उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने राज्य के 15 जिलों के हॉटस्पॉट को पूरी तरह से सील करने का फैसला लिया है। ये आदेश रात 12 बजे से लागू होगा। यूपी के ये 15 जिले कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट कहे जा रहे हैं। इन सभी जिलों में 15 अप्रैल तक किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी यानी 100 फीसदी लॉकडाउन। इन जिलों में सरकार द्वारा जरूरी समान की होम डिलिवरी की जाएगी। किसी भी व्यक्ति को बाहर जाकर सामान खरीदने की इजाज़त नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉटस्पॉट क्षेत्रों को 13 अप्रैल तक पूर्ण रूप से सील करने के निर्देश दिए हैं । आज रात 12 बजे के बाद लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, सीतापुर, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, बस्ती, सहारनपुर और महाराजगंज के जिस इलाकों में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं वो क्षेत्र सील कर दिए जाएंगे ।
लखनऊ ब्यूरो, 8 मार्च 2020:
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यूपी सरकार ने बड़े फैसले का ऐलान किया है. इसके तहत यूपी के 15 जिलों के कुछ इलाके 15 अप्रैल तक पूरी तरह सील रहेंगे. सील होने वाले इलाकों में आने-जाने पर रोक रहेगी. आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, बुलंदशहर, महाराजगंज, सहारनपुर समेत 15 जिलों के कुछ इलाके पूरी तरह सील रहेंगे.
किसी को किसी भी स्थिति में बाहर निकलने की इजाजत नहीं
राज्य सरकार का कहना है कि इन सभी जिले कोरोना के हास्टस्पॉट हैं, जिसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इस फैसले के बाद लॉकडाउन में किसी भी व्यक्ति को कोई छूट नहीं मिलेगी। इस दौरान न तो कोई दुकानें खुलेंगी और न ही किसी को किसी भी वजह से सड़क पर निकलने की इजाजत दी जाएगी।सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की होम डिलिवरी की जाएगी। हालांकि, इस दौरान केवल कर्फ्यू पास वाले लोगों को ही घर से बाहर निकलने की इजाजत दी जाएगी। 15 अप्रैल तक स्थिति की समीक्षा की जाएगी, इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाके पहले से सील
इस फैसले के बारे में बताते हुए अपर सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि पूरे जिले में जिन जगहों पर पॉज़िटिव केसे आए हैं, वहां संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है और उसे पूरी तरह से सील किया जाएगा। ऐसे लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाकों में पहले ही किया जा चुका है। सीधे कहा जा रहा है कि इस सील का मतलब है कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को भी कर्फ्यू पास जारी नहीं किया जाएगा। इन जरूरी सेवाओं के आलावा किसी को भी अपने घर से निकलने की इजाजत नहीं है। इन जिलों की सीमाओं को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यहां तक की मीडियाकर्मियों की एंट्री भी बैन करने का विचार हो रहा है। विशेष परिस्थिति में ही केवल इजाजत दी जाएगी।
15 जिलों में कितने केस
आगरा- 64 केस, शामली-17 , मेरठ-35, बरेली-6, कानपुर-8, वाराणसी-9, लखनऊ, बस्ती- 8, गाजियाबाद-23, गौतमबुद्धनगर-58, महाराजगंज-6, सीतापुर-8, बुलंदशहर-8, फिरोजाबाद-7
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न हालात पर विचार विमर्श के लिए बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया .
प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद किया जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं .
गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था .
प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की है.
हाल ही में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक प्रमुख स्टालिन सहित कई नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर महामारी रोकने के लिये सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी .
मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों एच डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह से भी बात की थी