2nd Intro Department Trial Advocacy Competition, 2019

Chandigarh March 18, 2019

            University Institute of Legal Studies, Panjab University, Chandigarh organized and concluded the 2nd Intro Department Trial Advocacy Competition, 2019. The black and white embellishments welcomed the spirit of 40 Teams from within the department to show their skills in art of articulation.

            The first day of Competition comprised of one preliminary round adjudged by advocates of Punjab and Haryana High Court, District Courts of the Tricity and Alumni of UILS. The first round commenced  after the briefing of the judges in the moot court hall. The bars were set high by the end of the first round due to exceptional analytical and argumentative skills. The preliminary round 2 proceeded on 2nd day with participants and witnesses demonstrating exuberant devotion towards their argumentative skills. The judges of the preliminary rounds were acknowledged with mementos as a mark of respect. The 2nd day then preceded with quarter finals adjudged by advocates of Punjab & Haryana High Court and District Courts followed by Semi final rounds adjudged by senior advocates and senior professors of the department.

            With vibrant argumentative skills, top two teams qualified for the finals in the moot court hall adjudged by Hon’ble Mr. Justice Rajan Gupta, Hon’ble Mr. Justice Avneesh Jhingan and Prof. (Dr.). Rajinder Kaur, Professor, UILS, PU.

            The whole event was successful because of creative and scholarly richness of the organizing committee who worked under the guidance and support of Prof. (Dr.). Rattan Singh, Director, UILS and Dr. Jai Mala, Faculty, Coordinator, Moot Court Society, UILS, PU.

Annual sports day event held at Girls Hostel No. 2, P U

Chandigarh March 18, 2019

            Annual sports day event held at Girls Hostel No. 2, Panjab University, Chandigarh in the Hostel ground. Residents participated in the events like 50 m race, 100 m lemon race and other indoor games like badminton, carromboard, chess etching. Dr. Kamla, warden encouraged students to take part in the games. 

Pond Cleaning by PU volunteers on World Water Day

Chandigarh March 18, 2019

            To celebrate World Water Day which falls on 22 March,2019, NSS volunteers of Panjab University, Chandigarh supported the Pond Cleaning and awareness drive of L&T company(CSR activity) at village Joula Khurd, Dera Bassi block, SAS Nagar, Mohali. We are grateful for the all out support of Mr.N.K.Sharma, M.L.A, Zirakpur in this initiative taken up as a CSR activity by 25 volunteers of L & T team and PU NSS volunteers. The efforts of the Sarpanch of the village Joula Khurd S.Parminder Singh in extending his support in this initiative led to the successful completion of the project. Also these volunteers participated in the cleanliness awareness drive at the location of the identified pond. The volunteers met the village residents and tried to make them aware of the benefits of cleanliness of the pond and also discussed the benefits of clean water in the ponds. Villagers also committed to the volunteers  that they would make efforts to keep their pond clean. The village Sarpanch  also said that he will make efforts to create walkways around the pond and beautify the entire place by planting more trees around the park. The efforts of student volunteers were also appreciated and acknowledged when they received certificates of Appreciation from the L & T team. Dr. Anupreet Kaur Mavi coordinated the activity as Programme Officer, NSS Panjab University, Chandigarh with support from Dr.Amandeep Singh Marwaha, Associate Director, Central Placement Cell, Panjab University, Chandigarh.

पररीकर पंचतत्व में विलीन

सादगी, कर्मठता, अनुशासन और सोमयता की प्रतिमूर्ति मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पर्रीकर आज पाँच तत्व में विलीन हो गए। उनके ज्येष्ठ पुत्र ने उन्हे मुखाग्नि दी।

 गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अंतिम विदाई के वक्‍त भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा. शाम 5 बजे से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई. शाम छह बजे उनका शव अंतिम संस्‍कार के लिए ग्रांउड पर लाया गया. यहां हर आम और खास उनके अंतिम दर्शन कर रहे हैं. बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने भी उनके पार्थि‍व देह के अंतिम दर्शन किए और पुष्‍पांजलि अर्प‍ित की.

