पंचकुला पुलिस न केवल खाने का वितरण करवा रही अपितु शहर को सेनेटाइज़ भी कर रही है

पंचकूला 11 अप्रैल :-

लॉकडाउन के इस माहौल में गरीब और असहाय लोगों की मदद करने में पुलिस अहम रोल अदा कर रही है। जिला पंचकुला मे पुलिस खाना बनवाकर गरीब, बेघर और जरूरतमंद लोगों को बांट रही है।

पुलिस के उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार सभी थानाध्यक्षों और पुलिस की गाडियों को सूचित किया गया है कि कहीं भी भूखा व्यक्ति मिलता है तो एनजीओ की मदद से या फिर स्वयं के स्तर पर उनकी मदद करें तथा उनके खाने का प्रबंध करें । इन्ही आदेशो के अनुसार हर थाना प्रबंधक द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्र मे ऐसे लोगो को खाना, राशन तथा जरूरत का सामान मुहैया करवाया जा रहा है।

  • थाना प्रभारी सैक्टर-14 ने थाने मे लंगर की भी व्यस्था की तथा सैक्टर-14 की झुग्गियों मे खाना बांटा।
  • थाना प्रभारी सैक्टर-20 द्वारा सैक्टर-20 की झुग्गियों तथा आशियानां मे गरीबो मे खाना बाटां गया \। प्रबंधक महिला थाना द्वारा ‘स्पैशल कम्युनिटी किचन’ मे खाना तैयार करवाकर नाडा साहिब की झुग्गियों मे खाना बांटा
  • सैक्टर-28 आशियाना मे खाने का राशन बांटा । थाना प्रभारी चण्डीमंदिर द्वारा गांव चण्डी कोटला तथा गांव बणा मे गरीबों मे खाना बांटा गया।
  •  इंचार्ज पुलिस चौकी सैक्टर-16 पंचकुला द्वारा गांव बुढनपुर, राजीव कालॉनी, इन्द्रा कालॉनी तथा सैक्टर-16 व 17 मे गरीबों मे खाना तथा खाने का राशन बांटा गया।
  •  इंचार्ज पुलिस चौकी सैक्टर-19 पंचकुला द्वारा आशियाना सैक्टर-19 पंचकुला मे राशन बाटां।
  •  इसके अतिरिक्त वेलफेयर इंस्पैक्टर सुशील कुमार ने सैक्टर-2, सैक्टर-4, सैक्टर-4, गांव मदनपुर, आशियाना तथा मल्लाह मोड पर जरूरतमंदो मे खाना बांटा तथा शहर मे लगाए गये पुलिस नाकों पर पी0पी0ई0 किट बांटी गई ।

 जिला पंचकुला मे हर रोज पुलिस द्वारा गरीब लोगो तथा जरूरतमंदो को खाना बांटा जा रहा है तथा हर रोज कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव के लिए सैनेटाईज भी कराया जा रहा है । 11 अप्रैल को लगभग 4530 खाने के पैकेट बांटे गये । इसके अतिरिक्त हिप्पोक्लोराइड सैनिटाईजर क्लोरिन से पुलिस लाईन पंचकुला, परिवहन शाखा पुलिस लाईन पंचकुला व टैलिकॉम लाईन पंचकुला को सैनिटाईज किया गया । 

गुरुद्वारे में बीड़ी -सिगरेट के वितरण पर शियद पंचकुला ने जताया रोष

पंचकुला – 11अप्रैल:

शिरोमणि अकाली दल पंचकूला कल की गुरुद्वारा नाडा साहब के आइसोलेशन सेंटर की खिड़कियों से पैसे फेंकने और बीड़ी सिगरेट सप्लाई की इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता है। प्रशासन से अनुरोध करता है कि अगर यह उनके कंट्रोल से बाहर है तो हम अपने धार्मिक स्थानों पर बीड़ी सिगरेट की इजाजत नहीं देंगे, कृपया ईनको यहां से कहीं और शिफ्ट किया जाए और दीपक नाम का लड़का जो इनका सप्लायर बताया जाता है, झुग्गियों में रहता है और संक्रमण को बढ़ावा देने में इनकी मदद कर रहा है। उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उस पर भी हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए, और शिरोमणि अकाली दल पंचकूला का प्रशासन से अनुरोध है कि इनके सभी मोबाइल फोन जब्त करने चाहिए जिसके माध्यम से यह अपने सप्लायर्स के लिंक में है।

शिरोमणि अकाली दल पंचकूला की पंचकूला प्रशासन के डीसी साहब और हेल्थ के अफसरों से निवेदन है कि इसको तुरंत प्रभाव से बंद करके कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और यहां पर कैमरो का इंतजाम करके इन पर नजर रखनी चाहिए बड़ी हैरानी की बात है कि कंटोनमेंट जोन घोषित होने के बाद भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, दीपक नाम के सप्लायर की कड़ी जांच करके इसकी पृष्ठभूमि को खंगाला जाए इसकी जांच करवाई जाए कि यह भी इनके साथ तो नहीं मिला हुआ, शिरोमणि अकाली दल इस विषय पर गुरुद्वारा मैनेजमेंट और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हाईकमान से भी बात करेगा

चांदनी महल इलाके से निकले गए 102 जमातियों में से 52 कोरोना संक्रमित

  • चांदनी महल इलाके से 102 जमातियों को निकाला था
  • इनमें 52 कोरोना पॉजिटिव हैं, इलाका होगा सैनिटाइज

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमितों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है. इस बीच, पुरानी दिल्ली के चांदनी महल इलाके की 13 मस्जिदों से 102 जमातियों को निकाला गया था. इनमें अब 52 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

नई दिल्ली(ब्यूरो): 

कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़ी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल 6 अप्रैल को दिल्ली के चांदनी महल इलाके की 13 मस्जिदों से 102 जमातियों को निकाला गया था. जिसमें से 52 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मस्जिदों से निकाले गए बहुत से जमाती निजामुद्दीन मरकज के बताए जा रहे हैं. इनमें विदेशी भी हैं.

