कॉंग्रेस के राष्ट्रिय प्रवक्ता राजीव त्यागी नहीं रहे वह 50 वर्ष के थे

नई दिल्ली/

  कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी का निधन हो गया है। सुनने में आ रहा है कि उनको दिल का दौरा पड़ा था। त्यागी एक डिबेट में बैठे हुए थे। त्यागी कांग्रेस के तेज-तर्रार प्रवक्ता थे, अकसर उनकी भिड़ंत टीवी एंकरों से भी हुआ करती थी। सोशल मीडिया पर वह अपने ट्वीट्स के लिए छाए रहते थे।

राजीव त्यागी का जन्म 20 जून 1970 को हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक राजीव त्यागी की तबीयत आज दिन भर ठीक थी. शाम को आजतक पर वे डिबेट में शामिल हुए थे. खुद ट्वीट करके उन्होंने इसकी जानकारी भी थी. उन्होंने लिखा था कि आज शाम 5:00 बजे आज तक पर रहूंगा. शाम को 5 बजे वे आजतक पर टीवी डिबेट में शामिल भी हुए थे.

राजीव त्यागी के घर में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए. बेहोशी की हालत में उन्हें यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

राजीव त्यागी के निधन पर नेताओं ने दुख जताया है. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ”राजीव त्यागी के आकस्मिक निधन से हमें गहरा दुख हुआ.  एक कट्टर कांग्रेसी और एक सच्चे देशभक्त थे.”

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर संवेदना जताई. कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार का एक सदस्य खो दिया है. ये उनके जाने की उम्र नहीं थी. बिहार कांग्रेस के सीनियर नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, “मेरे मित्र सहयोगी कर्मठ प्रवक्ता राजीव त्यागी के निधन की खबर से स्तब्ध हूँ. असमय मौत की खबर ने झकझोर दिया है…ॐ शांति.’’

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘’विश्वास नहीं हो रहा है कंग्रेस के प्रवक्ता मेरे मित्र राजीव त्यागी हमारे साथ नहीं रहे. आज 5 बजे हम दोनो ने साथ में डिबेट भी किया. जीवन बहुत ही अनिश्चित है …अभी भी शब्द नहीं मिल रहें. हे गोविंद राजीव जी को अपने श्री चरणो में स्थान देना.”

राजीव त्यागी के ट्विटर हैंडल पर नजर डालें तो वह आज शाम तक बिल्कुल ठीक थे. उन्होंने शाम के 3 बजकर 41 मिनट पर ट्वीट कर कहा था कि आज शाम 5 बजे एक चैनल के डिबेट में शामिल रहूंगा. इस डिबेट में त्यागी शामिल भी हुए. इसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा.  उन्हें तुरंत गाजियाबाद के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

दंगाईयों से ही वसूली जाएगी नुकसान की भरपाई

कर्नाटक के मंत्री का यह बयान बेंगलुरु हिंसा के संदर्भ में आया है. इस हिंसा के दौरान एक ईशनिंदा करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 50 से 60 हजार की उग्र भीड़ ने कर्नाटक के कुछ इलाकों में मंगलवार रात सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम दिया था.“सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई उन व्यक्तियों द्वारा किया जाना चाहिए जिन्होंने नुकसान पहुँचाया है। हम तुरंत कार्रवाई करने जा रहे हैं। हम व्यक्तियों की पहचान कर रहे हैं और नुकसान का आकलन कर रहे हैं। इसके बाद दंगाइयों द्वारा नुकसान की वसूली की जाएगी।”

कर्नाटक/ नयी दिल्ली :

कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार (अगस्त 12, 2020) को कहा कि राज्य सरकार बेंगलुरु हिंसा की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। बोम्मई ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि सार्वजनिक संपत्ति और वाहनों को नुकसान की भरपाई क्षति पहुँचाने वाले दंगाइयों को करना होगा।

