कोरोना की जंग में खादी सुरक्षा कवच के तौर पर आमजन को सुरक्षित रखेगी। मास्क के जरिये खादी घर-घर पहुंचाई जाएगी। यही नहीं खादी के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कदम भी बढ़ाया गया है। कोरोना माहमारी के दौर में खादी को नई पहचान मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने खादी के मास्क हर घर तक पहुंचाने की पहल की है।
जंगशेर राणा, पंचकुला:
कोरोना की लड़ाई में खादी भी अहम भूमिका निभाएगी। प्रदेश में 120 खादी ग्रामोद्योग केंद्रों पर मास्क बनाने का काम जोरों पर है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना के निर्देशानुसार जिला स्तर पर प्रशासन को 500-500 मास्क दिए जा रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में सेनिटाइजर व लोगों को खाद्य सामग्री मुहैया करवाई जा रही है।
खादी ग्रामोद्योग केंद्र के सचिव सतपाल सैनी बताते हैं कि केंद्र सरकार के फैसले से आजादी के बाद पहली बार घरों तक पहुंचने से खादी की ब्राडिंग हो रही है। उनके केंद्र के साथ दो से तीन हजार बुनकर, कतिन व कारीगर जुड़े हुए हैं, जो सभी ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखते हैं। सरकार की पहले से ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में नया सुधार होगा। खादी से तैयार मास्क मानक के अनुसार पूरी गुणवत्ता युक्त हैं। यह तीन लेयर के हैं और खास बात यह है कि इस मास्क को बारी-बारी से प्रयोग किया जा सकता है। इससे कोरोना के अलावा वायरस जनित और रोगों से भी सुरक्षा होगी।
बिजनौर जाएंगे तैयार किए 10 हजार मास्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से 10 हजार मास्क तैयार किए गए हैं। जिन्हें जल्द ही यूपी के बिजनौर जिले में पहुंचाया जाएगा। सतपाल सैनी का कहना है कि खादी संघ की ओर से ग्राम पंचायतों के जरिये गांवों में भी ग्रामीणों को मास्क वितरित किए जा रहे हैं। यही नहीं आयोग के चेयरमैन के निर्देशानुसार हर बुनकर व कारीगर को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता के लिए कारीगर कल्याण कोष ट्रस्ट में राशि जमा कराई गई है। संघ की ओर से 21 हजार रुपये प्रधानमंत्री सहायता कोष में भी जमा कराए गए हैं।
बाजारी मास्क को देगी मात
खादी ग्रामोद्योग बड़े पैमाने पर रंगीन फैशनेबल मास्क बनाए जा रहे हैं। इन मास्क का दाम भी बड़े वाजिब रखे गए हैं। बाजार में महंगे मास्कों को खादी का साधारण मास्क मात देने की तैयारी कर रहा है। बाजार की कीमतों के अनुरूप इस मात्र 15 रुपये में दिया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खादी के मास्क को खरीदने के लिए प्रेरित हों।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG_20200428_130014-scaled.jpg19202560Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-04-28 14:00:382020-04-28 14:04:19कोरोना की सुरक्षा कवच बनी खादी, सुधरेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था: मास्क के जरिये खादी पहुंचेगी घर-घर
All of us have probably read these famous opening lines:
It was the best of times, it was the worst of times, it was the age of wisdom, it was the age of foolishness, it was the epoch of belief, it was the epoch of incredulity….
Yes, Charles Dickens and his Tale of Two Cities. So here is a story many of you might have missed. A Tale of Two States.
First the positive story.
Punjab is governed by a “opposition” party. Their CM vowed not one grain of wheat would be wasted in the Khariff crop. So Punjab and Central Govt worked in tandem to harvest the crop. You probably know Punjab contributes 35% of our wheat.
