गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गोरक्षा हिन्दुओं का मूलभूत अधिकार होना चाहिए : इलाहाबाद उच्च न्यायालय

गोहत्या के एक आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बड़ी टिप्पणी की। उच्च न्यायालय ने कहा कि गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि गाय को मौलिक अधिकार देने और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए और संसद में विधेयक लाना चाहिए। हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव ने गोहत्या अधिनियम के तहत आरोपी जावेद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान ये बात कहते हुए जमानत खारिज कर दी. उन्होंने कहा कि गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को भी दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाया जाना चाहिए।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गोरक्षा हिन्दुओं का मूलभूत अधिकार होना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर किसी देश की संस्कृति और उसकी आस्था पर चोट पहुँचती है तो वो राष्ट्र कमजोर हो जाता है। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट जावेद नाम के व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर गोहत्या के आरोप थे।

जस्टिस शेखर यादव की पीठ ने ये फैसला सुनाया। उच्च-न्यायालय ने पाया कि जावेद ने न सिर्फ गाय को चुराया, बल्कि गला काट के उसकी हत्या भी कर दी और गोमांस का भी इस्तेमाल किया। अदालत ने कहा कि बीफ खाने वालों को ही सिर्फ मूलभूत अधिकार नहीं मिले हुए हैं, बल्कि गाय की पूजा करने वालों और जिनकी जीविका गाय पर ही आधारित है, उन्हें भी एक सार्थक/अर्थपूर्ण जीवन जीने का पूरा अधिकारी है।

अदालत ने कहा कि जीवन का अधिकार सबसे ऊपर है और किसी की हत्या के अधिकार और बीफ खाने के अधिकार को इससे ऊपर नहीं रखा जा सकता। उच्च-न्यायालय ने कहा कि गाय जब बूढ़ी और बीमार हो जाती है, तब भी काफी उपयोगी होती है। साथ ही बताया कि कैसे गाय के गोबर का खाद बनाने में और गोमूत्र का दवाओं में उपयोग किया जाता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गाय बूढ़ी हो या बीमार, उसकी पूजा माँ के रूप में होती है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, “सिर्फ हिन्दू ही नहीं, गाय कई मुस्लिमों ने भी अपने शासनकाल में गाय को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा माना है। बाबर, हुमायूँ और अकबर ने इस्लामी त्योहारों में गोहत्या पर पाबंदी लगाई। 5 मुस्लिम शासकों ने गोहत्या प्रतिबंधित की थी। मैसूर के नवाब हैदर अली ने गोहत्या को दंडनीय अपराध घोषित किया था। गाय की महत्ता और लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट तक ने कई फैसले दिए हैं।”

उच्च-न्यायालय ने नोट किया कि देश के लोगों से लेकर संसद तक ने गोरक्षा के लिए नियम-कानून बनाए हैं। कोर्ट ने कहा कि ये काफी दुःखी करने वाला है कि जो गोरक्षा की बात करते हैं, वही गोमांस का भी भक्षण करने लगते हैं। साथ ही कहा कि सरकार गोशालाएँ बनाती हैं, लेकिन इनकी देखभाल की जिम्मेदारी जिन्हें दी जाती है वो लापरवाही करते हैं। गोशालाओं में भूख और बीमारी से गायों की मृत्यु पर हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कई बार गायों को गंदे माहौल में रखा जाता है, जहाँ उन्हें भोजन तक नसीब नहीं होता और वो पॉलीथिन खाने लगती हैं। इससे उनकी मृत्यु हो जाती है। साथ ही ध्यान दिलाया कि कैसे दूध न देने वाली गायों को सड़क पर छोड़ दिया जाता है। उच्च-न्यायालय ने कहा कि ये सब देख कर संशय होता है कि गाय की रक्षा का दावा करने वाले लोग क्या कर रहे हैं। बता दें कि गोरक्षा पिछले कई दिनों से मुद्दा बना हुआ है।

एसपी कमांडेंट के इशारे पर पुलिस ने पति पत्नी पर उनके प्लॉट में ट्रेसपास का केस दर्ज किया

