में पिछले काफी समय से गैर गांधी परिवार के किसी नेता को अध्यक्ष बनाने की मांग चल रही है। कश्मीर के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेता इस बात को समय-समय पर उठा चुके हैं। पंजाब में सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस के लिए फेस सेविंग और भी मुश्किल होने वाली है। कांग्रेस की ओर से पंजाब में मुख्यमंत्री परिवर्तन से लेकर अन्य कई पॉलिटिकल सर्जरी की गई, लेकिन ये काम नहीं आई। पंजाब में पार्टी को करारी हार का मुंह देना पड़ा। उत्तराखंड में भी जीत से दूर रह गई।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी का महिलाओं को 40 फीसदी टिकट का फॉर्मूलर फेल रहा। कांग्रेस एक वरिष्ठ नेता ने कहा, राज्य में महिलाएं कांग्रेस के लिए वोट बैंक नहीं बन पाईं। ऐसा होना भी संभव नहीं था। इससे पार्टी के वे उम्मीदवार पीछे छूट गए जो टक्कर दे सकते थे।

उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के 5 बड़े कारण

  • पार्टी ने सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया। आखिरी समय तक हरीश रावत को अपना मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया।
  • आखिरी मौके पर भाजपा से आए हरक सिंह रावत को लेने से कांग्रेस के सीएम उम्मीदवारों के चेहरे को लेकर असमंजस पैदा हुआ।
  • कांग्रेस ने नौकरी, गैस और स्वास्थ्य सुविधाओं पर दांव खेला, जबकि भाजपा राष्ट्रवाद के कार्ड पर कायम रही।
  • हरीश रावत ने खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया। रावत का ये कदम मतदाताओं में विपरीत प्रभाव वाला साबित हुआ।
  • उत्तराखंड में हरीश रावत के अलावा कोई और बड़ा प्रचारक नहीं था। राहुल और प्रियंका गांधी की रैलियां बहुत कम हुईं। कांग्रेस ने 4 से 5 प्रतिशत वोट अधिक हासिल किए, लेकिन सीटों में यह प्रतिशत तब्दील नहीं हो पाया।

गोवा में कांग्रेस ने वापसी का अवसर 3 कारणों से गंवाया

1मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं किया।
2. 2017 में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद सरकार न बना पाने की कमजोरी को गोवा के वोटरों ने माफ नहीं किया।
3. वोट काट रही टीएमसी के साथ हाथ नहीं मिलाए और अपनी प्रतिष्ठा गिरा चुकी गोवा फारवर्ड पार्टी का दामन थाम लिया।

इवाक्ष अग्रवाल ने भवन विद्यालय  चंडीगढ़ को गौरवान्वित किया

  • इसरो के प्रतिष्ठित युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम के लिए अर्हता प्राप्त की

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 11 मई 2022 ;

भवन विद्यालय चंडीगढ़ के दसवीं कक्षा के छात्र इवाक्ष अग्रवाल ने स्कूल को गौरवान्वित किया है क्योंकि उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम (युविका) 2022 का हिस्सा बनने के लिए चुना गया है। ) यह कार्यक्रम इसरो, बैंगलोर में स्थित अंतरिक्ष विभाग में 16 से 28 मई 2022 तक आयोजित किया जाना है।

इवाक्ष का वैज्ञानिक स्वभाव तब स्पष्ट हुआ जब उन्होंने इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (IAPT) और होमी भाभा द्वारा आयोजित भारतीय ओलंपियाड क्वालिफायर फॉर जूनियर साइंस (IOQJS) के राष्ट्रीय स्तर के लिए क्वालीफाई किया, जिसे NSEJS (जूनियर साइंस में राष्ट्रीय मानक परीक्षा) के रूप में भी जाना जाता है। सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (HBCSE) इस साल की शुरुआत में। यह परीक्षा IAPT द्वारा आयोजित सबसे चुनौतीपूर्ण और मांग वाली परीक्षाओं में से एक है।

वरिष्ठ प्रधानाचार्य  विनीता अरोड़ा ने इवाक्ष और उनके माता-पिता को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी और इसरो बैंगलोर में उनके आवासीय कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दीं।

रेडक्रॉस के नवनियुक्त महासचिव मुकेश अग्रवाल ने संभाला कार्यभार

अजय कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला 11 मई ;

महासचिव डॉ मुकेश अग्रवाल ने पंचकूला के 15 वृद्धाश्रम का किया दौरा।बुजुर्गों से की बातचीत,मीडिया से बातचीत के दौरान मुकेश अग्रवाल ने कहा कि रेडक्रॉस की दिशा व दशा बदलनी है।

उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस एक मानवतावादी संगठन है,इस संस्था का उद्देश्य है ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिले! उन्होंने कहा कि कोरोना काल की बात करें या फिर कोई भी परिस्थिति हो रेड क्रॉस समाज सेवा में हमेशा अग्रणी रहा है, उन्होंने कहा इसे और आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा।

पंचकूला रेड क्रॉस में पिछले काफी लंबे समय से खड़ी कलाम एक्सप्रेस के बारे में पूछे सवाल का जवाब देते हुए नवनियुक्त महासचिव मुकेश अग्रवाल ने कहा कि वह इसके बारे में जांच करेंगे और अगर कोई समस्या सामने आ रही है तो जल्दी उसका हल किया जाएगा और इसे चलाया जाएगा। बता दें कि कलाम एक्सप्रेस प्रदेश सरकार की ओर से स्पेशल बच्चों के लिए चलाई गई थी लेकिन बताया यह जा रहा है कि फंड्स के अभाव में यह काफी लंबे समय से खड़ी है,स्पेशल बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा।