Migrant labour was missing. To compensate people under MNREGA were mobilised by Centre. Fleets of combined harvesters were mobikised and escorted in convoys from elsewhere to Punjab’s fields. FCI was mobilised. 2000 odd additional mandis were created to reduce crowding and improve social distancing. Centre controlled Paramilitary forces worked with local police to control convoys of thousands of trucks and tractors conveying wheat from fields to mandi/arat and beyond to godowns. Harvesting started on 15 Apr and is continuing. They are actually lighting up the fields at night to allow harvesting on 24×7 basis. The focus was to quickly complete harvesting and disband the workforce to reduce chances of disease spread.
Net result? Last year Punjab harvested 1.3 Million Tonnes (MT) all thru April. Some more in May. This year, from 15-26 Apr i.e. in 9 days only, Punjab has harvested 2.8 MT. Stunning! Not only that, Punjab would have all time high record wheat production this year.
FCI is present at all the mandis and arats, procuring and immediately paying for the wheat as it is coming in. Putting money in the hands of the population, encouraging farmers to harvest even more quickly.
Story doesn’t end there. Punjab Govt is working with FCI and Indian Railways to simultaneously take the grain away from Punjab. Because there is no place to store all that grain in Punjab itself.
So Indian Railways have created special Annapoorna Trains. Each train is an amazing 2.4 km long, comprising 84 wagons with multiple engines and radio communication between driver and guard. Best of Ind Rail drivers and guards from the Shatbadis and Rajdhanis are operating the Annapoornas. These trains are taking all the wheat away from Punjab to FCI godowns around the country.
In April last year IR transported some 2 MT of food grains. This April they have already crossed 4 MT and April isn’t over yet.
All of the above is being managed by special teams comprising DMs + SPs + Para Military + IR + FCI under the overall supervision of MHA. Brilliant example of amazing achievement if State + Centre works together.
But this is a Tale of Two States.
See what’s happening at WB. The only topic that all 4 Bangla news channels have been covering for last 7 days is State vs Centre fights. CM’s 3 page letter, followed by Governor’s 5 page letter, followed by CM’s 7 page letter, followed by Governor’s 11 page letter. Whether Constitution is being upheld etc etc. Utter Bullshit.
Do you find any news of how and when the Khariff crops in Bengal would be harvested? Any news of the Khariff potato, onion, rice and mustard harvesting? Any news of their sale and procurement? Any report of how to put money in the hands of the farmers? I couldn’t find any. It seems, the entire world has forgotten the Bengal farmers.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/04/wheat-field-640960_960_720.jpg225300Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-04-28 03:31:112020-04-28 03:31:43Tale Of Two States
आदि शंकराचार्य एक महान हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे. आदि शंकराचार्य जी का जन्म 788 ईसा पूर्व केरल के कालड़ी में एक नंबूदरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इसी उपलक्ष में वैशाख मास की शुक्ल पंचमी के दिन आदि गुरु शंकराचार्य जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष आद्यगुरू शंकराचार्य जयंती 28 अप्रैल 2020, के दिन मनाई जाएगी. हिन्दू धार्मिक मान्यता अनुसार इन्हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है यह अद्वैत वेदान्त के संस्थापक और हिन्दू धर्म प्रचारक थे. आदि शंकराचार्य जी जीवनपर्यंत सनातन धर्म के जीर्णोद्धार में लगे रहे उनके प्रयासों ने हिंदु धर्म को नव चेतना प्रदान की.
चंडीगढ़(धर्म – संस्कृति), 28 अप्रैल:
शंकराचार्य जी को,आदिशंकराचार्य भी कहा जाता है आप साक्षात् भगवान शिव के अवतार थे . आपने परमेश्वर के विभिन्न रूपों से लोगो को अवगत कराया जिसमे, आपने यह बताया कि,
ईश्वर क्या है ?
ईश्वर का जीवन मे महत्व क्या है ?
