More regional parties have expressed their support to Delhi chief minister Arvind Kejriwal

photo for representational purpose only

More regional parties have expressed their support to Delhi chief minister Arvind Kejriwal’s protest against the Lieutenant Governor with Jharkhand Mukti Morcha (JMM) and Telugu Desam Party (TDP) being the latest.

JMM’S working president and former chief minister Hemant Soren, in a tweet, said: “I salute to the fight by Delhi for its rights. The AAP government in Delhi is forced to come on the street for its rights, which kind of democracy is it? Jharkhand is with the people of Delhi and with Kejriwal.”

Andhra Pradesh chief minister and TDP chief N Chandrababu Naidu expressed solidarity with the “elected” Delhi government.

“The trend of using the Governor’s office for political benefits of the ruling party at the Centre goes against the spirit of the Constitution,” he said in a statement.

Kejriwal’s protest has already been backed by West Bengal chief minister and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee, the Rashtriya Janata Dal and Bihar’s Leader of Opposition Tejashwi Yadav, along with former Union minister Yashwant Sinha, Samajwadi Party President Akhilesh Yadav, and actors-turned-politicians Kamal Hassan and Shatrughan Sinha.

The Communist Party of India-Marxist and the Communist Party of India were also supporting Kejriwal.

She is not appeasing any community clears Mamta

West Bengal chief minister Mamata Banerjee said those who accuse her of appeasing Muslims are friends of neither the Hindus nor the Muslims.

“Some accuse me of Muslim appeasement. My question to them is whether loving Hindus means you have to hate Muslims. I respect and love all communities and religion. This country belongs to everybody,” she said.

“Those who say I appease Muslims are friends of neither the Hindus nor the Muslims,” Banerjee said while addressing a special prayer gathering on Red Road to celebrate Eid-ul-Fitr.

The BJP and some other organisations have been charging Banerjee with appeasement of Muslims for political reasons. The chief minister said it was due to her protest that the Niti Aayog meeting which was earlier scheduled for Saturday was changed to Sunday.

“My question to the central government officials is whether they are not aware that Eid is scheduled to be celebrated on 16 June. Why was the Niti Aayog meeting kept on that day? I had written to the central government urging it to change the date so that it doesn’t clash with Eid,” she said.

Banerjee had confirmed her participation in the Niti Aayog’s rescheduled governing council meeting in New Delhi on Sunday. The meeting, which will be chaired by Prime Minister Narendra Modi, was earlier scheduled for Saturday, the day when Eid-ul-Fitr is being celebrated.

Banerjee and a few other chief ministers had expressed unwillingness to attend the meeting in view of Eid, following which it was postponed by a day.

De Facto President’s Rule in Delhi : Kejriwal

Chief Minister Arvind Kejriwal today alleged that there is de facto President’s rule in Delhi because of what the AAP government describes as an ongoing IAS officers’ strike.

Kejriwal made the allegation as his sit-in along with three cabinet colleagues at the waiting room of Lt Governor Anil Baijal’s office entered its sixth day.

Kejriwal accompanied by his deputy Manish Sisodia and ministers Satyendar Jain and Gopal Rai have stayed put at the office demanding that Baijal direct IAS officers to end their “strike” and approve doorstep ration delivery scheme.

In response to a tweet about IAS officers withdrawing from work being de facto President’s rule, Kejriwal tweeted, “I agree. It is de facto President’s rule in Delhi thro IAS strike (sic).”

Jain and Sisodia have been sitting on hunger strike at the waiting room of the L-G Secretariat since Tuesday and Wednesday respectively.

The Chief Minister has asked Prime Minister Narendra Modi to work with his officers not attending his meetings.

In his letter to Modi yesterday, Kejriwal urged him to end IAS officers’ strike so that he can attend a meeting of NITI Aayog on Sunday.

However, the IAS officers’ association has maintained that no officer is on “strike”.

Also, Sisodia yesterday released a video warning that if they are forcibly removed from the L-G Secretariat, they will stop drinking water too.