मीडिया से बात करते हुए नवनियुक्त महासचिव मुकेश अग्रवाल ने बताया कि आज उन्होंने सेक्टर 15 पंचकूला वृद्ध आश्रम की भी विजिट की और बुजुर्गों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना, हालांकि वह वृद्ध आश्रम की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नजर आए। साथ ही उनका कहना था कि वह जल्द ही ऐसे पेरेंट्स और बच्चों की काउंसलिंग करेंगे जिनके बच्चे हैं बावजूद इसके उनके पेरेंट्स वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग कर ऐसे बच्चों और पेरेंट्स को आपस में मिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वृद्ध आश्रम तो उन लोगों के लिए होते हैं कि जिनका आगे कोई वारिस नहीं होता, इसके अलावा उन्होंने कहा कि समाज हित में रेडक्रॉस की ओर से और भी कई अहम कार्य किए जाएंगे।

इस मौके पर इंडियन रेड क्रॉस की वाइस चेयरमैन सुशील गुप्ता,रेड क्रॉस पंचकूला की सचिव सविता अग्रवाल,असिस्टेंट सचिव डोली रानी मौजूद रहे।

जिंदगी अनमोल है,लापरवाही बरत कर अपनी जिंदगी को जोखिम में ना डालें-अजीत सिंह

अजय कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पिंजौर,11 मई;

जिंदगी अनमोल है लापरवाही बरत कर अपनी जिंदगी को जोखिम में ना डालें यह अपील की है ट्रैफिक इंस्पेक्टर अजीत सिंह ने,उन्होंने वाहन चालकों से अपील करते हुए कहा है कि जब भी दो पहिया वाहन चालक घर से निकले हेलमेट पहन कर निकले और निर्धारित स्पीड पर ही अपने वाहन को चलाएं ताकि खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकें इसके अलावा उन्होंने चार पहिया वाहन चालकों से अपील की है कि वह भी स्पीड का ध्यान रखें इसके अलावा सीट बेल्ट जरूर पहने और ट्रैफिक नियमों की पालना सुनिश्चित करें ताकि अपने बहुमूल्य जीवन को भी बचा सके और दूसरों के जीवन को भी बचा सके।

मौके पर मौजूद ट्रैफिक इंस्पेक्टर अजीत सिंह ने बताया कि हालांकि समय-समय पर नाकाबंदी कर हम तेज रफ्तार वाहन चालकों के और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन ना करने वाले वाहन चालकों के चालान काटते हैं और साथ ही उन्हें जागरूक भी करते हैं कि जब भी सड़क पर निकले ट्रैफिक नियमों की पालना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि बावजूद इसके लोग ट्रैफिक नियमों की पालना नहीं करते ट्रैफिक इंस्पेक्टर अजीत ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर दो पहिया वाहन चालक ना तो हेलमेट पहनते हैं और तेज रफ्तार से अपने वाहन सीट बेल्ट डालते हैं। जब हमारी तरफ से उन्हें रोकने की कोशिश की जाती है तो वह अपने वाहन को और भी तेज दौड़ा लेते हैं जिसके चलते कई बार हम ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई नहीं कर पाते क्योंकि हम उनकी जान को हम समझते हैं। उनकी जान बचाना हमारा कर्तव्य है।

ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने बताया कि अक्सर देखने में आया है कि जब भी एक्सीडेंट होते हैं दो पहिया वाहन चालक को ही खामियाजा भुगतना पड़ता है और अक्सर दो पहिया वाहन चालक की ही एक्सीडेंट के दौरान मौत होती है। उन्होंने कहा कि जब हमें लगता है कि दोपहिया वाहन पीछे से काफी तेज गति से आ रहा है हालांकि वो ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन कर रहा है तो हम बीच सड़क में उससे नहीं रोकते क्योंकि पीछे से वाहन तेज गति से आ रहे होते हैं और हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से किसी का कोई जानी नुकसान हो लेकिन उन्होंने लोगों से अपील की है कि यह जिंदगी बहुमूल्य है थोड़ी सी लापरवाही से अपनी अमूल्य जिंदगी को ना गवाएं बल्कि पुलिस व पंचकूला प्रशासन का सहयोग करें। ट्रैफिक नियमों की पालना करें बता दें कि बीते कल पंचकूला में अलग-अलग जगह पर हुए सड़क हादसों में 4 लोगों की जान चली गई थी और ज्यादातर जिन लोगों की जान गई थी वह दो पहिया वाहन पर ही सवार थे। ऐसे में  हम हम भी यही अपील करते हैं कि ट्रैफिक नियमों की पालना करें, एहतियात बरतें, खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहें। हंसी खुशी जब घर से बाहर निकले तो हंसी खुशी ही अपने परिवार में शाम को घर पहुंचे।

यूपी सरकार ने राज्य के डीजीपी मुकुल गोयल के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया

यूपी सरकार ने राज्य के डीजीपी मुकुल गोयल के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया गया है। सरकार ने उनको डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर नियुक्त किया गया है।  यूपी का नया डीजीपी बनने की रेस में इस वक्त कई नाम हैं। बता दें कि डीजीपी मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और अकर्मण्यता के चलते डीजीपी पद से मुक्त कर दिया गया है।