यह ही नही आपने अपने जीवनकाल मे, ऐसे कार्य किये जो बहुत ही सरहानीय है और भारत की, अमूल्य धरोहर के रूप मे आज भी है . आपने हिन्दू धर्म को बहुत ही खूबसूरती से एक अलग अंदाज मे निखारा, इसी के साथ अनेक भाषाओं मे, आपने अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाया . आपने विभिन्न मठो की स्थापना की इसी के साथ कई शास्त्र, उपनिषद भी लिखे .
आदिशंकराचार्य जी का जीवन परिचय ( Shankaracharya history )
आदिशंकराचार्य जी साक्षात् भगवान का रूप थे . आप केरल के साधारण ब्राह्मण परिवार मे जन्मे थे . आपकी जन्म से आध्यात्मिक क्षेत्र मे रूचि रही है जिसके चलते, सांसारिक जीवन से कोई मोह नही था . आपको गीता,उपन्यास, उपनिषद् , वेदों और शास्त्रों का स्वज्ञान प्राप्त था, जिसे आपने पूरे विश्व मे फैलाया.
आदि शंकराचार्य का जीवन परिचय ( Adi Shankaracharya biography in hindi)
जन्म
788 ई.
मृत्यु
820 ई.
जन्मस्थान
केरल के कलादी ग्राम मे
पिता
श्री शिवागुरू
माता
श्रीमति अर्याम्बा
जाति
नाबूदरी ब्राह्मण
धर्म
हिन्दू
राष्ट्रीयता
भारतीय
भाषा
संस्कृत,हिन्दी
गुरु
गोविंदाभागवात्पद
प्रमुख उपन्यास
अद्वैत वेदांत
शंकराचार्य जी की जन्म व मृत्यु (shankaracharya Birth & Death)
जन्म- आदिशंकराचार्य जी का जन्म 788 ई. मे, केरल के एक छोटे से, गाव कलादी मे हुआ था.
असाधारण प्रतिभा के धनी आद्य जगदगुरू शंकराचार्य का जन्म वैशाख शुक्ल पंचमी के पावन दिन हुआ था. दक्षिण के कालाड़ी ग्राम में जन्में शंकर जी आगे चलकर ‘जगद्गुरु आदि शंकराचार्य’ के नाम से विख्यात हुए. इनके पिता शिवगुरु नामपुद्रि के यहाँ जब विवाह के कई वर्षों बाद भी कोई संतान नहीं हुई, तो इन्होंने अपनी पत्नी विशिष्टादेवी सहित संतान प्राप्ति की इच्छा को पूर्ण करने के लिए से दीर्घकाल तक भगवान शंकर की आराधना की इनकी श्रद्धा पूर्ण कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा.
शिवगुरु ने प्रभु शंकर से एक दीर्घायु सर्वज्ञ पुत्र की इच्छा व्यक्त की. तब भगवान शिव ने कहा कि ‘वत्स, दीर्घायु पुत्र सर्वज्ञ नहीं होगा और सर्वज्ञ पुत्र दीर्घायु नहीं होगा अत: यह दोनों बातें संभव नहीं हैं तब शिवगुरु ने सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति की प्रार्थना की और भगवान शंकर ने उन्हें सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति का वरदान दिया तथा कहा कि मैं स्वयं पुत्र रूप में तुम्हारे यहाँ जन्म लूंगा.
इस प्रकार उस ब्राह्मण दंपती को संतान रूप में पुत्र रत्न की प्राप्त हुई और जब बालक का जन्म हुआ तो उसका नाम शंकर रखा गया शंकराचार्य ने शैशव में ही संकेत दे दिया कि वे सामान्य बालक नहीं है. सात वर्ष की अवस्था में उन्होंने वेदों का पूर्ण अध्ययन कर लिया था, बारहवें वर्ष में सर्वशास्त्र पारंगत हो गए और सोलहवें वर्ष में ब्रह्मसूत्र- भाष्य कि रचना की उन्होंने शताधिक ग्रंथों की रचना शिष्यों को पढ़ाते हुए कर दी अपने इन्हीं महान कार्यों के कारण वह आदि गुरू शंकराचार्य के नाम से प्रसिद्ध हुए.