13 दिसंबर, 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर की शिक्षा लोयोला स्कूल, मडगांव में हुई और उसके बाद उन्‍होंने 1978 में स्नातक की उपाधि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्‍बई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में प्राप्‍त की. राजनीति में आने से पहले पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए. गौरतलब है कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को उनके निजी आवास पर निधन हो गया. वह 63 वर्ष के थे. चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित थे.

हम राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। 14 विधायकों के साथ हम राज्य की सबसे बड़ी पार्टी हैं, हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए। हमने बता दिया है कि हम बहुमत साबित कर देंगे, गोवा सीएम के निधन का दुख हैः चंद्रकांत कवलेकर, कांग्रेस नेता

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Chandrakant Kavlekar, Congress: We met the Governor&staked claim to form government as we are the single largest party in the state. We have 14 MLAs and we should be given the chance to form the government. We have told that we will prove majority. Saddened by demise of Goa CM1531:40 PM – Mar 18, 201980 people are talking about this

सूरत के लोकल सेकुरिटी गार्ड अब कहलाते हैं “मैं भी चौकीदार”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी माता सोनिया गांधी एजेएल मामले में 50000/= के मुचलके पर जमानत में बाहर हैं। राहुल गांधी के जीजा करोड़ों के हेरफेर के मामले की जांच झेल रहे हैं, और अब तो उनकी बहिन प्रियंका गांधी वाड्रा के भी जमीनी सौदों में लाभार्थी बताया जा रहा है यह परिवार जब प्रधान मंत्री पर “चौकीदार चोर है” की लांछन लगते हैं तो जन मानस में एक क्षोभ की लहर दौड़ जाती है और वह यह कहने पर मजबूर होते हैं,” मैं भी चौकीदार”।

सूरतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए चौकीदार का नया नारा दे दिया है. प्रधानमंत्री के इस नए नारे को देश भर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हाथो हाथ लिया ही, दूसरी तरफ जनता भी पीएम मोदी के इस नारे से काफी उत्साहित नजर आ रही है. सूरत में मैं भी चौकीदार का टीशर्ट बनाया गया है, जिसे यहां के युवा हाथो हाथ खरीद रहे हैं और बड़े शान से पहन रहे हैं. यहां युवा इस टी-शर्ट के जरिए पीएम के प्रति अपना समर्थन दिखा रहे हैं. युवाओं के साथ ही इस टी-शर्ट को सिक्योरिटी गार्ड्स में खासा पसंद किया जा रहा है.

गुजरात के सूरत शहर जगह-जगह पर सिक्योरिटी गार्ड आज अपनी असली वर्दी छोड़कर टी-शर्ट पहने नज़र आ रहे हैं. सिक्योरिटी गार्ड अब टी-शर्ट पहनकर चौकीदार बन गए हैं. इन सेक्योरिटी गार्ड्स ने जो टी-शर्ट पहनी है, उसमें ‘मैं भी चौकीदार’ लिखा है. सूरत के चौकीदार इस टी-शर्ट को पहनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतर आए हैं क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार अपने भाषणों में ‘चौकीदार चोर’ बोलकर अप्रत्यक्ष रूप से पीएम पर हमला करते रहे हैं.

In support of PM Modi security guards of Surat wore 'Main Bhi Chowkidar' t-shirt

ऐसे में सूरत के ये चौकीदार भी पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतर आए हैं और ‘मैं भी चौकीदार’ का स्लोगन लिख कर पीएम मोदी का समर्थन कर रहे हैं. इन सेक्योरिटी गार्ड्स का कहना है कि ‘राहुल गांधी ने चौकीदार को चोर बोलकर ना सिर्फ पीएम का बल्कि उनका भी अपमान किया है.’ वहीं जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मैं हूं चौकीदार’ का नारा दिया है उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. सूरत में ना सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड ‘मैं भी चौकीदार’ की वर्दी में नजर आए बल्कि खुद भाजपा विधायक भी ‘मैं भी चौकीदार’ की टी-शर्ट पहने नजर आए.

सूरत में मजूरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हर्ष संघवी का कहना है कि देश भर के युवा महिलाओं और चौकीदारों ने पीएम का समर्थन किया है. कांग्रेस ने राजनैतिक फायदा लेने के लिए चौकीदार चोर का सहारा लिया था. बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘चाय पर चर्चा’ काफी चर्चा में रहा था, वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में चाय पर चर्चा की जगह ‘मैं भी चौकीदार’ ने ले ली है.