Sources said the L-G, who has been working from his residence after the sit-in by AAP ministers, has constituted three teams of doctors to examine the health of ministers.

Meanwhile, the Delhi High Court yesterday agreed to hear on June 18 a plea seeking direction to the L-G to ensure that the alleged informal strike by IAS officers of Delhi is called off and they perform their duties as public servants.

The petition comes in the backdrop of another plea filed on Thursday in the court seeking that the sit-in by Kejriwal and his cabinet colleagues at the L-G office against the “strike” by the IAS officers be declared unconstitutional and illegal.

This plea against Kejriwal’s sit-in was also listed for hearing for June 18.

वायु प्रदूषण ने किया जीना मुहाल

 

एक दो दिनों से आसमान में फैली धुल से आम जनता परेशान हो रही है। हवा में धुल के कणों के कारण सांस लेना भी दूभर होता जा रहा है। जिसके कारण लोगों को अपने घरों से निकलने से पहले अपने चेहरों को ढकना पड़ता है। इस धुल से लोगों को आँखों में जलन , चमड़ी में खारिश और अन्य कई परेशानियाँ हो रही है। अधिकांश लोग मुंह को ढक कर काम पर निकलने को मजबूर हैं।

डाक्टरों का कहना जिन लोगों को दिल , डीएमए , आँखों या स्किन की बीमारी है वो घर से बहार न निकले। धूल के कारण ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। धुल के कण नाक के रास्ते शरीर में पहुँच कई गम्भीर बिमारियों का कारण बन सकते हैं।

वहीं इस धूल का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। बुजुर्गों को साँस लेने में दिक्कत हो रही है। वहीं बच्चों को स्किन से रिलेटेड बीमारी हो सकती है क्योंकि बच्चों की स्किन काफी नाजुक होती है। जरूरी है माता पिता अपने बच्चों को घर से बहार न निकलने दे।

वहीँ नौजवान लोगों को भी इस धूल के कारण काफी मुश्किलें आ रही है। इस धूल भरे मौसम से दुकानदार भी काफी परेशान है वे लोग अपनी दुकाने बंद करके बैठने को मजबूर है इस मौसम के चलते।

परिवार वाद के खिलाफ चले अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रधान अखिलेश यादव ने परिवार वाद के विरुद्ध अपनी निति का खुलासा किया. इस बार वह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, जहाँ से हाल्वक्त उनकी पत्नी डिंपल यादव संसद हैं. उन्होंने भाजपा को भी चुनौती दी है कि वह भी ऐसा कर के दिखाएँ.

आगामी लोकसभा चुनाव को ‘महायुद्ध मानकर बैरी बसपा को भी गले लगा चुके अखिलेश यादव इसके बाद भी कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। यही वजह है कि पिछले चुनावों में मोदी लहर के अप्रत्याशित परिणाम देख चुके सपा के युवा मुखिया ने अपने लिए लोहिया के ‘बंकर को ठिकाना बनाया है। यह कन्नौज की वह धरती है, जिसने समाजवादी विचारधारा के प्रणेता राममनोहर लोहिया से लेकर मुलायम सिंह और उनके बेटे-बहू को सीधे दिल्ली के दरबार तक पहुंचाया।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एलान किया है कि 2019 का लोकसभा चुनाव वह कन्नौज से लड़ेंगे। इस लोकसभा सीट से वर्तमान में उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं। जिस तरह मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश के लिए, फिर अखिलेश ने अपनी पत्नी डिंपल को सपाई गढ़ से मैदान में उतारा और जिताया। अब विपरीत परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सत्ताधारी दल से मुकाबले को पूरी रणनीति सधे कदमों से बना रहे हैं। उनकी नजर में भी यही सीट सबसे सुरक्षित है।