  • डीजीपी मुकुल गोयल को पुलिस महानिदेशक पद से हटाया गया है
  • मुकुल गोयल को डीजी नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई
  • शासकीय कार्यों की अवहेलना करने व विभागीय कार्यों में रुचि न लेने पर कार्रवाई

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

: योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला करते हुए यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को हटा दिया गया है। अब उनका कार्यभार एडीजी प्रशांत कुमार को सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और कार्यों में ढिलाई के चलते हटाया गया है. अब मुकुल गोयल को डीजीपी पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि पुलिस महानिदेशक का पद मुकुल गोयल ने 2 जुलाई 2021 संभाला था। गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इससे पहले वे बीएसएफ में अपर पुलिस महानिदेशक आपरेंशस के पद पर थे। इसके बाद ही उन्हें उत्तर प्रदेश का डीजीपी नियुक्त किया गया था।

यह पहली बार हुआ है जब किसी डीजीपी पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए सीधे डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है। इससे पहले कई डीजीपी हटाए गए लेकिन उन्हें सीधे नागरिक सुरक्षा के पद पर नहीं भेजा गया। वह समाजवादी पार्टी की सरकार में भी एडीजी कानून-व्यवस्था रहे थे। उनकी समाजवादी पार्टी से निकटता को भी हटाए जाने की एक वजह माना जा रहा है। पूरे चुनाव के दौरान पुलिस के मुखिया की जो नेतृत्व क्षमता दिखनी चाहिए थी, वह भी न दिखने के कारण शासन नाराज़ चल रहा था।

विभाग में हमेशा ऐसी अकटलें लगाई जाती रहीं कि डीजीपी मुकुल गोयल के शासन के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं। इन अटकलों को उस समय बल मिला जब पिछले दिनों उन्होंने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभारी इंस्पेक्टर के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया लेकिन अंतत: इंस्पेक्टर को नहीं हटाया गया। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद मुख्यमंत्री ने सभी जोन, रेंज व जिलों के पुलिस अधिकारियों को अपने विवेक से काम करने और साफ-सुथरी छवि के पुलिस कर्मियों को ही फील्ड में महत्वपूर्ण तैनाती देने का निर्देश दिया था। तब यह माना गया था कि यह निर्देश डीजीपी पर ही ‘संदेश’ देने के उद्देश्य से दिया गया है। इसी तरह कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी थी। 

इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के साथ शासन के आला अफसरों के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार मौजूद थे, जबकि डीजीपी लखनऊ में मौजूद होने के बावजूद इसमें शामिल नहीं हुए थे। आईपीएस अफसरों के तबादलों में हो रही देरी को भी डीजीपी से शासन की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा था। विधानसभा चुनाव के बाद से ही पुलिस कमिश्नरेट समेत जोन, रेंज व जिलों में तैनात कई अफसरों का तबादला संभावित है। 

वर्ष 1987 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस मुकुल गोयल वर्तमान में प्रदेश के वरिष्ठतम पुलिस अफसर हैं। हालांकि 1987 बैच के ही आईपीएस डॉ. राजेन्द्र पाल सिंह डीजी प्रशिक्षण, विश्वजीत महापात्रा डीजी नागरिक सुरक्षा व जीएल मीना डीजी सीबीसीआईडी के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले डीजीपी रहे एचसी अवस्थी 30 जून 2021 को रिटायर हो गए थे। 

ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोलने की याचिका दायर, कल हाईकोर्ट में सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई कि ताजमहल में बंद 22 कमरों को खुलवाया जाए और ऐएसआई से इनकी जांच कराई जाए। याचिका में ये दावा भी किया गया कि ताज महल में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में बीजेपी के मीडिया प्रभारी की ओर से ताजमहल को लेकर ये याचिका दायर की गई है याचिकाकर्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, “मैंने एऐसआई से वालों से पूछा है कि ताजमहल में ये जो कमरों को बंद किया गया है इसका कारण क्या है? उन्होंने कहा कि मैंने मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर से भी पूछा कि इसका असल कारण क्या है जिसके जवाब में कहा गया कि सुरक्षा कारणों के चलते इन्हें बंद किया गया है।”

लखनऊ:(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

ताजमहल में बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच गुरुवार को सुनवाई करेगी। दरअसल, हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है कि ताजमहल में बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाया जाए ताकि लोग जान पाए कि आखिर बंद पड़े 22 कमरों में अंदर क्या है? याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह दलील दी है कि उन्होंने आरटीआई दाखिल कर इस बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की कि आखिरकार 22 कमरे बंद क्यों है? लेकिन, याचिकाकर्ता जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. जिस के बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया है। 22 कमरे खोलने का निर्देश देने की गुजारिश की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वहां हिंदू मूर्तियां और शिलालेख छिपे हैं या नहीं। यह याचिका BJP के अयोध्या जिले के मीडिया प्रभारी डॉ रजनीश सिंह ने दायर की है।