मृत्यु- 820 ई मे आपका देव लोक गमन हो गया था , अर्थात् मात्र बत्तीस वर्ष आपने, इस संसार के साथ व्यतीत करके उसे धन्य कर दिया .
जीवनशैली
जन्म से ही आदिशंकराचार्य जी जीवन शैली कुछ भिन्न थी . शंकराचार्य जी ने वेद-वेदांतो के इस ज्ञान को भारत के चारों कोनो मे फैलाया . उनका उद्देश्य प्रभु की दिव्यता से लोगो को अवगत कराना अद्वैत कहावत के अनुसार ब्रह्म सर्वत्र है या स्व ब्रह्म है अर्थात् ब्रह्म का मै और मै कौन हू ? का सिद्धांत शंकराचार्य द्वारा प्रचारित किया गया . इसी के साथ शिव की शक्ति और उसकी दिव्यता बताई गई . शंकराचार्य द्वारा कथित तथ्य और सिद्धांत जिसमे सांसारिक और दिव्य अनुभव दोनों का बेजोड़ मिलन है, जो कही देखने को नही मिलता है . शंकराचार्य ने कभी किसी देवता के महत्व को कम नही किया ना ही उनकी बाहुल्यता को कम किया . इन्होंने अपने जीवनशैली के माध्यम से लोगो जीवन के तीन वास्तविक स्तरों से अवगत कराया .
तीन वास्तविक स्तर
प्रभु – यहा ब्रह्मा,विष्णु, और महेश की शक्तियों का वर्णन किया गया था .
प्राणी – मनुष्य की स्वयं की आत्मा – मन का महत्व बताया है .
अन्य – संसार के अन्य प्राणी अर्थात् जीव-जन्तु, पेड़-पौधे और प्राकृतिक सुन्दरता का वर्णन और महत्व बताया है .
इस प्रकार इन तीन को मिला कर, उनके साथ भक्ति,योग, और कर्म को जोड़ दिया जाये तो जो, आनंद प्राप्त होता है वो, बहुत ही सुखद होता है . इसी तरह का जीवन स्वयं व्यतीत कर, अपनी ख्याति सर्वत्र फैलाते थे .
कार्यकाल
आदिशंकराचार्य जी ने बहुत कम उम्र मे, तथा बहुत कम समय मे अपने कार्य के माध्यम से, अपने जीवन के उद्देश्य को पूर्ण किया . आपके जीवन के बारे मे यहा तक कहा गया है कि आपने महज दो से तीन वर्ष की आयु मे सभी शास्त्रों , वेदों को कंठस्थ कर लिया था . इसी के साथ इतनी कम आयु मे, भारतदर्शन कर उसे समझा और सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकता के अटूट धागे मे पिरोने का अथक प्रयास किया और बहुत हद तक सफलता भी प्राप्त की जिसका जीवित उदहारण उन्होंने स्वयं सभी के सामने रखा और वह था कि आपने सर्वप्रथम चार अलग-अलग मठो की स्थापना कर उनको उनके उद्देश्य से अवगत कराया . इसी कारण आपको जगतगुरु के नाम से नवाज़ा गया और आप चारो मठो के प्रमुख्य गुरु के रूप मे पूजे जाते है .
शंकराचार्य चार मठो के नाम (shankaracharya math Name)
वेदान्त मठ – जिसे वेदान्त ज्ञानमठ भी कहा जाता है जोकि, सबसे पहला मठ था और इसे , श्रंगेरी रामेश्वर अर्थात् दक्षिण भारत मे, स्थापित किया गया .
गोवर्धन मठ – गोवर्धन मठ जोकि, दूसरा मठ था जिसे जगन्नाथपुरी अर्थात् पूर्वी भारत मे, स्थापित किया गया .