हालांकि परिस्थितियां बदल चुकी हैं। बेशक, यह समाजवादी परिवार के लिए पुरानी मजबूत जमीन रही है लेकिन, इस पर बने उनके ‘सुरक्षित घर की दीवारें अब कमजोर हो चुकी हैं। आशंका के निशान पिछले चुनाव परिणामों ने छोड़े हैं। इस पारंपरिक हो चुकी सीट से 2014 का चुनाव डिंपल यादव महज 19907 वोट से ही जीत पाई थीं। वह पहला झटका था, जो बार-बार मिला। विधानसभा चुनाव में पांच में से चार सीटें भाजपा की झोली में गईं और सपा एक पर सिमट गई। फिर नगर निकाय चुनाव में भी प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा। ऐसे में सपा मुखिया अखिलेश को अतिरिक्त मेहनत की जरूरत होगी।

अभी तक तय रणनीति के मुताबिक, लोकसभा चुनाव सपा और बसपा मिलकर लड़ेंगी। इस लिहाज से देखें तो जातीय समीकरण और बसपा का साथ अखिलेश को जीत की उम्मीदें पालने का भरपूर हौसला दे सकता है। पिछले कई चुनावों से बसपा यहां मजबूती से लड़ती रही है। इस लोकसभा क्षेत्र में 16 फीसद यादव, 36 फीसद मुस्लिम, 15 फीसद ब्राह्मण, 10 फीसद राजपूत तो बड़ी तादाद में लोधी, कुशवाहा, पटेल, बघेल जाति का वोट है। यादव के साथ अन्य पिछड़ों को अपने पाले में खींचने में यदि सपा सफल रही तो बसपा के साथ होने से मुस्लिम मतों के बिखराव की आशंकाएं भी हवा हो जाती हैं।

सांसद डिंपल यादव अपने पति के लिए सीट छोड़ रही हैं तो यह इस परिवार के लिए नया नहीं है। इस सीट को इस कुनबे ने ‘पॉलिटिकल टेकऑफ की पट्टी के रूप में पहले भी इस्तेमाल किया है। सफर 1967 से शुरू होता है। पहली बार डॉ. राममनोहर लोहिया ने इस सीट पर राजनीतिक क्षेत्र में किस्मत आजमाई और वह जीते। 1971 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण मिश्रा ने हरा दिया। उसके बाद बारी-बारी से जनता पार्टी, जनता दल, भाजपा, कांग्रेस को जीत मिलती रही। 1998 में पहली फिर सपा प्रत्याशी प्रदीप यादव यहां से जीते तो फिर यह सपा का मजबूत गढ़ बनती चली गई।

1999 का लोकसभा चुनाव कन्नौज से मुलायम सिंह यादव जीते। तब अखिलेश यादव के लिए भी एक ‘सुरक्षित सीट की तलाश शुरू हो चुकी थी। 2000 के उपचुनाव में मुलायम ने बेटे अखिलेश को यहीं से राजनीति में लांच किया और यहीं से पहली बार वह सांसद चुने गए। 2012 के विधानसभा चुनाव तक अखिलेश यादव यहां से सांसद रहे। मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने फीरोजाबाद सीट पर कांग्रेस के राज बब्बर से हार चुकीं अपनी पत्नी डिंपल को यहां से जिताकर लोकसभा भेजा। अब अखिलेश भी अपनी डेब्यू पिच पर दोबारा लौट रहे हैं।