बता दें कि चांदनी महल इलाके की मस्जिदों से निकाले गए लोगों में से 3 दिन के अंदर 3 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. 6 अप्रैल को इन सभी लोगों को चांदनी महल इलाके की अलग-अलग 13 मस्जिदों में से निकालकर गुलाबी बाग के क्वारंनटाइन सेंटर में रखा गया था.

52 लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद DM ने सख्त आदेश दिए हैं कि पूरे इलाके को तुरंत सील किया जाए और जरूरी सामान घर तक पहुंचाया जाए. पूरे इलाके को सैनिटाइज करने के लिए भी कहा गया है. उन लोगों को भी पहचान करने की कोशिश की जा रही है जो इनके कॉन्टेक्ट में आए हैं. इसके अलावा DM ने कहा है कि इलाके के लोगों के डोर टू डोर सैंपल लिए जाएं.

बता दें कि इन जमातियों को जिन मस्जिदों से निकाला गया था उनके नाम- कीकर वाली मस्जिद, छोटी मस्जिद, बड़ी मस्जिद फासिल रोड, हौजवाली मस्जिद, मौलवी अब्दुल गनी मस्जिद, पठानवाली मस्जिद, मोटी मस्जिद फाटक तेलियान, मस्जिद सैयदरफाई, मस्जिद तेलियानवाली, मस्जिद चमनवाली, मस्जित छत्ता लाल मियां, मस्जिद चांदवाली, मस्जिद मुस्तफा और छोटी मस्जिद हैं.

दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होने वाले कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से हड़कंप मच गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले विभिन्न राज्यों के लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हुई. कई लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने से जान भी गंवानी पड़ी.

बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमण की रफ्तार थम नहीं रही है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अब दिल्ली में 30 कंटेनमेंट जोन चिन्हित किए गए हैं. यहां और सख्ती बरती जाएगी और कड़ी निगरानी रखी जाएगी और किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं होगी. दिल्ली में भी लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है. वहीं अब तक दिल्ली में कोरोना वायरस के 900 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं.

स्टेट बैकं एस सी एस टी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन ने विभिन्न झुग्गी झोपड़ी बस्तियों मे 1200 खाने के पैकट वितरित किए

पंचकुला – 11 अप्रैल:

भारतीय स्टेट बैकं एस सी एस टी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन पंचकुला माड्यूल की ओर से पंचकुला जिले में सकेतडी़ एवं पंचकुला की विभिन्न झुग्गी झोपड़ी बस्तियों मे 1200 खाने के पैकट वितरित किए गए!  यह खाना उन लोगों मे वितरण किया गया जो कोरोना के प्रभाव से लोकडाउन के चलते अपनी दिनचर्या की दिहाड़ी करने मे असमर्थ है जिनके मुख्य रूप से दिहाडी़दार मजदूर, घरो में काम करने वाले, गाडी़ धुलने वाले एवं कपड़े प्रैस करने वाले मजदूर वर्ग के लोग शामिल है!  एसोसिएशन की तरफ से ये पैकेट लेबर कमीशनर व मुनीशिपल कमीशनर को भेंट किए गए!  एसोसिएशन की ओर से प्रेम पवार,  बलजीत कौर, संदीप पूनीया, गुरप्रीत सिंह, प्रवीन कुमारी व सुशील अटवाल मोजूद रहे

जापान और अमेरिका के बाद क्या कोरोना त्रस्त राष्ट्र चीन से आर्थिक दूरी(Economic Distancing) बनाएँगे?

चीन की गलती के कारण विश्व में फैली करो ना वायरस के चलते अब दुनिया भर के देशों में मंदी का साया मंडराने लगा है। काफी समय लोग डाउन के कारण हर दिन लाखों करोड़ों का नुकसान हो रहा है। बिगड़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए अब दुनिया भर के देशों ने चीन पर ही इस वायरस को फैलाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने जहां चीन पर कानूनी कार्रवाई और मुकदमा करने की मांग की है वहीं भारत में अब चीनी सामानों का बहिष्कार की आवाज उठने लगी है। योग गुरु रामदेव ने दुनिया भर में फैले कोरोनावायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। योग गुरु ने कहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चीन का राजनीतिक और आर्थिक रूप से बहिष्कार करना चाहिए चीन का आर्थिक बहिष्कार भारत की जनता द्वारा उपयोग किया जाने वाला ऐसा हथियार है, जो युद्ध से भी ज्यादा प्रभावशाली है।

दुनिया के तमाम बड़े बड़े देश अब चीन पर अपनी निर्भरता कम या फिर पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं और इसकी शुरुआत जापान और अमेरिका ने कर दी है लेकिन सवाल ये है कि अगर बड़ी बड़ी कंपनियां चीन छोड़ देती हैं तो इससे दुनिया के किन देशों को फायदा होगा ? और चीन के मुकाबले कौन से देश नया विकल्प बन सकते हैं.