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा, “मैं संपत्ति की वसूली को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा करना चाहता हूँ कि सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई उन व्यक्तियों द्वारा किया जाना चाहिए जिन्होंने नुकसान पहुँचाया है। हम तुरंत कार्रवाई करने जा रहे हैं। हम व्यक्तियों की पहचान कर रहे हैं और नुकसान का आकलन कर रहे हैं। इसके बाद दंगाइयों द्वारा नुकसान की वसूली की जाएगी।”

उन्होंने पुष्टि की कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई है, जहाँ आगजनी में लिप्त लोगों से नुकसान की वसूली के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

मंत्री ने कहा, “मैं लोगों को चेतावनी देना चाहता हूँ कि जो लोग कानून को हाथ में ले रहे हैं उन्हें सबक सिखाया जाएगा। (बेंगलुरु हिंसा) के पीछे की साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।”

बता दें कि इससे पहले बेंगलुरु दक्षिण के सांसद (बीजेपी) तेजस्वी सूर्या ने इस बाबत कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पत्र लिखा था। पत्र में तेजस्वी सूर्या ने येदियुरप्पा से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह दंगे में हुई व्यापक क्षति की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति जब्त करके करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली दंगाइयों की संपत्ति जब्त करके करें।

भाजपा सांसद ने अपने पत्र को ट्विटर पर पत्र शेयर किया, जिसमें उन्होंने येदियुरप्पा से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के उदाहरण का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोहराया नहीं जाएगा।

उत्तर प्रदेश के सीएम ने आगजनी में शामिल दंगाइयों की संपत्तियों को कैसे कुर्क किया, इसका उदाहरण देते हुए तेजस्वी ने कहा कि हिंसा के आरोपित व्यक्तियों की होर्डिंग्स लगाई गई और अकेले लखनऊ में 50 लोगों को 1.55 करोड़ रुपए की वसूली नोटिस जारी किए गए। उन्होंने दंगाइयों से सख्ती से निपटने का अनुरोध किया।

सीएम येदियुरप्पा को तेजस्वी सूर्या का लिखा गया पत्र

बता दें कि मंगलवार (अगस्त 11, 2020) की रात पूर्वी बेंगलुरु केजी हल्ली, डीजे हल्ली और पुल्केशी नगर में अल्लाह-हो-अकबर और नारा-ए-तकबीर के नारों के बीच हिंसा फैल गई। 1000 से भी अधिक की मुस्लिम भीड़ ने अल्लाह-हो-अकबर और नारा-ए-तकबीर के नारों के बीच पुलिस स्टेशन को जला डाला। यह दंगे पैगंबर मुहम्मद पर कथित रूप से आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट को लेकर भड़के थे।

1000 से भी अधिक की मुस्लिम भीड़ ने स्थानीय विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर को घेर लिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। सबसे पहले तो केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के सामने एक हज़ार से ज्यादा की संख्या में मुसलमान इकट्ठे हो गए और कॉन्ग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के रिश्तेदार नवीन की गिरफ्तारी की माँग करने लगे। इसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। इसी तरह विधायक के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। उनके घर के बाहर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। कई घण्टों तक आगजनी चली।

पुलिस स्टेशन के बाहर मजहबी नारेबाजी हुई, पत्थरबाजी की गई और गाड़ियों को फूँक दिया गया। पूर्वी भीमाशंकर के डीसीपी को डंडों और पत्थरों से निशाना बनाया गया। वहीं डीजे हल्ली में पुलिस की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। रात के करीब 10:30 बजे अतिरिक्त पुलिस बल की टुकड़ियाँ आईं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। यहाँ तक कि पुलिस को थाने के भीतर घुसने के लिए भी मुस्लिम भीड़ ने जगह नहीं दी।

सहारनपुर थाना मंडी पुलिस ने नशें के कारोबारियों के विरूद्ध की बड़ी कार्यवाही, पुलिस ने पकड़ें 8 नशे के कारोबारी

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर:

सहारनपुर थाना मंडी पुलिस को मिली बड़ी सफ़लता। पुलिस ने भारी मात्रा में नशीली गोलियां व इंजेक्शन किये बरामद।

सहारनपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ एस चन्नप्पा के आदेशों अनुसार जनपद में नशें के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत एसपी सिटी विनीत भटनागर व सीओ प्रथम नगर के कुशल निर्देशन में थाना मंडी प्रभारी बिजेन्द्र सिंह रावत ने टीम के साथ थाना क्षेत्र पीर वाली गली से नशे का कारोबार करने वाले 8 सौदागरों को भारी मात्रा में विभिन्न कंपनियों की नशीली टेबलेट व इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया है, पुलिस ने इनके कब्जे से 11000 के लगभग नशीली गोलियां व इंजेक्शन बरामद किए है जिनकी कीमत क़रीब एक लाख 80 हजार रुपये है, पुलिस के अनुसार उक्त सौदागरों का एक अन्य साथी फरार है जिसकी तलाश जारी है जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सऊदी ने पाकिस्तान को दिया दूसरा झटका तेल की सप्लाई की बंद

22 मई को कश्मीर में ओआईसी के सदस्यों से समर्थन जुटाने में पाकिस्तान विफल रहा, उसके बाद प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा था कि इसका कारण यह है कि हमारे पास कोई एक जुटता नहीं है और हमारे बीच सिर्फ विभाजन है. कुरैशी ने कहा जैसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब के ‘अनुरोध’ के बाद खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग किया, वैसे ही अब रियाद को इस मुद्दे पर ‘नेतृत्व दिखाना’ चाहिए. बता दें कि इस्लामाबाद, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जोर दे रहा है क्योंकि भारत द्वारा पिछले साल ही आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया था, जिसने जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया था।

इस्लामाबाद/रियाद/नयी दिल्ली:

सउदी अरब ने पाकिस्तान के साथ अपने दशकों पुरानें संबंधों को खत्म करने का ऐलान कर दिया है. कश्मीर पर दरअसल विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के एक विवादित बयान के बाद ही दोनों देशों के संबंधों में खटास आनी शुरू हो गई थी. सउदी अरब से साथ न मिलने के बाद कुरैशी ने एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद रियाद ने यह फैसला लिया है. दो दिन पहले ही रियाद ने इस्लामाबाद को कच्चे तेल की सप्लाई और लोन देने पर रोक लगा दी थी. मीडिल ईस्ट रिपोर्टर की एक खबर के अनुसार रियाद द्वारा लिए गए एकतरफा फैसले के बाद अब पाकिस्तान ने भी संबंधों को खत्म करने के लिए कह दिया है.  

10 अगस्त को लिया था ये फैसला

10 अगस्त को सऊदी अरब ने पाकिस्तान को दिए एक बिलियन डॉलर के कर्ज को लौटाने को कहा था. पाकिस्तान ने तय समय से चार महीने पहले ही लौटा दिया. इसके बावजूद सऊदी अरब का दिल नहीं पसीजा है और पाकिस्तान की तेल सप्लाई रोक दी है.

दरअसल, सऊदी अरब ने पाकिस्तान के बोझ को कम करने के लिए और विदेशी मुद्रा का खजाना भरने के लिए नवंबर 2018 में 6.2 बिलियन डॉलर की रकम पाकिस्तान को दी थी. जिसमें से 3.2 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल पेट्रोलियम पदार्थ लेने, और उसके भंडारण पर खर्च किया जाता था. ये डील मई 2020 में समाप्त हो गई, लेकिन सऊदी अरब ने डील को रिन्यू करने की जगह तेल की सप्लाई ही रोक दी और एक बिलियन डॉलर कर्ज की वसूली भी पाकिस्तान से कर ली. मिडिल ईस्ट मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार, जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान की यात्रा की थी, तब इस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे.

पाकिस्तान को ये झटका उस समय लगा है, जब उसे आईएमएफ से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है, क्योंकि आईएमएफ ने पिछले पांच महीने से किसी को भी मदद नहीं दी है. ऐसे में सऊदी अरब को पैसे लौटाने के साथ ही अब तेल की खरीदी से पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक पर बुरा असर पड़ रहा है, जो पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. 