शहीद औरंगजेब के पिता ने कहा- 72 घंटे की मोहलत देता हूं, वरना खुद लूंगा बदला

जम्मू कश्मीर में गुरुवार की शाम से मातम छाया हुआ है। पहले एक जर्नलिस्ट शुजात बुखारी की आतंकियों ने हत्या कर दी और उसके बाद बहादूर जवान औरंगजेब को भी अगवा कर उसे गोलियों से भून दिया। औरंगजेब को छुट्टी मिली थी और वह अपने घर ईद मनाने के लिए जा रहा था, लेकिन आतंकियों ने उसके बदन गोलियों से छलनी कर आतंकी समीर टाइगर की हत्या का बदला लिया। देश के लिए कुर्बान हुए औरगंजेब के घर में ईद से एक दिन पहले मातम छाया हुआ है और गांव कलामपोरा में सन्नाट पसरा है। इधर औरंगजेब की मां अभी भी अपने बहादूर बेटे के आने के इंतजार में बैठी है, तो उधर बिलखते हुए पिता ने अपने बेटे के हत्यारों का बदला लेने के लिए 72 घंटों का अल्टीमेटम दिया है।
72 घंटों में बेटे की हत्या का बदला लें सरकार… औरंगजेब के पिता ने कहा, ‘मेरे बेटे के हत्यारों के खिलाफ भारत की सरकार क्या कर रही है। अगर सरकार अगले 72 घंटों में कोई एक्शन नहीं लेती है तो मैं खुद औरंगजेब की हत्या का बदला लूंगा।’ औरंगजेब के पिता ने कहा कि उनके बेटे की मौत ना सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि पूरी सेना के लिए भी झटका है, जो जम्मू कश्मीर स्टेट के लिए सेवा कर रहा था। औरंगजेब के पिता ने जम्मू कश्मीर सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 2003 से लेकर अब तक क्यों आतंकियों का सफाया नहीं हो पाया।

सोचा था मोदी सरकार में परिस्थितियां बदलेगी… अपने बेटे के जाने के दुख में बिलखते हुए पिता ने कहा कि जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब हमें लगा था कि परिस्थितियां बदलेगी, लेकिन कुछ नहीं हो सका। औरंगजेब के पिता ने कहा कि जो भी अलगाववादी और जो राजनीति कर रहे हैं, उन्हें कश्मीर से बाहर निकाल देना चाहिए। अपने बेटे की हत्या के खिलाफ गुस्सा निकालते हुए औरंगजेब के पिता ने कहा कि सेना और अन्य सिक्योरिटी एजेंसियों को घाटी में आतंकियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए।

देश सेवा लंबा इतिहास है औरंगजेब का परिवार औरंगजेब स्पेशल आर्मी टीम में शामिल था, जिसने पिछले माह हिजबुल कमांडर समीर टाइगर को गीदड़ की मौत मारा था। तभी से औरंगजेब आतंकियों के निशाना पर था और वे उसका बदला लेना चाह रहे थे। सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना औरंगजेब के परिवार का लंबा इतिहास रहा है। औरंगजेब का एक भाई पहले से ही इंडियन आर्मी में शामिल है, तो वहीं 2004 में उनके चाचा ने आतंकियों से लड़ते वक्त देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे।

प्लानिस्वामी सरकार पर से खतरा टला

AIADMK के 18 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट आज फैसला आ गया है। तमिलनाडु में ई पलानिस्वामी की अगुवाई वाली सरकार का भाग्य मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर था। 18 एआईएडीएमके विधायकों के अयोग्यता मामले में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार पर से खतरा टलता दिखाई दे रहा है।

मद्रास हाई कोर्ट ने भी 18 AIADMK विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखा है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु सरकार सुरक्षित है और कोई उपचुनाव नहीं होंगे। वहीं अब इस मामले में मद्रास हाइकोर्ट की बड़ी बेंच फैसला करेगी।

चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराया और कहा कि स्पीकर के पास इसका अधिकार है। दूसरे जज ने इसके उलट फैसला सुनाया। अब इस मामले में तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी। फिलहाल के लिए पलानीस्वामी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। 18 एआईएडीएमके विधायकों को स्पीकर ने पिछले साल सितम्बर में अयोग्य घोषित कर दिया था। ये सभी विधायक शशिकला के करीबी हैं और उन्होंने गवर्नर से सीएम पलानीस्वामी को हटाने के लिए पत्र भी लिखा था। जिसके बाद उन सभी अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनके निलंबन के बाद, विधायकों ने अम्मा मक्कल मुनेत्र कझागम को समर्थन दिया जोकि शशिकला के भाई टीटीवी दिनारकरन और एआईएडीएमके से बाहर गए उप-महासचिव द्वारा की पार्टी है। अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को गलत ठहराती तो मौजूदा सरकार को सदन में बहुमत सिद्ध करना पड़ सकता था।

 

RaGa’s First Ever Press Conference in Mumbai Lasting 2 Minutes and 45 Secs

Congress president Rahul Gandhi’s first ever press conference in Mumbai on Wednesday turned out to be a huge disappointment: Lasting two minutes and 45 seconds.