बोट से वोट की कवायद शुरू

कांग्रेस महासचिव की प्रयागराज से शुरू हुई यात्रा 140 किलोमीटर का सफर तय कर वाराणसी के अस्सी घाट तक पहुंचेगी। यहाँ ध्यान दें वाली बात यह है की मोदी के गंगा प्रेम का मज़ाक उड़ाने वाली कांग्रेस अब स्वयं मोदिमय हो चुकी है। प्रियंका गांधी वाड्रा को अब गेरुए रंग से कोई खतरा नहीं है। जिस पवनपावनी गंगा की वह अर्चना पूजन कर आचमन ले वह यात्रा आरंभ करतीं हैं वह स्वच्छ, निर्मल और सलिल है। ग्यारहवें रूद्र अवतार भगवान हनुमान से आशीर्वाद ले कर बढ़ाए गए कदम अब सांप्रदायिक या हिन्दू वादी नहीं लगते। सबसे बड़ी बात मोदी के नमामि गंगे प्रोजेक्ट ही की देन से वाराणसी से प्रयागराज की दूरी तय करना संभव हुआ, पर यह सब कांग्रेस मानेगी तो नहीं।

नई दिल्‍ली : कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी अपने यूपी दौरे के तहत गंगा यात्रा की शुरुआत प्रयागराज से सोमवार को कर दी है. इसके लिए वह प्रयागराज के मनैया घाट पहुंचीं. वहां उन्‍होंने पहले बच्‍चों से मुलाकात की. इसके बाद स्‍टीमर बोट पर कांग्रेस नेताओं के साथ सवार होकर वाराणसी के लिए रवाना हो गईं. प्रयागराज पहुंचीं प्रियंका गांधी ने सोमवार सुबह संगम में त्रिवेणी तट पर पूजा-अर्चना की. साथ ही वह प्रयागराज के प्राचीन बड़े हनुमान मंदिर भी गईं. वहां उन्‍होंने दर्शन किए थे. 

प्रयागराज के स्‍वराज भवन पहुंचकर प्रियंका ने एक तस्‍वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘स्वराज भवन के आंगन में बैठे हुए वह कमरा दिख रहा है जहां मेरी दादी (इंदिरा गांधी) का जन्म हुआ. रात को सुलाते हुए दादी मुझे जोन ऑफ आर्क की कहानी सुनाया करती थीं. आज भी उनके शब्द दिल में गूंजते हैं. कहती थीं- निडर बनो और सब अच्छा होगा.’  

प्रयागराज: प्रियंका गांधी ने की बड़े हुनमान मंदिर में पूजा-अर्चना, आज शुरू करेंगी गंगा यात्रा
प्रियंका गांधी ने बड़े हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की है. फोटो ANI

प्रियंका गांधी ने सोमवार को प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. प्रियंका गांधी आज प्रयागराज से अपनी तीन दिनी गंगा यात्रा की शुरुआत नाव से कर रही हैं.

140 किमी लंबी यह गंगा यात्रा स्‍टीमर बोट के जरिये प्रयागराज के छतनाग से वाराणसी के अस्‍सी घाट तक होगी. वह 20 मार्च को वाराणसी पहुंचेंगी.

प्रियंका गांधी ने संगम तट पर पूजा-अर्चना भी की. फोटो ANI

प्रियंका गांधी अपने चार दिनी यूपी दौरे के लिए रविवार को लखनऊ पहुंची थीं. लखनऊ में उन्‍होंने दिनभर पार्टी कार्यकर्ताओं और लोकसभा चुनाव प्रत्‍याशियों संग बैठक की थी. वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के लिए प्रचार करने आई हैं.

प्रियंका गांधी का प्रस्‍तावित कार्यक्रम :

1. सोमवार सुबह 8 बजे स्वराज भवन से कार द्वारा अरैल घाट के लिए निकलेंगी.

2. अरैल घाट से नाव द्वारा संगम जाएंगी, जहां पर पूजा-अर्चना करेंगीं. 

