Rs. 14.5 donated to PU Dental College

Chandigarh March 13,

M/s Mohan Fiber Private Limited in their pursuit of Philanthropy has donated Rs.14.5 lakhs to Dr.Harvansh Singh Judge Institute of Dental  Sciences & Hospital, Panjab University, Chandigarh for upgradation of the Radiographic facilities which willpromote the welfare of the patients, here today. Promoters and Directors of M/s Mohan FiberPvt. Limited, Shri Krishan Kumar and Sh. Muneshwarji accompanied by Shri Madhukar Malhotra, Post District Governor, Rotary presented a cheque of Rs.14.5 lakhs which was received by Professor KaramjeetSingh, Registrar, Panjab University and Professor JagatBhushan, Principal-cum-Professor, Dr.Harvansh Singh Judge Institute of Dental Sciences & Hospital, Panjab University, Chandigarh.

 Dr.Jagat informed that this money would be utilized for digitalization of X-rays in two departments of the Dental Institute along with limited local networking and with suitable contribution from others, they would completing the networking for whole of the Institute which will be immense beneficial for the patients as it would reduce the time required for radiographic investigation as well as would help lot in preserving the records of the patients.

Professor Karamjeet Singh, Registrar acknowledged and appreciated this great gesture and thanked them on behalf of Panjab University, Chandigarh.  On this occasion, all the Professors of the Dental Institute were present.

Inaugural session of CHASCON-2019at PU

Chandigarh March 13,

13th Chandigarh Science Congress, CHASCON-2019  on the theme “Science and Technology for New India”  organized by Panjab University in association with Chandigarh Region Innovation and Knowledge Cluster (CRIKC), was inaugurated  by Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor Panjab University,here today.

Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor in his address while appreciating the conference organizers said that we need to carry out research on socially relevant aspects and build relation between Industry, Academia and Researchers. He wished for the success of the conference alongwith fruitful deliberations which could be converted into action plan. He proposed the idea of collaboration with International Institutes, International Bodies and bring more proposals to the Govt. to strengthen economic support system.

Prof. S.S. Patnaik, Director, National Institute of Technical Teachers Training and Research (NITTR), Chandigarh in his address urged the youth to aggressively “Think without Box”to meet the needs of challenging era.  He gave three mantras to the youth to achieve their goals i.e. Partnership builds Strength, Networking builds Wealth and Empowerment builds Progress. He asked the young scientists and researchers to be like a river finding their way through persistence and confidence.

        Earlier Prof. RajatSandhir, Deptt. of Biochemistry PU and CHASCON convener in his welcome address said that this conference is a platform for young and innovative students to enhance their research acumen through interaction with eminent scientists. He added that the theme this year is related to Science and Technology and is apt as these are the key elements in the economic growth of modern India. He further informed that 1200 plus participants are participating from all over India and around 800 research papers will be presented.

           On the occasion, E-souvenir was released by the dignitaries. Among those present on the occasion included former Vice Chancellor Prof. Arun K. Grover, PU Fellows, Deans, CRIKC members Chairpersons, Faculty, Researchers and Students.

Vishal Chillar murder case solved

Chandigarh Police successfully solved a recent murder case of Police Station, Sector-49, Chandigarh (Murder of Vishal Chillar, ex-student of DAV College, Sector-10, Chandigarh on 06.03.2019 in Sector-49) by arresting all of the seven (7) accused persons.

Facts of the case:

On 06.03.2019, case was registered on the complaint of Sh. Pankaj S/o Sh. Brij Bhushan R/o # 2813/1, Sec.49, Chandigarh in which he stated that Sudeep along with his accomplice attacked on him and his friends Vishal Chillar, Aashish, Meghal and others when they were sleeping in their house. In this attack, Vishal Chillar was killed and others were got injured. The accused party fled away from the spot and injured were taken to Hospital where Vishal Chillar was declared brought dead in PGI.

Arrest/Profile of accused.

On 08.03.2019, 5 accused i.e.