Over 100 representatives from print, electronic and online media turned up and patiently waited for Rahul, who breezed in almost an hour later.The media briefing was organised by the Congress state and city units at a venue in Bandra around 8.30 am and mediapersons were barged with multiple reminders.

After the initial introductions, a question was put to the Congress chief whether he would be willing to take over the leadership of the opposition alliance before the 2019 Lok Sabha elections.

Brushing it aside, Rahul repeated his criticism of the Bharatiya Janata Party, Prime Minister Narendra Modi and the Rashtriya Swayamsevak Sangh.

This also lasted less than two minutes. Then he thanked everyone and suddenly got up, ending the press conference abruptly.

A party official later said: “Rahulji was getting delayed for his onward journey to Nagpur and Nanded and other engagements.”

Many mediapersons had left their homes at 6 am to reach the Bandra venue on schedule.

An apologetic Congress leader Sanjay Nirupam blamed it all on a PR team.

“We had clearly said he would give a few bytes to the electronic media. The print media was also specifically informed that he will not take any questions. The programme went as scheduled,” Nirupam

Cong Attacks Jaitley Over jibe at Raga

 

The Congress today hit back at Union Minister Arun Jaitley over his jibe at Rahul Gandhi, alleging that arrogance of the BJP has touched its zenith as it turned “blind” to farm distress.

Congress communications in-charge Randeep Surjewala accused the Modi government of writing off loans worth Rs 2.41 lakh crore of a handful of crony friends citing a reply given in Parliament by the finance ministry on April 3.

“Loot and scoot had become a norm with scamsters fleeing the country after decamping with public money, he claimed in statement.

“How much does Arun Jaitley know? Has arrogance of power reached such a zenith where the BJP is blind to farmers’ distress’? How are empty-worded blogs an answer to betrayal of farmers by the Modi government?” he asked.

Attacking Gandhi or his speech in Madhya Pradesh today, Jaitley wondered ‘how much does he know? When will he know?’

The banking fraud started in 2011 when the UPA II was in power and it was only detected during the NDA period, he said in a Facebook post in response to Gandhi’s speech in Mandsaur.

In his statement, Surjewala reminded the Union Minister of former Prime minister Jawaharlal Nehru’s words that “facts are facts, and will not disappear on account of your likes”.

He said contrary to Jaitley’s “lies”, the government was actually the ‘NPA sarkar’ and alleged that the gross non-performing assets have gone up from over Rs 2.51 lakh crore in March 2014 to more than Rs 8.31 lakh crore in December 2017, a whopping rise of 230 per cent as per an April 6 reply in Parliament.

“Fleece the banks and fly away to foreign lands are the facility for fraudsters under the Modi Government’s watch. Perhaps, Arun Jaitley forgets the recent bank loot scams worth over Rs 61,036 crore,” he alleged.

The Congress leader said over 130 farmers organisations were protesting across India through an unprecedented rural bandh and rural distress, agricultural indebtedness,farmers suicides and distress sale of crops much below MSP was the new order.

“Arun Jaitley, Union Minister without portfolio, with zero knowledge of agriculture is giving gyan’ (wisdom) to the nation again today, with his usual travesty of facts and trivialization of farmers’ issues,” he alleged.

Surjewala also alleged that Make in India’ has become an empty slogan of the government and the BJP and its ‘minister without portfolio’ forgot that industrial growth has declined from 7.4 per cent in 2016 to 4.45 per cent in 2018.