याचिका में याचिकाकर्ता ने अदालत से राज्य सरकार को एक समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की है जो इन कमरों की जांच करे और वहां हिंदू मूर्तियों या धर्मग्रंथों से संबंधित किसी भी सबूत की तलाश करे। डॉ. रजनीश सिंह ने कहा कि उन्होनें 4 मई को याचिका दायर की है जिस पर कल सुनवाई होनी है। याची का कहना है कि ताजमहल से जुड़ा एक पुराना विवाद है। ताजमहल में करीब 22 कमरे बंद हैं और किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है।  

ताज के बंद दरवाजों को खोलने में एक नहीं कई अड़चनें हैं। पहली, वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा रखने वाली इमारत से छेड़छाड़ के लिए चाहिए होंगे करोड़ों रुपए और हाईलेवल एक्सपर्सट्स की कई टीमें। दूसरी वजह यह भी है कि ताजमहल वर्ल्ड हैरीटेज मॉन्यूमेंट है, इसलिए UNESCO भी इस मामले में दखल देगा।

सेंट्रल स्टडीज एंड हेरिटेज मैनेजमेंट रिसोर्सेज, पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट अहमदाबाद में ऑनरेरी डायरेक्टर देबाशीष नायक कहते हैं, ‘ताजमहल वर्ल्ड हेरिटेज है, ऐसे में उसके ढांचे से छेड़छाड़ करने के लिए UNESCO से डिस्कस करना पड़ेगा। लॉजिक देना पड़ेगा। उसके बाद ही आप दरवाजे खोल सकते हैं।’

लेकिन क्या यह संभव है कि अगर कोर्ट ASI को उन दरवाजों को खोलने का निर्देश दे और याचिकाकर्ता का दावा ठीक निकले, तो भी वह वर्ल्ड हेरिटेज रहे? वे कहते हैं, यह दूर की कौड़ी है। लेकिन अगर हेरिटेज इमारत का ऑब्जेक्टिव चेंज होगा, तो UNESCO दखल जरूर देगा। उसके बाद वह इस पर फाइनल फैसला लेगा।

BHU की हिस्ट्री प्रोफेसर और आर्कियोलॉजिस्ट बिंदा कहती हैं, ‘ताजमहल का आर्किटेक्चर बेहद अनूठा है। आप देखिए कि उस पर लिखी कुरान की आयतों को आप जिस भी डायरेक्शन से देखें तो वे दिखाई देती हैं। इसका मतलब है कि तब के कारीगरों और एक्सपर्ट्स ने इंसानी विजन को समझकर उसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने के बाद आयतें इस ढंग से लिखी होंगी कि दूर से और हर एंगल से वे दिखाई दें। ऐसे में अगर दरवाजे खोलने का निर्णय लिया गया तो पहले बेहद सावधानी और एक्सपर्ट्स की टीम के साथ काम करना होगा।

बिंदा के मुताबिक, ‘टीम भी कई स्तरों पर गठन करने की जरूरत होगी, पहली आर्काइव को खंगालने के लिए, दूसरी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम और फिर ऐसी टीम भी जो केमिस्ट्री यानी केमिकल्स की जानकार हो। अगर कोई स्ट्रक्चर जरा सा भी क्षतिग्रस्त हुआ, तो उसे मेंटेन करना आसान नहीं होगा। इन सबके लिए करोड़ों रुपए के फंड की जरूरत होगी। ऐसे में अगर ताजमहल के दरवाजे खोलने का निर्णय हुआ तो सबसे पहले फंड एलोकेट करना होगा। वह कोई छोटा-मोटा फंड नहीं होगा। कई काम फंड की कमी से बीच में ही अटक जाते हैं।’

आप हिस्ट्री की प्रोफेसर हैं, आपको क्या लगता है, आखिर यह 22 दरवाजे बंद क्यों हैं? इस सवाल पर प्रो. बिंदा कहती हैं, ‘देखिए कोणार्क मंदिर का भी कुछ हिस्सा बंद था, लेकिन उसके पीछे वजह यह थी कि वह डैमेज हो रहा था। अगर उसे पर्यटकों के लिए खोला रखा जाता तो वह और भी डैमेज हो जाता। अब ताजमहल के बंद दरवाजों के पीछे रहस्य क्या है, यह तो उनके खुलने के बाद ही पता चलेगा। मेरी चिंता बस यह है कि अगर कोई विवाद है तो उसे सुलझाया जाए, लेकिन वैश्विक धरोहरों और दुनिया के लिए मिसाल बने आर्किटेक्चर से छेड़छाड़ न हो। अगर कुछ करना भी है तो फिर ऐसे हो कि विवाद भी सुलझ जाए और वह इमारत अपने मूल रूप में भी बनी रहे।’

रजनीश सिंह ने कहा, ‘मैं केवल शंका का समाधान चाहता हूं। जो सच होगा, वह सामने आएगा। वे 22 दरवाजे खुलेंगे, तो पता चलेगा कि वह मकबरा है या मंदिर। मैं अभी से कोई दावा नहीं करता। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी याचिका का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी व्यक्तिगत याचिका है।’

ताजमहल पर ताजा याचिका के बारे में जानने से पहले आपइस खबर को भी पढ़ सकते हैं :

पिटीशन में ताजमहल पर उठाए गए 5 गंभीर सवाल

1. पिटीशन में हवाला दिया गया है कि कई किताबों में ये जिक्र है कि 1212 AD में राजा परमारदी देव ने तेजो महालय बनवाया था, जो बाद में जयपुर के राजा मान सिंह को विरासत में मिला था। यही बाद में राजा जय सिंह को मिला। शाहजहां ने तेजो महालय को तुड़वाकर इसे मकबरा बना दिया था।