1) Rahul Manda S/o Zile Singh, Age-21 Years R/o New Police Lines, Hisar, Haryana,

2) Ramdeep Sheokand S/o Virender Singh, Age-21 Years R/o Madhuban Colony, Ward No. 12, Barwala, District-Hisar, Haryana,

3) Sumit Kumar S/o Ranbir Singh, Age-23 Years R/o Shiv Nagar, DCM Mill Gate, Hisar, Haryana

4) Sushil Kumar S/o Bal Kishan, Age-20 Years R/o Sunder Nagar, Barwala Road Hisar, Haryana and

5) Amandeep Nehra @ Bachi S/o Ajmer Singh, Age-21 Years R/o Vikas Nagar, Hisar, Haryana were arrested and vehicle/items used in crime were also recovered.

Yesterday, in the late evening, on receiving information that the remaining 2 accused i.e.

1) Sudeep Pahal S/o Bijender, Age-22 Years R/o Village-Bara Khurd, Near Gohana bypass Jind, Harynana and

2) Naveen Seharawat S/o Gulab Singh R/o Village-Badhmalik, District-Sonipat, Haryana , will reach in Chandigarh and their movement will be through Poultry Farm Chowk, Naka was laid by the police party headed by SI Virender Singh. SI Virender Singh. During checking, both accused Sudeep Pahal and Naveen Seharawat were apprehended and later on arrested after interrogation. Weapons used in the crime have also been recovered.

Reason of enmity:

Complainant party as well as accused party, both are involved in student politics and they had heated arguments during the elections times also. They are involved in verbal spat many times to make their impression among the students, which finally led to the present brawl on 06.03.2019.

बीती रात एलओसी पर पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान के दो लड़ाकू विमान देखे गए भारत का राडार सिस्टम हाई अलर्ट पर

सारी दुनिया में अपने आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेन द्वारा किए गए सटीक हमले के बाद अपना एफ़-16 गँवाने पर भी पाकिस्तान चेत नहीं रहा, सीमावर्ती क्षेत्रों में उसकी सामरिक हलचल और हवाई बेबकीय भारत की राडार की नज़र से बचीं नहीं हैं, सेना उसके किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है।

नई दिल्ली: बीती रात एलओसी पर पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान के दो लड़ाकू विमान देखे गए. भारतीय एयर डिफेंस के रडार ने इन्हें डिटेक्ट किया. इस घटना के बाद भारत का राडार सिस्टम हाई अलर्ट पर है.

इससे पहले,  27 फरवरी को पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने जम्मू एवं काश्मीर में भारतीय सीमा का उल्लंघन किया था. भारतीय वायुसेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान का एक लड़ाकू विमान भी मार गिराया था. पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सीमा पर संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन करने के कारण बुधवार को भारत ने सीमा पार व्यापार को रोक दिया. 

जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना किसी उकसावे के मोर्टार से गोले दागे जाने और छोटे हथियारों से फायरिंग कर संघर्षविराम के उल्लंघन के बाद बुधवार को सीमा पार व्यापार को रोक दिया गया. एलओसी व्यापार केंद्र के संरक्षक फरीद कोहली ने बताया कि चक्कन दा बाग में व्यापार सुविधा केंद्र पर मोर्टार से पांच गोले दागे गए, जिससे एक्सरे स्कैनर वाले कमरे सहित अन्य जगहों को नुकसान पहुंचा. 

उन्होंने कहा कि दिन में साढ़े 12 बजे के करीब गोलाबारी हुई. उस वक्त ट्रकों की जांच करने का काम लगभग पूरा हो चुका था. गोलाबारी में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन इससे केंद्र में तैनात लोगों में दहशत फैल गयी। हालांकि, मुख्य इमारत सुरक्षित है. कोहली ने बताया कि गोलाबारी के कारण दिन भर के लिए सीमा पार व्यापार को रोक दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि सुबह साढ़े 10 बजे कृष्णा घाटी में गोलाबारी शुरू हुई और बाद में पुंछ सेक्टर में भी गोलीबारी की गई. भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई का माकूल जवाब दिया और अंतिम खबर मिलने तक गोलाबारी चल रही थी. 

मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ‘लंगड़ी सरकार’ है: शिवराज सिंह

लोक सभा चुनावों के बिगुल बजते ही राजनैतिक दल आपसी खींच तान में जुट जाते हैं और कए जगह हमें यह देखने को मिल भी रहा है। फिलहाल तो कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने वालों की संख्या अधिक जान पड़ती है। मध्य प्रदेश में पहले ही से संख्या बल को लेकर हमेशा से घबराई कांग्रेस को बीएसपी ने तो तकरीबन नकार ही दिया है, शायद गठबंधन धर्म निभाने को एसपी भी बसपा की राह चल पड़े। असंतुष्ट विधायकों की भी कांग्रेस में कमी नहीं है, ऐसे में शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस को “लंगड़ी सरकार” न कहें तो क्या कहें?

शिवपुरी (मध्यप्रदेश): बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बुधवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ‘लंगड़ी सरकार’ है, जो समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) और निर्दलीयों की बैसाखी पर खड़ी है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है. चौहान ने शिवपुरी जिले के बैराड़ में अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की ‘विजय संकल्प यात्रा’ के दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही.

कांग्रेस की सरकार आते ही डकैतों का राज फिर लौटा
चौहान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही डकैतों का राज फिर लौट आया है. लगातार अपहरण की घटनाएं सामने आ रही हैं. यह इस बात का प्रमाण है कि बंटाधार युग फिर लौट आया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के पहले कई वादे किए थे, लेकिन बीते ढाई माह में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ. सरकार ने प्रदेश में तबादला उद्योग शुरू कर दिया है, विकास के काम ठप हो गए. उन्होंने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस सरकार में हर चीज बिकाऊ हो गई है, हर चीज के रेट तय है. ’

देश पीएम मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है 
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है. लेकिन यह सब कांग्रेस के मित्रों को रास नहीं आ रहा. उनके नेता लगातार सेना का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी के मुकाबले में कई पार्टियों का ‘ठगबंधन’ है. ‘अब तय आपको करना है कि आपको मजबूत सरकार देने वाले नरेन्द्र मोदी चाहिए या आतंकवादियों के समर्थन में बोलने वाला ठगबंधन.’

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जब देश पर आतंकी हमले होते थे, तब कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी कहते थे- ‘देखते हैं.’ तोमर ने कहा, ‘इसके विपरीत जब उरी में आतंकी हमला हुआ, तो पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को खत्म किया गया. जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो एयर स्ट्राइक करके सभी आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने का काम हमारी सेना ने किया.’

बेगूसराय में तनवीर हसन ने बढ़ाईं कन्हैया की मुश्किलें

जेएनयू से “भारत तेरे टुकड़े होंगे” और “कितने अफजल मरोगे हर घर से अफजल निकलेगा” जैसे नारों के बाद देश द्रोह के केस की आंच झेल रहे वाम दलों से उम्मीदवारी हासिल किए कन्हैया को बड़ी मुश्किल से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला जिसे अब आरजेडी के नेता तनवीर हसन ने चुनौती दे दी है।

पटनाः बेगूसराय सीट ने सीपीआई के लिए महागठबंधन में राह मुश्किल कर दी है. सीपीआई नेताओं ने बेगूसराय की सीट से कन्हैया के चुनाव लडने की घोषणा कर दी है. सीपीआई ने ये घोषणा महागठबंधन में शामिल होने से पहले कर दिया है. लेकिन अब आरजेडी के प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने बेगुसराय की सीट पर दावा ठोंक कर सीपीआई की लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

बेगूसराय की सीट पर दावेदारी को लेकर एनडीए के विरोधी दलों में घमासान मचा हुआ है. आलम यह है कि एक सीट को लेकर सीपीआई के महागठबंधन में शामिल होने का रास्ता बंद होता नजर आ रहा है. दरअसल सीपीआई ने बेगूसराय सीट पर दावा ठोंक दिया है. सीपीआई की ओर से कन्हैया बेगूसराय सीट पर चुनाव लडेंगे और पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरु कर दी है.

लेकिन बेगूसराय सीट और भी दिलचस्प इसलिए भी हो गया है क्योंकि सीपीआई अभी महागठबंधन में शामिल नहीं हुई है. महागठबंधन में शामिल होने से पहले ही सीपीआई के दावे ने महागठबंधन के घटक दलों की मुसीबत बढ़ा दी है. पेंच तब और भी फंस गया जब आरजेडी ने भी बेगूसराय सीट से दावा ठोक दिया है. 

पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने बेगुसराय सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. तनवीर हसन ने कहा है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वो चुनाव जरुर लडेंगे. वहीं, तनवीर हसन ने सीपीआई की ओर से कन्हैया को बेगूसराय की सीट पर चुनाव लड़ाने के दावे पर जमकर भडास निकाली है.

तनवीर हसन ने कहा है कि सीपीआई अभी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है. इसलिए महागठबंधन में शामिल होने से पहले इस तरह का दावा गलत है. तनवीर हसन ने यह भी कहा है कि कन्हैया कहां से चुनाव लड़ते हैं यह उनकी पार्टी और उनका मामला है.

सीपीआई के शर्तों को लेकर आरजेडी के दूसरे सीनियर लीडर भी नाराज नजर आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे सीपीआई के महागठबंधन में शामिल होने से जुड़े सवालों पर बचते नजर आए. हालांकि पूर्वे ने इतना जरुर कहा है कि इस मामले पर पार्टी के शीर्ष नेता फैसला लेंगे.

पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ॰ जाधव भाजपा से खडगे को देंगे चुनौती

कर्नाटक कांग्रेस में मची घमासान अभी थमी भी न थी की एक और घबराने वाली खबर ने कांग्रेस को चिंता में दाल दिया है। अभी चार दिन पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले डॉ॰ उमेश जाधव, खडगे को लोक सभा चुनावों में चुनौती देंगे। जहां यह खडगे के लिए एक मुश्किल भरी खबर है वहीं डॉ॰ जाधव के लिए भी चुनौती भरी राह होगी।
बीएस येदियुरप्पा ने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी कर्नाटक की 28 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. 

बेंगलुरु: कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि डॉ. उमेश जाधव लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में गुलबर्गा सीट से चुनाव लड़ेंगे. येदियुरप्पा ने कहा कि जाधव कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी अनंत कुमार बेंगलुरु दक्षिण सीट से चुनाव लड़ेंगी. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने यह भी कहा कि इस पर अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा. 

कर्नाटक में जीतेंगे 28 लोकसभा सीट- बीएस येदियुरप्पा
वहीं, बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी कर्नाटक की 26 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की उपलब्धियों और कर्नाटक सरकार की नाकामी के कारण हमें राज्य में बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि राज्य सरकार की नाकाम नीतियों और मोदी सरकार की सफल योजनाओं के कारण कर्नाटक में बीजेपी को 26 सीटें मिलना तय माना जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि जाधव को खड़गे के खिलाफ प्रत्याशी बनाने का फैसला पार्टी आलाकमान करेगी. 

मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ है गुलबर्गा सीट
गौरतलब है कि उमेश जाधव ने हाल ही में कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है. जाधव उन तीन विधायकों में से एक हैं जो बीते माह ‘गायब’ हो गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर से उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जाधव कलबुर्गी जिले की चिनचोली से दो बार विधायक रह चुके हैं. गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ माना जाता है. 

महाराष्ट्र कांग्रेस के 7 बार के विधायक कालिदास थाम सकते हैं कमल

चुनावी समय में विभिन्न प्रदेशों से कांग्रेस के लिए अच्छी ख़बरें नहीं आ रहीं। बिहार गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र से भी कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के पुत्र अब भाजपा का हाथ थामने वाले हैं।

नई दिल्ली: बीते मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल बीजेपी में शामिल होने के बाद ही बुधवार को महाराष्ट्र से कांग्रेस नेता कालिदास कोलंबकर नेे अपनी ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है. इसके बाद यह संकेत माना जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस को एक और भी झटका लग सकता है. 7 बार के विधायक कोलंबकर ने मीडिया को बताया कि, ‘हमने कांग्रेस में 10 साल तक मेहनत से काम किया लेकिन कांग्रेस पार्टी 2004 से 2014 तक 10 साल सत्ता में रहते हुए भी उनके क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं किया है.

वहीं दूसरी तरफ कोलंबकर ने सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि, विपक्षी पार्टी के विधायक होने के बाद भी सीएम ने उनकी समस्याओं को सुना और क्षेत्र में विकास कार्य के लिए उचित कदम भी उठाए.कोलंबकर ने कहा कि, जब देवेंद्र फडणवीस ने सीएम के रूप में पदभार संभाला था तो उनसे मिलकर अपने क्षेत्र के कार्यों को लेकर बातचीत की थी.

