कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस वक्त देश शहीदों के शव के टुकड़े चुन रहा था. उस वक्त पीएम मोदी अपने नाम के नारे लगवा रहे थे.
जिन में मिली बहुत बुरी हार के बाद राजनाइटिक परिदृश्य से गायब हुए रणदीप सुरजेवाला को पुलवामा अटैक के बाद एक बार फिर से अखबारी सुर्खियों में आने का मौका मिल गया है। कांग्रेस ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारतीय जनता पार्टी पर पुलवामा हमले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि ‘पीएम मोदी और अमित शाह बस इसका राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय शोक की घोषणा भी नहीं की.’
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस वक्त देश शहीदों के शव के टुकड़े चुन रहा था. उस वक्त पीएम मोदी अपने नाम के नारे लगवा रहे थे और अमित शाह रैली में कांग्रेस पर हमला कर रहे थे.
सुरजेवाला ने कहा, ‘जब देश दोपहर में हुए पुलवामा अटैक पर शहीदों की जान जाने पर रो रहा था, तब पीएम मोदी शाम तक जिम कॉर्बेट पार्क में शाम तक फोटो शूट कराते रहे. पूरी दुनिया में कोई ऐसा पीएम है क्या? मेरे पास इस आचरण के लिए कोई शब्द नहीं बचे हैं.’
सुरजेवाला ने कहा कि हमले के बाद मोदी और शाह ने राष्ट्रीय शोक की भी घोषणा नहीं की, ताकि उनकी रैलियां और राजनीतिक कार्यक्रम रुक न जाएं.
कांग्रेस ने पीएम मोदी के दक्षिण कोरिया के दौरे पर भी सवाल उठाए. साथ ही सुरजेवाला ने ये भी कहा कि पीएम मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके परिवार वालों को इंतजार करवा रहे थे.
सुरजेवाला ने कश्मीर में बढ़ी अस्थिरता पर तो सवाल उठाया ही, पुलवामा अटैक पर सरकार के सामने सवाल रखे. उन्होंने कहा कि आतंकियों को इतनी बड़ी मात्रा में आरडीएक्स और रॉकेट लॉन्चर कैसे मिले? उन्होंने सवाल किया कि जब सीआरपीएफ जवानों की तैनाती में देरी हुई थी, तो उन्हें एयरलिफ्ट क्यों नहीं किया गया? जैश-ए-मुहम्मद की ओर से चलाए गए धमकी भरे वीडियो को नजरअंदाज क्यों किया गया?
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/08/Randeep-Surjewala.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 17:13:342019-02-21 17:13:37सुरजेवाला ने पुलवामा के बहाने प्रधान मंत्री पर किया तीखा हमला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के ताजा हालातों पर बयान दिया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर राजनीतिक अस्थिरता और शासन के अभाव में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और लोग पार्टी की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने बुधवार को पार्टी में शामिल होने वाले राज्य के पूर्व मुख्य सचिव बी आर कुंडल को जम्मू-पुंछ लोकसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार बनाने का भी ऐलान किया.
फारूक ने कहा, ‘हाल के सालों में राजनीतिक अस्थिरता और शासन की कमी की वजह से राज्य बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है इसलिए लोग हमारी तरफ उम्मीद से देख रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि पार्टी लोगों की राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करेगी और उनमें सुरक्षा का भाव फिर से पैदा करेगी जिसकी अभी बेहद जरूरत है. अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि प्रदेश के वरिष्ठ नौकरशाह के तौर पर कुंडल के अनुभव को देखते हुए आने वाले चुनावों में उन्हें लोगों का खूब समर्थन मिलेगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीनों क्षेत्रों में काम कर चुके कुंडल ने सार्वजनिक सेवा में खासा प्रभाव छोड़ा था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/07/34JK_Farooq_Abdullah_wants_de.jpg420980Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 17:05:172019-02-21 17:05:19‘हाल के सालों में राजनीतिक अस्थिरता और शासन की कमी की वजह से राज्य बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है इसलिए लोग हमारी तरफ उम्मीद से देख रहे हैं.’फारूक
गठबंधन के लिए कांग्रेस को मना-मना कर थक गए लेकिन वे समझने को तैयार नहीं- केजरीवाल अपनी सियासी ज़मीन खिसकते जान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमलोग गठबंधन के लिए Congress को मना-मना कर थक गए हैं लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं. केजरीवाल ने कहा कि अगर आज हमारा कांग्रेस से गठबंधन हो जाता है तो बीजेपी दिल्ली की सभी सात की सात सीट हार जाएगी प्रियंका के आगमन से कांग्रेस में बहार है, आत्मविश्वास कहें या आत्ममुग्धता से लबरेज वह अब तकरीबन हर जगह चुनाव पर्यंत ही गठबंधन की सोचेगी
Updated On: Feb 21, 2019
अपनी सियासी ज़मीन को दरकते देख आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जगह जगह गठबंधन की गुहार लगा रहे हैं और हरियाणा में तो उन्होने अपने गठ बंधन की पहिली हर चख भी ली है। अब वह कांग्रेस के सहारे अपनी वैतरणी पार लगाने की बार बार गुहार लगा हुके हैं। परंतु कांग्रेस से निराश केजरीवाल ने कहा है कि वे गठबंधन के लिए कांग्रेस (Congress) को मना-मना कर थक गए हैं लेकिन वे लोग समझने को तैयार नहीं हैं. दिल्ली के चांदनी चौक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आप सुप्रीमो ने ये बात कही.