2. किसी भी मुगल कोर्ट पेपर या क्रॉनिकल, यहां तक कि औरंगजेब के समय में भी ताजमहल का जिक्र नहीं है। मुस्लिम महल शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं करते। किसी भी मुस्लिम कंट्री में इस शब्द के होने के प्रमाण नहीं हैं।

3. औरंगजेब काल के तीन दस्तावेज हैं- आदाब-ए-आलमगिरी, यादगारनामा और मुरक्का-ए-अकबराबादी। इनमें दर्ज 1652 AD के एक पत्र में औरंगजेब ने मुमताज के मकबरे की मरम्मत के निर्देश दिए। उसमें साफ लिखा है कि मकबरे की हालत ठीक नहीं है। वह कई जगह से रिस रहा है। दरारें पड़ चुकी हैं। मकबरे को 7 माले का बताया गया है। यानी साफ है कि मकबरा औरंगजेब के समय में काफी पुराना हो चुका था, अगर शाहजहां ने बनवाया होता तो कुछ ही सालों बाद यह इतना पुराना नहीं पड़ गया होता।

4. शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज महल बताया गया है। इसीलिए इसका नाम ताजमहल भी रखा गया, लेकिन अगर कोई ऑथेंटिक डाक्यूमेंट्स खंगाले तो पता चलेगा कि मुमताज का नाम मुमताज उल जमानी लिखा गया है।

5. इस कब्र को 1631 में बनाना शुरू किया गया था और 1653 में यह बनकर तैयार हुई। यानी 22 साल इसके निर्माण में लगे। एक कब्र को बनाने में इतना वक्त लगना भी शंका खड़ी करता है।

पूर्व राजकुमारी ने कहा की ताजमहल है हमारा, शाहजहाँ ने किया था कब्जा

दीया कुमारी ने कहा कि ताजमहल की जमीन पर जयपुर के पुराने राजपरिवार का महल हुआ करता था। जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया था। उस वक्त हम कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि तब शाहजहां का शासन था। भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि उनके पोथी खाने में इससे जुड़े सारे दस्तावेज हैं। कोर्ट अगर कहेगी तो हम सारे दस्तावेज उपलब्ध करवा देंगे। ये अच्छी बात है कि किसी ने ताजमहल खोलने की मांग की है। जिससे सच सामने आएगा। राजसमंद सांसद ने कहा कि आज भी कोई सरकार किसी जमीन का अधिग्रहण करती है तो उसके बदले मुआवजा देती है। मैंने सुना कि उस वक्त मुआवजा दिया गया था लेकिन ऐसा कोई कानून नहीं था कि हम मुआवजा के लिए अपील करते। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कह रही हूं कि ताजमहल को तोड़ देना चाहिए लेकिन उसके बंद कमरे को खोलकर जांच जरूर की जानी चाहिए। 

जयपुर. 

आगरा का ताजमहल दुनिया के अजूबों में से एक है। अब इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। जयपुर की रॉयल फैमिली ने इसे अपनी प्रॉपर्टी होने का दावा किया है। राजघराने की सदस्य और भाजपा सांसद दीया कुमारी का कहना है कि अगर कोर्ट चाहेगा तो हम जरूरी दस्तावेज भी पेश कर सकते हैं। दीया कुमारी का कहना है, “किसी ने ताजमहल के कमरों के दरवाजे खोलने की अपील की है. यह अच्छी बात है. अब सच सामने आ जाएगा. हम भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। ” दीया कुमारी का कहना है, “दस्तावेजों का कहना है कि ताजमहल शाहजहां को पसंद आ गया था, इसलिए उन्होंने इसे हासिल कर लिया। मैंने सुना है कि उन्होंने इसके बदले कुछ मुआवजा दिया था। कोर्ट का निर्देश हुआ तो हम दस्तावेज मुहैया कराएंगे। ”

दीया कुमारी ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, जो बताते हैं कि पहले ताजमहल जयपुर के पुराने राजपरिवार का पैलेस हुआ करता था, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया। जब शाहजहां ने जयपुर परिवार का वह पैलेस और जमीन ली तो परिवार उसका विरोध नहीं कर सका, क्योंकि तब उसका शासन था।

दीया कुमारी ने कहा- ‘आज भी कोई सरकार किसी जमीन को एक्वायर करती है तो उसके बदले में मुआवजा देती है। मैंने सुना है कि उसके बदले में कोई मुआवजा दिया, लेकिन उस समय ऐसा कोई कानून नहीं था कि उसके खिलाफ अपील कर सकते थे या उसके विरोध में कुछ कर सकते थे। अब अच्छा है किसी ने आवाज उठाई और कोर्ट में याचिका दायर की है।’

गौरतलब है कि अयोध्या मंदिर के दौरान राम के वंशज को लेकर जब मुद्दा उठा तब भी जयपुर रॉयल फैमिली की ओर से दावा किया गया था कि वे राम के वंशज हैं। इसके लिए वे कोर्ट में भी गवाही देने को तैयार हैं।