He alleged that between 2014 and 2018, India’s revenue from exports was zero.

“Arun Jaitley waxes eloquent about jobs. The BJP promised two crore jobs per year, but the stark reality that it has only betrayed our youth. The Modi government created only 4.16 lakh jobs in 2016-17 and 77 per cent of Indian workers will have vulnerable employment by 2019 as per ILO.

“Let us not forget that there is ‘lowest-ever’ agriculture growth under the Modi government – 1.9 per cent (2014-18) as compared to 4.2 per cent under Congress (2004-14)

“The prime minister’s promise of MSP equal to cost plus 50 per cent profit for farmers is a white lie. Rural wage growth has dipped from 38 per cent in 2014 to zero per cent in 2018 (RBI report). Tragically, 35 farmers are driven to suicide every 24 hours (NCRB data),” he said.

He said sugarcane arrears surge to over Rs 20,000 crore as an “insensitive” government “floundered”.

The PM Fasal Bima Yojana benefited insurance companies, not farmers and companies earned a profit of Rs 14,828 crore but farmers got paid only Rs 5,650 crore, he claimed.

The Congress leader alleged that there was ‘double jeopardy’ for farmers as agriculture exports declined by USD 9.4 billion and agriculture imports rose by USD 10.06 billion.

Jaitley Takes Jibe at RaGa said “Wisdom Can’t be Inherited”

NEW DELHI: Taking a jibe atRahul Gandhi for his anti-Narendra Modi tirade, Union minister ArunJaitley questioned the Congress President’s wisdom saying that it has to be acquired through learning and cannot be inherited.

The Congress party has become “ideologyless” because its “only obsession is a person called Narendra Modi”,  Jaitley said in a Facebook post.

Rahul Gandhi has been attacking the BJP government for waiving loans of Rs 2.5 lakh crore by big corporates, as also criticising the Mudra Yojana.

Observing that the UPA government during 2008-2014 indiscriminately lent money through banks to 15 big loan defaulters, Jaitley said Rahul Gandhi prefers the “Gobbelian traditions to say the exact opposite”.

“For a President of a national party not to understand this basic procedure of bank functioning should be a matter of concern to the entire party as also the country. In dynastic parties political positions are heritable. Unfortunately wisdom is not heritable. It has to be acquired through learning,” he said in a post titled ‘Is Congress Becoming Ideologyless? Is Anti-Modism its only ideology?’

Rahul Gandhi earlier this week cited the examples of successful American entrepreneurs to attack Modi’s policies, and described the founder of Coca-Cola as a ‘shikanji seller’ and that of McDonald’s a ‘dhaba wala’. +

“Though factually what he stated was incorrect, the larger point is that he saw virtues in these professions which can act as a launch pad for many start-ups.

“The great grandson of the man who authored ‘The Discovery of India’ could with his customary inaccuracies one day give to this country his monumental work on ‘The Rediscovery of Coca Cola’,” Jaitley said.

He further said that there is no ideological pattern in Gandhi’s statements. “Ignorance with anti-Modism is a common thread”, he said.

Dynastic political parties are family and personality dominated and ideology takes a back seat, he said.

“The leader’s ill-informed instincts become the ideology. This can only happen to a party which becomes ideologyless; pushes itself to the fringe; is willing to act as a tailender to regional parties. All this because its only obsession is a person called Narendra Modi,” Jaitley said.

The minister also questioned the Congress party’s ‘sudden love for the Other Backward Classes’ saying former Prime Minister Rajiv Gandhi had opposed the Mandal Commission and the Congress party recently opposed the grant of constitutional status to the National Commission for Backward Classes.

On Congress leader P Chidambaram’s comment that frying pakodas + is not job creation, Jaitley said “being cleverer than rest of his colleagues, he perhaps was trying to neutralise the success story of the Mudra Yojana where 12.90 crore loans have been given for self-employment to various weaker sections”.

 

Jaitley said the total of these loans has touched Rs 6 lakh crores and created work for millions of people.