केजरीवाल ने कहा, ‘हर सीट से बीजेपी (BJP) के खिलाफ मात्र एक उम्मीदवार होना चाहिए. वोट किसी भी कीमत पर बंटना नहीं चाहिए.’ दिल्ली सीएम ने कांग्रेस पर गठबंधन नहीं करने का आरोप भी लगाया.
Delhi CM in Chandni Chowk y’day: There should be only 1 candidate against every BJP candidate,votes must not be divided.Tired of trying to convince Congress for alliance,but they refuse to understand. If today our alliance with Congress is done, BJP will lose all 7 seats in Delhi2,1518:56 AM – Feb 21, 20192,506 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy
उन्होंने कहा कि हमलोग गठबंधन के लिए कांग्रेस को मना-मना कर थक गए हैं लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं. केजरीवाल ने कहा कि अगर आज हमारा कांग्रेस से गठबंधन हो जाता है तो बीजेपी दिल्ली की सभी सात की सात सीट हार जाएगी.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा चल रही है. लेकिन अभी तक इस पर मुहर नहीं लगी है. पिछले दिनों विपक्षी दलों की बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ने गठबंधन के लिए लगभग मना ही कर दिया है. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी मौजूद थे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/rahul-gandhi_20_07_2016_1468993918_wallpaper.jpg360640Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 17:01:402019-02-21 17:01:42अपने सियासी भविष्य की गुहार लगाते केजरीवाल को कांग्रेस ने दी ‘निराशा’
हाल ही में पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में भारत के दर्जनों जवानों की शहादत के बाद इसी साल इंग्लैंड में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान मुकाबला के बहिष्कार का मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है. अब खबर आई है कि बीसीसीआई ने एक चिट्ठी तैयार की है जिसमें आईसीसी से क्रिकेट के इस महाकुंभ से पाकिस्तान को बैन करने की मांग की जाएगी और ऐसा ना होने की सूरत में बीसीसीआई यानी टीम इंडिया वर्ल्ड का हिस्सा नहीं होगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ने इस खत का मजमून तैयार कर लिया है और इसे बोर्ड को चला रही सीओए के चीफ विनोद राय की मंजूरी भी हासिल हो चुकी है. इसे गुरुवार को आआईसीसी के चेयरमेन शशांक मनोहर को भेजा जा सकता है लेकिन उससे पहले कानूनी सलाह ली जाएगी.
भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून का वर्ल्ड कप का मुकाबला खेला जाएगा. इस टूर्नामेंट में कुल 10 टीमें भाग लेंगी.
भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी विश्व कप में होने वाले मैच के बहिष्कार की मांग के बीच मैनचेस्टर में 16 जून को होने वाले इस मैच का जलवा प्रशंसकों के बीच बरकरार है. ओल्ड ट्रैफर्ड में 25000 दर्शकों की क्षमता के बावजूद टिकटों के लिए 400000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/ICClogo.jpg4601045Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 16:26:292019-02-21 16:26:32पाकिस्तान के आईसीसी से निष्कासन की तैयारी मे बीसीसीआई
If it wasn’t such a dangerous situation, the statements coming thick and fast from Pakistan would be hilarious and perplexing. Pakistan prime minister Imran Khan is his speech aimed mostly at the international community and his domestic audience — leaning forward at each word and gesture — prof-erred advice to India on Kashmir, and promised to take immediate action if India provided ‘actionable’ intelligence on the involvement of Pakistan in the Pulwama attacks.