सांसद दीया कुमारी ने कहा- ‘मैं यह तो नहीं कहूंगी कि ताजमहल को तोड़ देना चाहिए, लेकिन उसके कमरे खोले जाने चाहिए। ताजमहल में कुछ कमरे बंद हैं। कुछ पार्ट वहां लंबे वक्त से सील हैं। उस पर निश्चित तौर पर इन्क्वायरी होनी चाहिए और उसे खोलना चाहिए, जिससे यह पता चले कि वहां क्या था, क्या नहीं था। वो सारे फैक्ट्स तभी एस्टेबलिश होंगे, जब एक बार उसकी प्रॉपर इन्क्वायरी होगी।’

ताजमहल पर ताजा याचिका के बारे में जानने से पहले आपइस खबर को भी पढ़ सकते हैं :

क्या कोर्ट में जयपुर के पूर्व राजपरिवार की ओर से भी याचिका दायर की जाएगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा इसे हम अभी देख रहे हैं। हम एग्जामिन करेंगे कि क्या स्टेप लेना चाहिए।

सांसद दीया कुमारी ने कहा- ‘अगर दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी तो जयपुर के पूर्व राजपरिवार के हमारे ट्रस्ट में पोथी-खाना भी है। अगर कोर्ट आदेश देगा तो हम उसे डॉक्यूमेंट्स देंगे। हमारे पास मौजूद डॉक्यूमेंट में यह बात साफ है कि शाहजहां को उस वक्त वह पैलेस अच्छा लगा तो उसे एक्वायर कर लिया।’ क्या वहां पर कोई मंदिर था? इस सवाल पर दीया कुमारी ने कहा मैंने अभी सारे डॉक्यूमेंट नहीं देखे हैं, लेकिन वह प्रॉपर्टी हमारे परिवार की थी।

ताजमहल को लेकर UP में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह ने याचिका दायर की है। डॉ. सिंह ने अपनी याचिका में ताजमहल के उन 22 कमरों को खोलकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने की मांग की है, जो लंबे वक्त से बंद हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हो सकते हैं। अगर सर्वे होता है तो इससे मालूम चलेगा कि ताजमहज में हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं या नहीं?

2017 में BJP नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी इसी तरह का बयान दे चुके हैं। स्वामी ने कहा था- ‘हम ताजमहल के दस्तावेजों तक पहुंचे हैं। इस बात का प्रमाण है कि शाहजहां ने जयपुर के राजा-महाराजाओं से जबरन उस जमीन को बेचने के लिए कहा था, जहां ताजमहल बना है। शाहजहां ने उन लोगों हर्जाने के रूप में 40 गांव दिए थे, जो कि ताजमहल की जमीन की कीमत के मुकाबले कुछ भी नहीं था।’

इससे पहले ताजमहल पर क्या हुआ ?

  • 1965 में इतिहासकार पीएन ओक ने अपनी किताब में दावा किया कि ताजमहल एक शिव मंदिर है।
  • 2015 में आगरा के सिविल कोर्ट में ताजमहल को तेजो- महालय मंदिर घोषित करने की याचिका दाखिल हुई।
  • 2017 में BJP सांसद विनय कटियार ने UP के CM योगी आदित्यनाथ से ताजमहल को तेजो-महल घोषित करने की मांग रखी।

ईडी की 17 घंटे की पूछताछ के बाद IAS पूजा सिंघल गिरफ्तार

ED सूत्रों की माने तो बुधवार को पूजा से उनके CA के घर मिले 17 करोड़ रुपए और उनके पति के पल्स हॉस्पिटल से संबंधित मामलों में पूछताछ की गई। आय से अधिक संपत्ति मामले में सिंघल की ओर से मंगलवार को कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया था। उनके पति को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है, यह भी अभी ED ने स्पष्ट नहीं किया है। आईएएस बनने के बाद पूजा सिंघल की पहली तैनाती झारखंड के हजारीबाग में हुई। इसके बाद 2009 में वह खूंटी जिले में तैनात रहीं। 16 फरवरी, 2009 से 14 जुलाई, 2010 की अवधि के दौरान उन पर मनरेगा फंड से 18 करोड़ की हेराफेरी के आरोप लगे। वहीं भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा का संरक्षण प्रदान करन का आरोप भी सिंघल पर रहा। चतरा में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए छह करोड़ रुपये के मनरेगा फंड में हेराफेरी में उनका नाम सामने आया। 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, रांची :

मनरेगा घोटाला, आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्‍टाचार के संगीन आरोपों से घिरीं झारखंड की खनन और उद्योग सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इससे पहले ईडी ने पूजा सिंघल को किसी भी सूरत में रांची नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था।

झारखंड की माइनिंग सेक्रेटरी पूजा सिंघल को ED ने रांची से बुधवार को अरेस्ट कर लिया। उन्हें खूंटी के मनरेगा घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले ED ने इस मामले में उनसे दो दिन में लगभग 16 घंटे पूछताछ की। पूछताछ में वो खुद को निर्दोष बताती रहीं, लेकिन उनके खाते में सैलरी से अलग 1.43 करोड़ रुपए की धनराशि कहां से आई, इस बात का जवाब वे नहीं दे पाई।

पूजा मंगलवार को 9 घंटे लंबी पूछताछ के बाद बुधवार सुबह 10.45 बजे दोबारा ED दफ्तर पहुंची थीं। इस बीच मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन इस मामले पर वह कुछ भी बोलने से बचती रहीं।