दिल्ली ब्यूरो:

आप इसे चीन की लापरवाही कहिए या फिर साजिश लेकिन सच ये है कि एक देश की वजह से आज पूरी दुनिया जीवन और मृत्यु के एक ऐसे चक्र में फंस गई है जिससे बाहर निकलने की कोई सूरत फिलहाल दिखाई नहीं दे रही लेकिन इसके लिए चीन को क्या सज़ा दी जानी चाहिए? पूरी दुनिया इस समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रही है लेकिन क्या चीन को सबक सिखाने के लिए दुनिया को उसके साथ ECONOMIC DISTANCING करनी चाहिए ? यानी क्या दुनिया को चीन का आर्थिक बहिष्कार करना चाहिए?

दुनिया के दो देशों ने इस पर काम शुरू कर दिया है. जापान और अमेरिका अब चीन को उसके कर्मों की सज़ा देने की कोशिश कर रहे हैं . इस हफ्ते मंगलवार को जापान ने एक बहुत बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. ये आर्थिक पैकेज 75 लाख करोड़ रुपये का है. ये जापान की कुल जीडीपी का 20 प्रतिशत है. आगे बढ़ने से पहले आप इस विषय पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का ये बयान सनिए: 

कहा जा रहा है कि शिंजो आबे ने इतने बड़े पैकेज का ऐलान करके जापान को संदेश देने की कोशिश की है क्योंकि इस राहत पैकेज के जरिए जापान अपनी बड़ी बड़ी कंपनियो और फैक्ट्रियों को चीन से वापस बुलाना चाहता है. जापान की जो कंपनियां ऐसा करेंगी उन्हें सरकार इस राहत पैकेज के तहत आर्थिक मदद देगी जो कंपनियां जापान वापस आएंगी उनके लिए 15 हज़ार करोड़ रुपये और जो कंपनियां चीन के छोड़कर किसी और देश में जाएंगी उनके लिए 1600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. जापान ने अपनी कंपनियों को साफ साफ दिया है कि वो चीन को छोड़कर किसी भी देश में जाने के लिए स्वतंत्र हैं.

चीन से अमेरिकी कंपनियों का पलायन भी शुरू हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी की वजह से कई कंपनियां अब चीन छोड़ने पर मजबूर हैं . चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार यानी व्यापार युद्ध भी चल रहा है और यही वजह है कि पिछले वर्ष अमेरिका की करीब 50 कंपनियों ने पिछले साल ही चीन को गुड बाय कह दिया था और इस साल चीन छोड़ने वाली अमेरिकी कंपनियों की संख्या तेज़ी से बढ़ सकती हैं. कंसल्टिंग फर्म KEARNEY के मुताबिक चीन के प्रति अब दुनिया भर की कंपनियों का रवैया बदलने लगा है .

अब ये कंपनियां चाहती हैं कि वो दुनिया के अलग अलग देशों में कारोबार करे और अपनी फैक्ट्रियां लगाएं ताकि चीन पर निर्भरता को कम किया जा सके. दरअसल, चीन पिछले कई दशकों से दुनिया की फैक्ट्री बना हुआ , आपके जीवन से जुड़ी कई छोटी बड़ी चीज़ें भी चीन से ही बनकर आती है . लेकिन कोरोना वायरस की वजह से जब चीन में उत्पादन ठप हुआ तो पूरी दुनिया को ये समझ आ गया है कि चीन पर निर्भर रहने का अर्थ है अपनी ज़रूरतों से समझौता करना. दुनिया के करीब 400 करोड़ लोग इस समय लॉकडाउन में हैं और अगर कंपनियां चीन से माल खरीद ही नहीं पाएंगी तो इन 400 करोड़ लोगों तक जरूरत का सामान पहुंचेगा कैसे?

इसलिए दुनिया के तमाम बड़े बड़े देश अब चीन पर अपनी निर्भरता कम या फिर पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं और इसकी शुरुआत जापान और अमेरिका ने कर दी है लेकिन सवाल ये है कि अगर बड़ी बड़ी कंपनियां चीन छोड़ देती हैं तो इससे दुनिया के किन देशों को फायदा होगा ? और चीन के मुकाबले कौन से देश नया विकल्प बन सकते हैं.

दुनिया में फिलहाल 5 ऐसे देश हैं जो चीन की जगह ले सकते हैं. इसमें पहला नाम भारत का है. भारत चीन के पैमाने पर ही लेबर फोर्स मुहैया करा सकता है क्योंकि आबादी के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है और चीन की ही तरह भारत में भी श्रम लागर बहुत कम है. दूसरे नंबर पर वियतनाम है जो कोरोना वायरस के संकट से पहले भी अमेरिका को करीब 5 हज़ार तरह के उत्पाद बेच रहा था. इसके अलावा थाइलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया को भी इससे काफी फायदा हो सकता है, क्योंकि इन देशों की आबादी भी अच्छी खासी है और इन देशों में भी श्रम लागत काफी कम है और इन पांचों देशों के पास सस्ते दामों पर कच्चा माल भी उपलब्ध है.