According to Khan, this was a “Naya” Pakistan that would act differently. To most watchers, however, it seemed remarkably like the same old Pakistan, protesting too much and doing precious little. Yes, the Pakistan prime minister is considerably better looking than that poor Nawaz Sharif, now showing his age as he battles multiple cases. But that’s about all.
To an ignorant observer, Imran’s speech would have seemed to be entirely sincere, especially when he asked what Pakistan had to gain from an attack at a time when it was seeking financial assistance from one and all. The observer, however uninformed, would only have to type in “Jaish-e-Mohammed” into a search engine to get all the details of the outfit’s huge buildings and campuses in Bahawalpur in the province of Punjab.
Thereafter if interested, he or she could also access an interesting input. Recent reports amply demonstrate Jaish-e-Mohammed chief’s threats against Kashmir, and Pulwama specifically, during a rally on 5 February in Peshawar barely nine days before the attack. That is the date when Pakistan marks “Kashmir Solidarity Day” when extremist and terror groups show their muscle at rallies where every kind of threat against India, and its leaders are publicly made. Really, Prime Minister Khan, it’s simply far too easy to see.
In the same taped broadcast, Khan also chose to warn India that Pakistan would retaliate against any attack, which is something that would be expected from the prime minister of a country that is in danger. However, the curious part is that he chose to make these statements five days after the Pulwama attack, and well after Prime Minister Narendra Modi’s own warning of a suitable retaliation. Khan’s stated position is that he was busy with the Saudi prince, which is somewhat plausible since he was engaged in driving the royal around. But no head of a country is likely to react so slowly to a threat of war unless he was either waiting for some commitment/information from some source or, else he’s been told to make such a statement by the powers that stand at his elbow. Reports pointing to 35 cuts and editing in the video only fuelled this speculation.
Since then others in his entourage, probably fired by his public indignation have been up in arms. The Pakistan foreign minister pre-empted his chief by calling for proof (16 February) of Jaishe-Mohammed’s hand in the attack, probably reading from a statement that lies in triplicate in a file related to the 26/11 Mumbai Attacks. Former Pakistan cricket captain Shahid Afridi backed Khan to the hilt, but clearly far more upset at the cancellation of the forthcoming matches of the Pakistan Super League.
A far more extreme position came from Pakistan Ambassador to Afghanistan Zahid Nasrullah Khan who chose to issue a statement that peace talks between the US and the Taliban would be affected if India resorted to violence. This created a hum on social media and seemed to expose Pakistan’s game of blackmail and efforts to drag the US into the whole. The statement was, however, less undiplomatic than it seemed. Next week, the US representative is to meet with Taliban leaders at Qatar. The Pakistan ambassador was making a threat that he could easily deliver on. In the event, the US didn’t rise to the bait. The US National Security Advisor supported India’s right to self-defence, as did Secretary of State Mike Pompeo.
The situation then went from strange to stranger as other Pakistani officials weighed in. Sheik Rashid, a politician who changes parties like he changes his clothes, waxed eloquent declaring, “If anyone tries to look at Pakistan with evil in their minds, their eyes will be gouged out…. Neither will birds chirp nor will bells ring at the temples after that.” With that, there seemed little more to say. Memes and ribaldry prevailed on social media, bringing the whole situation to the level of a circus, and a very poor one at that.
The outcry seemed to be an exercise in one-upmanship. In the middle of all this melee, the usually loquacious Director General ISPR ( Inter-Services Public Relations) Major General Asif Ghafoor was unexpectedly silent. So did the military brass. It would have seemed a dignified silence, but for this barrage of statements from persons like Rashid who are practically unofficial spokespersons for the establishment. In all this, there is one clear danger. In India, it is the prime minister who outlined the position of the government and gave the decision making to the Indian Armed Forces on how to implement his directive. That is how a democratic country works, despite the apparent noise and flurry of public hyperventilating. In Pakistan, it is still unclear, and thereby there is always a risk of misinterpretation of signals and a possible unintended escalation. It’s time to stop the bluster and inject some sober reality into statements. This is all getting too much like reality TV. Except that this is about war and loss of lives, and somewhere, someone may blunder.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/67237-pakjpg-1544703526-365-640x480.jpg480640Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 16:06:452019-02-21 16:06:47For Pakistan, it’s time to stop the bluster and inject some sober reality into statements.