शारदा मठ – जिसे शारदा या कलिका मठ भी कहा जाता है जोकि, तीसरा मठ था जिसे, द्वारकाधीश अर्थात् पश्चिम भारत मे, स्थापित किया गया .
ज्योतिपीठ मठ – ज्योतिपीठ मठ जिसे बदरिकाश्रम भी कहा जाता है जोकि, चौथा और अंतिम मठ था जिसे, बद्रीनाथ अर्थात् उत्तर भारत मे, स्थापित किया गया .
इस तरह आदिशंकराचार्य जी ने, भारत भ्रमण कर इन मठो की, स्थापना कर चारो ओर, हिन्दुओ का परचम लहराया .
प्रमुख्य ग्रन्थ – आदिशंकराचार्य जी ने हिन्दी,संस्कृत जैसी भाषओं का प्रयोग कर दस से अधिक उपनिषदों , अनेक शास्त्रों, गीता पर संस्करण और अनेक उपदेशो को , लिखित व मौखिक लोगो तक पहुचाया . आपने अपने जीवन मे, कुछ ऐसे कार्यो की शुरूवात कि, जो उससे पहले कभी नही हुई थी . आपने अपने जीवन मन , आत्मा और ईश्वर को बहुत खूबसूरती से, अपने जीवन मे जोड़ा और लोगो को, इनके मिलाप से होने वाले अनुभव से अवगत कराया .
प्रमुख सन्देश
आदिशंकराचार्य जी ने तो अपने जीवनकाल मे इतना कुछ लिखा और बहुत अच्छे सन्देश दिये है जिसे हर कोई गंभीरता से सोंचे और अपने जीवन में उतारे तो यह जीवन धन्य हो जायेगा . वैसे आपके उपर कई लेख, और पुस्तके लिखी भी गई है . हम अपने इस संस्करण मे आफ्ही के द्वारा कथित कुछ महत्वपूर्ण सन्देश लोगो तक पंहुचा रहे है .
शंकराचार्यजी द्वारा अनमोल वचन (Shankaracharya quotes )
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/04/hqdefault.jpg360480Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-04-28 02:40:072020-04-28 02:40:43वैशाख शुक्ल पंचमी, आदि शंकराचार्य जयंती पर विशेष
28 अप्रैल 2020: आपको राहत की सांस लेने का समय है. अब तक का महीना आपके लिए व्यस्त रहा है, लेकिन आज आप मन की शांति पा सकेंगे. आप स्वयं को ध्यान और आराम के लिए इच्छुक पाएंगे. यह एक अच्छी बात है. अपने दोस्तों और परिवार के लिए भी कुछ समय निकालने की कोशिश करें.
28 अप्रैल 2020: आज व्यस्त रहने की उम्मीद है. आपके पास करने के लिए बहुत सारी चीजें हैं और आप इसे प्रबंधित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. अपने सभी कार्यों से निपटने का सबसे आसान तरीका एक टू-डू लिस्ट बनाकर पहले जो आपके लिए आवश्यक हों उसे प्राथमिकता दें. इस तरह आपके पास पूरे दिन का पालन करने के लिए एक संरचना होगी और चीजें गड़बड़ नहीं होंगी.
28 अप्रैल 2020: आप किसी ऐसे व्यक्ति को याद कर सकते हैं जिसके साथ आपकी दोस्ती थी. आपके लिए मिथुन राशि की सबसे अच्छी बात, अतीत को भूलकर आगे बढ़ना होगा. उस व्यक्ति को अपने दोबारा दोस्ती करें. किसी ऐसे दोस्त को मत खोइए जिसे आपका दिल जाने नहीं दे.
28 अप्रैल 2020: आज आपके द्वारा किए गए कार्य भविष्य के लिए फायदेमंद होंगे. अभी आप नहीं सोच सकते कि वे महत्वपूर्ण हैं लेकिन आपके द्वारा बनाए गए कनेक्शन आपकी जरूरत के समय में आपकी मदद करने जा रहे हैं. आज किसी भी परिस्थिति में भीड़ वाली जगह पर बिल्कुल भी ना जाएं.