फिलहाल चीन दुनिया की फैक्ट्री है. आपके मोबाइल फोन से लेकर दीवाली पर लगाई जाने वाली लाइटें तक चीन में ही बनती है . चीन बड़ी सैन्य शक्ति ही नहीं बल्कि एक बड़ी आर्थिक शक्ति भी है इसलिए किसी भी बड़े देश की कंपनियों के लिए चीन छोड़ने का फैसला आसान नहीं है लेकिन यहां आपको ये भी समझना चाहिए कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में खुद को इतना सक्षम बनाया कैसे ? और उसकी उपलब्धियां क्या हैं.

चीन 70 वर्षों में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सक्षम रहा है. चीन का लक्ष्य इस वर्ष के अंत तक अपने देश से गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है. पिछले 70 वर्षों में हर 8 साल के दौरान चीन की अर्थव्यस्था का आकार दोगुना होता रहा है .

वर्ष 2050 तक चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिकी से दोगुनी हो जाएगी, हालांकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन ये चमत्कार 2030 से पहले भी कर सकता है. हालांकि, चीन को अभी भी एक विकासशील देश माना जाता है. लेकिन ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है जब कोई विकासशील देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है.

ये भी सच है कि चीन ने आर्थिक तरक्की का सफर 70 वर्ष पहले नहीं बल्कि सिर्फ 42 साल पहले शुरू किया था. 1978 में चीन में डेंग ज़ाओपिंग सत्ता में आए और उन्होंने उदारीकरण की शुरुआत की, यानी चीन ने दुनिया के लिए अपने दरवाज़े भारत से 13 वर्ष पहले खोल लिए थे. भारत में आर्थिक उदारीकरण का दौर 1991 में शुरु हुआ था.

1978 में चीन की अर्थव्यवस्था सिर्फ 150 बिलियन डॉलर्स यानी आज के हिसाब से 10 लाख करोड़ रुपये थी . चीन की अर्थव्यवस्था 1997 में बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर्स यानी 73 लाख करोड़ रुपये हो गई . और आज चीन की अर्थव्यवस्था भारत से कई गुना ज्यादा बड़ी है जिसका आकार करीब 14 ट्रिलियन डॉलर्स का है. ये 1100 लाख करोड़ रुपये के बराबर है . ये भारत की अर्थव्यवस्था से करीब 5 गुना ज्यादा है.

वर्ष 1980 में चीन विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का सदस्य बना और चीन में चार स्पेशल इकोनोमिक जोन बनाए गए. दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां चीन आने लगीं, क्योंकि चीन में श्रम लागत बहुत कम है. इसलिए चीन कुछ ही वर्षों में दुनिया की फैक्टरी बन गया. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक Deng Xiaoping (डेंग ज़ाओपिंग) ने एक बार कहा था कि समाजवाद का मतलब गरीबी नहीं है, अमरी होना भी यशस्वी होने के बराबर है.

आज चीन सिर्फ आर्थिक तौर पर ही नहीं बल्कि सैन्य और कूटनीतिक तौर पर भी दुनिया के शक्तिशाली देशों में शामिल है जो काम डेंग जाओपिंग ने शुरू किया था उसे आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन शी ये काम कैसे कर रहे हैं और कैसे उनके इस उद्देश्य में चीन की संस्कृति उनकी मदद कर रही है ये आपको समझना चाहिए. आधुनिक इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब दुनिया की किसी सुपर पावर का संबध पश्चिम से नहीं पूर्व से है. आज हम आपको चीन के आर्थिक विकास में छिपे खतरों के बारे में भी बताएंगे लेकिन पहले आपको ये समझना चाहिए कि चीन ने 40 वर्षों में ये चमत्कार आखिर किया कैसे?

1978 तक चीन में महानदार्शनिक Confucius मूल्यों को बहुत महत्व दिया जाता था. इन मूल्यों में मानवता, ज्ञान, एकजुटता, वफादारी, और सही आचरण जैसी बातें शामिल थी . लेकिन चीन की कम्युनिस्ट सरकारों ने धीरे-धीरे इन मूल्यों को आधुनिकता के साथ जोड़ने का काम शुरु किया और इस विकास यात्रा में कुछ मूल्यों को सिरे से भूला भी दिया गया .

एतिहासिक तौर चीन में हमेशा से शासन करने वालों को बहुत सम्मान दिया जाता रहा है. चीन की संस्कृति के मुताबिक वहां शासक को एक संरक्षक माना जाता है. यानी चीन के पारिवारिक मूल्यों में भी सत्ता का प्रभाव अक्सर दिखाई देता है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में सरकार और समाज को एक ही यूनिट माना जाता है.

इसलिए वहां की सरकार जब सख्त नियम लागू करती है, तो ज्यादातर लोग इनका विरोध नहीं करते, बल्कि ये मान लेते हैं कि ये नियम घर के किसी बड़े ने उनको लाभ पहुंचाने के लिए तय किए हैं. यानी चीन में सत्ता को बहुत शक्तिशाली माना जाता है और उसके खिलाफ जाने की हिम्मत कोई नहीं करता. कोरोना वायरस के दौर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा लिए गए फैसले भी इसी अनुशासन का उदाहरण है. शी ने खुद को चीन की सत्ता का केंद्र बना लिया है और वो आने वाले कई वर्षों तक चीन के लोगों के इस अनुशासन के दम पर राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं .

अब आपको चीन की कमज़ोरियों को भी समझना चाहिए. चीन की सबसे बड़ी कमज़ोरी है वहां विपक्ष और लोकतंत्र का अभाव. ये चीन की विकास यात्रा का वो पहलू है जिससे भारत ने हमेशा बचने की कोशिश की है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और एक लोकतंत्र की विशेषता ये होती है कि वहां सब की बात सुनी जाती है. विपक्ष को भी अहमियत दी जाती है. लोगों की राय का सम्मान किया जाता है. विरोध प्रदर्शन को दबाया नहीं जाता, बल्कि इसे लोकतंत्र की ताकत माना जाता है. हालांकि इसकी वजह से कई बार विकास की रफ्तार धीमी हो जाती है . लक्ष्य वक्त पर हासिल नहीं हो पाते . इसलिए कुछ लोग इसे डेमोक्रेसी टैक्स भी कहते हैं. चीन में अमीर और गरीबों के बीच की खाई पहले से भी बड़ी हो गई है. चीन के ग्रामीण इलाकों में ये असमानता बहुत ज्यादा है और चीन की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा आज भी कम कुशल है . यानी इनकी काम करने कुशलता बहुत कम है. हालांकि चीन को कभी एशिया के सबसे गरीब और दरिद्र देशों में शामिल किया जाता था, लेकिन आज चीन दुनिया की महाशक्ति बन गया है.

अब यहां आपको चीन से जुड़ा एक एतिहासिक पहलू बताते हैं . चीन में सरकार और शक्तिशाली लोगों के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों को सज़ा देने का इतिहास रहा है और जो लोग महामारियों से जुड़ा सच बताते हैं उन्हें भी कई बार मौत के घाट उतार दिया जाता है.

उदाहरण के लिए चीन के जिस डॉक्टर Li Wenliang (ली वेनलियांग) ने सबसे पहले कोरोना वायरस के खतरे से आगाह किया था उन्हें चीन की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और बाद में उनकी कोरोना वायरस से ही मौत हो गई. 2002 में SARS Virus के बारे में बताने वाले सर्जन को भी 45 दिनों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था. 

2008 में चीन में एक व्यक्ति ने दूध कंपनियों के भ्रष्टाचार को उजागर किया था. ये कंपनियां दूध में खतरनाक केमिकल की मिलावट कर रही थी जिसकी वजह से 54 हज़ार बच्चों को अस्पताल में भर्ति कराना पड़ा था लेकिन ये खुलासा करने वाले Whistel Blower की भी चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई .

लेकिन चीन में सच कहने वालों को सज़ा देने का इतिहास बहुत पुराना है . ढाई हज़ार साल पहले महान दार्शनिक Confucius के एक शिष्य Zhong You ने जब भ्रष्टाचार के मामले को उजागर किया तो उसकी

भी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी . कहा जाता है कि Zhong You के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए थे और कहा जाता है कि इसके बाद Confucius ने जीवन में फिर कभी मांस को हाथ नहीं लगाया. यानी Confucius से लेकर Communism तक चीन का इतिहास तो बदलता रहा लेकिन उसकी जन विरोधी प्रथाएं नहीं बदलीं.

सती अनुसूया की जयंती पर विशेष

अनसूया प्रजापति कर्दम और देवहूति की 9 कन्याओं में से एक तथा अत्रि मुनि की पत्नी थीं। उनकी पति-भक्ति अर्थात सतीत्व का तेज इतना अधिक था के उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उसके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें ‘सती अनसूया’ भी कहा जाता है। सती अनसूया ने राम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है।

बाल रूप में त्रिदेवों पर अपना ममत्व उंढेलतीं माता अनुसूया

अत्रि ऋषि की पत्नी और सती अनुसूया की कथा से अधिकांश धर्मालु परिचित हैं। उन की पति भक्ति की लोक प्रचलित और पौराणिक कथा है। जिसमें त्रिदेव ने उनकी परीक्षा लेने की सोची और बन गए नन्हे शिशु

एक बार नारदजी विचरण कर रहे थे तभ तीनों देवियां मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती को परस्पर विमर्श करते देखा। तीनों देवियां अपने स तीत्व और पवित्रता की चर्चा कर रही थी। नारद जी उनके पास पहुंचे और उन्हें अत्रि महामुनि की पत्नी अनुसूया के असाधारण पातिव्रत्य के बारे में बताया। नारद जी बोले उनके समान पवित्र और पतिव्रता तीनों लोकों में नहीं है। तीनों देवियों को मन में अनुसूया के प्रति ईर्ष्या होने लगी। तीनों देवियों ने सती अनसूया के पातिव्रत्य की परीक्षा लेने के लिए अपने पतियों को कहा, तीनों ने उन्हें बहुत समझाया पर पर वे राजी नहीं हुई।