कश्मीर की वजह से आई दरार

वहीं, अब यह ताजा रुख पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ रुख नहीं अपनाने के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को सख्त चेतावनी देने के बाद आया है. एआरवाई चैनल पर कुरैशी को यह कहते हुए दिखा गया कि यदि आप इस मामले में आगे नहीं आते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर होऊंगा जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं. 

22 मई को कश्मीर में ओआईसी के सदस्यों से समर्थन जुटाने में पाकिस्तान विफल रहा, उसके बाद प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा था कि इसका कारण यह है कि हमारे पास कोई एक जुटता नहीं है और हमारे बीच सिर्फ विभाजन है. कुरैशी ने कहा जैसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब के ‘अनुरोध’ के बाद खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग किया, वैसे ही अब रियाद को इस मुद्दे पर ‘नेतृत्व दिखाना’ चाहिए. बता दें कि इस्लामाबाद, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जोर दे रहा है क्योंकि भारत द्वारा पिछले साल ही आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया था, जिसने जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया था।

Police Files, Chandigarh

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH –  12.08.2020

One arrested for consuming liquor at public place

Chandigarh Police Rajesh R/o # 80/82, Vikas Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh while he was consuming liquor at a public place at parking near Wine Shop, Sector-22C, Chandigarh on 11.08.2020. A case FIR No. 141, U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Action against illicit liquor

Chandigarh Police arrested Kishanpal R/o # 2000, Phase-2, Ram Darbar, Chandigarh and recovered 25 quarters of country liquor from his possession in Aviator Scooter No. CH01-BA-1179 near Hanuman Mandir, Hallo Majra, Chandigarh on 11.08.2020. A case FIR No. 170, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

A lady resident of Sector 27D, Chandigarh, reported that unknown person stole away Honda City Car No. CH03X0083 parked near her residence between 08.08.2020 to 10.08.2020. A case FIR No. 141, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Attempt to theft

A case FIR No. 175, U/S 380, 511, 427 IPC has been registered in PS-IT Park, Chandigarh on the complaint of Kikar Singh, Channel Executive, Hitachi Payment Service Pvt Ltd, R/o # 136/2, Sector 55, Palsora, Chandigarh who reported that unknown person tried to broke the ATM and CCTV Camera at Axis Bank ATM, Booth No. 44/1 Subhash Nagar, Manimajra, Chandigarh and attempted to theft on the night intervening 10/11-08-2020. Investigation of the case is in progress.

6 साल से संगठन का पुनर्गठन नहीं होना कांग्रेस की कमजोरी साबित हो सकती है उपचुनाव में

 धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़:

धर्मपाल वर्मा
राजनीतिक विश्लेषक

                सोनीपत जिले में बरोदा में  होने जा रहे उपचुनाव को लेकर जितने चाक-चौबंद भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं उतने कांग्रेसी नजर नहीं आ रहेl हाल में भाजपा ने ओमप्रकाश धनखड़ के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। जाट यहां तक कि दूसरे दलों के  भी उनके इर्द-गिर्द नजर आने लगे हैं और भाजपा का प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किसी भी समय सार्वजनिक किया जा सकता है।

                इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के लोग काफी कैलकुलेटिव है।  हर चीज सोच समझकर तय करते हैं परंतु मुकाबले में खड़ी कांग्रेस पार्टी की कमजोरी पिछले 6 साल से संगठन के चुनाव न होना भी नजर आ रही है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अशोक तंवर 6 साल से भी अधिक समय तक अध्यक्ष रहे परंतु वे बिना फौज के कमांडर साबित हुए और इतने बड़े कार्यकाल में भी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाएl  अब कुमारी सेलजा की हालत भी कुछ ऐसी ही लग रही है। उन्होंने अब तक जो नियुक्तियां की है उसे देखकर ऐसा लगता है कि  वह इस मामले में बहुत अधिक संजीदा नहीं है। उनका नया अमला प्रभावी नजर नहीं आ रहा हैl  उप चुनाव से पहले प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करना कांग्रेस और कुमारी शैलजा के लिए एक चुनौती से कम नहीं है।