3. संगम दर्शन पूजन के बाद हनुमान मंदिर और अक्षय वट दर्शन भी करने जा सकती हैं. 

4. यहां से कार से 9 बजे मवैया घाट पहुंचेंगीं. जहां पर स्कूली बच्चों के साथ बोट पर वार्ता करेंगी. 

5. यहां से नाव द्वारा 11 बजे दुमदुमा घाट पहुंचेंगीं. वहां पर स्वागत एवं स्थानीय लोगों से बातचीत करने के शिव मंदिर में पूजन-दर्शन के बाद 11:30 बजे बोट द्वारा सिरसा घाट के लिए रवाना होंगीं. 

6.  दोपहर 12 बजे सिरसा घाट पहुंचेंगी, जहां पर स्वागत के बाद स्थानीय लोगों से मुलाकात कर चुनावी चर्चा भी करेंगी. 

7. दोपहर 1 बजे लक्ष्यगृह घाट पर पहुंचेंगी, जहां पर लोगों से मुलाकात कर बातचीत करेंगी.

8.  यहां से निकलकर पुलवामा आतंकी हमले में शहीद महेश यादव के परिजनों से मुलाकात भी करेंगी.

9. लगभग 4 बजे सीतामढ़ी घाट (भदोही) पहुंचेंगीं, जहां पर स्वागत एवं चर्चा के साथ रात्रि विश्राम का कार्यक्रम भी है.

प्रमोद सावंत होंगे गोवा के अगले मुख्यमंत्री

पणजी: गोवा में मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद उपजे सियासी हालात के बीच सूत्रों के मुताबिक वरिष्‍ठ बीजेपी नेता और विधानसभा के स्‍पीकर प्रमोद सावंत राज्‍य के नए मुख्‍यमंत्री बन सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और सहयोगी दलों की रातभर चली बातचीत के बाद प्रमोद सावंत सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं. पर्रिकर (63) का पणजी के पास उनके निजी आवास पर रविवार शाम निधन हो गया. वह पिछले एक साल से अग्नाशय संबंधी कैंसर से जूझ रहे थे.

एमजीपी ने फंसाया पेंच
इस बीच इस तरह की भी खबरें आ रही हैं कि राज्‍य के सबसे पुराने क्षेत्रीय दल एमजीपी की वजह से बीजेपी और सहयोगी दलों के बीच अभी एक राय नहीं बन सकी है. इस संबंध में भाजपा विधायक माइकल लोबो ने बताया कि देर रात पहुंचे केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी राज्य में भगवा पार्टी और गठबंधन सहयोगी दलों के बीच कोई आम सहमति हासिल नहीं कर सके.

लोबो के मुताबिक तीन विधायकों वाली महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदीन धवलीकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. इस कारण अभी पूरी तरह से स्थिति साफ नहीं हो पाई है. लोबो ने रातभर चली बैठक के बाद एक होटल के पत्रकारों से कहा, ‘‘सुदीन धवलीकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं जबकि भाजपा चाहती है कि गठबंधन का नेता उसके खेमे का होना चाहिए. हम किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाए.’’

इससे पहले गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) प्रमुख विजय सरदेसाई ने कहा था कि पार्टियां अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची हैं. पर्रिकर के निधन के बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में सदस्यों की संख्या 36 रह गई है। भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा का गत महीने निधन हो गया था जबकि दो कांग्रेस विधायकों ने पिछले साल इस्तीफा दे दिया था.

पर्रिकर आज होंगे पंचतत्व में विलीन, राष्ट्रिय शोक घोषित, भाजपा के सभी कार्यक्र्म रद्द

पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार सोमवार शाम यहां मिरामर में किया जाएगा. बीजेपी के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर (63) फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे. पिछले एक साल से बीमार चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था. 

सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ.

बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा पर्रिकर का पार्थिव शरीर
प्रवक्ता ने बताया कि पर्रिकर का पार्थिव शरीर सोमवार को सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा. उसके बाद पार्थिव शरीर को कला अकादमी ले जाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि लोग सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक कला अकादमी में पर्रिकर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे.  पर्रिकर की अंतिम यात्रा शाम चार बजे शुरू होगी. उनकी अंतिम संस्कार शाम करीब पांच बजे मिरामर में किया जाएगा.

केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की
केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी, केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

सोमवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक होगी. पर्रिकर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पर्रिकर की छवि सरल और सामान्य व्यक्ति की रही
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के तौर पर शुरुआत कर गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बनने वाले पर्रिकर की छवि हमेशा ही बहुत सरल और सामान्य व्यक्ति की रही.

वह सर्वस्वीकार्य नेता थे. ना सिर्फ भाजपा बल्कि दूसरे दलों के लोग भी उनका मान-सम्मान करते थे. उन्होंने गोवा में भाजपा को मजबूत आधार प्रदान किया. लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहने वाले गोवा में क्षेत्रीय संगठनों की पकड़ के बावजूद भाजपा उनके कारण मजबूत हुई.

आरएसएस प्रचारक के रूप में करियर शूरू किया 
मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया. यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे.

सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ. वह 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे.

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया शोक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया है, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं.’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण की मिसाल हैं. गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है, ‘श्री मनोहर पर्रिकर बेमिसाल नेता थे. एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे, सभी उनका सम्मान करते थे. देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी. उनके निधन से बहुत दुखी हूं. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.’  

पर्रिकर के वह बयान जिनसे मची सियासी हलचल

नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार 17 मार्च 2019 को निधन हो गया. मनोहर पर्रिकर की छवि एक ईमानदार, सादगीपसंद और समर्पित नेता के रूप में रही थी. पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर चार बार अपनी सेवाएं दीं. साथ ही पर्रिकर नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017 तक केंद्र की मोदी सरकार में रक्षामंत्री रहे थे. शायद ही कोई नेता हो जिसके नाम से कोई विवाद न जुड़ा हो. ऐसे ही कुछ बयान मनोहर पर्रिकर ने भी दिए थे. आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ ऐसे ही बयान…

असहिष्णुता पर कहा- ‘देश के खिलाफ बोलने वालों को सिखाएं सबक’
2015 में देशभर में असहिष्णुता को लेकर लंबी बहस छिड़ गई थी. इस दौरान कई वैज्ञानिकों, लेखकों और फिल्म निर्माताओं ने असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाए थे. इस बीच अभिनेता आमिर खान ने भी असहिष्णुता के मुद्दे पर अपनी पत्नी किरण राव के साथ बातचीत का हवाला देकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि लगातार हो रही घटनाओं से वह चिंतित है और किरण ने सुझाव दिया कि उन्हें संभवत: देश छोड़ देना चाहिए.

इस बयान के सामने आने के बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने बिना आमिर का नाम लिए कहा था कि ‘एक अभिनेता ने कहा है कि उनकी पत्नी भारत से बाहर जाना चाहती है. यह घमंड से भरा बयान है. ऐसे लोग, जो लोग देश के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें इस देश के लोगों द्वारा पाठ पढ़ाए जाने की जरूरत है. 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी को कहा था- ‘सड़ा हुआ अचार’
वर्ष 2009 में लालकृष्‍ण आडवाणी के नेतृत्‍व में लड़े गए लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मनोहर पर्रिकर ने आडवाणी को सड़ा हुआ अचार कहा था. कहा जाता है कि जिस समय नितिन गडकरी बीजेपी अध्यक्ष बने थे, उस समय पर्रिकर के नाम पर भी चर्चा की जा रही थी. कहा जाता है कि बीजेपी अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल पर्रिकर के आडवाणी को लेकर दिए गए बयान ने ही उन्हें इस दौड़ से बाहर कर दिया था. बता दें कि पर्रिकर काफी पहले से ही पीएम नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय राजनीति में लाने की पैरवी करते रहे हैं. 

सर्जिकल स्ट्राइक को बताया था संघ की शिक्षा
सितंबर, 2016 में उरी आतंकी हमले का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. भारतीय सेना के इस ऑपरेशन में 50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया था. उस समय रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को जाता है. उन्होंने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे आरएसएस की शिक्षा है. उन्होंने यह भी कहा था कि अहमदाबाद में तो कम से कम कोई नहीं पूछेगा कि इस सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दो. 