इस विशेष आग्रह पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने सती अनसूया के सतित्व और ब्रह्मशक्ति परखने की सोची। जब अत्रि ऋषि आश्रम से कहीं बाहर गए थे तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ने यतियों का भेष धारण किया और अत्रि ऋषि के आश्रम में पहुंचे तथा भिक्षा मांगने लगे।

अतिथि-सत्कार की परंपरा के चलते सती अनुसूया ने त्रिमूर्तियों का उचित रूप से स्वागत कर उन्हें खाने के लिए निमंत्रित किया।

लेकिन यतियों के भेष में त्रिमूर्तियों ने एक स्वर में कहा, ‘हे साध्वी, हमारा एक नियम है कि जब तुम निर्वस्त्र होकर भोजन परोसोगी, तभी हम भोजन करेंगे।’ 

अनसूया अस मंजस में पड़ गई कि इससे तो उनके पातिव्रत्य के खंडित होने का संकट है। उन्होंने मन ही मन ऋषि अत्रि का स्मरण किया। दिव्य शक्ति से उन्होंने जाना कि यह तो त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। 

मुस्कुराते हुए माता अनुसूया बोली ‘जैसी आपकी इच्छा’, तीनों यतियों पर जल छिड़क कर उन्हें तीन प्यारे शिशुओं के रूप में बदल दिया। सुंदर शिशु देख कर माता अनुसूया के हृदय में मातृत्व भाव उमड़ पड़ा। शिशुओं को स्तनपान कराया, दूध-भात खिलाया, गोद में सुलाया। तीनों गहरी नींद में सो गए।

अनसूया माता ने तीनों को झूले में सुलाकर कहा- ‘तीनों लोकों पर शासन करने वाले त्रिमूर्ति मेरे शिशु बन गए, मेरे भाग्य को क्या कहा जाए। फिर वह मधुर कंठ से लोरी गाने लगी। उसी समय कहीं से एक सफेद बैल आश्रम में पहुंचा, एक विशाल गरुड़ पंख फड़फड़ाते हुए आश्रम पर उड़ने लगा और एक राजहंस कमल को चोंच में लिए हुए आया और आकर द्वार पर उतर गया। यह नजारा देखकर नारद, लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती आ पहुंचे।

 नारद ने विनयपूर्वक अनसूया से कहा, ‘माते, अपने पतियों से संबंधित प्राणियों को आपके द्वार पर देखकर यह तीनों देवियां यहां पर आ गई हैं। यह अपने पतियों को ढूंढ रही थी। इनके पतियों को कृपया इन्हें सौंप दीजिए।’ 

अनसूया ने तीनों देवियों को प्रणाम करके कहा, ‘माताओं, झूलों में सोने वाले शिशु अगर आपके पति हैं तो इन्हें आप ले जा सकती हैं।’ लेकिन जब तीनों देवियों ने तीनों शिशुओं को देखा तो एक समान लगने वाले तीनों शिशु गहरी निद्रा में सो रहे थे। इस पर लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती भ्रमित होने लगीं। 

नारद ने उनकी स्थिति जानकर उनसे पूछा- ‘आप क्या अपने पति को पहचान नहीं सकतीं? जल्दी से अपने-अपने पति को गोद में उठा लीजिए।’ देवियों ने जल्दी में एक-एक शिशु को उठा लिया। वे शिशु एक साथ त्रिमूर्तियों के रूप में खड़े हो गए। तब उन्हें मालूम हुआ कि सरस्वती ने शिवजी को, लक्ष्मी ने ब्रह्मा को और पार्वती ने विष्णु को उठा लिया है। तीनों देवियां शर्मिंदा होकर दूर जा खड़ी हो गईं। ती नों देवियों ने माता अनुसूया से क्षमा याचना की और यह सच भी बताया कि उन्होंने ही परीक्षा लेने के लिए अपने पतियों को बाध्य किया था। फिर प्रार्थना की कि उनके पति को पुन: अपने स्वरूप में ले आए। 

तीनों देवियों को उनए पतियों से मिलवाती हुईं सती अनुसूया

माता अनसूया ने त्रिदेवों को उनका रूप प्रदान किया। तीनों देव सती अनसूया से प्रसन्न हो बोले, देवी ! वरदान मांगो। त्रिदेव की बात सुन अनसूया बोलीः- “प्रभु ! आप तीनों मेरी कोख से जन्म लें ये वरदान चाहिए।

तभी से वह मां सती अनुसूया के नाम से प्रख्यात हुई तथा कालान्तर में भगवान दतात्रेय रूप में भगवान विष्णु का, चन्द्रमा के रूप में ब्रह्मा का तथा दुर्वासा के रूप में भगवान शिव का जन्म माता अनुसूया के गर्भ से हुआ। मतांतर से ब्रह्मा के अंश से चंद्र, विष्णु के अंश से दत्त तथा शिव के अंश से दुर्वासा का जन्म हुआ। 

Face masks being donated by SBI R-SETI Doda to Distt Admin

Today Ist consignment of face masks prepared by SBI R-SETI Doda handed over to Distt: Administration received by BDO Bhalla and Marmat. Many more consignments be handed over to the Administration in the days to come.

Entire Banking fraternity and R-SETI has pledged to shoulder its all related responsibilities in the Distt.