                              जिस तरह से कॉन्ग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर कार्यकारी अध्यक्ष से काम चला रही है उसी तरह हरियाणा में भी प्रदेश की पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष के पार्टी छोड़ जाने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष से काम चलाना पड़ रहा है। चुनाव आयोग ने जिस तरह से कांग्रेस को नोटिस देकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के संदर्भ में कह दिया है उसी तरह हरियाणा में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की जरूरत भी आन पड़ी है।  यहां यह पद पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर उसी तरह भरा जा सकता है जैसा 2013 में डॉ अशोक पवार के अध्यक्ष बनने के बाद एक बैलेंस बनाने के लिए भरा गया था और अब तो बैलेंस क्या जरूरत बन गई है।

                                पार्टी ने उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा को महिला की अध्यक्ष बनाने की छूट दी थी और उन्होंने दलित प्रदेश अध्यक्ष के होते जाटों को प्रतिनिधित्व देते हुए सुमित्रा चौहान को प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष  बनवाया था। यह सर्व विदित है कि  सुमित्रा चौहान हरियाणा महिला कांग्रेस की सबसे सफल अध्यक्ष कहीं जाती हैं। सुमित्रा अब कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में जा चुकी हैंl

                              सुमित्रा चौहान के समय में महिला कांग्रेस हरियाणा में बुलंदियों पर नजर आती थीl  इसीलिए कांग्रेस को उनकी कमी निश्चित तौर पर खल रही हैl

                              सुमित्रा चौहान के चले जाने के बाद ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देते हुए और समय अनुकूल व्यवस्था करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने श्रीमती सुधा भारद्वाज को कार्यकारी अध्यक्ष बनवाया था।  विधानसभा के चुनाव में सक्षम सक्रिय और जातीय समीकरणों को साधने के लिए कांग्रेस को जल्दी ही रेगुलर महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया तो बरोदा में होने जा रहे कांटे के उपचुनाव में कांग्रेस को इसकी कमी बार-बार खलेगी।  यह वह क्षेत्र है जहां ग्रामीण महिलाएं भी किसी दल विशेष के प्रति जनमत बनाने का काम करती हैं।  आधी आबादी पूरा हक वाली मान्यता को परिलक्षित करती हैंl  पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैl खेत में भी घर में भी।

                हरियाणा महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुधा भारद्वाज ब्राह्मण समुदाय  का प्रतिनिधित्व करती हैं। ब्राह्मण समुदाय  के मतदाता भी  आने वाले उपचुनाव में निर्णायक साबित हो सकते है। ऐसे में उनकी सेवाएं जारी रखते हुए नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जा  सकती हैं।

                                हरियाणा में कांग्रेस ने रेगुलर प्रदेश अध्यक्ष के साथ दो दो कार्यकारी अध्यक्ष बना कर भी काम चलाया है।

                              ऐसे में यही फार्मूला महिला कांग्रेस के पुनर्गठन को लेकर भी अप्लाई किया जा सकता है।  उप चुनाव को देखते हुए जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने जाटों को प्रतिनिधित्व दिया है ऐसा ही कांग्रेस को भी करना पड़ेगा। व्यवहार में देखा जाए तो जिस क्षेत्र में जिस समुदाय का  हस्तक्षेप और संख्या ज्यादा होती  है वहां उस समुदाय को प्रतिनिधित्व दिए बिना उचित परिणाम प्राप्त नहीं किया जा सकता।

                सुधा भारद्वाज के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की एक और प्रबल उम्मीदवार श्रीमती नीना राठी भी कांग्रेस छोड़ गई। वह भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई। अब यह दोनों मतलब सुमित्रा चौहान और नीना राठी बरोदा विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट मांगते  नजर आएंगे और जाट मतदाताओं को प्रभावित करेंगे। इसके मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को काउंटर करने के लिए कांग्रेस के पास जाट अध्यक्ष * होना लाजमी है और कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया तो यह  कमी प्रत्येक गांव में महसूस की जाएगी। चुनाव तैयारियों से लड़ा जाता है, प्रबंध से लड़ा जाता है, योजना से लड़ा जाता है lइस मामले में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से कहीं आगे नजर आ रही है।