28 अप्रैल 2020: यदि आप जो चाहते हैं उसके बारे में बहुत अधिक दबंग हैं तो लोग आपकी मदद करने में थोड़ा सशंकित हो सकते हैं. आदेशों को इधर-उधर फेंकने के बजाय, अन्य लोगों के सुझाव मांगें और फिर अपनी राय उनके सामने रखें. एक टीम के रूप में चीजें करें, न कि बॉस के रूप में.
28 अप्रैल 2020: आपका क्षति नियंत्रण कौशल आज सबसे बड़ा साबित होने जा रहा है. लोग जरूरत के समय में आपके पास सलाह लेने आएंगे. आपसे उन्हें सबसे अच्छी सलाह मिलती है. हालांकि अपनी खुद की सलाह का पालन करना न भूलें और अपने जीवन को वापस ट्रैक पर लाएं.
28 अप्रैल 2020: आप आज बहुत रचनात्मक रूप से प्रेरित होने जा रहे हैं. यदि कोई कला, या पुस्तक, या संगीत है, जिस पर आप काम कर रहे हैं तो आज का दिन इसे प्राप्त करने का सबसे अच्छा दिन है. आपके मन में आज बहुत सारे विचार आने वाले हैं, उन पर अमल करने की योजना बनाएं.
28 अप्रैल 2020: हो सकता है कि चीजें आपके अनुसार नहीं चल रही हों लेकिन यह ठीक है. एक बदलाव के लिए, ब्रह्मांड को अपने जीवन के नियंत्रण में रहने दें. कभी-कभी नियंत्रण छोड़ना सबसे अच्छी बात है जो आप अपनी उत्पादकता और मानसिक पवित्रता दोनों के लिए कर सकते हैं.
28 अप्रैल 2020: आपकी राय आज दूसरों के लिए बहुत मायने रखने वाली है. लोग आपको देखेंगे और जवाब के लिए आपके पास आएंगे. आप गुरु की तरह माने जाएंगे. अपने नेतृत्व कौशल का उपयोग करना सुनिश्चित करें ताकि आप उन सभी प्रश्नों के लिए तैयार हों जो लोग आपके ऊपर फेंकने जा रहे हैं.
28 अप्रैल 2020: आज आप विशेष रूप से मंडी महसूस कर सकते हैं. यह सब कुछ आपके आसपास होने के कारण हो सकता है. आपको वह अधिकार नहीं मिल रहा है जो आप चाहते हैं और हकदार हैं. लेकिन याद रखना धैर्य एक गुण है, बस इस बात पर पकड़ बनाए रखें कि आप क्या चाहते हैं जो आपको मिल रहा है, लेकिन यह बस थोड़ी देर लेने वाला है.
28 अप्रैल 2020: आज आपके चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा रहने वाली है. आप ऊर्जावान और शांत महसूस करेंगे. इस दिन को एक शक्ति दिवस के रूप में उपयोग करें ताकि आप उन सभी कार्यों को पूरा कर सकें जो आप अगले दिन के लिए छोड़ रहे हैं. जब आपके पास ऊर्जा हो और शिथिलता न हो तो बेहतर है.
28 अप्रैल 2020: एक नया खेल शुरू करने और उसे अपनाने के लिए एक अच्छा दिन है. आप हमेशा सोफे पर बैठकर टीवी नहीं देख सकते. आपको थोड़ा व्यायाम करने की आवश्यकता है. यदि आप सैर-सपाटे के लिए बाहर जाने का मन है तो ऐसा ना करें. घर में ही रहकर व्यायाम करें.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/04/rashifal-3.jpg400700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-04-28 02:19:022020-04-28 02:21:09आज का राशिफल
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/04/AGB0557-1.jpg407600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-04-28 01:55:332020-04-28 01:56:05आज का पंचांग
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