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय पानी को पाकिस्तान जाने से रोकने के लिय उठाए गए कदमों की बात तो की परंतु वह यह भूल गए की पुंजाब में अमरिंदर-सिद्धू की सरकार है, इनहोने पहले ही सतलुज यामिना नहर को समतल कर दिया है और हरियाणा के हिस्से मेन आने वाला सतलुज का पानी भी पाकिस्तान को ही जाने दिया है क्या इस प्रकार वह पाकिस्तान को पानी रोक पाएंगे???
नई दिल्ली; पुलवामा आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान को जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है. इसके साथ ही इस पानी को जम्मू और कश्मीर और पंजाब की तरफ मोड़ने का फैसला भी केंद्र सरकार ने लिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान के ओर जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है. हम पूर्वी नदियों के पानी का रुख जम्मू कश्मीर और पंजाब की तरफ मोड़ेंगे.’
नितिन गडकरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, शाहपुर-कंडी में रावी नदी पर बांध बनाने का काम शुरू हो चुका है. वहीं UJH प्रोजेक्ट हमारे हिस्से के पानी को जम्मू-कश्मीर के लिए संग्रहित करेगा और शेष पानी दूसरे रावी-ब्यास लिंक के जरिए बहते हुए दूसरे बेसिन राज्यों को मिलेगा.
इससे पहले बुधवार को एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था, ‘बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान को तीन-तीन नदियों के पानी के इस्तेमाल की अनुमति मिली थी. इस समझौते के बावजूद भारत के कोटे में आई तीन नदियों का पानी अब तक पाकिस्तान में प्रवाहित हो रहा था. अब हमने इन तीनों नदियों पर प्रॉजेक्ट्स का निर्माण कराया है, जिनकी मदद से अब इन नदियों का पानी पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. एक बार जब यह काम शुरू हो जाएगा तो इससे यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि भी हो सकेगी.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/download-3-1.jpg183276Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 15:17:262019-02-21 15:17:30पाकिस्तान में जा रहा भारतीय हिस्से का पानी अब भारत ही में बहेगा: नितिन गडकरी
Chandigarh February 21, 2019 Department of Sanskrit, Panjab University, Chandigarh celebrated the international mother language day was celebrated, here today which was presided over by the Chairperson Prof. V K Alankar and he emphasised that though foreign languages should be learnt, one must not feel inferior about his/her mother tongue. He mentioned that due to fact that PM Modi speaks Hindi at international events, many Indians have overcomed the sense of any inferiority in speaking Hindi. Prof. Pankaj Malviya, Department of Russian was the Saraswat guest and he shared his experiences regarding Hindi he had while his time in Moscow and how it lead to a sense of pride which eventually lead to many works of translation from Russian to Hindi which he authored. The chief speaker of the event was Ms Anjali, a research scholar at the department. Students belonging to various regions, shared their language and dialects through songs, poems and speeches. Hindi, Haryanvi, Punjabi, Garhwali are some of the languages and dialects heard and cherished at the event.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/panjab_university.jpg246500Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-21 14:59:422019-02-21 15:00:36International Mother Language Day celebrated at PU
Department cum Centre for Women’s Studies and Development, Panjab University, Chandigarh and The British Deputy High Commission, Chandigarh is launching of Action Plan to make Chandigarh a City Safe from Violence against Women and Girls by Sh. V.P. Singh Badnore, Hon’ble Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh as per schedule below:-
Guest of Honour: HE Mr. Andrew Ayre, British Deputy High Commissioner, Chandigarh
Patron: Prof. Raj Kumar, VC, PU
Venue: Golden Jubilee Seminar Hall, PU
Date: 20.2.2019
Time: 11.00 am
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/panjab_university.jpg246500Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-20 13:04:572019-02-20 13:05:00Action Plan to make Chandigarh a City Safe from Violence against Women and Girls to be launched
नई दिल्ली: हिंदी के जानेमाने साहित्यकार और आलोचक नामवर सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है. वे पिछले एक महीने से दिल्ली के एम्स अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे. पिछले महीने अचानक उनकी तबियत नासाज उस समय हो गई जब वह अपने घर में गिर गए. उसके बाद से लगातार उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था.
उन्हें आलोचना और साक्षात्कार विधा को नई ऊंचाई देने का श्रेय जाता है. कविता के नए प्रतिमान के लिए 1971 में नामवर सिंह को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था.