जिसके बाद उन कार्यों की निपटाने में सीएम ने मदद की. इसके बाद कोलंबकर ने उस सवाल का जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि, आपने अपने कार्यालय में जो बैनर लगाया है उसमें देवेंद्र फड़नवीस की फोटो क्यों लगाई है.

कोलंबकर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए जवाब दिया कि, हमें किसकी फोटो लगानी चाहिए जिसने काम किया या उन लोगों की जिसने 10 साल सत्ता में रहते हुए काम ही नहीं किया. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में जहां एक ओर चुनावों को लेकर बीजेपी शिवसेना का प्लान 2019 चल रहा है इसी बीच कांग्रेस विधायक कालीदास कोलंबकर ने अपने कार्यालय में मुख्यमंत्री फड़णवीस के फोटो वाला बैनर लगाया है.

बैनर की सबसे खास बात यह है कि इस बैनर में कोई भी कांग्रेस का बड़ा नेता नहीं दिख रहा है. इसके बाद से कोलंबकर के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है. इससे पहले भी कोलंबकर ने बताया था कि, उन्हें बीजेपी और शिवसेना की ओर से पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला हुआ है. लेकिन देवेंद्र फडणवीस की तारीफ और तस्वीर लगाने के बाद चर्चा है कि कोलंबकर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन: स्मृति ईरानी

राजनीति कब किस करवट बैठे यह कह पाना बहुत ही मुश्किल है। कल गुजरात में प्रधानमंत्री को चोर बताने वाले राहुल गांधी आज एक निजी चैनल द्वारा किए गए कुछ ज़मीन घोटालों के उजागर होने के पश्चात टीवी पत्रकारों से भागते नज़र आए।

नयी दिल्ली-

कांग्रेस पर फैमिली पैकेज भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रहा है और पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से सामने आए तथ्य दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में रक्षा से संबंधित सौदे और पेट्रोलियम संबंधित सौदे में संजय भंडारी और सी सी थंपी के तार जुड़े हैं।

उन्होंने दावा किया कि इन सौदों की जांच में पता लगता है कि जीजाजी :राबर्ट वाड्रा: के साथ साले साहब :राहुल गांधी: भी पारिवारिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं ।

“बीते 24 घंटे में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो गांधी-वाड्रा परिवार के पारिवारिक भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं। राहुल गांधी और हथियार कारोबारी संजय भंडारी के बीच रिश्ता साबित हो गया है। संजय भंडारी के रॉबर्ट वाड्रा के साथ करीबी रिश्ते भी जांच के घेरे में हैं। भंडारी ने यूपीए शासन के दौरान भी कई रक्षा सौदों में हिस्सा लिया। सीसी थांपी और एचएल पाहवा के बीच 54 करोड़ की कड़ी का खुलासा भी हुआ है। यूपीए शासन के दौरान सीसी थांपी का नाम न सिर्फ पेट्रोल सौदों बल्कि दिल्ली में हुए 280 करोड़ के जमीन सौदे से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं में भी सामने आया। थांपी और भंडारी के बीच रिश्ता भी सबको पता है।” स्मृति ईरानी

कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जमीन की खरीददारी से संबंधित इन दस्तावेजों से ये बात सामने आई कि एच एल पाहवा के साथ राहुल गांधी के आर्थिक संबंध हैं स्मृति ईरानी ने जोर दिया कि एच एल पाहवा के यहां हुई छापेमारी में चौकाने वाली बात ये है कि उनके पास जमीन की खरीद फरोख्त के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें जमीन खरीदने के लिये रुपये दिये गए थे ।

उन्होंने दावा किया कि एक समाचार सूत्र के माध्यम से राष्ट्र को जानकारी मिली है कि एच एल पाहवा नाम के एक व्यक्ति के यहां प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में उसके पास से राहुल गांधी के साथ लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं ।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रही है। लेकिन पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से जो तथ्य आए हैं वो दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है ।

उन्होंने जोर दिया कि रार्बट वाड्रा के खिलाफ जांच जारी है और मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही है, उसमें मिसेज वाड्रा का उल्लेख भी मिलता है।