ईमानदार, कर्मठ, निर्भय – निर्भीक और कर्तव्य निष्ठ : मनोहर पर्रीकर

नई दिल्ली: एक साल से ज्‍यादा समय से कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर का लंबी बीमारी के बाद रविवार 17 मार्च 2019 को निधन हो गया. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी. इससे कुछ समय पहले ही सीएमओ ऑफि‍स ने ट्वीट कर बताया था कि उनकी हालत गंभीर थी. डॉक्‍टर अपनी ओर से इलाज की पूरी कोशिश कर रहे थे. उनके निधन की खबर सुनते ही उनके घर के बाहर लोगों का हुजूम लग गया है. 

सादगी और समर्पण की मिसाल थे पर्रिकर
मनोहर पर्रिकर अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते थे. सोशल मीडिया और तकनीकी के नए दौर में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘आम आदमी’ की तरह लोगों के बीच खूब सुर्खियां बटोरी थीं. लेकिन, अगर वास्तव में सादगी की कोई मिसाल है तो वह थे गोवा के सीएम और पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर. दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह सकते हैं क्योंकि मनोहर पर्रिकर ने गोवा का सीएम रहते हुए कई साल तक मुख्यमंत्री आवास का इस्तेमाल नहीं किया. वह खुद के घर में ही रहते थे. पर्रिकर की छवि लोगों के बीच एक ईमानदार नेता के रूप में आज भी बनी हुई है. वह वर्ष 2000 में गोवा के सीएम बने थे.

बिना सुरक्षा के आम लोगों की तरह का जीवन
मनोहर पर्रिकर जैसे साधारण व्यक्ति के असाधारण व्यक्तित्व का हर कोई कायल था. गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए पर्रिकर कई बार विधानसभा जाते समय सरकारी गाड़ी को छोड़कर स्कूटर का इस्तेमाल करते थे. इसके साथ ही वह बिना सुरक्षा के किसी भी टी स्टॉल पर खड़े होकर चाय पीते भी नजर आ जाते थे. पर्रिकर की यह आदतें गोवा के लोगों के लिए एक आम बात थी. वहीं, सीएम और रक्षा मंत्री रहते हुए उनकी छवि एक बेदाग नेता की रही. पर्रिकर की इसी बेदाग छवि के कारण ही पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें रक्षा मंत्री बनाया था. पर्रिकर नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017 तक केंद्रीय रक्षामंत्री रहे थे. 

बेटे की शादी में भी साधारण कपड़ों में आए नजर
मनोहर पर्रिकर अपनी साधारण वेशभूषा के लिए भी जाने जाते थे. पर्रिकर आमतौर पर शर्ट-पैंट में नजर आते थे. जब तक किसी बड़ी ऑफिशियल मीटिंग में न जाना हो वह साधारण कपड़े पहनना ही पसंद करते थे. अपने बेटे की शादी में में पर्रिकर हाफ शर्ट, साधारण पैंट और सैंडिल पहने लोगों की आवभगत कर रहे थे. वहीं, मनोहर पर्रिकर को सोलह से अठारह घंटे काम करने की आदत थी. 

गोवा के पूर्व पर्यटन मंत्री सलदन्हा की मौत पर फूट-फूटकर रोए थे पर्रिकर
बेहद अनुशासित और सख्त प्रशासक माने जाने वाले मनोहर पर्रिकर को मार्च 2012 में पर्यटन मंत्री मातनही सलदन्हा के निधन पर फूट-फूट कर रोते देखा गया था. साल 2005 में जब उनपर कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा, तब सलदन्हा ही उनके साथ खड़े रहे थे.

इकॉनमी क्लास में ही करते थे सफर
पर्रिकर विमान में हमेशा ही इकॉनमी क्लास में यात्रा करते थे. उन्हें आम लोगों की तरह अपना सामान लिए यात्रियों की लाइन में खड़े देखा जा सकता था. वह मोबाइल और टेलीफोन के बिल का भुगतान अपनी जेब से करते थे. उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बेझिझक इस्तेमाल करते देखा जाता था. पर्रिकर को नजदीक से जानने वाले लोग उनकी इन आदतों को बहुत अच्छी तरह से समझते थे.