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आज का राशिफल

Aries

11 अप्रैल 2020: आपको कॉन्फिडेंस के कारण जोखिम भरे कामों में सफलता मिल सकती है. पैसों और बिजनेस के मामलों पर ध्यान देना होगा. करियर में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं. सामाजिक सम्मान भी बढ़ सकता है. पारिवारिक संबंधों में सुधार के योग बन रहे हैं. सेहत पर ध्यान दें. आपका खर्चा बढ़ सकता है.

Taurus

11 अप्रैल 2020: दिनभर कामकाज बहुत रहेगा. कुछ लोग आपसे अपना काम निकलवाने की कोशिश कर सकते हैं, सावधान रहें. मानसिक भटकाव के कारण काम पर ध्यान देने में कठिनाई होगी. ज्यादा न सोचें. अपने दिल की बातें पार्टनर से बिल्कुल न छिपाएं. शारीरिक रूप से ज्यादा नहीं,लेकिन मामूली परेशानियां जरूर रहेंगी.

Gemini

11 अप्रैल 2020: बिजनेस और नौकरी में परिवार से सहयोग मिलेगा. कार्यस्थल पर सोच-समझकर बोलें. उन्नति के रास्ते खुलेंगे. बिजनेस में फायदा होने के योग बन रहे हैं. घर में उपयोग होने वाली वस्तुएं खरीद सकते हैं. अपनी सोच सकारात्मक रखें. विश्वसनीय व्यक्ति का सहयोग भी मिलसकता है. आपका पार्टनर संवेदनशील मूड में रहेगा. आपकी भावनाओं का सम्मान होगा. आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

Cancer

11 अप्रैल 2020: नए बिजनेस की ओर आकर्षित होंगे. नौकरी में बदलाव का योग है. इनकम बढ़ सकती है. कोई पुरानी योजना अचानक याद आ सकती है और आप उस पर काम करने की कोशिश भी करेंगे. व्यवहारकुशलता से आपको अधिकारियों से सम्मान मिल सकता है. सेहत में भी सुधार हो सकता है. पुराने रोग दूर होंगे. कुछ नया करने की इच्छा भी होगी.

Leo

11 अप्रैल 2020:  बिजनेस में नई योजनाएं बन सकती हैं. रुका हुआ पैसा मिलने के योग बन रहे हैं. किसी से उधार पैसा भी लेना पड़ सकता है. आपकी कोशिशें सफल हो जाएगी. जो आपके लिए बहुत हद तक फायदेमंद हो सकती हैं. जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा. आज आपकी कोई इच्छा पूरी हो जाएगी. अविवाहित लोगों के लिए दिन अच्छा है.

Virgo

11 अप्रैल 2020: नौकरी और बिजनेस के फैसले भावनाओं में आ कर न लें. विवादों का सामना करना पड़ सकता है. कोई पुराना विवाद सामने आ सकता है. परिवार की समस्याएं बनी रहेंगी. मानसिक परेशानियां बढ़ सकती हैं. नजदीकी संबंधों में अचानक उलटफेर होने के योग हैं. इससे आप थोड़े परेशान जरूर हो सकते हैं.

Libra

11 अप्रैल 2020: कर्ज से छुटकारा मिल सकता है. अपने काम पर पूरी नजरे रखें. अधिकारियों से सहयोग मिलेगा. आज आपके लिए योजना बनाना मेहनत करने से भी ज्यादा कारगर साबित हो सकता है. आपके लिए परिवार, जमीन-जायदाद के मामले, दोस्त और रिश्तेदार बहुत खास हो सकते हैं. आपका व्यवहार पार्टनर को खुशी देगा. कुछ नया और सकारात्मक काम करेंगे, तो आप अपने जीवन में अच्छा खासा सुधार कर सकते हैं.

Scorpio

11 अप्रैल 2020: बिजनेस अच्छा चलेगा. आपका कोई खास काम पूरा हो सकता है. आपकी सेहत ठीक रहेगी. भौतिक सुख सुविधाओं की ओर आपका रुझान बढ़ेगा. व्यक्तिगत समस्याएं हल होंगी. निवेश की योजना बन सकती है. अचानक सूझने वाली बात या अचानक मिलने वाला कोई व्यक्ति आपको फायदा दे जाएगा. आपको आराम मिल सकता है.

Sagittarius

11 अप्रैल 2020: नौकरी में पदोन्नति की संभावना बन रही है. खुद का कोई बिजनेस है तो उस पर पूरा ध्यान रहेगा. बिजनेस और कामकाज से जुड़ी परेशानियां खत्म होंगी. फालतू परेशानियां खत्म हो सकती हैं. आपके लिए दिन अच्छा रहेगा. घर का माहौल आपके लिए खुशनुमा रहेगा. लव लाइफ और दाम्पत्य जीवन के लिए समय अच्छा है. थकान या तनाव की शिकायत भी हो सकती है.

Capricorn

11 अप्रैल 2020: आर्थिक मामलों में सुधार हो सकता है. नए कॉन्टैक्ट से फायदा हो सकता है. आपके कामकाज की तारीफ भी होगी. अचानक कहीं से धन लाभ भी हो सकता है. नौकरी में पदोन्नति की संभावना बन रही है. दाम्पत्य जीवन भी आपके लिए सुखद रहेगा. लव लाइफ के लिए दिन अच्छा रहेगा. भारी भोजन करने से परेशानी हो सकती है. सेहत को लेकर सावधान भी रहें.