आपको बता दें नामवर सिंह हिंदी के जाने माने साहित्यकार हैं. उनका जन्म 28 जुलाई 1927 को वाराणसी के जीयनपुर जिसका नाम अब चंदौली है, में हुआ था. नामवर सिंह ने देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाया है. उनकी छायावाद, नामवर सिंह और समीक्षा, आलोचना और विचारधारा जैसी किताबें आज भी काफी चर्चित हैं. उन्होंने साहित्य में काशी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद कई साल तक प्रोफेसर की नौकरी की. अब लंबे अरसे से वह हिंदी के सबसे गंभीर आलोचक, समीक्षक और साक्षात्कार विधा में पारंगत लेखक के रूप में जाने जाते हैं.
बीएचयू के साथ ही उन्होंने सागर, जोधपुर विश्वविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय में अध्यापन किया था. फिर वो दिल्ली के जेएनयू में आ गए और वहीं से रिटायर हुए. नामवर सिंह उर्दू के भी बड़े जानकार थे.
अध्यापन और लेखन के अलावा उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था. साल 1959 में वे सक्रिय राजनीति में उतरे और उन्होंने इस साल चकिया-चंदौली सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले लोकसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
आलोचना: बकलम खुद, हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग, आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ, छायावाद, पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद.
साक्षात्कार: कहना न होगा
सम्पादित किताबें: कहानी: नई कहानी, कविता के नये प्रतिमान, दूसरी परम्परा की खोज, वाद विवाद सम्वाद, कहना न होगा. चिंतामणि भाग-3, रामचन्द्र शुक्ल संचयन, हजारीप्रसाद द्विवेदी:संकलित निबन्ध, आज की हिन्दी कहानी, आधुनिक अध्यापन रूसी कविताएं, नवजागरण के अग्रदूत: बालकृष्ण भट्ट.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/naamavar-singh-1.jpg350623Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-20 04:54:352019-02-20 04:54:38नामवर सिंह नहीं रहे
भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट कर्नल कंवलजीत सिंह ढिल्लन ने आतंकियों को सख्त पैगाम देते हुए कहा, ‘सेना के पास सरेंडर पॉलिसी है और सभी आतंकी सरेंडर कर दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें.’ सनद रहे यह वही बयान है जिसके बाद पाकिस्तानी वज़ीर ने पाँच दिन बाद कैमरे का सामना किया था
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर भारतीय सेना ने सख्त चेतावनी दी है. सेना ने बेहद सख्त लहजे में साफ किया कि आतंकियों के पास दो ही विकल्प हैं, या तो वो सरेंडर कर दें या फिर गोलियों के लिए तैयार रहें.
भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट कर्नल कंवलजीत सिंह ढिल्लन ने आतंकियों को सख्त पैगाम देते हुए कहा, ‘सेना के पास सरेंडर पॉलिसी है और सभी आतंकी सरेंडर कर दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें.’ ढिल्लन ने आतंकियों के मां-बाप को सलाह देते हुए कहा कि उनके मां-बाप आतंक की राह पकड़ चुके अपने बच्चों को सरेंडर करने के लिए कहें, क्योंकि जो बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा.
लेफ्टिनेंट कर्नल केजेएस ढिल्लन ने जानकारी दी कि सेना ने 100 घंटे से कम समय में पुलवामा आतंकी हमले का बदला ले लिया है. सेना के मुताबिक कश्मीर में जैश का सफाया हो चुका है. पुलवामा में सोमवार को हुई मुठभेड़ में 2 पाकिस्तानी और एक कश्मीरी आतंकी मार गिराए गए हैं. इस साल जैश के 31 आतंकी मार गिराए गए हैं. सेना ने आगे कहा कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तानी सेना का ही बच्चा है.
ढिल्लन ने कहा, ‘इस हमले में ISI के हाथ होने की आशंका से इनकार नहीं करते हैं. जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान आर्मी का ही बच्चा है. इस हमले में पाकिस्तानी सेना का 100 फीसदी इनवॉल्वमेंट हैं. इसमें हमें और आपको कोई शक नहीं है.’
गौरतलब है कि 14 फरवरी यानी गुरुवार को पुलवामा में ही सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य घायल हुए थे. इस घटना के बाद सेना और सुरक्षाबल एक्शन में हैं. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. पाकिस्तानी संगठन की तरफ से हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें तेज कर दी हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/download-5.jpg145348Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-19 17:23:312019-02-19 17:26:44‘सेना के पास सरेंडर पॉलिसी है और सभी आतंकी सरेंडर कर दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें.’ कनवलजीत सिंह ढिललों
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