                                कांग्रेस के लिए एक दिक्कत यह भी है की सुमित्रा चौहान नीना राठी ही नहीं जाटों की बात करें तो अध्यक्ष पद की एक और प्रबल उम्मीदवार चित्रा सरवारा भी अब कांग्रेस में नहीं है उन्होंने हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम का एक नया राजनीतिक दल गठित कर लिया। अब कांग्रेस के ही लोग कहने लगे हैं कि  नई राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस की आशा की किरण किरण मलिक (हांसी) हो सकती है।

                                श्रीमती मलिक महिलाओं के अलावा जाटों, जिला हिसार और युवाओं का तो प्रतिनिधित्व करेंगी ही, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा के खेमे का भी प्रतिनिधित्व करेंगी।  उनका जाटों की बड़ी ख्वाब मलिक (गठवाला) से संबद्ध होना एक खास बात है।

                                बरोदा विधानसभा क्षेत्र में मलिक गोत्र के 16 गांव हैं।  चुनाव और राजनीति की हाल की परिस्थितियों को इस तरह से भी कैश किया जा सकता है कि किरण  एक छात्र नेत्री रही हैं और पार्टी में आईटी सेल की अग्रणी और तार्किक प्रगतिशील महिला है। उनका ताल्लुक हिसार जिले के हांसी विधानसभा क्षेत्र से है और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक हैl बता दें कि वह पंचकूला गवर्नमेंट पीजी कॉलेज छात्र संगठन की अध्यक्ष रही हैl प्रभावशाली व्यक्तित्व और मौजूदा प्रदेश महिला संगठन का स्टफ् उनका पक्षधर है। यह खास बात है।

                              कहते हैं कि युद्ध के समय घोड़े नहीं बदले जाते। संभव है कॉन्ग्रेस चुनाव के समय प्रदेश संगठन में पुनर्गठन न कर पाए परंतु जो रिक्त पद हैं वहां उपयुक्त व्यक्ति का समायोजन भी  समय की जरूरत हो जाता है। इसलिए यह माना जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक प्रदेशभर के  इस बात के लिए लॉबिंग कर रहे हैं कि कम से कम महिला प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे से बनाई जानी चाहिए। हरियाणा महिला कांग्रेस की  आज की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुधा भारद्वाज का ताल्लुक भी सोनीपत जिले से है।  ऐसे में यदि किरण मलिक का नाम आगे किया जाता है तो बरोदा विधानसभा क्षेत्र के मलिक मतदाताओं में इस बात का  बड़ा फर्क पड़ सकता है।

                                हरियाणा में एक कहावत है की ‘दहिया अशनाई’ मतलब रिश्तेदारी का और गठवाला यानि मलिक भाई का… (पक्षधर) धर्म माना जाता है।मतलब मलिकों में भाईचारा अपेक्षाकृत ज्यादा होता है और किरण मलिक तो मलिकों की बहू है, वह उपचुनाव में बरोदा में पासा पलटने में सक्षम  साबित हो सकती हैं।

                संभव है कांग्रेसी इस मामले में जल्दी ही कोई कदम उठा ले।  देखते हैं आगे आगे होता है क्या ?

पंचांग 12 अगस्त 2020

आज 12 अगस्त को भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. आज कृष्ण जन्माष्टमी भी है. हिंदू धर्म में भादों मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है . जन्माष्टमी का पर्व बाल गोपाल भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. लोग इस दिन तरह-तरह की झांकियां सजाते हैं. बाल गोपाल को माखन-मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है.

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942,

मासः भाद्रपद़़,

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अष्टमी तिथि प्रातः 11.17 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः कृतिका रात्रि 03.26 तक, 

योगः वृद्धि प्रातः 09.25 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः कर्क, 

चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.52, 

सूर्यास्तः 07.00 बजे।

नोटः श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (वैष्णव)

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।