- भारत में हर चौथे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर हाई और उनमें से सिर्फ 10% लोगों का ब्लड प्रेशर कंट्रोल में
- चीनी, चावल व गेहूं छोड़ने पर हमारा ब्लड प्रेशर 3 से 6 महीने में ठीक हो जाता है
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ :
आज वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर मिलेट मैन ऑफ इंडिया डॉ. खादर वली के साथ ऑनलाइन सेशन में चण्डीगढ़ के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर व लाइफ स्टाइल एक्सपर्ट डॉ. एचके खरबंदा ने विस्तार पूर्वक चर्चा की। डॉ. खादर वली ने बताया कि ग्लूकोज इमबैलेंस की वजह से ब्लड प्रेशर हाई होता है, हालांकि इसकी चर्चा कोई नहीं करता।
चीनी, चावल व गेहूं के अधिक मात्रा में इस्तेमाल की वजह से जैसे ही हमारा भोजन पेट में पहुंचता है, इसके साथ ही हमारे पेट में एकदम कार्बोहाइड्रेट की बाढ़ आ जाती है। हमारे शरीर को अधिक ग्लूकोज रिलीज को कंट्रोल करना एक बड़ी समस्या बन जाती है। इसीलिए मोटापा, ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि 100 में से 40 लोगों का बीपी हाई है। उन्होंने बताया कि उनके सम्पर्क में आने वाले 20 वर्ष के 100 में से 10 लोगों का ब्लड प्रेशर हाई मिलता है ।
डॉक्टर खादर ने कहा कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन चीनी है। चीनी की वजह से इम्युनिटी वीक होती है, हार्मोनल इम्बैलेंस व माइक्रोबियल इम्बैलेंस होता है। चीनी, चावल व गेहूं छोड़ने पर हमारा ब्लड प्रेशर 3 से 6 महीने में ठीक हो जाता है। भारत में हाई बीपी की समस्या से निजात पाने के लिए हमें मोटे अनाज को अपनाना चाहिए ताकि हमारा खाना पेट में जाकर ग्लूकोज की बाढ़ नहीं लाये।
उन्होंने कहा कि आम धारणा है कि नमक व तेल से बीपी बढ़ता है जोकि गलत है। इनके सेवन से सिर्फ उनका ही बीपी बढ़ता है जो हाई बीपी के मरीज हैं। डॉ, खादर ने कहा कि चीनी, गेहूं, चावल, तम्बाकू, अल्कोहल त्यागने से ही हम सभी नान कम्युनिकेबल बीमारी जो कि मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है, से बच सकते हैं ।
उन्होंने आगे बताया कि यदि हम अपने नर्व सेल्स या ब्रेन को युवा रखना चाहते हैं यानी हम लंबे समय तक अपने आप को युवा रखना चाहते हैं तो हमें मोटे अनाज यानी 5 श्रीधान्य मिलेट्स को अपना स्टेपल फ़ूड बना लेना चाहिए जिनके लगातार इस्तेमाल से 70 साल की उम्र में भी हम युवा रह सकते हैं।