वहीं, ED सूत्रों की माने तो बुधवार को पूजा से उनके CA के घर मिले 17 करोड़ रुपए और उनके पति के पल्स हॉस्पिटल से संबंधित मामलों में पूछताछ की गई। आय से अधिक संपत्ति मामले में सिंघल की ओर से मंगलवार को कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया था। उनके पति को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है, यह भी अभी ED ने स्पष्ट नहीं किया है।

ED सूत्रों के अनुसार, दूसरे दिन की पूछताछ में सिंघल ने मनरेगा घोटाले में पूछताछ के दौरान एक मंत्री का नाम लिया है। ED ने मंगलवार को उनकी आमदनी के स्रोतों, मनरेगा घोटाले में भूमिका और बैंक खाते में जमा नकद राशि से संबंधित सवाल पूछे थे।

ED की छापेमारी के दौरान जो कागजात जब्त किए गए थे, उन्हें मंगलवार को दो बॉक्स में रांची स्थित कार्यालय लाया गया था। झारखंड के अलावा ED ने बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान में भी पूजा से जुड़े 25 ठिकानों पर 6 मई को छापेमारी की थी। उनके CA सुमन सिंह के पास से 19.31 करोड़ रुपए कैश मिले थे। इसके बाद ED ने सुमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।

पूजा सिंघल और उनके पति की मेडिकल जांच कराई जाएगी। मेडिकल जांच के बाद स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा।

झारखंड सरकार पूजा के मामले में ED की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट के आधार उन पर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। एक्सपर्ट की माने तो पूजा सिंघल को सस्पेंड करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त आधार हैं। संभवत: कार्मिक विभाग ED की रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई कर सकता है।

सिंघल की गिरफ्तार पर झारखंड के CM हेमन्त सोरेन ने कहा, ‘फरवरी 2017 में पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने के मामले में जो भी दोषी होंगे, राज्य सरकार उनके खिलाफ़ कार्रवाई करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुई थी। इस पर जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, सरकार करेगी। अपने से नाम जोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि BJP के पूरे शासन की जांच होनी चाहिए। BJP का काम है हल्ला करना। ये सब काम उन लोगों का है, हमें यह काम नहीं आता।

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सीएम के इस बयान के बाद देर शाम तक पूजा सिंघल को सस्पेंड करने की अधिसूचना जारी हो सकती है।

ED की छापेमारी के बाद विवादों में घिरी माइनिंग सेक्रेटरी पूजा सिंघल 30 मई तक छुट्टी पर चली गई थीं। उन्होंने सोमवार को छुट्टी का आवेदन दिया था। उन्होंने छुट्टी का कारण निजी बताया है। हालांकि ब्यूरोक्रेसी के अनुसार ED की छापेमारी के बाद जारी पूछताछ और असामान्य मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूजा सिंघल ने छुट्टी ली है। फिलहाल उनका प्रभार किसी को नहीं दिया गया है।

ED के मुताबिक, CA सुमन कुमार भी जांच में एजेंसी को सहयोग नहीं कर रहा है। घर से बरामद रुपए का असली मालिक कौन है, यह नहीं बता रहा है। जांच में यह बात सामने आई है कि पूजा सिंघल ने सुमन कुमार के पिता घनश्याम सिंह की पार्टनरशिप फर्म मेसर्स संतोष क्रुशेरर मेटल वर्क्स के खाते में 21 सितंबर 2017 को 6.22 लाख भेजे थे। साथ ही मेसर्स राधेश्याम एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड में भी पैसे डाले थे। पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल यह नहीं बता पाईं कि उन्होंने ये पैसे सुमन कुमार को क्यों भेजे थे?

पहले दिन 9 घंटे तक पूजा सिंघल से खूंटी के मनरेगा घोटाले मामले में पूछताछ हुई थी। इसमें उन्होंने जांच कमेटी की ओर से खुद को क्लीन चिट देने की बात कही थी। ED के अधिकारियों ने उनसे पूछा कि DC रहते हुए उनके खाते में 1.43 करोड़ रुपए कहां से आए? इस सवाल का को जवाब सिंघल नहीं दे पाई। मनरेगा घोटाले के वक्त पूजा सिंघल ही खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त थीं, तब मनरेगा की योजनाओं में 18.06 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था।

उत्तराखंड की रहने वाली पूजा सिंघल 21 साल की उम्र में IAS बन गई थीं। सबसे कम उम्र में IAS कैडर में प्रवेश करने के लिए पूजा सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। पूजा साल 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी हैं। झारखंड के कई जिलों में DC रहने के बाद फिलहाल वो सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं।

22 सालों में जितना विवाद उनके प्रोफेशनल करियर में रहा है, उतनी ही दिलचस्प उनकी पर्सनल लाइफ भी है। ब्यूरोक्रेसी के गलियारे में उनकी पहचान चकाचौंध की लाइफ जीने वाली IAS के रूप में है। वो महंगी-महंगी पार्टियां देने के लिए भी जानी जाती हैं।

उनकी पहली शादी झारखंड कैडर के ही IAS राहुल पुरवार से हुई थी। तब पूजा SDO और राहुल DC हुआ करते थे। इस बीच पूजा सिंघल की नजदीकियां एक सीनियर IAS से बढ़ी। चर्चा इस बात की भी है कि उनके कारण ही राहुल पुरवार से रिश्तों में खटास आई और दोनों का तलाक भी हो गया। हालांकि बाद में सीनियर IAS के साथ भी उनकी नहीं बन सकी।