  •   फिरोज और उसकी पत्नी प्रियंका ने की एसपी कमांडेंट बलविंदर सिंह, नयागांव थाने के एसएचओ और आईओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
  • फिरोज ने कहा- एसपी बलविंदर ने उनके प्लॉट पर कब्जा किया लेकिन पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई, अब उन्हें झूठे केस में ही फंसा दिया
  • फिरोज ने एसपी कमांडेंट के खिलाफ डीजीपी पंजाब, एसएसपी और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी शिकायत दी

चंडीगढ़:

जीरकपुर के रहने वाले फिरोज खान और उनकी पत्नी प्रियंका एक ऐसे केस में फंसा दिए गए हैं जो किसी को सुनने में भी बड़ा ही हैरानीजनक लगेगा। फिरोज और प्रियंका पर पुलिस ने उस प्लॉट में ट्रेसपास का केस दर्ज कर लिया जोकि उनका अपना ही है। फिरोज खान की मां संजीदा के नाम पर नयागांव में 10 मरले का प्लॉट है जिसमें ट्रेसपास करने पर फिरोज, उनकी पत्नी प्रियंका और भाई आमिर खान पर 11 अगस्त को पुलिस ने आईपीसी 447, 511, 34 के तहत केस दर्ज किया। फिरोज ने आरोप लगाया कि नयागांव पुलिस ने मोहाली आईआरबी बटालियन के एसपी कमांडेंट बलविंदर सिंह के इशारे पर ऐसा किया है।दरअसल, एसपी बलविंदर ने खुद उनके प्लॉट पर कब्जा किया हुआ है।

फिरोज की पत्नी प्रियंका ने बलविंदर के खिलाफ मई 2021 को नयागांव पुलिस को शिकायत भी दी थी। प्रियंका ने शिकायत में कहा था कि बलविंदर सिंह के कुछ गुंडों ने उनके प्लॉट के गेट पर लगे ताले को तोड़ा और वहां अपना ताला लगा दिया। इतना ही नहीं उन्होंने प्लॉट की दीवार पर फिरोज का मोबाइल नंबर मिटाकर बलविंदर का नंबर लिख दिया। अब तीन महीने से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। पुलिस ने न ही एसपी बलविंदर से पूछा कि उसके पास इस प्रॉपर्टी के कौन से डॉक्यूमेंट्स है जो वह इस पर अपना हक जमा रहा है।

इतने में 11 अगस्त  जब हमने डी एस पी गुरशेर सिंह को शिकायत दी तो  एसपी बलविंदर ने  हमारे  खिलाफ प्लॉट में जबरदस्ती घुसने की एफआईआर करवा दी। ये शिकायत बलविंदर ने 11 अगस्त को और एक ही दिन में पुलिस ने बिना जांच किए फिरोज, प्रियंका और आमिर पर ट्रेसपास का केस दर्ज कर लिया। प्रियंका ने कहा कि जब यह प्लॉट ही हमारा है तो हमें यहां जाने से क्यों रोका जा रहा है और क्यों उन पर झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं।फिरोज ने बताया कि ये प्लॉट उन्होंने 5 साल पहले अनीता छाबड़ा  नाम की महिला से खरीदा था। ये प्लॉट फिरोज की मां के नाम पर रजिस्टर्ड है। वहीं, अनीता छाबड़ा ने ये प्लॉट सरूप सिंह से  खरीदा था, फिर उसने ये प्लॉट हमें बेच दिया। यानी बलविंदर का इस प्लॉट में कोई दखल नहीं है। फिर भी उसने जबरदस्ती अपनी वर्दी का रसूख दिखाकर प्लॉट पर कब्जा कर लिया। फिरोज ने कहा कि पुलिस ने हमारी मदद करने की बजाय उल्टा उसी के इशारे पर हम पर झूठा केस दर्ज कर लिया।

एसपी, एसएचओ और आईओ के खिलाफ दी शिकायतफिरोज के वकील एडवोकेट मनदीप कुमार ने बताया कि उन्होंने एसपी बलविंदर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा झूठा केस दर्ज करने वाले एसएचओ और आईओ को भी फौरन सस्पेंड कर इनके खिलाफ केस दर्ज किए जाने की मांग की है। ये शिकायत उन्होंने डीजीपी पंजाब, एसएसपी और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी है।

Book on First Women VC of Panjabi University, Dr Inderjit Kaur Sandhu released

Chandigarh, 1st September:

“A Festschrift for Inderjit Kaur Sandhu: An Inspiring Story” edited and compiled by senior journalist Roopinder Singh was launched here in a virtual session today on the 98th birthday of Inderjit Kaur Sandhu.