वहीं रिपब्लिक भारत के खुलासे पर स्मृति ईरानी ने कहा यूपीए सरकार में रक्षा से संबंधित सौदे और पेट्रोलियम संबंधित सौदे में संजय भंडारी और सी सी थंपी के तार जुड़े हैं। इन सौदों की जांच में पता लगता है जीजा जी के साथ साले साहब भी पारिवारिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं।

राजनाथ सिंह नोएडा से और महेश शर्मा राजस्थान से लड़ सकते हैं चुनाव

नई दिल्ली: मौजूदा लोकसभा में लखनऊ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के स्थान पर प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं महेश शर्मा को राजस्थान के अलवर भेजा जा सकता है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा)-बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब अध्यक्ष अमित शाह सत्ता विरोधी लहर से पार पाने के लिए मौजूदा सदस्य को टिकट नहीं देने के अपने आजमाए गए फॉर्मूले के तहत काम कर रहे हैं.

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व और स्थानीय आरएसएस इकाइयों द्वारा कराए गए शुरुआती सर्वेक्षण में गौतम बुद्ध नगर की ग्रामीण आबादी में पार्टी के प्रति गुस्सा था, जोकि क्षेत्र की कुल आबादी का 40 प्रतिशत है. संसदीय क्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर तो ग्रामीण इलाकों के विधानसभा क्षेत्र खुर्जा, सिंकदराबाद और जेवर आते हैं. राजनीति पार्टियों द्वारा ऊपरी तौर लगाए गए अनुमान के अनुसार, संसदीय क्षेत्र के 19 लाख मतदाताओं में से 12 लाख मतदाता ग्रामीण इलाके से आते हैं.  शहरी मतदाताओं की संख्या 7 लाख है.  इन सब में मुस्लिम, गुज्जर और जाटों के बाद राजपूतों की संख्या सबसे अधिक है.

यह जातीय समीकरण था, जिसने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां की पांच सीटों पर जीत दर्ज करने में मदद की थी.  पार्टी के तीन विधायक -राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, बिमला सोलंकी और धीरेंद्र सिंह- राजपूत हैं. संसदीय क्षेत्र का सामाजिक समीकरण हमेशा राजनाथ सिंह के पक्ष में रहा है. 

यह भी जानें: राजनाथ सिंह के खिलाफ पूनम सिन्हा होंगी सपा की उम्मीदवार: सूत्र

उन्हें 2009 लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा.  2014 लोकसभा चुनाव में, पार्टी ने लखनऊ से उन्हें चुनाव लड़वाया, जिस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे. शर्मा ने 2014 में यहां से सपा के नरेंद्र भाटी को 2,80,212 मतों के अंतर से हराया था. 

बसपा के सतीश कुमार को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था. लेकिन पार्टी के सर्वेक्षण में यहां के ग्रामीण इलाकों में शर्मा के प्रति गुस्से की वजह से पार्टी पेशे से डॉक्टर शर्मा को अलवर सीट से चुनाव लड़वाने की सोच रही है.  उनका जन्म अलवर के मनेठी गांव में हुआ था. भाजपा के महंत चंद नाथ ने अलवर से 2014 लोकसभा चुनाव में भंवर जितेंद्र सिंह को 2,83,895 मतों के अंतर से हराया था.

भाजपा के जसवंत सिंह यादव को हालांकि कांग्रेस के करण सिंह यादव के हाथों यहां 2018 में हुए उपचुनाव में हार का स्वाद चखना पड़ा था.  सांसद नाथ का 2017 में कैंसर की वजह से निधन हो गया था. राजस्थान भाजपा के एक पदाधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “अलवर और अजमेर को छोड़कर 23 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के बारे में आंतरिक चर्चा हुई है.

दोनों सीटों पर शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा. ” सपा व बसपा के बीच समझौते की वजह से, गौतम बुद्ध नगर बसपा के पास है, जहां से गठबंधन प्रभारी सतवीर नागर चुनाव लड़ेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी इस सीट के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं.  पेशे से चार्टर अकाउंटेंड अग्रवाल को 2014 में इस सीट से टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन अंतिम मौके पर पार्टी ने शर्मा को यहां से टिकट दे दिया.