Aquarius

11 अप्रैल 2020: बिजनेस में आत्मनिर्भरता रहेगी. नए लोगों से कॉन्टैक्ट बनेंगे. साथ के लोगों से सहयोग मिल सकता है. नए लोगों से भी अच्छे संबंध बनेंगे. आपकी आर्थिक स्थिति में जल्दी ही सुधार लाने में सफल रहेंगे. आपके सोचे हुए कामसमय पर पूरे हो जाएंगे. पुरानी समस्याओं का समाधान मिल सकता है. मौसमी बीमारियां भी हो सकती हैं.

Pisces

11 अप्रैल 2020: आज आप अपनी वाणी पर संयम रखें. अनियमित दिनचर्या के कारण आलस्य और थकान हो सकती है. कुछ छोटे कामों में परेशानियां रहेंगी. इनकम के अनुसार ही खर्चा करें तो अच्छा रहेगा. अपने आत्मविश्वास को नियंत्रण में रखना होगा. किसी बात पर थोड़ी बेचैनी भी हो सकती है. जोश में आकर नया निवेश न करें. कामकाज में परेशानियां बढ़ सकती हैं. आपकी सेहत सामान्य रहेगी.

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः वैशाख़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः चतुर्थी सांय 07.02 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः अनुराधा रात्रि 08.12 तक, 

योगः व्यातिपात रात्रि 11.19 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः मीन, 

चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 06.04, 

सूर्यास्तः 06.41 बजे।

नोटः आज श्री गणेश चतुर्थी व्रत एवं श्री सती अनुसूइया जयंती है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस हाजिर हों

टॉड यंग ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख को सीनेट बुलाने के लिए जो पत्र भेजा है, उसमें लिखा है कि कोरोना को संभालने को लेकर डब्ल्यूएचओ और उसके प्रमुख ने शुरुआत में चीन की तारीफ की, जो गलत है. साथ ही चीन की ओर से मिल रहे आंकड़ों को सच्चा माना. जबकि, पहले उसकी जांच करनी चाहिए थी.

सीनेटर टॉड यंग

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे विवाद का एक बड़ा हिस्सा विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के प्रमुख भी हैं. स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टड्रोस अधनोम घेब्रेसस एक बार फिर अमेरिका के निशाने पर हैं. इस बार अमेरिका की सीनेट ने उन्हें चीन की मदद करने के आरोप में गवाही देने के लिए पेश होने को कहा है

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार, अमेरिकी सीनेटर टॉड यंग ने WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस को अमेरिकी सीनेट की फॉरेन रिलेशंस सबकमेटी के सामने पेश होने को कहा है. डॉ. टेड्रोस से कहा गया कि आप सीनेट की इस सबकमेटी के सामने बताएंगे कि आपके संगठन ने कैसे इस महामारी को संभाला

आपको बता दें कि इस समय WHO प्रमुख डॉ. टेड्रोस अमेरिकी सीनेट में मौजूदा रिपब्लिकन्स सीनेटर्स और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार ये आरोप लगा रहे हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस महामारी पर चीन के साथ खड़ा था.

ट्रंप ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के झूठ में साथ दे रहे हैं. वहीं, टॉड यंग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के द्वारा फैलाई जा रही गलत जानकारियों को बढ़ावा दे रहे हैं. चीन की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं खुद भी डब्ल्यूएचओ प्रमुख के इस रवैये से बेहद नाराज हूं.

टॉड यंग ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख को सीनेट बुलाने के लिए जो पत्र भेजा है, उसमें लिखा है कि कोरोना को संभालने को लेकर डब्ल्यूएचओ और उसके प्रमुख ने शुरुआत में चीन की तारीफ की, जो गलत है. साथ ही चीन की ओर से मिल रहे आंकड़ों को सच्चा माना. जबकि, पहले उसकी जांच करनी चाहिए थी.

सीनेटर टॉड यंग ने कहा कि हमारी इंटेलिजेंस ने बताया है कि चीन कोरोना वायरस को संभालने में बुरी तरह से कमजोर साबित हुआ है. चीन ने दुनिया को सही आंकड़े नहीं बताएं हैं. न मरीजों के न ही मरने वालों के. चीन ने पूरी दुनिया से कोरोना के बारे में शुरू से ही झूठ बोला है.

टॉड यंग ने कहा कि चीन के इस काम में डब्ल्यूएचओ प्रमुख शुरुआत से ही मदद कर रहे थे. डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के साथ ऐसे खड़े थे जैसे कोई असिस्टेंट खड़ा रहता है. सिर्फ हां में हां मिलाता है.

टॉड यंग ने कहा कि हमने डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. टेड्रोस को अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंधी उपसमिति के सामने बुलाया है. यह समिति डब्ल्यूएचओ प्रमुख से यह जानने की कोशिश करेगी कि अगली बार से अमेरिका डब्ल्यूएचओ को पैसे दे तो किस तरह से दे. क्या पैसे दिए भी जाएं या नहीं. 

सीनेटर यंग को उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख सीनेट के सामने जरूर पेश होंगे. अपनी गवाही देंगे. क्योंकि अमेरिका संगठन को सबसे ज्यादा पैसा देती है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ की तरफ से अभी तक इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है