Inderjit Kaur Sandhu had been a celebrated academician and the first women Vice Chancellor of Panjabi University and the first women Chairperson of the Staff Selection Commission, New Delhi.

Chief Minister of Punjab, Capt Amarinder Singh in his special message of greetings on her birthday, wrote that the book has weaved “a phulkari that is an enriching mosaic of vignettes of her life”, and also made a mention that “not many know that she was among the first batch of Punjabi MA students and helped edit Giani Ji’s famous ‘Mera Pind’,” to whom she was married. 

The editor of the book, senior journalist Roopinder Singh said,” My mother had a long and distinguished career. As you know, she was Vice-Chancellor, Punjabi University, Patiala (1975 to 1977), and the first Chairperson of Staff Selection Commission, New Delhi (1980 to 1985). She was educated in Lahore and became the first woman Vice-Chancellor a university in northern India, representing the country in various international academic fora.”

With a forward from Mrs Gursharan Kaur wife of the former Prime Minister Manmohan Singh, there are contributions in English and Punjabi.

Among the eminent people who have written in English are: Prof H S Gill, Prof Emeritus, Jawaharlal University; Dr Nikky Guninder Kaur Singh of Colby College, Maine, USA; Dr Ashok Vohra of Delhi University; the thespian Neelam Mansingh Chowdhry and Supreme Court Senior Advocate Nitya Ramakrishnan. Archival material written by the publisher Ashok Chopra and humourist the late Suba Singh provides a snapshot of the times. Personal accounts of younger persons— authors Ranjit Powar and Aradhika Sharma, journalist Madhusudan Srinivas, administrator Radhey Pratap Singh and Deputy Advocate General Daldeep Singh, and Mrs Inderjit Kaur’s grandchildren provide different kinds of perspectives.

The Punjabi section has articles by the author Dr Dalip Kaur Tiwana; the historian Dr Kirpal Singh, university administrator Tirath Singh, literary critic Dr Kuldip Singh Dhir and journalist Narinder Singh Sathi. Unfortunately, we have lost these eminent people since they wrote for the book.

The educationist Harcharan Kaur, former MP Tarlochan Singh, university administrator Dalip Singh Uppal and linguist Dr Bhupinder Singh Khaira bring out different aspects of the life of Mrs Inderjit Kaur. Also included in this section are archival articles by Rajinder Kaur and Balwinder Kaur.

A picture is worth a thousand words, and there are many pictures that portray the life of Inderjit Kaur. An Inspiring Journey, indeed.

She had been an inspiration and role model, and ahead of her time, as close associates, friends and family members including Prof Arvind, Vice Chancellor of Panjabi University, former VC Prof SS Boparai, theatre personality Neelam Mansingh, Nikki Gurinder Kaur, Nitya Ramakrishnan, senior journalist with NDTV Madhusudan Srinivas, and Ranjit Powar, shared their experience with her and the family 

गढ़वाल सभा के तीन सदस्य निलंबित

-गढ़वाल सभा की बैठक में लिया गया फैसला-छह वर्ष के लिए किया गया सभा से निलंबित

चंडीगढ़:

गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के पदाधिकारी और कार्यकारिणी की बैठक में गढ़वाल सभा के तीन सदस्यों को छह वर्ष के लिए सभा से निलंबित कर दिया गया। बीबी बहुगुणा, कुंदन लाल उनियाल, बीएस बिष्ट को निलंबित किया गया है।इस बैठक का आयोजन गढ़वाल सभा चंडीगढ़ के प्रधान बिक्रम सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में किया गया  इस बैठक में सभा के अस्सी सदस्य मौजूद थे। 29 अगस्त को आयोजित की गई इस बैठक में सभा के सचिव अरुण प्रकाश भी मौजूद थे। इस बैठक का मुख्य एजेंडा 22 अगस्त को गढ़वाल भवन सेक्टर-29 के गेट पर धरना प्रदर्शन देने वालों के खिलाफ एक्शन लेना था। इस बैठक में बिक्रम सिंह बिष्ट ने स्पष्ट किया कि गेट पर धरना प्रदर्शन करने वाले मुख्य रूप से तीन सदस्य सभा के चुनाव की मांग कर रहे थे जबकि कोर्ट के आदेश के अऩुसार फिलहाल चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं। जिसके बारे में यह सदस्य अन्य सभा के सदस्यों को गुमराह कर रहे थे। इस बारे में उत्तराखंड पर्वतीय सभा के प्रधान सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तीन सदस्यों को निलंबित  ही ठीक है।

रुद्र प्रयाग जनकल्याण मंच के प्रधान सरूप सिंह ने कहा कि यदि कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है तो फिर चुनाव कैसे करवाए जा सकते हैं। टिहरी गढ़वाल विकास परिषद रघुवीर सिंह पवार ने कहा कि हरेक सभा की गाइडलाइन होती है, जरूर यह है कि सभा के सदस्यों को मिलकर चलना चाहिए। इस प्रकार की गतिविधियां सभा के विरोध में की जा रही थीं। इस वजह से जो निर्णय लिया गया वह ठीक है। पौड़ी गढ़वाल एकता मंच के प्रधान महेंद्र सिंह रावत और उत्तराखंड जन चेतना मंच दीपक असवाल ने भी सभा के निर्णय का स्वागत किया। 

chandigarh Police

Police Files, Chandigarh – 01 September

‘ Purnoor’ Korel, CHANDIGARH – 01.09.2021

One arrested for consuming liquor at public place

Chandigarh Police arrested Umesh Kumar R/o # 192/2, Village-Daria, Chandigarh (Age 32 Years) while he was consuming liquor at a public place near Wine Shop, Village Daria, Chandigarh on 31.08.2021. A case FIR No. 134, U/s 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. He was later bailed out.

One arrested under Arms Act

Operation Cell of Chandigarh Police arrested Monu Kumar @ Shetty R/o # 2189, Sector-52, Chandigarh and recovered one desi katta with 01 live cartridge from his possession near t-point, inner road, Sector 52, Chandigarh on 31.08.2021. A case FIR No. 156, U/S 25-54-59 Arms Act has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Burglary

Gaurav Khanna R/o # 428, Sector-6, Panchkula (HR) reported that unknown person committed theft at his clinic i.e. Khanna Clinic, # 1801/1, Sector-22/B, Chandigarh and stole away cash Rs. 43,000/- & some items on the night intervening 30/31-08-2021. A case FIR No. 132, U/S 380, 457 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Snatching

A lady resident of Sector 23, Chandigarh reported that one lady and one gents on motorcycle sped away after snatching complainant’s gold chain near H.No. 1162, Sector 23/B, Chandigarh on 31-08-2021. A case FIR No. 133, U/S 379A IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

A case FIR No. 137, U/s 406, 420, 120B IPC has been registered in PS-34, Chandigarh on the complaint of Anoop Kumar R/o # 408, Sector-15/A, Chandigarh who alleged that Satish Kumar, Anupam Gupta, Satish Kumat Gupta, Pardeep Kumar Gupta and Others R/o SCO No. 196-197 Sector-34/A, Chandigarh cheated the complainant on the pretext of providing residential plot to the tune of Rs. 47,50,000/- under the conspiracy. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 138, U/s 420, 34 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh on the complaint of Ashwani Kumar & other R/o # 30, Block 2013, Sector-32/C, Chandigarh alleged that Narender Kapoor & other R/o # 2848, Sector-22/C, Chandigarh entered into an agreement to sell the 75 % share of H.No. 632, Sector 7, Panchkula (HR) on 07.05.2013. The alleged persons are not owners of the house in question to the share of 75 % but actually they only have 25 % share of the property. Investigation of the case is in progress.