इसके बाद पूजा सिंघल की जिंदगी में मुजफ्फरपुर के अभिषेक झा उर्फ बिट्टू की एंट्री हुई। ऑस्ट्रेलिया के कस्टम विभाग में कार्यरत अभिषेक और पूजा की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। फेसबुक की दोस्ती मुलाकात में बदली और रांची के जिम में दोनों का प्यार परवान चढ़ा। इसके बाद दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। अभिषेक झा के पैतृक घर मुजफ्फरपुर में दोनों की शादी हुई।

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में  खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 के अंतर्गत वलंटियरशिप हेतु विद्यार्थियों का किया साक्षात्कार

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 11 मई :

श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रधानाचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक की अध्यक्षता में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 के अंतर्गत वलंटियरशिप हेतु विद्यार्थियों का साक्षात्कार किया गया।  इस कार्यक्रम के प्रभारी राष्ट्रीय सेवा योजना ब्वॉयज़ विंग के इंचार्ज डॉ. प्रदीप कुमार  और राष्ट्रीय सेवा योजना गर्लज़ विंग की इंचार्ज डॉ इंदू रहे।  साक्षात्कार महाविद्यालय के क्रीड़ा क्षेत्र में किया गया। इस अवसर पर लगभग 300 विद्यार्थियों ने साक्षात्कार दिया, जिनमें से 200 विद्यार्थियों का चयन स्वयंसेवक सेवा हेतु किया गया।

महाविद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 में भाग लेने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ‘खेलने-कूदने का लो संकल्प-स्वस्थ रहने का यही विकल्प’। उन्होंने कहा कि खेल व्यक्ति को जीतने की प्रेरणा देता है। हमें पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की ओर भी ध्यान देना चाहिए और खेलों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल न सिर्फ हमें तंदरूस्त रखते हैं बल्कि हमारे चरित्र निर्माण और अनुशासन को बनाये रखने में भी सहायक होते हैं। नियमित रूप से खेल खेलने से मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है। इस अवसर पर प्रो.बिंदू भी उपस्थित थी।

A nodal officer will be appointed for the upkeep and maintenance of all parks of HSVP in Panchkula – Gian Chand  Gupta

  • Sh Gupta visited Fountain Park and Nirjhar Vatika and inspected the works for the beautification and maintenance of parks
  • One XEN will be allotted at least two parks so as to ensure that works related to repair and beatification are completed on priority basis- Gupta
  • Fountains will run daily from 6 to 8 in morning and evening for the visitors
  • It is the responsibility of the concerned officers to keep the parks clean and green -. Gupta

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Panchkula, May 11 :

Haryana Vidhan Sabha Speaker, Gian Chand Gupta said that a nodal officer will be appointed for the upkeep and maintenance of all parks of Haryana Sheri Vikas Pradhikaran (HSVP) in Panchkula. Apart from this, one XEN will be allotted at least two parks so as to ensure that works related to repair; maintenance and beautification are completed on priority basis.

        Gupta today visited the Fountain Park and Nirjhar Vatika in Sector -5 here today and inspected the works for the beautification and maintenance of the parks.

        While expressing displeasure over the lack of cleanliness in the parks, he said that it is the responsibility of the concerned officers to ensure proper cleanliness and provide all necessary facilities in the parks. Sh Gupta spoke to the Chief Administrator of HSVP on phone and apprised him of the situation. On this, CA, HSVP assured Sh Gupta that all shortcomings in the parks would be rectified by June 15. He further said that a nodal officer will be appointed to ensure cleanliness, repair and all necessary facilities in the parks in coordination with the concerned departments.  Apart from this, an Executive Engineer will be given the responsibility of at least two parks so that works related to repair and beatification are completed on priority basis.

        Gupta said that fountains will run daily from 6 to 8 in morning and evening so that visitors coming to the park can enjoy the same. Besides, arrangements of lighting should be made in the fountains so as to make them more attractive in the evening. He directed to make adequate drinking water arrangements for the people visiting the park. While expressing concern over the dilapidated condition of a shed that could also lead to an accident,  Sh Gupta directed to construct a new designer shed so as to ensure the safety and security of people. He also inspected the toilets constructed in the park and directed the concerned officers to ensure cleanliness of toilets on a regular basis.

        On this occasion, Gupta also discussed the problem of illegal encroachment in Panchkula. He said that recently thousands of slums have been removed from Chandigarh after which, new slums are coming up near Mata Mansa Mandir complex, Kharak Mangoli and Industrial Area Phase II. He directed HSVP to launch a massive drive to prevent new slums from developing in Panchkula. In case, any such case comes to the light, immediate action should be taken to remove the slums, he added.

It may be recalled that Gian Chand Gupta had visited Fountain Park and Nirjhar Vatika on April 26 where he found certain  irregularities . He had directed the concerned officers to take necessary action in this regard.  Sh Gupta said that though several works regarding  repair and  beautification of the parks have been done, yet much more needs to be done in this direction.  

Among those present on this occasion included Administrator, HSVP Jagdish Sharma, Estate Officer Gagandeep Singh, XEN Ashok Rana, Amit Rathi, Nidhi Bhardwaj, SDO Ajay Bansal, BJP District Vice President Umesh Sood, Councilors namely Harendra Malik and  Sonu Birla and other concerned officers.